< अय्यू 6 >
2 काश कि मेरा कुढ़ना तोला जाता, और मेरी सारी मुसीबत तराजू़ में रख्खी जाती!
Ka konoinah ka thuek, ka thuek vetih ka talnah he cooi dongah ka tloeng rhenten koinih.
3 तो वह समन्दर की रेत से भी भारी होती; इसी लिए मेरी बातें घबराहट की हैं।
Tuitunli kah laivin lakah n'nan ngawn coeng. Te dongah ka ol he lawn coeng.
4 क्यूँकि क़ादिर — ए — मुतलक़ के तीर मेरे अन्दर लगे हुए हैं; मेरी रूह उन ही के ज़हर को पी रही हैं' ख़ुदा की डरावनी बातें मेरे ख़िलाफ़ सफ़ बाँधे हुए हैं।
Tlungthang thaltang dongah a sue te ka khuiah ka mueihla loh a mam. Pathen kah hihhamnah loh kai taengah rhong a pai.
5 क्या जंगली गधा उस वक़्त भी चिल्लाता है जब उसे घास मिल जाती है? या क्या बैल चारा पाकर डकारता है?
Kohong marhang khaw baelhing soah pang tih, vaito te a kamvuelh soah rhung bal nim?
6 क्या फीकी चीज़ बे नमक खायी जा सकता है? या क्या अंडे की सफ़ेदी में कोई मज़ा है?
Lungkaeh om kolla ankak a caak tih aiduei dakda dongah a hlihlim om aya?
7 मेरी रूह को उनके छूने से भी इंकार है, वह मेरे लिए मकरूह गिज़ा हैं।
Amih te ka hinglu loh ben ham a aal tih ka buh khaw kolet la om.
8 काश कि मेरी दरख़्वास्त मंज़ूर होती, और ख़ुदा मुझे वह चीज़ बख़्शता जिसकी मुझे आरजू़ है।
Ka huithuinah he ulong m'paek vetih a thoeng eh? Tedae ka ngaiuepnah he Pathen long ni m'paek eh?
9 या'नी ख़ुदा को यही मंज़ूर होता कि मुझे कुचल डाले, और अपना हाथ चलाकर मुझे काट डाले।
Pathen he mulmet vetih kai he m'phop, a kut a hlam vetih kai m'mueluem mako.
10 तो मुझे तसल्ली होती, बल्कि मैं उस अटल दर्द में भी शादमान रहता; क्यूँकि मैंने उस पाक बातों का इन्कार नहीं किया।
Te vaengah kai ham hloephloeinah om dae lah sue. Te vaengah bungtloh khuiah ka uem mako. Hlangcim te ka phah pawt bangla n'lungma sak pawt mako.
11 मेरी ताक़त ही क्या है जो मैं ठहरा रहूँ? और मेरा अन्जाम ही क्या है जो मैं सब्र करूँ?
Ka ngaiuep ham ka thadueng khaw menim? Ka hinglu ka hlawt ham ka hmailong khaw menim?
12 क्या मेरी ताक़त पत्थरों की ताक़त है? या मेरा जिस्म पीतल का है?
Ka thadueng he lungto thadueng nim? Ka saa he rhohumsen a?
13 क्या बात यही नहीं कि मैं लाचार हूँ, और काम करने की ताक़त मुझ से जाती रही है?
Kai ham he kamah kah bomnah om ngawn pawt tih lungming cueihnah khaw kai lamloh a heh coeng.
14 उस पर जो कमज़ोर होने को है उसके दोस्त की तरफ़ से मेहरबानी होनी चाहिए, बल्कि उस पर भी जो क़ादिर — ए — मुतलक़ का ख़ौफ़ छोड़ देता है।
Ngaidaeng loh tlungthang hinyahnah a hnoo vaengah pataeng a baerhoep taengkah sitlohnah a dang van.
15 मेरे भाइयों ने नाले की तरह दग़ा की, उन वादियों के नालों की तरह जो सूख जाते हैं।
Ka manuca rhoek khaw soklong bangla la hnukpoh tih sokca soklong bangla kak.
16 जो जड़ की वजह से काले हैं, और जिनमें बर्फ़ छिपी है।
Amih te vueltling loh a nu sak tih vuelsong a yut pah.
17 जिस वक़्त वह गर्म होते हैं तो ग़ायब हो जाते हैं, और जब गर्मी पड़ती है तो अपनी जगह से उड़ जाते हैं।
Kho a awlh vaengah a bae neh huu tih amah hmuen lamloh kak uh.
18 क़ाफ़िले अपने रास्ते से मुड़ जाते हैं, और वीराने में जाकर हलाक हो जाते हैं।
A caehlong longpuei a hoi uh tih hinghong la a caeh dongah milh uh.
19 तेमा के क़ाफ़िले देखते रहे, सबा के कारवाँ उनके इन्तिज़ार में रहे।
Tema caehlong kah rhoek loh a paelki uh tih, Sheba lambong amih ham a lamtawn uh.
20 वह शर्मिन्दा हुए क्यूँकि उन्होंने उम्मीद की थी, वह वहाँ आए और पशेमान हुए।
A pangtung uh dongah yak uh tih a taengla a pawk uh akhaw a hmai tal.
21 इसलिए तुम्हारी भी कोई हक़ीक़त नहीं; तुम डरावनी चीज़ देख कर डर जाते हो।
A taengah a hong la na om uh van coeng dongah rhihkoi na hmuh vaengah na rhih uh.
22 क्या मैंने कहा, 'कुछ मुझे दो? 'या 'अपने माल में से मेरे लिए रिश्वत दो?'
“Kai taengah m'pae uh lamtah na thadueng lamloh kai hamla kapbaih pae uh.
23 या 'मुख़ालिफ़ के हाथ से मुझे बचाओ? ' या' ज़ालिमों के हाथ से मुझे छुड़ाओ?'
Rhal kut lamloh kai n'loeih sak lamtah hlanghaeng kut lamloh kai n'lat uh,” ka ti noek a?
24 मुझे समझाओ और मैं ख़ामोश रहूँगा, और मुझे समझाओ कि मैं किस बात में चूका।
Kai n'thuinuet lamtah ka ngam bitni. Metla ka palang khaw kai he m'ming sakuh.
25 रास्ती की बातों में कितना असर होता है, बल्कि तुम्हारी बहस से क्या फ़ायदा होता है।
Balae tih hlang dueng ol rhap rhap a cal? Nangmih lamloh a tluung ham khaw balae a tluung?
26 क्या तुम इस ख़्याल में हो कि लफ़्ज़ों की तक़रार' करो? इसलिए कि मायूस की बातें हवा की तरह होती हैं।
Olthui te tluung hamla na moeh uh nama? Ol khaw khohli bangla talsae mai pawn ni.
27 हाँ, तुम तो यतीमों पर कुर'आ डालने वाले, और अपने दोस्त को तिजारत का माल बनाने वाले हो।
Cadah ham aisat hmulung na naan vetih na hui hamla na tael pah nim?
28 इसलिए ज़रा मेरी तरफ़ निगाह करो, क्यूँकि तुम्हारे मुँह पर मैं हरगिज़ झूट न बोलूँगा।
Tedae mulmet uh laeh, kai taengla mael uh. Nangmih maelhmai ah ka laithae nim?
29 मैं तुम्हारी मिन्नत करता हूँ बाज़ आओ बे इन्साफ़ी न करो। मैं हक़ पर हूँ।
Mael uh laeh, dumlai la om uh boeh, mael uh laeh, koep mael uh laeh. Ka duengnah he a khuiah om.
30 क्या मेरी ज़बान पर बे इन्साफ़ी है? क्या फ़ितना अंगेज़ी की बातों के पहचानने का मुझे सलीक़ा नहीं?
Ka lai dongah dumlai om nim? Ka dang loh talnah yakming pawt maco.