< यूहन्ना 8 >

1 तब ईसा ज़ैतून के पहाड़ पर गया।
কিন্তু যীশু জলপাই পর্বতে চলে গেলেন।
2 दूसरे दिन सुबह सवेरे ही वो फिर हैकल में आया, और सब लोग उसके पास आए और वो बैठकर उन्हें ता'लीम देने लगा।
ভোরবেলায় যীশু আবার মন্দির-প্রাঙ্গণে উপস্থিত হলেন। সেখানে সমস্ত লোক তাঁর চারপাশে সমবেত হলে তিনি বসলেন ও তাদের শিক্ষাদান করলেন।
3 और फ़क़ीह और फ़रीसी एक 'औरत को लाए जो ज़िना में पकड़ी गई थी, और उसे बीच में खड़ा करके ईसा से कहा,
তখন শাস্ত্রবিদ এবং ফরিশীরা ব্যভিচারের দায়ে অভিযুক্ত এক নারীকে নিয়ে এল। তারা সকলের সামনে তাকে দাঁড় করিয়ে দিয়ে
4 “ऐ उस्ताद! ये 'औरत ज़िना के 'ऐन वक़्त पकड़ी गई है।
তারা যীশুকে বলল, “গুরুমহাশয়, এই স্ত্রীলোকটি ব্যভিচার করার মুহূর্তে ধরা পড়েছে।
5 तौरेत में मूसा ने हम को हुक्म दिया है, कि ऐसी 'औरतों पर पथराव करें। पस तू इस 'औरत के बारे में क्या कहता है?”
মোশি তাঁর বিধানে এই ধরনের স্ত্রীলোককে পাথর মারার আদেশ দিয়েছেন। এখন এ বিষয়ে আপনার অভিমত কী?”
6 उन्होंने उसे आज़माने के लिए ये कहा, ताकि उस पर इल्ज़ाम लगाने की कोई वजह निकालें। मगर ईसा झुक कर उंगली से ज़मीन पर लिखने लगा।
তারা এই প্রশ্নটি ফাঁদ হিসেবে প্রয়োগ করল, যেন যীশুকে অভিযুক্ত করার মতো কোনো সূত্র পেতে পারে। কিন্তু যীশু নত হয়ে তাঁর আঙুল দিয়ে মাটিতে লিখতে লাগলেন।
7 जब वो उससे सवाल करते ही रहे, तो उसने सीधे होकर उनसे कहा, “जो तुम में बेगुनाह हो, वही पहले उसको पत्थर मारे।”
কিন্তু তারা যখন তাঁকে বারবার প্রশ্ন করল, তিনি সোজা হয়ে তাদের বললেন, “তোমাদের মধ্যে কেউ যদি নিষ্পাপ থাকে, তাহলে প্রথমে সেই তাকে পাথর মারুক,”
8 और फिर झुक कर ज़मीन पर उंगली से लिखने लगा।
বলে তিনি আবার নত হয়ে মাটিতে লিখতে লাগলেন।
9 वो ये सुनकर बड़ों से लेकर छोटों तक एक — एक करके निकल गए, और ईसा अकेला रह गया और 'औरत वहीं बीच में रह गई।
যারা একথা শুনল তারা, প্রবীণ থেকে শুরু করে শেষ ব্যক্তি পর্যন্ত একে একে সরে পড়তে লাগল। সেখানে শুধু যীশু রইলেন, আর দাঁড়িয়ে থাকল সেই নারী।
10 ईसा ने सीधे होकर उससे कहा, “ऐ 'औरत, ये लोग कहाँ गए? क्या किसी ने तुझ पर सज़ा का हुक्म नहीं लगाया?”
যীশু সোজা হয়ে তাকে জিজ্ঞাসা করলেন, “নারী, ওরা সব গেল কোথায়? কেউ কি তোমাকে দোষী সাব্যস্ত করেনি?”
11 उसने कहा, “ऐ ख़ुदावन्द! किसी ने नहीं।” ईसा ने कहा, “मैं भी तुझ पर सज़ा का हुक्म नहीं लगाता; जा, फिर गुनाह न करना]”
সে বলল, “একজনও নয়, প্রভু।” যীশু বললেন, “তাহলে আমিও তোমাকে দোষী সাব্যস্ত করি না। এখন যাও, আর কখনও পাপ কোরো না।”
12 ईसा ने फिर उनसे मुख़ातिब होकर कहा, “दुनियाँ का नूर मैं हूँ; जो मेरी पैरवी करेगा वो अन्धेरे में न चलेगा, बल्कि ज़िन्दगी का नूर पाएगा।”
লোকদের আবার শিক্ষা দেওয়ার সময় যীশু বললেন, “আমি জগতের জ্যোতি। যে আমাকে অনুসরণ করে, সে কখনও অন্ধকারে পথ চলবে না, বরং সে জীবনের জ্যোতি লাভ করবে।”
13 फ़रीसियों ने उससे कहा, “तू अपनी गवाही आप देता है, तेरी गवाही सच्ची नहीं।”
ফরিশীরা তাঁর প্রতিবাদ করে বলল, “তুমি তো নিজের হয়ে নিজেই সাক্ষ্য দিচ্ছ, তোমার সাক্ষ্য বৈধ নয়।”
14 ईसा ने जवाब में उनसे कहा, “अगरचे मैं अपनी गवाही आप देता हूँ, तो भी मेरी गवाही सच्ची है; क्यूँकि मुझे मा'लूम है कि मैं कहाँ से आता हूँ या कहाँ को जाता हूँ।
যীশু উত্তর দিলেন, “নিজের পক্ষে সাক্ষ্য দিলেও আমার সাক্ষ্য বৈধ, কারণ আমি কোথা থেকে এসেছি, আর কোথায় যাচ্ছি, তা আমি জানি। কিন্তু আমি কোথা থেকে এসেছি বা কোথায় যাচ্ছি, সে বিষয়ে তোমাদের কোনো ধারণা নেই।
15 तुम जिस्म के मुताबिक़ फ़ैसला करते हो, मैं किसी का फ़ैसला नहीं करता।
তোমরা মানুষের মানদণ্ডে বিচার করো; আমি কারও বিচার করি না।
16 और अगर मैं फ़ैसला करूँ भी तो मेरा फ़ैसला सच है; क्यूँकि मैं अकेला नहीं, बल्कि मैं हूँ और मेरा बाप है जिसने मुझे भेजा है।
কিন্তু যদি আমি বিচার করি, আমার রায় যথার্থ, কারণ আমি একা নই। যিনি আমাকে পাঠিয়েছেন, আমার সেই পিতা স্বয়ং আমার সঙ্গে আছেন।
17 और तुम्हारी तौरेत में भी लिखा है, कि दो आदमियों की गवाही मिलकर सच्ची होती है।
তোমাদের নিজেদের বিধানশাস্ত্রে লেখা আছে যে, দুজন লোকের সাক্ষ্য বৈধ।
18 एक मैं ख़ुद अपनी गवाही देता हूँ, और एक बाप जिसने मुझे भेजा मेरी गवाही देता है।”
আমার সাক্ষী আমি স্বয়ং, অপর সাক্ষী হলেন পিতা, যিনি আমাকে পাঠিয়েছেন।”
19 उन्होंने उससे कहा, “तेरा बाप कहाँ है?” ईसा ने जवाब दिया, “न तुम मुझे जानते हो न मेरे बाप को, अगर मुझे जानते तो मेरे बाप को भी जानते।”
তারা তখন যীশুকে জিজ্ঞাসা করল, “তোমার পিতা কোথায়?” যীশু উত্তর দিলেন, “তোমরা আমাকে বা আমার পিতাকে জানো না। যদি তোমরা আমাকে জানতে, তাহলে আমার পিতাকেও জানতে।”
20 उसने हैकल में ता'लीम देते वक़्त ये बातें बैत — उल — माल में कहीं; और किसी ने इसको न पकड़ा, क्यूँकि अभी तक उसका वक़्त न आया था।
যেখানে দান উৎসর্গ করা হত, সেই স্থানের কাছে মন্দির-প্রাঙ্গণে শিক্ষা দেওয়ার সময়, যীশু এই সমস্ত কথা বললেন। তবুও কেউ তাঁকে গ্রেপ্তার করল না, কারণ তাঁর সময় তখনও আসেনি।
21 उसने फिर उनसे कहा, “मैं जाता हूँ, और तुम मुझे ढूँडोगे और अपने गुनाह में मरोगे।”
যীশু আর একবার তাদের বললেন, “আমি চলে যাচ্ছি, আর তোমরা আমাকে খুঁজে বেড়াবে, কিন্তু তোমাদের পাপেই তোমাদের মৃত্যু হবে। আমি যেখানে যাচ্ছি, তোমরা সেখানে আসতে পারো না?”
22 पस यहूदियों ने कहा, क्या वो अपने आपको मार डालेगा, जो कहता है, “जहाँ मैं जाता हूँ, तुम नहीं आ सकते'?”
এর ফলে ইহুদিরা বাধ্য হয়ে জিজ্ঞাসা করল, “ও কি আত্মহত্যা করবে? সেই কারণেই ও কি বলছে, ‘আমি যেখানে যাচ্ছি, সেখানে তোমরা আসতে পারো না’?”
23 उसने उनसे कहा, “तुम नीचे के हो मैं ऊपर का हूँ, तुम दुनियाँ के हो मैं दुनियाँ का नहीं हूँ।
তিনি কিন্তু বলে চললেন, “তোমরা মর্তের মানুষ কিন্তু আমি ঊর্ধ্বলোকের। তোমরা এই জগতের, আমি এই জগতের নই।
24 इसलिए मैंने तुम से ये कहा, कि अपने गुनाहों में मरोगे; क्यूँकि अगर तुम ईमान न लाओगे कि मैं वही हूँ, तो अपने गुनाहों में मरोगे।”
সেই কারণেই আমি তোমাদের বলেছি, তোমাদের পাপেই তোমাদের মৃত্যু হবে; আমি নিজের বিষয়ে যা দাবি করেছি, যে আমিই তিনি, তোমরা তা বিশ্বাস না করলে অবশ্যই তোমাদের পাপে তোমাদের মৃত্যু হবে।”
25 उन्होंने उस से कहा, तू कौन है? ईसा ने उनसे कहा, “वही हूँ जो शुरू' से तुम से कहता आया हूँ।
তারা জিজ্ঞাসা করল, “আপনি কে?” যীশু উত্তর দিলেন, “আমি প্রথম থেকে যা দাবি করে আসছি, আমিই সেই।
26 मुझे तुम्हारे बारे में बहुत कुछ कहना है और फ़ैसला करना है; लेकिन जिसने मुझे भेजा वो सच्चा है, और जो मैंने उससे सुना वही दुनियाँ से कहता हूँ।”
তোমাদের বিষয়ে বিচার করে আমার অনেক কিছু বলার আছে। কিন্তু যিনি আমাকে পাঠিয়েছেন, তিনি সত্য। তাঁর কাছ থেকে আমি যা শুনেছি, জগৎকে সেকথাই বলি।”
27 वो न समझे कि हम से बाप के बारे में कहता है।
তারা বুঝতে পারল না যে, যীশু তাদের কাছে তাঁর পিতার বিষয়ে বলছেন।
28 पस ईसा ने कहा, “जब तुम इब्न — ए — आदम को ऊँचे पर चढ़ाओगे तो जानोगे कि मैं वही हूँ, और अपनी तरफ़ से कुछ नहीं करता, बल्कि जिस तरह बाप ने मुझे सिखाया उसी तरह ये बातें कहता हूँ।
তাই যীশু বললেন, “যখন তোমরা মনুষ্যপুত্রকে উঁচুতে স্থাপন করবে, তখন জানতে পারবে যে, আমি নিজেকে যা বলে দাবি করি, আমিই সেই। আর আমি নিজে থেকে কিছুই করি না, কিন্তু পিতা আমাকে যা শিক্ষা দেন, আমি শুধু তাই বলি।
29 और जिसने मुझे भेजा वो मेरे साथ है; उसने मुझे अकेला नहीं छोड़ा, क्यूँकि मैं हमेशा वही काम करता हूँ जो उसे पसन्द आते हैं।”
যিনি আমাকে পাঠিয়েছেন, তিনি আমার সঙ্গেই আছেন। তিনি আমাকে একা ছেড়ে দেননি, কারণ আমি সর্বদা তাই করি যা তাঁকে সন্তুষ্ট করে।”
30 जब ईसा ये बातें कह रहा था तो बहुत से लोग उस पर ईमान लाए।
তিনি যখন এসব কথা বললেন তখন অনেকেই তাঁর উপর বিশ্বাস স্থাপন করল।
31 पस ईसा ने उन यहूदियों से कहा, जिन्होंने उसका यक़ीन किया था, “अगर तुम कलाम पर क़ाईम रहोगे, तो हक़ीक़त में मेरे शागिर्द ठहरोगे।
যে ইহুদিরা তাঁকে বিশ্বাস করেছিল, যীশু তাদের বললেন, “যদি তোমরা আমার বাক্যে অবিচল থাকো, তাহলে তোমরা প্রকৃতই আমার শিষ্য।
32 और सच्चाई को जानोगे और सच्चाई तुम्हें आज़ाद करेगी।”
তখন তোমরা সত্যকে জানবে, আর সেই সত্য তোমাদের মুক্ত করবে।”
33 उन्होंने उसे जवाब दिया, “हम तो अब्रहाम की नस्ल से हैं, और कभी किसी की ग़ुलामी में नहीं रहे। तू क्यूँकर कहता है कि तुम आज़ाद किए जाओगे?”
তারা তাঁকে বলল, “আমরা অব্রাহামের বংশধর, আমরা কখনও কারও দাসত্ব করিনি। তাহলে আপনি কী করে বলছেন, আমরা মুক্ত হব?”
34 ईसा ने उन्हें जवाब दिया, “मैं तुम से सच कहता हूँ, कि जो कोई गुनाह करता है गुनाह का ग़ुलाम है।
যীশু তাদের উত্তর দিলেন, “আমি তোমাদের সত্যি বলছি, যে ব্যক্তি পাপ করে, সে পাপেরই দাসত্ব করে।
35 और ग़ुलाम हमेशा तक घर में नहीं रहता, बेटा हमेशा रहता है। (aiōn g165)
কোনও দাস পরিবারে স্থায়ী জায়গা পায় না, কিন্তু পরিবারে পুত্রের স্থান চিরদিনের। (aiōn g165)
36 पस अगर बेटा तुम्हें आज़ाद करेगा, तो तुम वाक़'ई आज़ाद होगे।
তাই পুত্র যদি তোমাদের মুক্ত করেন, তাহলেই তোমরা প্রকৃত মুক্ত হবে।
37 मैं जानता हूँ तुम अब्रहाम की नस्ल से हो, तभी मेरे क़त्ल की कोशिश में हो क्यूँकि मेरा कलाम तुम्हारे दिल में जगह नहीं पाता।
আমি জানি, তোমরা অব্রাহামের বংশধর, তবু আমার বাক্য তোমাদের অন্তরে স্থান পায় না বলে তোমরা আমাকে হত্যা করতে উদ্যত হয়েছ।
38 मैंने जो अपने बाप के यहाँ देखा है वो कहता हूँ, और तुम ने जो अपने बाप से सुना वो करते हो।”
পিতার সান্নিধ্যে আমি যা দেখেছি, তোমাদের তাই বলছি। আর তোমাদের পিতার কাছে তোমরা যা শুনেছ, তোমরা তাই করে থাকো।”
39 उन्होंने जवाब में उससे कहा, हमारा बाप तो अब्रहाम है। ईसा ने उनसे कहा, “अगर तुम अब्रहाम के फ़र्ज़न्द होते तो अब्रहाम के से काम करते।
তারা উত্তর দিল, “অব্রাহাম আমাদের পিতা।” যীশু তাদের বললেন, “তোমরা যদি অব্রাহামের সন্তান হতে, তাহলে অব্রাহাম যা করেছিলেন, তোমরাও তাই করতে।
40 लेकिन अब तुम मुझ जैसे शख़्स को क़त्ल की कोशिश में हो, जिसने तुम्हें वही हक़ बात बताई जो ख़ुदा से सुनी; अब्रहाम ने तो ये नहीं किया था।
অথচ, ঈশ্বরের কাছ থেকে আমি যে সত্য শুনেছি, তা তোমাদের কাছে প্রকাশ করেছি বলে তোমরা আমাকে হত্যা করার জন্য উদ্যত হয়েছ। অব্রাহাম এমন সব কাজ করেননি।
41 तुम अपने बाप के से काम करते हो।” उन्होंने उससे कहा, “हम हराम से पैदा नहीं हुए। हमारा एक बाप है या'नी ख़ुदा।”
তোমাদের পিতা যা করে, তোমরা সেসব কাজই করছ।” তারা প্রতিবাদ করে বলল, “আমরা অবৈধ সন্তান নই। আমাদের একমাত্র পিতা স্বয়ং ঈশ্বর।”
42 ईसा ने उनसे कहा, “अगर ख़ुदा तुम्हारा होता, तो तुम मुझ से मुहब्बत रखते; इसलिए कि मैं ख़ुदा में से निकला और आया हूँ, क्यूँकि मैं आप से नहीं आया बल्कि उसी ने मुझे भेजा।
যীশু তাদের বললেন, “ঈশ্বর যদি তোমাদের পিতা হন তবে তোমরা আমাকে ভালোবাসতে, কারণ আমি ঈশ্বরের কাছ থেকেই এখানে এসেছি। আমি নিজের ইচ্ছানুসারে আসিনি, কিন্তু তিনি আমাকে পাঠিয়েছেন।
43 तुम मेरी बातें क्यूँ नहीं समझते? इसलिए कि मेरा कलाम सुन नहीं सकते।
আমার ভাষা তোমাদের বোধগম্য হচ্ছে না কেন? কারণ তোমরা আমার কথা শুনতে অক্ষম।
44 तुम अपने बाप इब्लीस से हो और अपने बाप की ख़्वाहिशों को पूरा करना चाहते हो। वो शुरू' ही से ख़ूनी है और सच्चाई पर क़ाइम नहीं रहा, क्यूँकि उस में सच्चाई नहीं है। जब वो झूठ बोलता है तो अपनी ही सी कहता है, क्यूँकि वो झूठा है बल्कि झूठ का बाप है।
তোমরা তোমাদের পিতা দিয়াবলের আর তোমাদের পিতার সব অভিলাষ পূর্ণ করাই তোমাদের ইচ্ছা। প্রথম থেকেই সে এক হত্যাকারী। তার মধ্যে সত্যের লেশমাত্র নেই, কারণ সে সত্যনিষ্ঠ নয়। সে তার নিজস্ব স্বভাববশেই মিথ্যা বলে, কারণ সে এক মিথ্যাবাদী এবং সব মিথ্যার জন্মদাতা।
45 लेकिन मैं जो सच बोलता हूँ, इसी लिए तुम मेरा यक़ीन नहीं करते।
কিন্তু আমি সত্যিকথা বললেও তোমরা আমাকে বিশ্বাস করো না।
46 तुम में से कौन मुझ पर गुनाह साबित करता है? अगर मैं सच बोलता हूँ, तो मेरा यक़ीन क्यूँ नहीं करते?
তোমরা কি কেউ আমাকে পাপের দোষী বলে প্রমাণ করতে পারো? আমি যদি সত্যি বলি, তাহলে কেন তোমরা আমাকে বিশ্বাস করো না?
47 जो ख़ुदा से होता है वो ख़ुदा की बातें सुनता है; तुम इसलिए नहीं सुनते कि ख़ुदा से नहीं हो।”
যে ঈশ্বরের আপনজন, সে ঈশ্বরের সব কথা শোনে। তোমরা যে শোনো না তার কারণ হল, তোমরা ঈশ্বরের আপনজন নও।”
48 यहूदियों ने जवाब में उससे कहा, “क्या हम सच नहीं कहते, कि तू सामरी है और तुझ में बदरूह है।”
উত্তরে ইহুদিরা যীশুকে বলল, “আমরা যে বলি, তুমি শমরীয় এবং একজন ভূতগ্রস্ত, তা কি যথার্থ নয়?”
49 ईसा ने जवाब दिया, “मुझ में बदरूह नहीं; मगर मैं अपने बाप की इज़्ज़त करता हूँ, और तुम मेरी बे'इज़्ज़ती करते हो।
যীশু বললেন, “আমি ভূতগ্রস্ত নই, কিন্তু আমি আমার পিতাকে সমাদর করি, আর তোমরা আমার অনাদর করো।
50 लेकिन मैं अपनी तारीफ़ नहीं चाहता; हाँ, एक है जो उसे चाहता और फ़ैसला करता है।
আমি নিজের গৌরবের খোঁজ করি না, কিন্তু একজন আছেন, যিনি তা খোঁজ করেন, তিনিই বিচার করবেন।
51 मैं तुम से सच कहता हूँ कि अगर कोई इंसान मेरे कलाम पर 'अमल करेगा, तो हमेशा तक कभी मौत को न देखेगा।” (aiōn g165)
আমি তোমাদের সত্যি বলছি, কেউ যদি আমার বাক্য পালন করে, সে কখনও মৃত্যু দেখবে না।” (aiōn g165)
52 यहूदियों ने उससे कहा, “अब हम ने जान लिया कि तुझ में बदरूह है! अब्रहाम मर गया और नबी मर गए, मगर तू कहता है, 'अगर कोई मेरे कलाम पर 'अमल करेगा, तो हमेशा तक कभी मौत का मज़ा न चखेगा। (aiōn g165)
কিন্তু একথা শুনে ইহুদিরা বলে উঠল, “এখন আমরা জানতে পারলাম যে, তুমি ভূতগ্রস্ত! অব্রাহাম এবং ভাববাদীদেরও মৃত্যু হয়েছে, তবু তুমি বলছ যে তোমার বাক্য পালন করে সে কখনও মৃত্যুর আস্বাদ পাবে না। (aiōn g165)
53 हमारे बुज़ुर्ग अब्रहाम जो मर गए, क्या तू उससे बड़ा है? और नबी भी मर गए। तू अपने आपको क्या ठहराता है?”
তুমি কি আমাদের পিতা অব্রাহামের চেয়েও মহান? তিনি মৃত্যুবরণ করেছেন, ভাববাদীরাও তাই। তুমি নিজের সম্পর্কে কী মনে করো?”
54 ईसा ने जवाब दिया, “अगर मैं आप अपनी बड़ाई करूँ, तो मेरी बड़ाई कुछ नहीं; लेकिन मेरी बड़ाई मेरा बाप करता है, जिसे तुम कहते हो कि हमारा ख़ुदा है।
যীশু উত্তর দিলেন, “আমি যদি নিজের গৌরব নিজেই করতাম, তবে আমার গৌরব মূল্যহীন। আমার পিতা, যাঁকে তোমরা নিজেদের ঈশ্বর বলে দাবি করছ, তিনিই আমাকে গৌরব দান করেন।
55 तुम ने उसे नहीं जाना, लेकिन मैं उसे जानता हूँ; और अगर कहूँ कि उसे नहीं जानता, तो तुम्हारी तरह झूठा बनूँगा। मगर मैं उसे जानता और उसके कलाम पर 'अमल करता हूँ।
তোমরা তাঁকে না জানলেও আমি তাঁকে জানি। আমি যদি বলতাম, আমি তাঁকে জানি না, তাহলে তোমাদেরই মতো আমি মিথ্যাবাদী হতাম। কিন্তু আমি তাঁকে জানি, আর তাঁর বাক্য পালন করি।
56 तुम्हारा बाप अब्रहाम मेरा दिन देखने की उम्मीद पर बहुत ख़ुश था, चुनाँचे उसने देखा और ख़ुश हुआ।”
আমার দিন দেখার প্রত্যাশায় তোমাদের পিতা অব্রাহাম উল্লসিত হয়ে উঠেছিলেন এবং তা দর্শন করে তিনি আনন্দিত হয়েছেন।”
57 यहूदियों ने उससे कहा, “तेरी उम्र तो अभी पचास बरस की नहीं, फिर क्या तूने अब्रहाम को देखा है?”
ইহুদিরা তাঁকে বলল, “তোমার বয়স পঞ্চাশ বছরও হয়নি, আর তুমি কি না অব্রাহামকে দেখেছ!”
58 ईसा ने उनसे कहा, “मैं तुम से सच सच कहता हूँ, कि पहले उससे कि अब्रहाम पैदा हुआ मैं हूँ।”
যীশু উত্তর দিলেন, “আমি তোমাদের সত্যি বলছি, অব্রাহামের জন্মের পূর্ব থেকেই আমি আছি।”
59 पस उन्होंने उसे मारने को पत्थर उठाए, मगर ईसा छिपकर हैकल से निकल गया।
একথা শুনে তারা তাঁকে আঘাত করার জন্য পাথর তুলে নিল। কিন্তু যীশু লুকিয়ে পড়লেন এবং সবার অলক্ষ্যে মন্দির-প্রাঙ্গণ থেকে চলে গেলেন।

< यूहन्ना 8 >