< अय्यू 22 >

1 तब इलिफ़ज़ तेमानी ने जवाब दिया,
Eliphas von Theman antwortete und sprach:
2 क्या कोई इंसान ख़ुदा के काम आ सकता है? यक़ीनन 'अक़्लमन्द अपने ही काम का है।
Kommt etwa Gotte zu gut des Menschen Thun? Nein, nur sich selber nützt der Fromme!
3 क्या तेरे सादिक़ होने से क़ादिर — ए — मुतलक को कोई ख़ुशी है? या इस बात से कि तू अपनी राहों को कामिल करता है उसे कुछ फ़ायदा है?
Hat der Allmächtige einen Vorteil davon, wenn du rechtschaffen bist?, oder einen Gewinn, wenn du unsträflich wandelst?
4 क्या इसलिए कि तुझे उसका ख़ौफ़ है, वह तुझे झिड़कता और तुझे 'अदालत में लाता है?
Straft er dich etwa wegen deiner Gottesfurcht und zieht dich deshalb vor Gericht?
5 क्या तेरी शरारत बड़ी नहीं? क्या तेरी बदकारियों की कोई हद है?
Ist deine Missethat nicht groß, und endlos deine Verschuldungen?
6 क्यूँकि तू ने अपने भाई की चीज़ें बे वजह गिरवी रख्खी, नंगों का लिबास उतार लिया।
Denn du pfändetest deine Brüder ohne Anlaß und Halbnackten zogst du die Kleider aus.
7 तूने थके माँदों को पानी न पिलाया, और भूखों से रोटी को रोक रखा।
Nicht tränktest du mit Wasser den Verschmachteten und dem Hungernden versagtest du das Brot.
8 लेकिन ज़बरदस्त आदमी ज़मीन का मालिक बना, और 'इज़्ज़तदार आदमी उसमें बसा।
Dem Manne der Faust, ihm gehörte das Land, und der Hochangesehene wohnte darin.
9 तू ने बेवाओं को ख़ाली चलता किया, और यतीमों के बाज़ू तोड़े गए।
Witwen schicktest du mit leeren Händen fort, und der Verwaisten Arme wurden zermalmt.
10 इसलिए फंदे तेरी चारों तरफ़ हैं, और नागहानी ख़ौफ़ तुझे सताता है।
Deshalb sind rings um dich Schlingen, und ängstigt dich jählings der Schrecken!
11 या ऐसी तारीकी कि तू देख नहीं सकता, और पानी की बाढ़ तुझे छिपाए लेती है।
Oder siehst du die Finsternis nicht, und die Wasserflut, die dich bedeckt?
12 क्या आसमान की बुलन्दी में ख़ुदा नहीं? और तारों की बुलन्दी को देख वह कैसे ऊँचे हैं।
Ist Gott nicht himmelhoch? Schau der Sterne Gipfel an, wie hoch sie ragen!
13 फिर तू कहता है, कि 'ख़ुदा क्या जानता है? क्या वह गहरी तारीकी में से 'अदालत करेगा?
Und da willst du sprechen: “Was weiß denn Gott? Kann er durch Wolkendunkel hindurch Gericht halten?
14 पानी से भरे हुए बादल उसके लिए पर्दा हैं कि वह देख नहीं सकता; वह आसमान के दाइरे में सैर करता फिरता है।
Wolken sind seine Hülle, so daß er nicht sieht, und auf des Himmels Kreis lustwandelt er.”
15 क्या तू उसी पुरानी राह पर चलता रहेगा, जिस पर शरीर लोग चले हैं?
Willst du der Vorwelt Bahn einhalten, die die Männer des Frevels gewandelt sind?
16 जो अपने वक़्त से पहले उठा लिए गए, और सैलाब उनकी बुनियाद को बहा ले गया।
sie, die gepackt wurden vor der Zeit, deren Grund zu einem Strome zerfloß?
17 जो ख़ुदा से कहते थे, 'हमारे पास से चला जा, 'और यह कि, 'क़ादिर — ए — मुतलक़ हमारे लिए कर क्या सकता है?'
Die zu Gotte sprachen: “Bleib uns fern!” und was könne ihnen der Allmächtige thun?
18 तोभी उसने उनके घरों को अच्छी अच्छी चीज़ों से भर दिया — लेकिन शरीरों की मशवरत मुझ से दूर है।
Und doch erfüllte er mit Segen ihre Häuser - der Gottlosen Gesinnung liegt mir fern!
19 सादिक़ यह देख कर ख़ुश होते हैं, और बे गुनाह उनकी हँसी उड़ाते हैं।
Es sehen's die Frommen und freuen sich, und der Schuldlose spottet ihrer:
20 और कहते हैं, कि यक़ीनन वह जो हमारे ख़िलाफ़ उठे थे कट गए, और जो उनमें से बाक़ी रह गए थे, उनको आग ने भस्म कर दिया है।
“Fürwahr, unser Widersacher ist vernichtet, und ihren Überrest hat das Feuer verzehrt!”
21 “उससे मिला रह, तो सलामत रहेगा; और इससे तेरा भला होगा।
Befreunde dich nicht mit ihm, so wirst du Frieden haben, dadurch kommt Segen über dich.
22 मैं तेरी मिन्नत करता हूँ, कि शरी'अत को उसी की ज़बानी क़ुबूल कर और उसकी बातों को अपने दिल में रख ले।
Nimm doch aus seinem Munde Belehrung an und birg seine Worte in deinem Herzen.
23 अगर तू क़ादिर — ए — मुतलक़ की तरफ़ फिरे तो बहाल किया जाएगा। बशर्ते कि तू नारास्ती को अपने ख़ेमों से दूर कर दे।
Wenn du dich zum Allmächtigen bekehrst, dich demütigst, wenn du die Sünde aus deinem Zelt entfernst -
24 तू अपने ख़ज़ाने' को मिट्टी में, और ओफ़ीर के सोने को नदियों के पत्थरों में डाल दे,
ja, wirf in den Staub das Brucherz und zu der Bäche Kieseln das Ophirgold! -
25 तब क़ादिर — ए — मुतलक़ तेरा ख़ज़ाना, और तेरे लिए बेश क़ीमत चाँदी होगा।
so wird der Allmächtige dein Erz sein und dir als strahlendes Silber gelten.
26 क्यूँकि तब ही तू क़ादिर — ए — मुतलक़ में मसरूर रहेगा, और ख़ुदा की तरफ़ अपना मुँह उठाएगा।
Ja, dann wirst du am Allmächtigen deine Wonne haben und dein Antlitz zu Gott erheben.
27 तू उससे दुआ करेगा, वह तेरी सुनेगा; और तू अपनी मिन्नतें पूरी करेगा।
Flehst du zu ihm, so erhört er dich, und deine Gelübde kannst du bezahlen.
28 जिस बात को तू कहेगा, वह तेरे लिए हो जाएगी और नूर तेरी राहों को रोशन करेगा।
Unternimmst du etwas, so gelingt es dir, und über deinen Wegen strahlet Licht.
29 जब वह पस्त करेंगे, तू कहेगा, 'बुलन्दी होगी। और वह हलीम आदमी को बचाएगा।
Wenn sie abwärts führen, so rufst du: Empor! und dem Demütigen hilft er.
30 वह उसको भी छुड़ा लेगा, जो बेगुनाह नहीं है; हाँ वह तेरे हाथों की पाकीज़गी की वजह से छुड़ाया जाएगा।”
Er errettet den Nicht-Schuldlosen: ja, gerettet wird er durch die Reinheit deiner Hände.

< अय्यू 22 >