< अय्यू 12 >
1 तब अय्यूब ने जवाब दिया,
Odpověděv pak Job, řekl:
2 बेशक आदमी तो तुम ही हो “और हिकमत तुम्हारे ही साथ मरेगी।
V pravdě, že jste vy lidé, a že s vámi umře moudrost.
3 लेकिन मुझ में भी समझ है, जैसे तुम में है, मैं तुम से कम नहीं। भला ऐसी बातें जैसी यह हैं, कौन नहीं जानता?
I jáť mám srdce jako vy, aniž jsem zpozdilejší než vy, anobrž při komž toho není?
4 मैं उस आदमी की तरह हूँ जो अपने पड़ोसी के लिए हँसी का निशाना बना है। मैं वह आदमी था जो ख़ुदा से दुआ करता और वह उसकी सुन लेता था। रास्तबाज़ और कामिल आदमी हँसी का निशाना होता ही है।
Za posměch příteli svému jsem, kteréhož, když volá, vyslýchá Bůh; v posměchuť jest spravedlivý a upřímý.
5 जो चैन से है उसके ख़्याल में दुख के लिए हिकारत होती है; यह उनके लिए तैयार रहती है जिनका पाँव फिसलता है।
Pochodně zavržená jest (podlé smýšlení člověka pokoje užívajícího) ten, kterýž jest blízký pádu.
6 डाकुओं के ख़ेमे सलामत रहते हैं, और जो ख़ुदा को गु़स्सा दिलाते हैं, वह महफू़ज़ रहते हैं; उन ही के हाथ को ख़ुदा ख़ूब भरता है।
Pokojné a bezpečné příbytky mají loupežníci ti, kteříž popouzejí Boha silného, jimž on uvodí dobré věci v ruku jejich.
7 हैवानों से पूछ और वह तुझे सिखाएँगे, और हवा के परिन्दों से दरियाफ़्त कर और वह तुझे बताएँगे।
Ano zeptej se třebas hovad, a naučí tě, aneb ptactva nebeského, a oznámí tobě.
8 या ज़मीन से बात कर, वह तुझे सिखाएगी; और समन्दर की मछलियाँ तुझ से बयान करेंगी।
Aneb rozmluv s zemí, a poučí tě, ano i ryby mořské vypravovati budou tobě.
9 कौन नहीं जानता कि इन सब बातों में ख़ुदावन्द ही का हाथ है जिसने यह सब बनाया?
Kdo nezná ze všeho toho, že ruka Hospodinova to učinila?
10 उसी के हाथ में हर जानदार की जान, और कुल बनी आदम की जान ताक़त है।
V jehož ruce jest duše všelikého živočicha, a duch každého těla lidského.
11 क्या कान बातों को नहीं परख लेता, जैसे ज़बान खाने को चख लेती है?
Zdaliž ucho slov rozeznávati nebude, tak jako dásně pokrmu okoušejí?
12 बुड्ढों में समझ होती है, और उम्र की दराज़ी में समझदारी।
Při starcích jest moudrost, a při dlouhověkých rozumnost.
13 ख़ुदा में समझ और कु़व्वत है, उसके पास मसलहत और समझ है।
Nadto pak u Boha moudrost a síla, jehoť jest rada a rozumnost.
14 देखो, वह ढा देता है तो फिर बनता नहीं। वह आदमी को बंद कर देता है, तो फिर खुलता नहीं।
Jestliže on boří, nemůže zase stavíno býti; zavírá-li člověka, nemůže býti otevříno.
15 देखो, वह मेंह को रोक लेता है, तो पानी सूख जाता है। फिर जब वह उसे भेजता है, तो वह ज़मीन को उलट देता है।
Hle, tak zastavuje vody, až i vysychají, a tak je vypouští, že podvracejí zemi.
16 उसमें ताक़त और ता'सीर की कु़व्वत है। धोका खाने वाला और धोका देने वाला दोनों उसी के हैं।
U něho jest síla a bytnost, jeho jest ten, kterýž bloudí, i kterýž v blud uvodí.
17 वह सलाहकारों को लुटवा कर ग़ुलामी में ले जाता है, और 'अदालत करने वालों को बेवकू़फ़ बना देता है।
On uvodí rádce v nemoudrost, a z soudců blázny činí.
18 वह शाही बन्धनों को खोल डालता है, और बादशाहों की कमर पर पटका बाँधता है।
Svazek králů rozvazuje, a pasem přepasuje bedra jejich.
19 वह काहिनों को लुटवाकर ग़ुलामी में ले जाता, और ज़बरदस्तों को पछाड़ देता है।
On uvodí knížata v nemoudrost, a mocné vyvrací.
20 वह 'ऐतमाद वाले की क़ुव्वत — ए — गोयाई दूर करता और बुज़ुर्गों की समझदारी को' छीन लेता है।
On odjímá řeč výmluvným, a soud starcům béře.
21 वह हाकिमों पर हिकारत बरसाता, और ताक़तवरों की कमरबंद को खोल डालता' है।
On vylévá potupu na urozené, a sílu mocných zemdlívá.
22 वह अँधेरे में से गहरी बातों को ज़ाहिर करता, और मौत के साये को भी रोशनी में ले आता है
On zjevuje hluboké věci z temností, a vyvodí na světlo stín smrti.
23 वह क़ौमों को बढ़ाकर उन्हें हलाक कर डालता है; वह क़ौमों को फैलाता और फिर उन्हें समेट लेता है।
On rozmnožuje národy i hubí je, rozšiřuje národy i zavodí je.
24 वह ज़मीन की क़ौमों के सरदारों की 'अक़्ल उड़ा देता और उन्हें ऐसे वीरान में भटका देता है जहाँ रास्ता नहीं।
On odjímá srdce předním z lidu země, a v blud je uvodí na poušti bezcestné,
25 वह रोशनी के बगै़र तारीकी में टटोलते फिरते हैं, और वह उन्हें ऐसा बना देता है कि मतवाले की तरह लड़खड़ाते हुए चलते हैं।
Aby šámali ve tmě bez světla. Summou, činí, aby bloudili jako opilý.