< अय्यू 17 >
1 मेरी जान तबाह हो गई मेरे दिन हो चुके क़ब्र मेरे लिए तैय्यार है।
Mon souffle se perd, mes jours s'éteignent: pour moi, le tombeau!
2 यक़ीनन हँसी उड़ाने वाले मेरे साथ साथ हैं, और मेरी आँख उनकी छेड़छाड़ पर लगी रहती है।
Si nulle iniquité n'est par devers moi, mon œil peut avec calme regarder leur querelle.
3 ज़मानत दे, अपने और मेरे बीच में तू ही ज़ामिन हो। कौन है जो मेरे हाथ पर हाथ मारे?
Ah! dépose ton gage! sois ma caution auprès de Toi! Qui est-ce qui mettrait sa main dans la mienne?
4 क्यूँकि तूने इनके दिल को समझ से रोका है, इसलिए तू इनको सरफ़राज़ न करेगा।
Car tu as fermé leur cœur à l'intelligence; aussi ne leur laisse pas l'avantage!
5 जो लूट की ख़ातिर अपने दोस्तों को मुल्ज़िम ठहराता है, उसके बच्चों की आँखें भी जाती रहेंगी।
Tel convie son prochain à partager, dont les fils ont le regard éteint.
6 उसने मुझे लोगों के लिए ज़रबुल मिसाल बना दिया हैं: और मैं ऐसा हो गया कि लोग मेरे मुँह पर थूकें।
Il m'a fait passer en proverbe dans le peuple, et l'on me crache au visage;
7 मेरी आँखे ग़म के मारे धुंदला गई, और मेरे सब 'आज़ा परछाईं की तरह है।
et le chagrin a rendu mes yeux ternes, et ma figure est toute entière comme une ombre.
8 रास्तबाज़ आदमी इस बात से हैरान होंगे और मा'सूम आदमी बे ख़ुदा लोगों के ख़िलाफ़ जोश में आएगा
C'est de quoi les gens de bien sont stupéfaits, et, ce qui irrite l'innocent contre l'impie;
9 तोभी सच्चा अपनी राह में साबित क़दम रहेगा और जिसके हाथ साफ़ हैं, वह ताक़तवर ही होता जाएगा
mais le juste tient ferme à sa voie, et celui qui a les mains pures, redouble de vigueur.
10 लेकिन तुम सब के सब आते हो तो आओ, मुझे तुम्हारे बीच एक भी आदमी 'अक़्लमन्द न मिलेगा।
Mais enfin, vous tous, revenez-y, venez encore à la charge, je n'en trouverai pas plus un sage entre vous.
11 मेरे दिन तो बीत चुके, और मेरे मक़सद मिट गए और जो मेरे दिल में था, वह बर्बाद हुआ है।
Mes jours sont passés, mes plans sont déchirés, cette fortune de mon cœur.
12 वह रात को दिन से बदलते हैं, वह कहतें है रोशनी तारीकी के नज़दीक है।
Quand il est nuit, je suis, selon eux, en plein jour, et la lumière est plus près que les ténèbres présentes!
13 अगर में उम्मीद करूँ कि पाताल मेरा घर है, अगर मैंने अँधेरे में अपना बिछौना बिछा लिया है। (Sheol )
Quand je dois compter sur les Enfers, comme sur ma demeure, étendre ma couche dans le séjour ténébreux, (Sheol )
14 अगर मैंने सड़ाहट से कहा है कि तू मेरा बाप है, और कीड़े से कि तू मेरी माँ और बहन है
dire au tombeau: Tu es mon père! et aux vers: Vous êtes ma mère et ma sœur!
15 तोमेरी उम्मीद कहाँ रही, और जो मेरी उम्मीद है, उसे कौन देखेगा
où donc est mon espoir? Et l'espoir que j'aurais, qui le verrait [accompli]?
16 वह पाताल के फाटकों तक नीचे उतर जाएगी जब हम मिलकर ख़ाक में आराम पाएँगे।” (Sheol )
Il descend vers les portes des Enfers, puisqu'ensemble nous allons reposer dans la poudre. (Sheol )