< यूहन्ना 12 >

1 फ़सह की ईद में अभी छः दिन बाक़ी थे कि ईसा बैत — अनियाह पहुँचा। यह वह जगह थी जहाँ उस लाज़र का घर था जिसे ईसा ने मुर्दों में से ज़िन्दा किया था।
نِسْتاروتْسَواتْ پُورْوَّں دِنَشَٹْکے سْتھِتے یِیشُ رْیَں پْرَمِیتَمْ اِلِیاسَرَں شْمَشانادْ اُدَسْتھاپَرَتْ تَسْیَ نِواسَسْتھانَں بَیتھَنِیاگْرامَمْ آگَچّھَتْ۔
2 वहाँ उस के लिए एक ख़ास खाना बनाया गया। मर्था खाने वालों की ख़िदमत कर रही थी जबकि लाज़र ईसा और बाक़ी मेहमानों के साथ खाने में शरीक था।
تَتْرَ تَدَرْتھَں رَجَنْیاں بھوجْیے کرِتے مَرْتھا پَرْیَّویشَیَدْ اِلِیاسَرْ چَ تَسْیَ سَنْگِبھِح سارْدّھَں بھوجَناسَنَ اُپاوِشَتْ۔
3 फिर मरियम ने आधा लीटर ख़ालिस जटामासी का बेशक़ीमती इत्र ले कर ईसा के पैरों पर डाल दिया और उन्हें अपने बालों से पोंछ कर ख़ुश्क किया। ख़ुश्बू पूरे घर में फैल गई।
تَدا مَرِیَمْ اَرْدّھَسیٹَکَں بَہُمُولْیَں جَٹاماںسِییَں تَیلَمْ آنِییَ یِیشوشْچَرَنَیو رْمَرْدَّیِتْوا نِجَکیشَ رْمارْشْٹُمْ آرَبھَتَ؛ تَدا تَیلَسْیَ پَرِمَلینَ گرِہَمْ آمودِتَمْ اَبھَوَتْ۔
4 लेकिन ईसा के शागिर्द यहूदाह इस्करियोती ने एतराज़ किया (बाद में उसी ने ईसा को दुश्मन के हवाले कर दिया) उस ने कहा,
یَح شِمونَح پُتْرَ رِشْکَرِیوتِییو یِہُوداناما یِیشُں پَرَکَریشُ سَمَرْپَیِشْیَتِ سَ شِشْیَسْتَدا کَتھِتَوانْ،
5 “इस इत्र की क़ीमत लगभग एक साल की मज़दूरी के बराबर थी। इसे क्यूँ नहीं बेचा गया ताकि इस के पैसे ग़रीबों को दिए जाते?”
ایتَتَّیلَں تْرِبھِح شَتَے رْمُدْراپَدَے رْوِکْرِیتَں سَدْ دَرِدْریبھْیَح کُتو نادِییَتَ؟
6 उस ने यह बात इस लिए नहीं की कि उसे ग़रीबों की फ़िक्र थी। असल में वह चोर था। वह शागिर्दों का ख़ज़ांची था और जमाशुदा पैसों में से ले लिया करता था।
سَ دَرِدْرَلوکارْتھَمْ اَچِنْتَیَدْ اِتِ نَ، کِنْتُ سَ چَورَ ایوَں تَنِّکَٹے مُدْراسَمْپُٹَکَسْتھِتْیا تَنْمَدھْیے یَدَتِشْٹھَتْ تَدَپاہَرَتْ تَسْماتْ کارَنادْ اِماں کَتھامَکَتھَیَتْ۔
7 लेकिन ईसा ने कहा, “उसे छोड़ दे! उस ने मेरी दफ़्नाने की तय्यारी के लिए यह किया है।
تَدا یِیشُرَکَتھَیَدْ ایناں ما وارَیَ سا مَمَ شْمَشانَسْتھاپَنَدِنارْتھَں تَدَرَکْشَیَتْ۔
8 ग़रीब तो हमेशा तुम्हारे पास रहेंगे, लेकिन मैं हमेशा तुम्हारे पास नहीं रहूँगा।”
دَرِدْرا یُشْماکَں سَنِّدھَو سَرْوَّدا تِشْٹھَنْتِ کِنْتْوَہَں سَرْوَّدا یُشْماکَں سَنِّدھَو نَ تِشْٹھامِ۔
9 इतने में यहूदियों की बड़ी तहदाद को मालूम हुआ कि ईसा वहाँ है। वह न सिर्फ़ ईसा से मिलने के लिए आए बल्कि लाज़र से भी जिसे उस ने मुर्दों में से ज़िन्दा किया था।
تَتَح پَرَں یِیشُسْتَتْراسْتِیتِ وارْتّاں شْرُتْوا بَہَوو یِہُودِییاسْتَں شْمَشانادُتّھاپِتَمْ اِلِیاسَرَنْچَ دْرَشْٹُں تَتْ سْتھانَمْ آگَچّھَنَ۔
10 इस लिए राहनुमा इमामों ने लाज़र को भी क़त्ल करने का इरादा बनाया।
تَدا پْرَدھانَیاجَکاسْتَمْ اِلِیاسَرَمَپِ سَںہَرْتُّمْ اَمَنْتْرَیَنْ ؛
11 क्यूँकि उस की वजह से बहुत से यहूदी उन में से चले गए और ईसा पर ईमान ले आए थे।
یَتَسْتینَ بَہَوو یِہُودِییا گَتْوا یِیشَو وْیَشْوَسَنْ۔
12 अगले दिन ईद के लिए आए हुए लोगों को पता चला कि ईसा येरूशलेम आ रहा है। एक बड़ा मजमा
اَنَنْتَرَں یِیشُ رْیِرُوشالَمْ نَگَرَمْ آگَچّھَتِیتِ وارْتّاں شْرُتْوا پَرےہَنِ اُتْسَواگَتا بَہَوو لوکاح
13 खजूर की डालियाँ पकड़े शहर से निकल कर उस से मिलने आया। चलते चलते वह चिल्ला कर नहरे लगा रहे थे, “होशाना! मुबारक है वह जो रब्ब के नाम से आता है! इस्राईल का बादशाह मुबारक है!”
کھَرْجُّورَپَتْرادْیانِییَ تَں ساکْشاتْ کَرْتُّں بَہِراگَتْیَ جَیَ جَییتِ واچَں پْروچَّے رْوَکْتُمْ آرَبھَنْتَ، اِسْراییلو یو راجا پَرَمیشْوَرَسْیَ نامْناگَچّھَتِ سَ دھَنْیَح۔
14 ईसा को कहीं से एक जवान गधा मिल गया और वह उस पर बैठ गया, जिस तरह कलाम — ए — मुक़द्दस में लिखा है,
تَدا "ہے سِیونَح کَنْیے ما بھَیشِیح پَشْیایَں تَوَ راجا گَرْدَّبھَشاوَکَمْ آرُہْیاگَچّھَتِ"
15 “ऐ सिय्यून की बेटी, मत डर! देख, तेरा बादशाह गधे के बच्चे पर सवार आ रहा है।”
اِتِ شاسْتْرِییَوَچَنانُسارینَ یِیشُریکَں یُوَگَرْدَّبھَں پْراپْیَ تَدُپَرْیّاروہَتْ۔
16 उस वक़्त उस के शागिर्दों को इस बात की समझ न आई। लेकिन बाद में जब ईसा अपने जलाल को पहुँचा तो उन्हें याद आया कि लोगों ने उस के साथ यह कुछ किया था और वह समझ गए कि कलाम — ए — मुक़द्दस में इस का ज़िक्र भी है।
اَسْیاح گھَٹَنایاسْتاتْپَرْیَّں شِشْیاح پْرَتھَمَں نابُدھْیَنْتَ، کِنْتُ یِیشَو مَہِمانَں پْراپْتے سَتِ واکْیَمِدَں تَسْمِنَ اَکَتھْیَتَ لوکاشْچَ تَمْپْرَتِیتّھَمْ اَکُرْوَّنْ اِتِ تے سْمرِتَوَنْتَح۔
17 जो मजमा उस वक़्त ईसा के साथ था जब उस ने लाज़र को मुर्दों में से ज़िन्दा किया था, वह दूसरों को इस के बारे में बताता रहा था।
سَ اِلِیاسَرَں شْمَشانادْ آگَنْتُمْ آہْوَتَوانْ شْمَشانانْچَ اُدَسْتھاپَیَدْ یے یے لوکاسْتَتْکَرْمْیَ ساکْشادْ اَپَشْیَنْ تے پْرَمانَں داتُمْ آرَبھَنْتَ۔
18 इसी वजह से इतने लोग ईसा से मिलने के लिए आए थे, उन्हों ने उस के इस ख़ुदाई करिश्मे के बारे में सुना था।
سَ ایتادرِشَمْ اَدْبھُتَں کَرْمَّکَروتْ تَسْیَ جَنَشْرُتے رْلوکاسْتَں ساکْشاتْ کَرْتُّمْ آگَچّھَنْ۔
19 यह देख कर फ़रीसी आपस में कहने लगे, “आप देख रहे हैं कि बात नहीं बन रही। देखो, तमाम दुनियाँ उस के पीछे हो ली है।”
تَتَح پھِرُوشِنَح پَرَسْپَرَں وَکْتُمْ آرَبھَنْتَ یُشْماکَں سَرْوّاشْچیشْٹا ورِتھا جاتاح، اِتِ کِں یُویَں نَ بُدھْیَدھْوے؟ پَشْیَتَ سَرْوّے لوکاسْتَسْیَ پَشْچادْوَرْتِّنوبھَوَنْ۔
20 कुछ यूनानी भी उन में थे जो फ़सह की ईद के मौक़े पर इबादत करने के लिए आए हुए थे।
بھَجَنَں کَرْتُّمْ اُتْسَواگَتاناں لوکاناں کَتِپَیا جَنا اَنْیَدیشِییا آسَنْ ،
21 अब वह फ़िलिप्पुस से मिलने आए जो गलील के बैत — सैदा से था। उन्हों ने कहा, “जनाब, हम ईसा से मिलना चाहते हैं।”
تے گالِیلِییَبَیتْسَیدانِواسِنَح پھِلِپَسْیَ سَمِیپَمْ آگَتْیَ وْیاہَرَنْ ہے مَہیچّھَ وَیَں یِیشُں دْرَشْٹُمْ اِچّھامَح۔
22 फ़िलिप्पुस ने अन्द्रियास को यह बात बताई और फिर वह मिल कर ईसा के पास गए और उसे यह ख़बर पहुँचाई।
تَتَح پھِلِپو گَتْوا آنْدْرِیَمْ اَوَدَتْ پَشْچادْ آنْدْرِیَپھِلِپَو یِیشَوے وارْتّامْ اَکَتھَیَتاں۔
23 लेकिन ईसा ने जवाब दिया, “अब वक़्त आ गया है कि इब्न — ए — आदम को जलाल मिले।
تَدا یِیشُح پْرَتْیُدِتَوانْ مانَوَسُتَسْیَ مَہِمَپْراپْتِسَمَیَ اُپَسْتھِتَح۔
24 मैं तुम को सच बताता हूँ कि जब तक गन्दुम का दाना ज़मीन में गिर कर मर न जाए वह अकेला ही रहता है। लेकिन जब वह मर जाता है तो बहुत सा फल लाता है।
اَہَں یُشْمانَتِیَتھارْتھَں وَدامِ، دھانْیَبِیجَں مرِتِّکایاں پَتِتْوا یَدِ نَ مرِیَتے تَرْہْییکاکِی تِشْٹھَتِ کِنْتُ یَدِ مرِیَتے تَرْہِ بَہُگُنَں پھَلَں پھَلَتِ۔
25 जो अपनी जान को प्यार करता है वह उसे खो देगा, और जो इस दुनियाँ में अपनी जान से दुश्मनी रखता है वह उसे हमेशा तक बचाए रखेगा। (aiōnios g166)
یو جَنے نِجَپْرانانْ پْرِیانْ جاناتِ سَ تانْ ہارَیِشْیَتِ کِنْتُ یے جَنَ اِہَلوکے نِجَپْرانانْ اَپْرِیانْ جاناتِ سےنَنْتایُح پْراپْتُں تانْ رَکْشِشْیَتِ۔ (aiōnios g166)
26 अगर कोई मेरी ख़िदमत करना चाहे तो वह मेरे पीछे हो ले, क्यूँकि जहाँ मैं हूँ वहाँ मेरा ख़ादिम भी होगा। और जो मेरी ख़िदमत करे मेरा बाप उस की इज़्ज़त करेगा।
کَشْچِدْ یَدِ مَمَ سیوَکو بھَوِتُں وانْچھَتِ تَرْہِ سَ مَمَ پَشْچادْگامِی بھَوَتُ، تَسْمادْ اَہَں یَتْرَ تِشْٹھامِ مَمَ سیوَکےپِ تَتْرَ سْتھاسْیَتِ؛ یو جَنو ماں سیوَتے مَمَ پِتاپِ تَں سَمَّںسْیَتے۔
27 “अब मेरा दिल घबराता है। मैं क्या कहूँ? क्या मैं कहूँ, ‘ऐ बाप, मुझे इस वक़्त से बचाए रख’? नहीं, मैं तो इसी लिए आया हूँ।
سامْپْرَتَں مَمَ پْرانا وْیاکُلا بھَوَنْتِ، تَسْمادْ ہے پِتَرَ ایتَسْماتْ سَمَیانْ ماں رَکْشَ، اِتْیَہَں کِں پْرارْتھَیِشْیے؟ کِنْتْوَہَمْ ایتَتْسَمَیارْتھَمْ اَوَتِیرْنَوانْ۔
28 ऐ बाप, अपने नाम को जलाल दे।” पस आसमान से आवाज़ आई कि मैंने उस को जलाल दिया है और भी दूँगा
ہے پِتَ: سْوَنامْنو مَہِمانَں پْرَکاشَیَ؛ تَنَیوَ سْوَنامْنو مَہِمانَمْ اَہَں پْراکاشَیَں پُنَرَپِ پْرَکاشَیِشْیامِ، ایشا گَگَنِییا وانِی تَسْمِنْ سَمَیےجایَتَ۔
29 मजमा के जो लोग वहाँ खड़े थे उन्हों ने यह सुन कर कहा, बादल गरज रहे हैं। औरों ने ख़याल पेश किया, “कोई फ़रिश्ते ने उस से बातें की”
تَچْشْرُتْوا سَمِیپَسْتھَلوکاناں کیچِدْ اَوَدَنْ میگھوگَرْجِیتْ، کیچِدْ اَوَدَنْ سْوَرْگِییَدُوتونینَ سَہَ کَتھامَچَکَتھَتْ۔
30 ईसा ने उन्हें बताया, “यह आवाज़ मेरे वास्ते नहीं बल्कि तुम्हारे वास्ते थी।
تَدا یِیشُح پْرَتْیَوادِیتْ، مَدَرْتھَں شَبْدویَں نابھُوتْ یُشْمَدَرْتھَمیوابھُوتْ۔
31 अब दुनियाँ की अदालत करने का वक़्त आ गया है, अब दुनियाँ पे हुकूमत करने वालों को निकाल दिया जाएगा।
اَدھُنا جَگَتوسْیَ وِچارَ: سَمْپَتْسْیَتے، اَدھُناسْیَ جَگَتَ: پَتِی راجْیاتْ چْیوشْیَتِ۔
32 और मैं ख़ुद ज़मीन से ऊँचे पर चढ़ाए जाने के बाद सब को अपने पास बुला लूँगा।”
یَدْیَاِی پرِتھِوْیا اُورْدْوّے پْروتّھاپِتوسْمِ تَرْہِ سَرْوّانْ مانَوانْ سْوَسَمِیپَمْ آکَرْشِشْیامِ۔
33 इन बातों से उस ने इस तरफ़ इशारा किया कि वह किस तरह की मौत मरेगा।
کَتھَں تَسْیَ مرِتِ رْبھَوِشْیَتِ، ایتَدْ بودھَیِتُں سَ اِماں کَتھامْ اَکَتھَیَتْ۔
34 मजमा बोल उठा, कलाम — ए — मुक़द्दस से हम ने सुना है कि मसीह हमेशा तक क़ाईम रहेगा। तो फिर आप की यह कैसी बात है कि “इब्न — ए — आदम को ऊँचे पर चढ़ाया जाना है?” आख़िर इब्न — ए — आदम है कौन? (aiōn g165)
تَدا لوکا اَکَتھَیَنْ سوبھِشِکْتَح سَرْوَّدا تِشْٹھَتِیتِ وْیَوَسْتھاگْرَنْتھے شْرُتَمْ اَسْمابھِح، تَرْہِ مَنُشْیَپُتْرَح پْروتّھاپِتو بھَوِشْیَتِیتِ واکْیَں کَتھَں وَدَسِ؟ مَنُشْیَپُتْرویَں کَح؟ (aiōn g165)
35 ईसा ने जवाब दिया, “रोशनी थोड़ी देर और तुम्हारे पास रहेगी। जितनी देर वह मौजूद है इस रोशनी में चलते रहो ताकि अँधेरा तुम पर छा न जाए। जो अंधेरे में चलता है उसे नहीं मालूम कि वह कहाँ जा रहा है।
تَدا یِیشُرَکَتھایَدْ یُشْمابھِح سارْدّھَمْ اَلْپَدِنانِ جْیوتِراسْتے، یَتھا یُشْمانْ اَنْدھَکارو ناچّھادَیَتِ تَدَرْتھَں یاوَتْکالَں یُشْمابھِح سارْدّھَں جْیوتِسْتِشْٹھَتِ تاوَتْکالَں گَچّھَتَ؛ یو جَنونْدھَکارے گَچّھَتِ سَ کُتْرَ یاتِیتِ نَ جاناتِ۔
36 रोशनी तुम्हारे पास से चले जाने से पहले पहले उस पर ईमान लाओ ताकि तुम ख़ुदा के फ़र्ज़न्द बन जाओ।”
اَتَایوَ یاوَتْکالَں یُشْماکَں نِکَٹے جْیوتِراسْتے تاوَتْکالَں جْیوتِیرُوپَسَنْتانا بھَوِتُں جْیوتِشِ وِشْوَسِتَ؛ اِماں کَتھاں کَتھَیِتْوا یِیشُح پْرَسْتھایَ تیبھْیَح سْوَں گُپْتَوانْ۔
37 अगरचे ईसा ने यह तमाम ख़ुदाई करिश्मे उन के सामने ही दिखाए तो भी वह उस पर ईमान न लाए।
یَدْیَپِ یِیشُسْتیشاں سَمَکْشَمْ ایتاوَداشْچَرْیَّکَرْمّانِ کرِتَوانْ تَتھاپِ تے تَسْمِنْ نَ وْیَشْوَسَنْ۔
38 यूँ यसायाह नबी की पेशगोई पूरी हुई, “ऐ रब्ब, कौन हमारे पैग़ाम पर ईमान लाया? और रब्ब की क़ुद्रत किस पर ज़ाहिर हुई?”
اَتَایوَ کَح پْرَتْییتِ سُسَںوادَں پَریشاسْمَتْ پْرَچارِتَں؟ پْرَکاشَتے پَریشَسْیَ ہَسْتَح کَسْیَ چَ سَنِّدھَو؟ یِشَیِیَبھَوِشْیَدْوادِنا یَدیتَدْ واکْیَمُکْتَں تَتْ سَپھَلَمْ اَبھَوَتْ۔
39 चुनाँचे वह ईमान न ला सके, जिस तरह यसायाह नबी ने कहीं और फ़रमाया है,
تے پْرَتْییتُں ناشَنْکُوَنْ تَسْمِنْ یِشَیِیَبھَوِشْیَدْوادِ پُنَرَوادِیدْ،
40 “ख़ुदा ने उन की आँखों को अंधा किया और उन के दिल को बेहिस्स कर दिया है, नही तो वो अपनी आँखो से देखेंगे और अपने दिल से समझेंगे, और मेरी तरफ रजु करें, और मै उन्हे शिफ़ा दूं।”
یَدا، "تے نَیَنَے رْنَ پَشْیَنْتِ بُدّھِبھِشْچَ نَ بُدھْیَنْتے تَے رْمَنَحسُ پَرِوَرْتِّتیشُ چَ تانَہَں یَتھا سْوَسْتھانْ نَ کَرومِ تَتھا سَ تیشاں لوچَنانْیَنْدھانِ کرِتْوا تیشامَنْتَحکَرَنانِ گاڈھانِ کَرِشْیَتِ۔ "
41 यसायाह ने यह इस लिए फ़रमाया क्यूँकि उस ने ईसा का जलाल देख कर उस के बारे में बात की।
یِشَیِیو یَدا یِیشو رْمَہِمانَں وِلوکْیَ تَسْمِنْ کَتھامَکَتھَیَتْ تَدا بھَوِشْیَدْواکْیَمْ اِیدرِشَں پْرَکاشَیَتْ۔
42 तो भी बहुत से लोग ईसा पर ईमान रखते थे। उन में कुछ राहनुमा भी शामिल थे। लेकिन वह इस का खुला इक़रार नहीं करते थे, क्यूँकि वह डरते थे कि फ़रीसी हमें यहूदी जमाअत से निकाल देंगे।
تَتھاپْیَدھِپَتِناں بَہَوَسْتَسْمِنْ پْرَتْیایَنْ۔ کِنْتُ پھِرُوشِنَسْتانْ بھَجَنَگرِہادْ دُورِیکُرْوَّنْتِیتِ بھَیاتْ تے تَں نَ سْوِیکرِتَوَنْتَح۔
43 असल में वह ख़ुदा की इज़्ज़त के बजाए इंसान की इज़्ज़त को ज़्यादा अज़ीज़ रखते थे।
یَتَ اِیشْوَرَسْیَ پْرَشَںساتو مانَواناں پْرَشَںسایاں تےپْرِیَنْتَ۔
44 फिर ईसा पुकार उठा, “जो मुझ पर ईमान रखता है वह न सिर्फ़ मुझ पर बल्कि उस पर ईमान रखता है जिस ने मुझे भेजा है।
تَدا یِیشُرُچَّیحکارَمْ اَکَتھَیَدْ یو جَنو مَیِ وِشْوَسِتِ سَ کیوَلے مَیِ وِشْوَسِتِیتِ نَ، سَ مَتْپْریرَکےپِ وِشْوَسِتِ۔
45 और जो मुझे देखता है वह उसे देखता है जिस ने मुझे भेजा है।
یو جَنو ماں پَشْیَتِ سَ مَتْپْریرَکَمَپِ پَشْیَتِ۔
46 मैं रोशनी की तरह से इस दुनियाँ में आया हूँ ताकि जो भी मुझ पर ईमान लाए वह अंधेरे में न रहे।
یو جَنو ماں پْرَتْییتِ سَ یَتھانْدھَکارے نَ تِشْٹھَتِ تَدَرْتھَمْ اَہَں جْیوتِحسْوَرُوپو بھُوتْوا جَگَتْیَسْمِنْ اَوَتِیرْنَوانْ۔
47 जो मेरी बातें सुन कर उन पर अमल नहीं करता मैं उसका इन्साफ़ नहीं करूँगा, क्यूँकि मैं दुनियाँ का इन्साफ़ करने के लिए नहीं आया बल्कि उसे नजात देने के लिए।
مَمَ کَتھاں شْرُتْوا یَدِ کَشْچِنْ نَ وِشْوَسِتِ تَرْہِ تَمَہَں دوشِنَں نَ کَرومِ، یَتو ہیتو رْجَگَتو جَناناں دوشانْ نِشْچِتانْ کَرْتُّں ناگَتْیَ تانْ پَرِچاتُمْ آگَتوسْمِ۔
48 तो भी एक है जो उस का इन्साफ़ करता है। जो मुझे रद्द करके मेरी बातें क़ुबूल नहीं करता मेरा पेश किया गया कलाम ही क़यामत के दिन उस का इन्साफ़ करेगा।
یَح کَشْچِنْ ماں نَ شْرَدّھایَ مَمَ کَتھَں نَ گرِہْلاتِ، اَنْیَسْتَں دوشِنَں کَرِشْیَتِ وَسْتُتَسْتُ یاں کَتھامَہَمْ اَچَکَتھَں سا کَتھا چَرَمےنْہِ تَں دوشِنَں کَرِشْیَتِ۔
49 क्यूँकि जो कुछ मैं ने बयान किया है वह मेरी तरफ़ से नहीं है। मेरे भेजने वाले बाप ही ने मुझे हुक्म दिया कि क्या कहना और क्या सुनाना है।
یَتو ہیتورَہَں سْوَتَح کِمَپِ نَ کَتھَیامِ، کِں کِں مَیا کَتھَیِتَوْیَں کِں سَمُپَدیشْٹَوْیَنْچَ اِتِ مَتْپْریرَیِتا پِتا ماماجْناپَیَتْ۔
50 और मैं जानता हूँ कि उस का हुक्म हमेशा की ज़िन्दगी तक पहुँचाता है। चुनाँचे जो कुछ मैं सुनाता हूँ वही है जो बाप ने मुझे बताया है।” (aiōnios g166)
تَسْیَ ساجْنا اَنَنْتایُرِتْیَہَں جانامِ، اَتَایواہَں یَتْ کَتھَیامِ تَتْ پِتا یَتھاجْناپَیَتْ تَتھَیوَ کَتھَیامْیَہَمْ۔ (aiōnios g166)

< यूहन्ना 12 >