< यूहन्ना 18 >

1 यह कह कर ईसा अपने शागिर्दों के साथ निकला और वादी — ए — क़िद्रोन को पार करके एक बाग़ में दाख़िल हुआ।
Having said these things, Jesus, went out, with his disciples, across the winter-torrent of the Kedron, where was a garden, —into which he entered, he, and his disciples.
2 यहूदाह जो उसे दुश्मन के हवाले करने वाला था वह भी इस जगह से वाक़िफ़ था, क्यूँकि ईसा वहाँ अपने शागिर्दों के साथ जाया करता था।
Now, Judas also, who was delivering him up, knew the place: because, oft, had Jesus been gathered there, with his disciples.
3 राहनुमा इमामों और फ़रीसियों ने यहूदाह को रोमी फ़ौजियों का दस्ता और बैत — उल — मुक़द्दस के कुछ पहरेदार दिए थे। अब यह मशा'लें, लालटैन और हथियार लिए बाग़ में पहुँचे।
Judas, therefore, receiving the band, and officers, from among the High-priests and [from among] the Pharisees, cometh thither, with lights and torches and weapons.
4 ईसा को मालूम था कि उसे क्या पेश आएगा। चुनाँचे उस ने निकल कर उन से पूछा, “तुम किस को ढूँड रहे हो?”
Jesus, therefore, knowing all the things coming upon him, went forth, and saith unto them—Whom, seek ye?
5 उन्हों ने जवाब दिया, “ईसा नासरी को।” ईसा ने उन्हें बताया, “मैं ही हूँ।” यहूदाह जो उसे दुश्मन के हवाले करना चाहता था, वह भी उन के साथ खड़ा था।
They answered him—Jesus, the Nazarene. He saith unto them—I, am he. Now Judas also, who was delivering him up, was standing with them.
6 जब ईसा ने एलान किया, “मैं ही हूँ,” तो सब पीछे हट कर ज़मीन पर गिर पड़े।
When, therefore, he said unto them, I, am he, they went backwards, and fell to the ground.
7 एक और बार ईसा ने उन से सवाल किया, “तुम किस को ढूँड रहे हो?”
Again, therefore, he questioned them—Whom, seek ye? And, they, said—Jesus, the Nazarene.
8 उस ने कहा, “मैं तुम को बता चुका हूँ कि मैं ही हूँ। अगर तुम मुझे ढूँड रहे हो तो इन को जाने दो।”
Jesus answered—I told you, I, am he. If, then, ye seek me, let these go their way: —
9 यूँ उस की यह बात पूरी हुई, “मैं ने उन में से जो तू ने मुझे दिए हैं एक को भी नहीं खोया।”
that the word might be fulfilled which he had said—As touching them whom thou hast given me, I lost from among them, not so much as one.
10 शमौन पतरस के पास तलवार थी। अब उस ने उसे मियान से निकाल कर इमाम — ए — आज़म के ग़ुलाम का दहना कान उड़ा दिया (ग़ुलाम का नाम मलख़ुस था)
Simon Peter, therefore, having a sword, drew it, and smote the High-priest’s servant, and cut off his right ear. Now the name of the servant was Malchus.
11 लेकिन ईसा ने पतरस से कहा, “तलवार को मियान में रख। क्या मैं वह प्याला न पियूँ जो बाप ने मुझे दिया है?”
Jesus, therefore, said unto Peter—Thrust the sword into its sheath: —The cup which the Father hath given me, shall I in anywise not drink it?
12 फिर फ़ौजी दस्ते, उन के अफ़्सर और बैत — उल — मुक़द्दस के यहूदी पहरेदारों ने ईसा को गिरफ़्तार करके बाँध लिया।
The band, therefore, and the captain, and the officers of the Jews, apprehended Jesus, and bound him,
13 पहले वह उसे हन्ना के पास ले गए। हन्ना उस साल के इमाम — ए — आज़म काइफ़ा का ससुर था।
and led him unto Annas, first; for he was father-in-law of Caiaphas, who was the High-priest of that year.
14 काइफ़ा ही ने यहूदियों को यह मशवरा दिया था कि बेहतर यह है कि एक ही आदमी उम्मत के लिए मर जाए।
Now Caiaphas was he that gave counsel unto the Jews, that it was profitable for, one man, to die in behalf of the people.
15 शमौन पतरस किसी और शागिर्द के साथ ईसा के पीछे हो लिया था। यह दूसरा शागिर्द इमाम — ए — आज़म का जानने वाला था, इस लिए वह ईसा के साथ इमाम — ए — आज़म के सहन में दाख़िल हुआ।
And Simon Peter was following with Jesus, also another disciple. But, that disciple, was known unto the High-priest, and entered in, with Jesus, into the court of the High-priest;
16 पतरस बाहर दरवाज़े पर खड़ा रहा। फिर इमाम — ए — आज़म का जानने वाला शागिर्द दुबारा निकल आया। उस ने दरवाज़े की निगरानी करने वाली औरत से बात की तो उसे पतरस को अपने साथ अन्दर ले जाने की इजाज़त मिली।
whereas, Peter, remained standing at the door outside. The other disciple, therefore, that was known of the High-priest, went out, and spake unto the portress, and brought in Peter.
17 उस औरत ने पतरस से पूछा, “तुम भी इस आदमी के शागिर्द हो कि नहीं?” उस ने जवाब दिया, “नहीं, मैं नहीं हूँ।”
The female servant, therefore, the portress, saith unto Peter—Art, thou also, from among the disciples of this man? He, saith—I am not!
18 ठन्डा थी, इस लिए ग़ुलामों और पहरेदारों ने लकड़ी के कोयलों से आग जलाई। अब वह उस के पास खड़े ताप रहे थे। पतरस भी उन के साथ खड़ा ताप रहा था।
Now the servants and the officers were standing by, having made, a coal fire, because it was cold, —and were warming themselves; and Peter also was with them, standing and warming himself.
19 इतने में इमाम — ए — आज़म ईसा की पूछ — ताछ करके उस के शागिर्दों और तालीमों के बारे में पूछ — ताछ करने लगा।
The High-priest, therefore, questioned Jesus concerning his disciples, and concerning his teaching.
20 ईसा ने जवाब में कहा, “मैं ने दुनियाँ में खुल कर बात की है। मैं हमेशा यहूदी इबादतख़ानों और हैकल में तालीम देता रहा, वहाँ जहाँ तमाम यहूदी जमा हुआ करते हैं। पोशीदगी में तो मैं ने कुछ नहीं कहा।
Jesus answered him—I, openly, have spoken, unto the world, —I, ever, taught, in synagogue, and in the temple, where all the Jews gather together; and, in secret, spake nothing:
21 आप मुझ से क्यूँ पूछ रहे हैं? उन से दरयाफ़्त करें जिन्हों ने मेरी बातें सुनी हैं। उन को मालूम है कि मैं ने क्या कुछ कहा है।”
Why questionest thou me? question them who have heard, what I spake unto them. See! these, know what, I, said.
22 “इस पर साथ खड़े हैकल के पहरेदारों में से एक ने ईसा के मुँह पर थप्पड़ मार कर कहा, क्या यह इमाम — ए — आज़म से बात करने का तरीक़ा है जब वह तुम से कुछ पूछे?”
And, when, these things, he had said, one of the officers who was standing by, gave a smart blow to Jesus, saying—Thus, answerest thou, the High-priest?
23 ईसा ने जवाब दिया, “अगर मैं ने बुरी बात की है तो साबित कर। लेकिन अगर सच कहा, तो तू ने मुझे क्यूँ मारा?”
Jesus answered him—If, with abuse, I spake, bear witness of the abuse: but, if with respect, why, smitest thou me?
24 फिर हन्ना ने ईसा को बँधी हुई हालत में इमाम — ए — आज़म काइफ़ा के पास भेज दिया।
Annas therefore sent him forth, bound, unto Caiaphas the High-priest.
25 शमौन पतरस अब तक आग के पास खड़ा ताप रहा था। इतने में दूसरे उस से पूछने लगे, “तुम भी उस के शागिर्द हो कि नहीं?”
Now Simon Peter was standing and warming himself. They said, therefore, unto him—Art, thou also, from among his disciples? He, denied, and said—I am not!
26 फिर इमाम — ए — आज़म का एक ग़ुलाम बोल उठा जो उस आदमी का रिश्तेदार था जिस का कान पतरस ने उड़ा दिया था, “क्या मैं ने तुम को बाग़ में उस के साथ नहीं देखा था?”
Saith one from among the servants of the High-priest, being, kinsman, of him whose ear Peter cut off, —Did not, I, see thee, in the garden with him?
27 पतरस ने एक बार फिर इन्कार किया, और इन्कार करते ही मुर्ग़ की बाँग सुनाई दी।
Again, therefore, Peter denied. And, straightway, a cock crew.
28 फिर यहूदी ईसा को काइफ़ा से ले कर रोमी गवर्नर के महल बनाम प्रैटोरियुम के पास पहुँच गए। अब सुबह हो चुकी थी और चूँकि यहूदी फ़सह की ईद के खाने में शरीक होना चाहते थे, इस लिए वह महल में दाख़िल न हुए, वर्ना वह नापाक हो जाते।
So they lead Jesus from Caiaphas unto the judgment-hall. Now it was early; and, they themselves, entered not into the judgment-hall, that they might not be defiled, but might eat the passover.
29 चुनाँचे पिलातुस निकल कर उन के पास आया और पूछा, “तुम इस आदमी पर क्या इल्ज़ाम लगा रहे हो?”
Pilate, therefore, went forth outside unto them, and saith, —What accusation bring ye against this man?
30 उन्हों ने जवाब दिया, “अगर यह मुजरिम न होता तो हम इसे आप के हवाले न करते।”
They answered and said unto him—If this one had not been doing, mischief, unto thee, had we not delivered him up.
31 पिलातुस ने अगुवों से कहा, “फिर इसे ले जाओ और अपनी शरई अदालतों में पेश करो।” लेकिन यहूदियों ने एतराज़ किया, “हमें किसी को सज़ा-ए-मौत देने की इजाज़त नहीं।”
Pilate, therefore, said unto them—Ye, take him, and, according to your law, judge ye him. The Jews said unto him—Unto us, it is not allowed, to kill anyone!—
32 ईसा ने इस तरफ़ इशारा किया था कि वह किस तरह की मौत मरेगा और अब उस की यह बात पूरी हुई।
that, the word of Jesus, might be fulfilled, which he spake, signifying, by what manner of death, he was about to die.
33 तब पिलातुस फिर अपने महल में गया। वहाँ से उस ने ईसा को बुलाया और उस से पूछा, “क्या तुम यहूदियों के बादशाह हो?”
Pilate, therefore, entered again into the judgment-hall; and addressed Jesus, and said unto him—Art, thou, the king of the Jews?
34 ईसा ने पूछा, “क्या आप अपनी तरफ़ से यह सवाल कर रहे हैं, या औरों ने आप को मेरे बारे में बताया है?”
Jesus answered—Of thyself, art, thou, this thing saying; or did, others, tell thee concerning me?
35 पिलातुस ने जवाब दिया, “क्या मैं यहूदी हूँ?” तुम्हारी अपनी क़ौम और राहनुमा इमामों ही ने तुम्हें मेरे हवाले किया है। तुम से क्या कुछ हुआ है?
Pilate answered—Am, I, a Jew? Thine own nation, and the High-priests, delivered thee up, unto me! What, hast thou done?
36 ईसा ने कहा, “मेरी बादशाही इस दुनियाँ की नहीं है। अगर वह इस दुनियाँ की होती तो मेरे ख़ादिम सख़्त जद्द — ओ — जह्द करते ताकि मुझे यहूदियों के हवाले न किया जाता। लेकिन ऐसा नहीं है। अब मेरी बादशाही यहाँ की नहीं है।”
Jesus answered—My kingdom, is not of this world: If, of this world, had been my kingdom, mine own officers, would have been striving, that I should not be delivered up unto the Jews: but, now, my kingdom, is not from hence.
37 पीलातुस ने कहा, “तो फिर तुम वाक़ई बादशाह हो?” ईसा ने जवाब दिया, “आप सहीह कहते हैं, मैं बादशाह हूँ। मैं इसी मक़्सद के लिए पैदा हो कर दुनिया में आया कि सच्चाई की गवाही दूँ। जो भी सच्चाई की तरफ़ से है वह मेरी सुनता है।”
Pilate, therefore, said unto him—And yet, thou, art, not a king? Jesus answered—Thou, sayest, that, a king, I am: I, for this, have been born, and, for this, have come into the world, —that I may bear witness unto the truth: Every one who is of the truth, hearkeneth unto my voice.
38 पीलातुस ने पूछा, “सच्चाई क्या है?” फिर वह दुबारा निकल कर यहूदियों के पास गया। उस ने एलान किया, “मुझे उसे मुज्रिम ठहराने की कोई वजह नहीं मिली।
Pilate saith unto him—What, is truth? And, this saying, again, went he out to the Jews, and saith unto them, —I, find in him, not a single fault.
39 “लेकिन तुम्हारी एक रस्म है जिस के मुताबिक़ मुझे ईद — ए — फ़सह के मौक़े पर तुम्हारे लिए एक क़ैदी को रिहा करना है। क्या तुम चाहते हो कि मैं ‘यहूदियों के बादशाह’ को रिहा कर दूँ?”
Howbeit ye have, a custom, that, some one, I should release unto you, during the passover: —Are ye minded, then, that I release unto you the king of the Jews?
40 लेकिन जवाब में लोग चिल्लाने लगे, “नहीं, इस को नहीं बल्कि बर — अब्बा को।” (बर — अब्बा डाकू था)
So they cried aloud again, saying—Not this man, but Barabbas! Now, Barabbas, was, a robber.

< यूहन्ना 18 >