< यूहन्ना 6 >

1 इन बातों के बाद 'ईसा गलील की झील या'नी तिबरियास की झील के पार गया।
Bu ixlardin keyin, Əysa Galiliyǝ dengizi (Tiberiyas dengizi dǝpmu atilidu)ning u ⱪetiƣa ɵtti.
2 और बड़ी भीड़ उसके पीछे हो ली क्यूँकि जो मोजिज़े वो बीमारों पर करता था उनको वो देखते थे।
Zor bir top halayiⱪ u kesǝllǝrni saⱪaytⱪan mɵjizilik alamǝtlirini kɵrdi wǝ uning kǝynidin ǝgixip mangdi.
3 ईसा पहाड़ पर चढ़ गया और अपने शागिर्दों के साथ वहाँ बैठा।
Əysa taƣⱪa qiⱪip, u yǝrdǝ muhlisliri bilǝn billǝ olturdi.
4 और यहूदियों की 'ईद — ए — फ़सह नज़दीक थी।
U qaƣda Yǝⱨudiylarning ⱨeyti, yǝni «ɵtüp ketix ⱨeyti»ƣa az ⱪalƣan waⱪit idi.
5 पस जब 'ईसा ने अपनी आँखें उठाकर देखा कि मेरे पास बड़ी भीड़ आ रही है, तो फ़िलिप्पुस से कहा, “हम इनके खाने के लिए कहाँ से रोटियाँ ख़रीद लें?”
Əysa bexini kɵtürüp, zor bir top halayiⱪning ɵzining aldiƣa keliwatⱪanliⱪini kɵrüp, Filiptin: — Bularƣa yǝydiƣanƣa nanni nǝdin alimiz? — dǝp soridi
6 मगर उसने उसे आज़माने के लिए ये कहा, क्यूँकि वो आप जानता था कि मैं क्या करूँगा।
(lekin u bu sɵzni Filipni sinax üqün eytⱪanidi. Qünki u ɵzining nemǝ ⱪilidiƣanliⱪini bilǝtti).
7 फ़िलिप्पुस ने उसे जवाब दिया, “दो सौ दिन मज़दूरी की रोटियाँ इनके लिए काफ़ी न होंगी, कि हर एक को थोड़ी सी मिल जाए।”
Filip jawabǝn: — Ikki yüz dinarƣa nan alsaⱪmu, ⱨǝrbirigǝ kiqikkinǝ bir qixlǝmdin yeyixkimu yǝtmǝydu!
8 उसके शागिर्दों में से एक ने, या'नी शमौन पतरस के भाई अन्द्रियास ने, उससे कहा,
Muhlislardin biri, yǝni Simon Petrusning inisi Andriyas Əysaƣa:
9 “यहाँ एक लड़का है जिसके पास जौ की पाँच रोटियाँ और दो मछलियाँ हैं, मगर ये इतने लोगों में क्या हैं?”
— Bu yǝrdǝ kiqik bir oƣul bala bar, uningda bǝx arpa nan bilǝn ikki kiqik beliⱪ bar. Lekin xunqǝ kɵp hǝlⱪⱪǝ bu nemǝ bolidu?! — dedi.
10 ईसा ने कहा, “लोगों को बिठाओ।” और उस जगह बहुत घास थी। पस वो मर्द जो तक़रीबन पाँच हज़ार थे बैठ गए।
Əysa: — Kɵpqilikni olturƣuzunglar, — dedi (u yǝrdǝ ot-qɵp mol ɵskǝnidi). Xuning bilǝn ǝr kixilǝr olturdi; ularning sani bǝx mingqǝ bar idi.
11 ईसा ने वो रोटियाँ ली और शुक्र करके उन्हें जो बैठे थे बाँट दीं, और इसी तरह मछलियों में से जिस क़दर चाहते थे बाँट दिया।
Əysa nanlarni ⱪoliƣa elip, [Hudaƣa] tǝxǝkkür eytⱪandin keyin, olturƣanlarƣa ülǝxtürüp bǝrdi. Beliⱪlarnimu xundaⱪ ⱪildi; kɵpqilik haliƣanqǝ yedi.
12 जब वो सेर हो चुके तो उसने अपने शागिर्दों से कहा, “बचे हुए बे इस्तेमाल खाने को जमा करो, ताकि कुछ ज़ाया न हो।”
Ⱨǝmmǝylǝn yǝp toyunƣanda, u muhlisliriƣa: — Axⱪan parqilarni yiƣinglar, ⱨeq nǝrsǝ zayǝ bolmisun, — dedi.
13 चुनाँचे उन्होंने जमा किया, और जौ की पाँच रोटियों के टुकड़ों से जो खानेवालों से बच रहे थे बारह टोकरियाँ भरीं
Xuning bilǝn ular bǝx arpa nenidin yǝp axⱪan parqilirini on ikki sewǝtkǝ toldurup yiƣiwaldi.
14 पस जो मोजिज़ा उसने दिखाया, “वो लोग उसे देखकर कहने लगे, जो नबी दुनियाँ में आने वाला था हक़ीक़त में यही है।”
Əmdi halayiⱪ Əysaning kɵrsǝtkǝn bu mɵjizilik alamitini kɵrüp: «Dunyaƣa kelixi muⱪǝrrǝr bolƣan pǝyƣǝmbǝr ⱨǝⱪiⱪǝtǝn muxu ikǝn!» deyixti.
15 पस ईसा ये मा'लूम करके कि वो आकर मुझे बादशाह बनाने के लिए पकड़ना चाहते हैं, फिर पहाड़ पर अकेला चला गया।
Xuning bilǝn Əysa ularning kelip ɵzini padixaⱨ boluxⱪa zorlimaⱪqi bolƣanliⱪini bilip, ulardin ayrilip, ⱪaytidin taƣⱪa yalƣuz qiⱪip kǝtti.
16 फिर जब शाम हुई तो उसके शागिर्द झील के किनारे गए,
Kǝqⱪurun, Əysaning muhlisliri dengiz boyiƣa qüxüxti.
17 और नाव में बैठकर झील के पार कफ़रनहूम को चले जाते थे। उस वक़्त अन्धेरा हो गया था, और 'ईसा अभी तक उनके पास न आया था।
Ular bir kemigǝ olturup, dengizning u ⱪetidiki Kǝpǝrnaⱨum xǝⱨirigǝ ⱪarap yol elixti (ⱪarangƣu qüxüp kǝtkǝnidi wǝ Əysa tehiqǝ ularning yeniƣa kǝlmigǝnidi).
18 और आँधी की वजह से झील में मौजें उठने लगीं।
Ⱪattiⱪ boran qiⱪip, dengiz dolⱪunlap kɵtürülüwatatti.
19 पस जब वो खेते — खेते तीन — चार मील के क़रीब निकल गए, तो उन्होंने 'ईसा को झील पर चलते और नाव के नज़दीक आते देखा और डर गए।
Muhlislar palaⱪ urup on-on bir qaⱪirimqǝ mangƣanda, Əysaning dengizning üstidǝ mengip kemigǝ yeⱪinlixiwatⱪanliⱪini kɵrüp, ⱪorⱪuxup kǝtti.
20 मगर उसने उनसे कहा, “मैं हूँ, डरो मत।”
Lekin u ularƣa: — Bu mǝn, ⱪorⱪmanglar! — dedi.
21 पस वो उसे नाव में चढ़ा लेने को राज़ी हुए, और फ़ौरन वो नाव उस जगह जा पहुँची जहाँ वो जाते थे।
Xuni anglap ular uni kemigǝ qiⱪiriwalƣusi kǝldi; u kemigǝ qiⱪipla, kemǝ dǝrⱨal ular baridiƣan yǝrgǝ yetip bardi.
22 दूसरे दिन उस भीड़ ने जो झील के पार खड़ी थी, ये देखा कि यहाँ एक के सिवा और कोई छोटी नाव न थी; और 'ईसा अपने शागिर्दों के साथ नाव पर सवार न हुआ था, बल्कि सिर्फ़ उसके शागिर्द चले गए थे।
Ətisi dengizning u tǝripidǝ ⱪalƣan halayiⱪ [aldinⱪi küni] u yǝrdǝ Əysaning muhlisliri qiⱪⱪan kemidin baxⱪa kemining yoⱪluⱪini, Əysaning muhlisliri xu kemigǝ qiⱪⱪanda, Əysaning ular billǝ qiⱪmiƣanliⱪini, bǝlki muhlislirining ɵzlirila kǝtkǝnlikini kɵrgǝnidi.
23 (लेकिन कुछ छोटी नावें तिबरियास से उस जगह के नज़दीक आईं, जहाँ उन्होंने ख़ुदावन्द के शुक्र करने के बाद रोटी खाई थी।)
Ⱨalbuki, birnǝqqǝ kemǝ-ⱪolwaⱪ Tiberiyas xǝⱨiridin Rǝb tǝxǝkkür eytⱪandin keyin hǝlⱪ nan yegǝn yǝrgǝ yeⱪin kelip tohtidi.
24 पस जब भीड़ ने देखा कि यहाँ न 'ईसा है न उसके शागिर्द, तो वो ख़ुद छोटी नावों में बैठकर 'ईसा की तलाश में कफ़रनहूम को आए।
Xuning bilǝn halayiⱪ Əysaning wǝ muhlislirining u yǝrdǝ yoⱪluⱪini kɵrüpla, kemilǝrgǝ olturup, Əysani izdigili Kǝpǝrnaⱨum xǝⱨirigǝ mangdi.
25 और झील के पार उससे मिलकर कहा, “ऐ रब्बी! तू यहाँ कब आया?”
Ular uni dengizning u tǝripidǝ tepip uningƣa: — Ustaz, bu yǝrgǝ ⱪaqan kǝlding? — dǝp soraxti.
26 ईसा ने उनके जवाब में कहा, “मैं तुम से सच कहता हूँ, कि तुम मुझे इसलिए नहीं ढूँडते कि मोजिज़े देखे, बल्कि इसलिए कि तुम रोटियाँ खाकर सेर हुए।
Əysa ularƣa jawabǝn: — Bǝrⱨǝⱪ, bǝrⱨǝⱪ, mǝn silǝrgǝ xuni eytip ⱪoyayki, silǝr meni mɵjizilik alamǝtlǝrni kɵrgǝnlikinglar üqün ǝmǝs, bǝlki nanlardin yǝp toyunƣininglar üqün izdǝysilǝr.
27 फ़ानी ख़ुराक के लिए मेहनत न करो, बल्कि उस ख़ुराक के लिए जो हमेशा की ज़िन्दगी तक बाक़ी रहती है जिसे इब्न — ए — आदम तुम्हें देगा; क्यूँकि बाप या'नी ख़ुदा ने उसी पर मुहर की है।” (aiōnios g166)
Buzulup ketidiƣan paniy ozuⱪluⱪⱪa ǝmǝs, bǝlki mǝnggü ⱨayatliⱪⱪa baⱪiy ⱪalidiƣan ozuⱪluⱪⱪa intilip ixlǝnglar; buni Insan’oƣli silǝrgǝ beridu; qünki uni Ata, yǝni Huda Ɵzi mɵⱨürlǝp tǝstiⱪliƣan, — dedi. (aiōnios g166)
28 पस उन्होंने उससे कहा, “हम क्या करें ताकि ख़ुदा के काम अन्जाम दें?”
Xuning bilǝn ular uningdin: — Nemigǝ intilip ixlisǝk andin Hudaning ix-hizmitidǝ ixligǝn bolimiz? — dǝp soraxti.
29 ईसा ने जवाब में उनसे कहा, “ख़ुदा का काम ये है कि जिसे उसने भेजा है उस पर ईमान लाओ।”
Əysa ularƣa jawab berip: — Hudaning ix-hizmiti dǝl xuki, U ǝwǝtkinigǝ etiⱪad ⱪilixinglardur, — dedi.
30 पस उन्होंने उससे कहा, “फिर तू कौन सा निशान दिखाता है, ताकि हम देखकर तेरा यक़ीन करें? तू कौन सा काम करता है?
Xuning bilǝn ular yǝnǝ: — Undaⱪ bolsa sǝn bizni kɵrüp ɵzünggǝ ixǝndürgüdǝk ⱪandaⱪ mɵjizilik alamǝt yaritisǝn? Zadi nemǝ ix ⱪilip berisǝn?
31 हमारे बाप — दादा ने वीराने में मन्ना खाया, चुनाँचे लिखा है, 'उसने उन्हें खाने के लिए आसमान से रोटी दी।”
Ata-bowilirimiz qɵldǝ yürgǝndǝ, [Zǝburda]: «U ularƣa ǝrxtin qüxürülgǝn nan tǝⱪdim ⱪildi» dǝp pütülgǝndǝk, «manna»ni yegǝn — deyixti.
32 ईसा ने उनसे कहा, “मैं तुम से सच सच कहता हूँ, कि मूसा ने तो वो रोटी आसमान से तुम्हें न दी, लेकिन मेरा बाप तुम्हें आसमान से हक़ीक़ी रोटी देता है।
Əysa ularƣa mundaⱪ dedi: — Bǝrⱨǝⱪ, bǝrⱨǝⱪ, mǝn silǝrgǝ xuni eytip ⱪoyayki, silǝrgǝ asmandin qüxkǝn nanni bǝrgüqi Musa ǝmǝs, bǝlki mening Atamdur; U [ⱨazirmu] silǝrgǝ asmandin qüxkǝn ⱨǝⱪiⱪiy nanni beriwatidu.
33 क्यूँकि ख़ुदा की रोटी वो है जो आसमान से उतरकर दुनियाँ को ज़िन्दगी बख़्शती है।“
Qünki Hudaning neni bolsa pütkül dunyaƣa ⱨayatliⱪ ata ⱪilidiƣan, ǝrxtin qüxküqidur.
34 उन्होंने उससे कहा, ऐ ख़ुदावन्द! ये रोटी हम को हमेशा दिया कर।”
— Tǝⱪsir, ⱨǝmixǝ bizgǝ xu nanni berip turƣaysǝn! — deyixti ular.
35 ईसा ने उनसे कहा, “ज़िन्दगी की रोटी मैं हूँ; जो मेरे पास आए वो हरगिज़ भूखा न होगा, और जो मुझ पर ईमान लाए वो कभी प्यासा ना होगा।
Əysa ularƣa mundaⱪ dedi: — Ⱨayatliⱪ neni ɵzümdurmǝn! Mening yenimƣa kǝlgǝn ⱨǝrkim ⱨeqⱪaqan aq ⱪalmaydu, manga etiⱪad ⱪilƣan ⱨǝrkim ⱨeqⱪaqan ussimaydu.
36 लेकिन मैंने तुम से कहा कि तुम ने मुझे देख लिया है फिर भी ईमान नहीं लाते।
Lekin silǝrgǝ eytⱪinimdǝk, silǝr meni kɵrgǝn bolsanglarmu, etiⱪad ⱪilmaywatisilǝr.
37 जो कुछ बाप मुझे देता है मेरे पास आ जाएगा, और जो कोई मेरे पास आएगा उसे मैं हरगिज़ निकाल न दूँगा।
Ata manga tapxurƣanlarning ⱨǝrbiri yenimƣa kelidu wǝ mening yenimƣa kǝlgǝnlǝrdin ⱨeqⱪaysisini ⱨǝrgiz taxliwǝtmǝymǝn.
38 क्यूँकि मैं आसमान से इसलिए नहीं उतरा हूँ कि अपनी मर्ज़ी के मुवाफ़िक़ 'अमल करूँ, बल्कि इसलिए कि अपने भेजनेवाले की मर्ज़ी के मुवाफ़िक़ 'अमल करूँ।
Qünki ɵz iradǝmni ǝmǝs, bǝlki meni Əwǝtküqining iradisini ǝmǝlgǝ axurux üqün ǝrxtin qüxtüm.
39 और मेरे भेजनेवाले की मर्ज़ी ये है, कि जो कुछ उसने मुझे दिया है मैं उसमें से कुछ खो न दूँ, बल्कि उसे आख़िरी दिन फिर ज़िन्दा करूँ।
Meni Əwǝtküqining iradisi bolsa dǝl xuki, uning manga tapxurƣanliridin ⱨeqbirini yittürmǝy, bǝlki ahirⱪi küni ularning ⱨǝmmisini tirildürüxümdin ibarǝt.
40 क्यूँकि मेरे बाप की मर्ज़ी ये है, कि जो कोई बेटे को देखे और उस पर ईमान लाए, और हमेशा की ज़िन्दगी पाए और मैं उसे आख़िरी दिन फिर ज़िन्दा करूँ।” (aiōnios g166)
Qünki mening Atamning iradisi xuki, Oƣulƣa kɵz tikip ⱪarap, uningƣa etiⱪad ⱪilƣanlarning ⱨǝrbirini mǝnggülük ⱨayatⱪa erixtürüxtur; wǝ mǝn ahirⱪi küni ularni tirildürimǝn. (aiōnios g166)
41 पस यहूदी उस पर बुदबुदाने लगे, इसलिए कि उसने कहा, था, “जो रोटी आसमान से उतरी वो मैं हूँ।”
Əmdi Yǝⱨudiylar Əysaning: «Ərxtin qüxkǝn nan ɵzümdurmǝn!» degini üqün uningƣa narazi bolup ƣotuldixixⱪa baxlidi:
42 और उन्होंने कहा, क्या ये युसूफ़ का बेटा 'ईसा नहीं, जिसके बाप और माँ को हम जानते हैं? अब ये क्यूँकर कहता है कि “मैं आसमान से उतरा हूँ?”
— «Bu Yüsüpning oƣli Əysa ǝmǝsmu? Atisinimu, anisinimu tonuydiƣan tursaⱪ, yǝnǝ ⱪandaⱪlarqǝ: — «Ərxtin qüxtüm!» desun?» — deyixǝtti ular.
43 ईसा ने जवाब में उनसे कहा, “आपस में न बुदबदाओ।
Əysa jawabǝn ularƣa mundaⱪ dedi: — [Mening toƣramda] ɵzara ƣotuldaxmanglar.
44 कोई मेरे पास नहीं आ सकता जब तक कि बाप जिसने मुझे भेजा है उसे खींच न ले, और मैं उसे आख़िरी दिन फिर ज़िन्दा करूँगा।
Meni ǝwǝtkǝn Ata Ɵzi kixilǝrning ⱪǝlbini tartⱪuzmisa, ⱨeqkim mening yenimƣa kelǝlmǝydu; mening yenimƣa kǝlgǝn ⱨǝrbirini ahirⱪi küni tirildürimǝn.
45 नबियों के सहीफ़ों में ये लिखा है: 'वो सब ख़ुदा से ता'लीम पाए हुए लोग होंगे।' जिस किसी ने बाप से सुना और सीखा है वो मेरे पास आता है —
Pǝyƣǝmbǝrlǝrning yazmilirida: «Ularning ⱨǝmmisigǝ Huda tǝripidin ɵgitilidu» dǝp pütülgǝndur. Xunga, Atining [sɵzini] tingxiƣan wǝ uningdin ɵgǝngǝn ⱨǝrbiri mening yenimƣa kelidu.
46 ये नहीं कि किसी ने बाप को देखा है, मगर जो ख़ुदा की तरफ़ से है उसी ने बाप को देखा है।
Biraⱪ bu birǝrkim Atini kɵrgǝn degǝnlik ǝmǝs; pǝⱪǝt Hudaning yenidin kǝlgüqi bolsa, u Atini kɵrgǝndur.
47 मैं तुम से सच कहता हूँ, कि जो ईमान लाता है हमेशा की ज़िन्दगी उसकी है। (aiōnios g166)
Bǝrⱨǝⱪ, bǝrⱨǝⱪ, mǝn silǝrgǝ xuni eytip ⱪoyayki, manga etiⱪad ⱪilƣuqi mǝnggülük ⱨayatⱪa igidur. (aiōnios g166)
48 ज़िन्दगी की रोटी मैं हूँ।
Ⱨayatliⱪ neni ɵzümdurmǝn.
49 तुम्हारे बाप — दादा ने वीराने मैं मन्ना खाया और मर गए।
Ata-bowiliringlar qɵllǝrdǝ «manna» yegini bilǝn yǝnila ɵldi.
50 ये वो रोटी है कि जो आसमान से उतरती है, ताकि आदमी उसमें से खाए और न मरे।
Lekin mana, ǝrxtin qüxkǝn nan dǝl xundaⱪki, birsi uningdin yegǝn bolsa ɵlmǝydu.
51 मैं हूँ वो ज़िन्दगी की रोटी जो आसमान से उतरी। अगर कोई इस रोटी में से खाए तो हमेशा तक ज़िन्दा रहेगा, बल्कि जो रोटी मैं दुनियाँ की ज़िन्दगी के लिए दूँगा वो मेरा गोश्त है।” (aiōn g165)
Ərxtin qüxkǝn ⱨayatliⱪ neni ɵzümdurmǝn; kimdǝkim bu nandin yesǝ, ǝbǝdil’ǝbǝdgiqǝ yaxaydu. Mǝn beridiƣan xu nan bolsa mening ǝt-tenimdur, pütkül dunyadikilǝr ⱨayatⱪa igǝ bolsun dǝp, mǝn uni atimaⱪqimǝn. (aiōn g165)
52 पस यहूदी ये कहकर आपस में झगड़ने लगे, “ये शख़्स आपना गोश्त हमें क्यूँकर खाने को दे सकता है?”
Bu sɵz bilǝn Yǝⱨudiylar ɵzara talax-tartix ⱪilixiⱪa baxlap: — Bu adǝm bizning yeyiximizgǝ ɵzining ǝt-tenini ⱪandaⱪ berǝlisun?! — deyixǝtti.
53 ईसा ने उनसे कहा, “मैं तुम से सच कहता हूँ, कि जब तक तुम इब्न — ए — आदम का गोश्त न खाओ और उसका का ख़ून न पियो, तुम में ज़िन्दगी नहीं।
Xunga Əysa ularƣa mundaⱪ dedi: — Bǝrⱨǝⱪ, bǝrⱨǝⱪ, mǝn silǝrgǝ xuni eytip ⱪoyayki, silǝr Insan’oƣlining ǝt-tenini yemigüqǝ wǝ ⱪenini iqmigüqǝ, silǝrdǝ ⱨayatliⱪ bolmaydu.
54 जो मेरा गोश्त खाता और मेरा ख़ून पीता है, हमेशा की ज़िन्दगी उसकी है; और मैं उसे आख़िरी दिन फिर ज़िन्दा करूँगा। (aiōnios g166)
Ət-tenimni yegüqi wǝ ⱪenimni iqküqi mǝnggülük ⱨayatⱪa erixkǝn bolidu wǝ mǝn uni ahirⱪi küni tirildürimǝn. (aiōnios g166)
55 क्यूँकि मेरा गोश्त हक़ीक़त में खाने की चीज़ और मेरा ख़ून हक़ीक़त में पीनी की चीज़ है।
Qünki ǝt-tenim ⱨǝⱪiⱪiy ozuⱪluⱪ, ⱪenim bolsa ⱨǝⱪiⱪiy iqimliktur.
56 जो मेरा गोश्त खाता और मेरा ख़ून पीता है, वो मुझ में क़ाईम रहता है और मैं उसमें।
Ət-tenimni yegüqi wǝ ⱪenimni iqküqi mǝndǝ yaxaydu wǝ mǝnmu uningda yaxaymǝn.
57 जिस तरह ज़िन्दा बाप ने मुझे भेजा, और मैं बाप के ज़रिए से ज़िन्दा हूँ, इसी तरह वो भी जो मुझे खाएगा मेरे ज़रिए से ज़िन्दा रहेगा।
Ⱨayat Ata meni ǝwǝtkǝn wǝ mǝn Atining bolƣanliⱪidin yaxawatⱪinimdǝk, meni yegüqi kixi ⱨǝm mening wasitǝm bilǝn yaxaydu.
58 जो रोटी आसमान से उतरी यही है, बाप — दादा की तरह नहीं कि खाया और मर गए; जो ये रोटी खाएगा वो हमेशा तक ज़िन्दा रहेगा।” (aiōn g165)
Mana bu ǝrxtin qüxkǝn nandur. Bu nan ata-bowiliringlar yegǝn «[manna]»dǝk ǝmǝs; qünki ular «[manna]»ni yeyixi bilǝn ɵldi; biraⱪ bu nanni istemal ⱪilƣuqi bolsa mǝnggü yaxaydu! (aiōn g165)
59 ये बातें उसने कफ़रनहूम के एक 'इबादतख़ाने में ता'लीम देते वक़्त कहीं।
Bu sɵzlǝrni u Kǝpǝrnaⱨumdiki sinagogda tǝlim bǝrginidǝ eytⱪanidi.
60 इसलिए उसके शागिर्दों में से बहुतों ने सुनकर कहा, “ये कलाम नागवार है, इसे कौन सुन सकता है?”
Xuning bilǝn uning muhlisliridin nurƣunliri buni angliƣanda: — Bu tǝlim bǝk eƣir ikǝn! Buni kim anglap kɵtürǝlisun? — deyixti.
61 ईसा ने अपने जी में जानकर कि मेरे शागिर्द आपस में इस बात पर बुदबुदाते हैं, उनसे कहा, “क्या तुम इस बात से ठोकर खाते हो?
Biraⱪ ɵz iqidǝ muhlislirining bu toƣrisida ƣotuldaxⱪinini bilgǝn Əysa ularƣa: — Bu sɵzüm silǝrni taydurdimu?
62 अगर तुम इब्न — ए — आदम को ऊपर जाते देखोगे, जहाँ वो पहले था तो क्या होगा?
Əmdi mubada Insan’oƣlining ǝsli kǝlgǝn jayƣa kɵtürülüwatⱪinini kɵrsǝnglar, ⱪandaⱪ bolar?!
63 ज़िन्दा करने वाली तो रूह है, जिस्म से कुछ फ़ाइदा नहीं; जो बातें मैंने तुम से कहीं हैं, वो रूह हैं और ज़िन्दगी भी हैं।
[Insanƣa] ⱨayatliⱪ bǝrgüqi — Roⱨtur. Insanning ǝtliri bolsa ⱨeqⱪandaⱪ payda bǝrmǝydu. Mǝn silǝrgǝ eytⱪan sɵzlirim bolsa ⱨǝm roⱨtur wǝ ⱨǝm ⱨayatliⱪtur.
64 मगर तुम में से कुछ ऐसे हैं जो ईमान नहीं लाए।” क्यूँकि ईसा शुरू' से जानता था कि जो ईमान नहीं लाते वो कौन हैं, और कौन मुझे पकड़वाएगा।
Lekin aranglardin etiⱪad ⱪilmiƣan bǝzilǝr bar, — dedi (qünki Əysa etiⱪad ⱪilmiƣanlarning wǝ ɵzigǝ satⱪunluⱪ ⱪilidiƣanning kim ikǝnlikini baxtila bilǝtti).
65 फिर उसने कहा, “इसी लिए मैंने तुम से कहा था कि मेरे पास कोई नहीं आ सकता जब तक बाप की तरफ़ से उसे ये तौफ़ीक़ न दी जाए।”
Xuning bilǝn u mundaⱪ dedi: — Mǝn xu sǝwǝbtin silǝrgǝ xuni eyttimki, Atamdin ata ⱪilinmisa, ⱨeqkim mening yenimƣa kelǝlmǝydu!
66 इस पर उसके शागिर्दों में से बहुत से लोग उल्टे फिर गए और इसके बाद उसके साथ न रहे।
Xu waⱪittin tartip muhlisliridin heli kɵpi qekinip qiⱪip, uning bilǝn yǝnǝ mangmaydiƣan boldi.
67 पस ईसा ने उन बारह से कहा, “क्या तुम भी चले जाना चाहते हो?”
Xunga Əysa on ikkiylǝndin: — Silǝrmu, ⱨǝm [mǝndin] ketixni halamsilǝr? — dǝp soridi.
68 शमौन पतरस ने उसे जवाब दिया, “ऐ ख़ुदावन्द! हम किसके पास जाएँ? हमेशा की ज़िन्दगी की बातें तो तेरे ही पास हैं? (aiōnios g166)
Simon Petrus uningƣa jawab ⱪilip: — I Rǝb, biz kimning yeniƣa ketǝttuⱪ? Mǝnggü ⱨayatliⱪ sɵzliri sǝndilidur! (aiōnios g166)
69 और हम ईमान लाए और जान गए हैं कि, ख़ुदा का क़ुद्दूस तू ही है।”
Wǝ xuningƣa ixǝnduⱪ wǝ xuni bilip yǝttuⱪki, sǝn Hudaning Muⱪǝddǝs Bolƣuqisidursǝn! — dedi.
70 ईसा ने उन्हें जवाब दिया, “क्या मैंने तुम बारह को नहीं चुन लिया? और तुम में से एक शख़्स शैतान है।”
Əysa ularƣa jawabǝn: — Mǝn silǝr on ikkinglarni tallidim ǝmǝsmu, biraⱪ aranglarda birsi Iblistur! — dedi
71 उसने ये शमौन इस्करियोती के बेटे यहुदाह की निस्बत कहा, क्यूँकि यही जो उन बारह में से था उसे पकड़वाने को था।
(uning bu degini Ixⱪariyotluⱪ Simonning oƣli Yǝⱨudani kɵrsǝtkǝnidi, qünki Yǝⱨuda on ikkiylǝnning biri bolƣini bilǝn, keyin ɵzigǝ satⱪunluⱪ ⱪilidu).

< यूहन्ना 6 >