< यूए 2 >
1 सिय्यून में नरसिंगा फूँको; मेरे पाक पहाड़ी पर साँस बाँध कर ज़ोर से फूँको! मुल्क के तमाम रहने वाले थरथराएँ, क्यूँकि ख़ुदावन्द का दिन चला आता है; बल्कि आ पहुँचा है।
canite tuba in Sion ululate in monte sancto meo conturbentur omnes habitatores terrae quia venit dies Domini quia prope est
2 अंधेरे और तारीकी का दिन, काले बादल और जु़ल्मात का दिन है! एक बड़ी और ज़बरदस्त उम्मत जिसकी तरह न कभी हुई और न सालों तक उसके बाद होगी; पहाड़ों पर सुब्ह — ए — सादिक़ की तरह फैल जाएगी।
dies tenebrarum et caliginis dies nubis et turbinis quasi mane expansum super montes populus multus et fortis similis ei non fuit a principio et post eum non erit usque in annos generationis et generationis
3 जैसे उनके आगे आगे आग भसम करती जाती है, और उनके पीछे पीछे शो'ला जलाता जाता है। उनके आगे ज़मीन बाग़ — ए — 'अदन की तरह है और उनके पीछे वीरान बियाबान है; हाँ, उनसे कुछ नहीं बचता।
ante faciem eius ignis vorans et post eum exurens flamma quasi hortus voluptatis terra coram eo et post eum solitudo deserti neque est qui effugiat eum
4 उनके पैरों का निशान घोड़ों के जैसे हैं, और सवारों की तरह दौड़ते हैं।
quasi aspectus equorum aspectus eorum et quasi equites sic current
5 पहाड़ों की चोटियों पर रथों के खड़खड़ाने और भूसे को ख़ाक करने वाले जलाने वाली आग के शोर की तरह बलन्द होते हैं। वह जंग के लिए तरतीब में ज़बरदस्त क़ौम की तरह हैं।
sicut sonitus quadrigarum super capita montium exilient sicut sonitus flammae ignis devorantis stipulam velut populus fortis praeparatus ad proelium
6 उनके आमने सामने लोग थरथराते हैं; सब चेहरों का रंग उड़ जाता है।
a facie eius cruciabuntur populi omnes vultus redigentur in ollam
7 वह पहलवानों की तरह दौड़ते, और जंगी मर्दों की तरह दीवारों पर चढ़ जाते हैं। सब अपनी अपनी राह पर चलते हैं, और लाइन नहीं तोड़ते।
sicut fortes current quasi viri bellatores ascendent murum vir in viis suis gradietur et non declinabunt a semitis suis
8 वह एक दूसरे को नहीं ढकेलते, हर एक अपनी राह पर चला जाता है; वो जंगी हथियारों से गुज़र जाते हैं, और बेतरतीब नहीं होते।
unusquisque fratrem suum non coartabit singuli in calle suo ambulabunt sed et per fenestras cadent et non demolientur
9 वो शहर में कूद पड़ते, और दीवारों और घरों पर चढ़कर चोरों की तरह खिड़कियों से घुस जाते हैं।
urbem ingredientur in muro current domos conscendent per fenestras intrabunt quasi fur
10 उनके सामने ज़मीन — ओ — आसमान काँपते और थरथराते हैं। सूरज और चाँद तारीक, और सितारे बेनूर हो जाते हैं।
a facie eius contremuit terra moti sunt caeli sol et luna obtenebrati sunt et stellae retraxerunt splendorem suum
11 और ख़ुदावन्द अपने लश्कर के सामने ललकारता है, क्यूँकि उसका लश्कर बेशुमार है और उसके हुक्म को अंजाम देने वाला ज़बरदस्त है; क्यूँकि ख़ुदावन्द का रोज़ — ए — 'अज़ीम बहुत ख़ौफ़नाक है। कौन उसकी बर्दाश्त कर सकता है?
et Dominus dedit vocem suam ante faciem exercitus sui quia multa sunt nimis castra eius quia fortia et facientia verbum eius magnus enim dies Domini et terribilis valde et quis sustinebit eum
12 लेकिन ख़ुदावन्द फ़रमाता है, अब भी पूरे दिल से और रोज़ा रख कर और गिर्या — ओ — ज़ारी — ओ — मातम करते हुए मेरी तरफ़ फ़िरो।
nunc ergo dicit Dominus convertimini ad me in toto corde vestro in ieiunio et in fletu et in planctu
13 और अपने कपड़ों को नहीं, बल्कि दिलों को चाक करके, ख़ुदावन्द अपने ख़ुदा की तरफ़ मुतवज्जिह हो; क्यूँकि वह रहीम — ओ — मेहरबान, क़हर करने में धीमा, और शफ़क़त में ग़नी है; और 'ऐज़ाब नाज़िल करने से बाज़ रहता है।
et scindite corda vestra et non vestimenta vestra et convertimini ad Dominum Deum vestrum quia benignus et misericors est patiens et multae misericordiae et praestabilis super malitia
14 कौन जानता है कि वह बाज़ रहे, और बरकत बाक़ी छोड़े जो ख़ुदावन्द तुम्हारे ख़ुदा के लिए नज़्र की कु़र्बानी और तपावन हो।
quis scit si convertatur et ignoscat et relinquat post se benedictionem sacrificium et libamen Domino Deo nostro
15 सिय्यून में नरसिंगा फूँको, और रोज़े के लिए एक दिन पाक करो; पाक महफ़िल इकठ्ठा करो।
canite tuba in Sion sanctificate ieiunium vocate coetum
16 तुम लोगों को जमा' करो। जमा'अत को पाक करो, बुज़ुर्गों को इकट्ठा करो; बच्चों और शीरख़्वारों को भी बुलाओ। दुल्हा अपनी कोठरी से और दुल्हन अपने तन्हाई के घर से निकल आए।
congregate populum sanctificate ecclesiam coadunate senes congregate parvulos et sugentes ubera egrediatur sponsus de cubili suo et sponsa de thalamo suo
17 काहिन या'नी ख़ुदावन्द के ख़ादिम, डयोढ़ी और कु़र्बानगाह के बीच गिर्या — ओ — ज़ारी करें कहें, ऐ ख़ुदावन्द, अपने लोगों पर रहम कर, और अपनी मीरास की तौहीन न होने दे। ऐसा न हो कि दूसरी क़ौमें उन पर हुकूमत करें। वह उम्मतों के बीच क्यूँ कहें, उनका ख़ुदा कहाँ है?
inter vestibulum et altare plorabunt sacerdotes ministri Domini et dicent parce Domine populo tuo et ne des hereditatem tuam in obprobrium ut dominentur eis nationes quare dicunt in populis ubi est Deus eorum
18 तब ख़ुदावन्द को अपने मुल्क के लिए गै़रत आई और उसने अपने लोगो पर रहम किया।
zelatus est Dominus terram suam et pepercit populo suo
19 फिर ख़ुदावन्द ने अपने लोगों से फ़रमाया, मैं तुम को अनाज और नई मय और तेल 'अता फ़रमाऊँगा और तुम उनसे सेर होगे और मैं फिर तुम को क़ौमों में रुस्वा न करूँगा।
et respondit Dominus et dixit populo suo ecce ego mittam vobis frumentum et vinum et oleum et replebimini eo et non dabo vos ultra obprobrium in gentibus
20 और शिमाली लश्कर को तुम से दूर करूँगा और उसे खु़श्क वीराने में हाँक दूँगा; उसके अगले मशरिक़ी समुंदर में होंगे, और पिछले मग़रिबी समुंदर में होंगे; उससे बदबू उठेगी और 'उफ़ूनत फैलेगी, क्यूँकि उसने बड़ी गुस्ताख़ी की है।
et eum qui ab aquilone est procul faciam a vobis et expellam eum in terram inviam et desertam faciem eius contra mare orientale et extremum eius ad mare novissimum et ascendet fetor eius et ascendet putredo eius quia superbe egit
21 'ऐ ज़मीन, न घबरा; खु़शी और शादमानी कर, क्यूँकि ख़ुदावन्द ने बड़े बड़े काम किए हैं!
noli timere terra exulta et laetare quoniam magnificavit Dominus ut faceret
22 ऐ दश्ती जानवरो, न घबरा; क्यूँकि वीरान की चारागाह सब्ज़ होती है, और दरख़्त अपना फल लाते हैं। अंजीर और ताक अपनी पूरी पैदावार देते हैं।
nolite timere animalia regionis quia germinaverunt speciosa deserti quia lignum adtulit fructum suum ficus et vinea dederunt virtutem suam
23 तब ऐ बनी सिय्यून, खुश हो, और ख़ुदावन्द अपने ख़ुदा में शादमानी करो; क्यूँकि वह तुम को पहली बरसात कसरत से बख़्शेगा; वही तुम्हारे लिए बारिश, या'नी पहली और पिछली बरसात वक़्त पर भेजेगा।
et filii Sion exultate et laetamini in Domino Deo vestro quia dedit vobis doctorem iustitiae et descendere faciet ad vos imbrem matutinum et serotinum in principio
24 यहाँ तक कि खलीहान गेहूँ से भर जाएँगे, और हौज़ नई मय और तेल से लबरेज़ होंगे।
et implebuntur areae frumento et redundabunt torcularia vino et oleo
25 और उन बरसों का हासिल जो मेरी तुम्हारे ख़िलाफ़ भेजीं हुई फ़ौज़ — ए — मलख़ निगल गई, और खाकर चट कर गई; तुम को वापस दूँगा।
et reddam vobis annos quos comedit lucusta bruchus et rubigo et eruca fortitudo mea magna quam misi in vos
26 और तुम खू़ब खाओगे और सेर होगे, और ख़ुदावन्द अपने ख़ुदा के नाम की, जिसने तुम से 'अजीब सुलूक किया, इबादत करोगे और मेरे लोग हरगिज़ शर्मिन्दा न होंगे।
et comedetis vescentes et saturabimini et laudabitis nomen Domini Dei vestri qui fecit vobiscum mirabilia et non confundetur populus meus in sempiternum
27 तब तुम जानोगे कि मैं इस्राईल के बीच हूँ, और मैं ख़ुदावन्द तुम्हारा ख़ुदा हूँ, और कोई दूसरा नहीं; और मेरे लोग कभी शर्मिन्दा न होंगे।
et scietis quia in medio Israhel ego sum et ego Dominus Deus vester et non est amplius et non confundetur populus meus in aeternum
28 'और इसके बाद मैं हर फ़र्द — ए — बशर पर अपना रूह नाज़िल करूँगा, और तुम्हारे बेटे बेटियाँ नबुव्वत करेंगे; तुम्हारे बूढे ख़्वाब और जवान रोया देखेंगे।
et erit post haec effundam spiritum meum super omnem carnem et prophetabunt filii vestri et filiae vestrae senes vestri somnia somniabunt et iuvenes vestri visiones videbunt
29 बल्कि मैं उन दिनों में गु़लामों और लौंडियों पर अपना रूह नाज़िल करूँगा।
sed et super servos et ancillas in diebus illis effundam spiritum meum
30 और मैं ज़मीन — ओ — आसमान में 'अजायब ज़ाहिर करूँगा, या'नी खू़न और आग और धुंवें के खम्बे।
et dabo prodigia in caelo et in terra sanguinem et ignem et vaporem fumi
31 इस से पहले कि ख़ुदावन्द का ख़ौफ़नाक रोज़ — ए — अज़ीम आए, सूरज तारीक और चाँद ख़ून हो जाएगा।
sol vertetur in tenebras et luna in sanguinem antequam veniat dies Domini magnus et horribilis
32 और जो कोई ख़ुदावन्द का नाम लेगा नजात पाएगा, क्यूँकि कोह — ए — सिय्यून और येरूशलेम में, जैसा ख़ुदावन्द ने फ़रमाया है बच निकलने वाले होंगे, और बाक़ी लोगों में वह जिनको ख़ुदावन्द बुलाता है।
et erit omnis qui invocaverit nomen Domini salvus erit quia in monte Sion et in Hierusalem erit salvatio sicut dixit Dominus et in residuis quos Dominus vocaverit