< यूहन्ना 7 >
1 इन बातों के बाद 'ईसा गलील में फिरता रहा क्यूँकि यहूदिया में फिरना न चाहता था, इसलिए कि यहूदी अगुवे उसके क़त्ल की कोशिश में थे
After this, Jesus traveled about in Galilee, for he would not reside in Judea, because the Jews sought to kill him.
2 और यहूदियों की 'ईद — ए — खियाम नज़दीक थी।
Now, the Jewish feast of tabernacles was near.
3 पस उसके भाइयों ने उससे कहा, “यहाँ से रवाना होकर यहूदिया को चला जा, ताकि जो काम तू करता है उन्हें तेरे शागिर्द भी देखें।
His brothers, therefore, said to him, Leave this country, and go to Judea, that your disciples may also see the works which you do.
4 क्यूँकि ऐसा कोई नहीं जो मशहूर होना चाहे और छिपकर काम करे। अगर तू ये काम करता है, तो अपने आपको दुनियाँ पर ज़ाहिर कर।”
For whoever courts renown, does nothing in secret: since you perform such things, show yourself to the world.
5 क्यूँकि उसके भाई भी उस पर ईमान न लाए थे।
(For not even his brothers believed on him.)
6 पस ईसा ने उनसे कहा, “मेरा तो अभी वक़्त नहीं आया, मगर तुम्हारे लिए सब वक़्त है।
Jesus answered, My time is not yet come; any time will suit you.
7 दुनियाँ तुम से 'दुश्मनी नहीं रख सकती लेकिन मुझ से रखती है, क्यूँकि मैं उस पर गवाही देता हूँ कि उसके काम बुरे हैं।
The world can not hate you; but me it hates, because I disclose the wickedness of its actions.
8 तुम 'ईद में जाओ; मैं अभी इस 'ईद में नहीं जाता, क्यूँकि अभी तक मेरा वक़्त पूरा नहीं हुआ।”
Go you to this festival: I go not thither, because it is not my time.
9 ये बातें उनसे कहकर वो गलील ही में रहा।
Having said this, he remained in Galilee.
10 लेकिन जब उसके भाई 'ईद में चले गए उस वक़्त वो भी गया, खुले तौर पर नहीं बल्कि पोशीदा।
But when his brothers were gone, he also went to the festival; not publicly, but rather privately.
11 पस यहूदी उसे 'ईद में ये कहकर ढूँडने लगे, “वो कहाँ है?”
At the festival, the Jews inquired after him, and said, Where is he?
12 और लोगों में उसके बारे में चुपके — चुपके बहुत सी गुफ़्तगू हुई; कुछ कहते थे, वो नेक है। “और कुछ कहते थे, नहीं बल्कि वो लोगों को गुमराह करता है।”
And there was much whispering among the people concerning him. Some said, He is a good man. Others, No; he seduces the multitude.
13 तो भी यहूदियों के डर से कोई शख़्स उसके बारे में साफ़ साफ़ न कहता था।
No person, however, spoke freely of him, for fear of the Jews.
14 जब 'ईद के आधे दिन गुज़र गए, तो 'ईसा हैकल में जाकर ता'लीम देने लगा।
About the middle of the festival, Jesus went into the temple, and was teaching.
15 पस यहुदियों ने ता'ज्जुब करके कहा, “इसको बग़ैर पढ़े क्यूँकर 'इल्म आ गया?”
And the Jews said with astonishment, Whence comes this man's learning, who was never taught?
16 ईसा ने जवाब में उनसे कहा, “मेरी ता'लीम मेरी नहीं, बल्कि मेरे भेजने वाले की है।
Jesus made answer, My doctrine is not mine, but his who sent me.
17 अगर कोई उसकी मर्ज़ी पर चलना चाहे, तो इस ता'लीम की वजह से जान जाएगा कि ख़ुदा की तरफ़ से है या मैं अपनी तरफ़ से कहता हूँ।
If any one will do his will, he shall discern whether my doctrine proceeds from God, or from myself.
18 जो अपनी तरफ़ से कुछ कहता है, वो अपनी 'इज़्ज़त चाहता है; लेकिन जो अपने भेजनेवाले की 'इज़्ज़त चाहता है, वो सच्चा है और उसमें नारास्ती नहीं।
Whosoever teaches what proceeds from himself, seeks to promote his own glory: whosoever seeks to promote the glory of him who sent him, deserves credit, and is a stranger to deceit.
19 क्या मूसा ने तुम्हें शरी'अत नहीं दी? तोभी तुम में शरी'अत पर कोई 'अमल नहीं करता। तुम क्यूँ मेरे क़त्ल की कोशिश में हो?”
Did not Moses give you the law? Yet none of you keeps the law. Why do you seek to kill me?
20 लोगों ने जवाब दिया, “तुझ में तो बदरूह है! कौन तेरे क़त्ल की कोशिश में है?”
The people answered, You are possessed. Who seeks to kill you.
21 ईसा ने जवाब में उससे कहा, “मैंने एक काम किया, और तुम सब ताअ'ज्जुब करते हो।
Jesus replied, I have performed one action, which surprises you all.
22 इस बारे में मूसा ने तुम्हें ख़तने का हुक्म दिया है (हालाँकि वो मूसा की तरफ़ से नहीं, बल्कि बाप — दादा से चला आया है), और तुम सबत के दिन आदमी का ख़तना करते हो।
Moses instituted circumcision among you, (not that it is from Moses, but from the patriarchs, ) and you circumcise on the Sabbath.
23 जब सबत को आदमी का ख़तना किया जाता है ताकि मूसा की शरी'अत का हुक्म न टूटे; तो क्या मुझ से इसलिए नाराज़ हो कि मैंने सबत के दिन एक आदमी को बिल्कुल तन्दरुस्त कर दिया?
If, on the Sabbath, a man receive circumcision, that the law of Moses may not be violated; are you incensed against me, because, on the Sabbath, I have cured a man, whose whole body was disabled?
24 ज़ाहिर के मुवाफ़िक़ फ़ैसला न करो, बल्कि इन्साफ़ से फ़ैसला करो।”
Judge not from personal regards, but judge according to justice.
25 तब कुछ येरूशलेमी कहने लगे, “क्या ये वही नहीं जिसके क़त्ल की कोशिश हो रही है?
Then some inhabitants of Jerusalem, said, Is not this he whom they seek to kill?
26 लेकिन देखो, ये साफ़ — साफ़ कहता है और वो इससे कुछ नहीं कहते। क्या हो सकता है कि सरदारों से सच जान लिया कि मसीह यही है?
Lo! he speaks boldly, and they say nothing to him. Do the rulers, indeed, acknowledge that this is the Messiah?
27 इसको तो हम जानते हैं कि कहाँ का है, मगर मसीह जब आएगा तो कोई न जानेगा कि वो कहाँ का है।”
But we know whence this man is; whereas, when the Messiah shall come, no person will know whence he is.
28 पस ईसा ने हैकल में ता'लीम देते वक़्त पुकार कर कहा, “तुम मुझे भी जानते हो, और ये भी जानते हो कि मैं कहाँ का हूँ; और मैं आप से नहीं आया, मगर जिसने मुझे भेजा है वो सच्चा है, उसको तुम नहीं जानते।
Jesus, who was then teaching in the temple, cried, Do you know both who, and whence I am? I came not of myself. But he is true, who sent me, whom you know not.
29 मैं उसे जानता हूँ, इसलिए कि मैं उसकी तरफ़ से हूँ और उसी ने मुझे भेजा है।”
As for me, I know him, because I came from him, and am commissioned by him.
30 पस वो उसे पकड़ने की कोशिश करने लगे, लेकिन इसलिए कि उसका वक़्त अभी न आया था, किसी ने उस पर हाथ न डाला।
Then they sought to apprehend him, but none laid hands on him; for his hour was not yet come.
31 मगर भीड़ में से बहुत सारे उस पर ईमान लाए, और कहने लगे, “मसीह जब आएगा, तो क्या इनसे ज़्यादा मोजिज़े दिखाएगा?” जो इसने दिखाए।
Many of the people, however, believed on him, and said, When the Messiah shall come, will he do more miracles than this man does?
32 फ़रीसियों ने लोगों को सुना कि उसके बारे में चुपके — चुपके ये बातें करते हैं, पस सरदार काहिनों और फ़रीसियों ने उसे पकड़ने को प्यादे भेजे।
When the Pharisees heard that the people muttered such things concerning him, they and the chief priests dispatched officers to seize him.
33 ईसा ने कहा, “मैं और थोड़े दिनों तक तुम्हारे पास हूँ, फिर अपने भेजनेवाले के पास चला जाऊँगा।
Jesus, therefore, said, Yet a little while I remain with you; then I go to him who sent me.
34 तुम मुझे ढूँडोगे मगर न पाओगे, और जहाँ मैं हूँ तुम नहीं आ सकते।”
You shall seek me, but shall not find me; nor be able to come where I am.
35 हमारे यहूदियों ने आपस में कहा, ये कहाँ जाएगा कि हम इसे न पाएँगे? क्या उनके पास जाएगा कि हम इसे न पाएँगे? क्या उनके पास जाएगा जो यूनानियों में अक्सर रहते हैं, और यूनानियों को ता'लीम देगा?
The Jews said, among themselves, Whither will he go, that we shall not find him? Will he go to the dispersed Greeks, and teach the Greeks?
36 ये क्या बात है जो उसने कही, “तुम मुझे तलाश करोगे मगर न पाओगे, 'और, 'जहाँ मैं हूँ तुम नहीं आ सकते'?”
What does he mean, by saying, You shall seek me, but shall not find me, nor be able to get thither, where I shall be.
37 फिर ईद के आख़िरी दिन जो ख़ास दिन है, ईसा खड़ा हुआ और पुकार कर कहा, “अगर कोई प्यासा हो तो मेरे पास आकर पिए।
On the last, and greatest day of the festival, Jesus stood and cried, saying, If any man thirst, let him come to me, and drink.
38 जो मुझ पर ईमान लाएगा उसके अन्दर से, जैसा कि किताब — ए — मुक़द्दस में आया है, ज़िन्दगी के पानी की नदियाँ जारी होंगी।”
He who believes on me, as the scripture says, shall be like a cistern, whence rivers of living waters shall flow.
39 उसने ये बात उस रूह के बारे में कही, जिसे वो पाने को थे जो उस पर ईमान लाए; क्यूँकि रूह अब तक नाज़िल न हुई थी, इसलिए कि ईसा अभी अपने जलाल को न पहुँचा था।
This he spoke of the Spirit, which they who believed on him were to receive; for the Holy Spirit was not yet given, because Jesus was not yet glorified.
40 पस भीड़ में से कुछ ने ये बातें सुनकर कहा, “बेशक यही वो नबी है।”
Many of the people having heard what was spoken, said, This is certainly the prophet.
41 औरों ने कहा, ये मसीह है। “और कुछ ने कहा, क्यूँ? क्या मसीह गलील से आएगा?
Some said, This is the Messiah. Others, does the Messiah come from Galilee?
42 क्या किताब — ए — मुक़द्दस में से नहीं आया, कि मसीह दाऊद की नस्ल और बैतलहम के गाँव से आएगा, जहाँ का दाऊद था?”
Does not the scripture say, that the Messiah will be of the posterity of David, and come from Bethlehem, the village whence David was?
43 पस लोगों में उसके बारे में इख़्तिलाफ़ हुआ।
Thus the people were divided concerning him;
44 और उनमें से कुछ उसको पकड़ना चाहते थे, मगर किसी ने उस पर हाथ न डाला।
and some of them would have seized him, but no person laid hands upon him.
45 पस प्यादे सरदार काहिनों और फ़रीसियों के पास आए; और उन्होंने उनसे कहा, “तुम उसे क्यूँ न लाए?”
Then the officers returned to the chief priests and Pharisees, who asked them, Wherefore have you not brought him?
46 प्यादों ने जवाब दिया कि, “इंसान ने कभी ऐसा कलाम नहीं किया।”
The officers answered, Never man spoke like this man.
47 फ़रीसियों ने उन्हें जवाब दिया, “क्या तुम भी गुमराह हो गए?
The Pharisees replied, Are you also seduced?
48 भला इख़्तियार वालों या फ़रीसियों मैं से भी कोई उस पर ईमान लाया?
Has any of the rulers, or of the Pharisees, believed on him?
49 मगर ये 'आम लोग जो शरी'अत से वाक़िफ़ नहीं ला'नती हैं।”
But this populace, which knows not the law, is accursed.
50 नीकुदेमुस ने, जो पहले उसके पास आया था, उनसे कहा,
Nicodemus, one of themselves, (he who came to Jesus by night, )
51 “क्या हमारी शरी'अत किसी शख़्स को मुजरिम ठहराती है, जब तक पहले उसकी सुनकर जान न ले कि वो क्या करता है?”
said to them, Does our law permit us to condemn a man, without hearing him, and knowing what he has done?
52 उन्होंने उसके जवाब में कहा, “क्या तू भी गलील का है? तलाश कर और देख, कि गलील में से कोई नबी नाज़िल नहीं होने का।”
They answered him, Are you also a Galilean? Search, and you will find that prophets arise not out of Galilee.
53 [फिर उनमें से हर एक अपने घर चला गया।
Then every man went to his own house;