< यर्म 51 >

1 ख़ुदावन्द यूँ फ़रमाता है कि देख, मैं बाबुल पर और उस मुखालिफ़ दार — उस — सल्तनत के रहनेवालों पर एक मुहलिक हवा चलाऊँगा।
Hæc dicit Dominus: Ecce ego suscitabo super Babylonem et super habitatores ejus, qui cor suum levaverunt contra me, quasi ventum pestilentem:
2 और मैं उसाने वालों को बाबुल में भेजूँगा कि उसे उसाएँ, और उसकी सरज़मीन को ख़ाली करें; यक़ीनन उसकी मुसीबत के दिन वह उसके दुश्मन बनकर उसे चारों तरफ़ से घेर लेंगे।
et mittam in Babylonem ventilatores, et ventilabunt eam et demolientur terram ejus, quoniam venerunt super eam undique in die afflictionis ejus.
3 उसके कमानदारों और ज़िरहपोशों पर तीरअन्दाज़ी करो; तुम उसके जवानों पर रहम न करो, उसके तमाम लश्कर को बिल्कुल हलाक करो।
Non tendat qui tendit arcum suum, et non ascendat loricatus: nolite parcere juvenibus ejus; interficite omnem militiam ejus.
4 मक़्तूल कसदियों की सरज़मीन में गिरेंगे, और छिदे हुए उसके बाज़ारों में पड़े रहेंगे।
Et cadent interfecti in terra Chaldæorum, et vulnerati in regionibus ejus.
5 क्यूँकि इस्राईल और यहूदाह को उनके ख़ुदा रब्ब — उल — अफ़वाज ने तर्क नहीं किया; अगरचे इनका मुल्क इस्राईल के क़ुद्दूस की नाफ़रमानी से पुर है।
Quoniam non fuit viduatus Israël et Juda a Deo suo, Domino exercituum, terra autem eorum repleta est delicto a Sancto Israël.
6 बाबुल से निकल भागो, और हर एक अपनी जान बचाए, उसकी बदकिरदारी की सज़ा में शरीक होकर हलाक न हो, क्यूँकि यह ख़ुदावन्द के इन्तक़ाम का वक़्त है; वह उसे बदला देता है।
Fugite de medio Babylonis, et salvet unusquisque animam suam: nolite tacere super iniquitatem ejus, quoniam tempus ultionis est a Domino: vicissitudinem ipse retribuet ei.
7 बाबुल ख़ुदावन्द के हाथ में सोने का प्याला था, जिसने सारी दुनिया को मतवाला किया; क़ौमों ने उसकी मय पी, इसलिए वह दीवाने हैं।
Calix aureus Babylon in manu Domini, inebrians omnem terram: de vino ejus biberunt gentes, et ideo commotæ sunt.
8 बाबुल अचानक गिर गया और ग़ारत हुआ, उस पर वावैला करो; उसके ज़ख़्म के लिए बलसान लो, शायद वह शिफ़ा पाए।
Subito cecidit Babylon, et contrita est. Ululate super eam: tollite resinam ad dolorem ejus, si forte sanetur.
9 हम तो बाबुल की शिफ़ायाबी चाहते थे लेकिन वह शिफ़ायाब न हुआ, तुम उसको छोड़ो, आओ, हम सब अपने अपने वतन को चले जाएँ, क्यूँकि उसकी आवाज़ आसमान तक पहुँची और अफ़लाक तक बुलन्द हुई।
Curavimus Babylonem, et non est sanata: derelinquamus eam, et eamus unusquisque in terram suam: quoniam pervenit usque ad cælos judicium ejus, et elevatum est usque ad nubes.
10 ख़ुदावन्द ने हमारी रास्तबाज़ी को आशकारा किया; आओ, हम सिय्यून में ख़ुदावन्द अपने ख़ुदा के काम का बयान करें।
Protulit Dominus justitias nostras: venite, et narremus in Sion opus Domini Dei nostri.
11 तीरों को सैक़ल करो, सिपरों को तैयार रख्खो; ख़ुदावन्द ने मादियों के बादशाहों की रूह को उभारा है, क्यूँकि उसका इरादा बाबुल को बर्बाद करने का है; क्यूँकि यह ख़ुदावन्द का, या'नी उसकी हैकल का इन्तक़ाम है।
Acuite sagittas, implete pharetras: suscitavit Dominus spiritum regum Medorum: et contra Babylonem mens ejus est ut perdat eam, quoniam ultio Domini est, ultio templi sui.
12 बाबुल की दीवारों के सामने झंडा खड़ा करो पहरे की चौकियाँ मज़बूत करो, पहरेदारों को बिठाओ, कमीनगाहें तैयार करो; क्यूँकि ख़ुदावन्द ने अहल — ए — बाबुल के हक़ में जो कुछ ठहराया और फ़रमाया था, इसलिए पूरा किया।
Super muros Babylonis levate signum, augete custodiam, levate custodes, præparate insidias: quia cogitavit Dominus, et fecit quæcumque locutus est contra habitatores Babylonis.
13 ऐ नहरों पर सुकूनत करने वाली, जिसके ख़ज़ाने फ़िरावान हैं; तेरी तमामी का वक़्त आ पहुँचा और तेरी ग़ारतगरी का पैमाना पुर हो गया।
Quæ habitas super aquas multas, locuples in thesauris: venit finis tuus, pedalis præcisionis tuæ.
14 रब्ब — उल — अफ़वाज ने अपनी ज़ात की क़सम खाई है, कि यक़ीनन मैं तुझ में लोगों को टिड्डियों की तरह भर दूँगा, और वह तुझ पर जंग का नारा मारेंगे।
Juravit Dominus exercituum per animam suam: Quoniam replebo te hominibus quasi brucho, et super te celeuma cantabitur.
15 उसी ने अपनी क़ुदरत से ज़मीन को बनाया, उसी ने अपनी हिकमत से जहाँ को क़ाईम किया, और अपनी 'अक़्ल से आसमान को तान दिया है;
Qui fecit terram in fortitudine sua, præparavit orbem in sapientia sua, et prudentia sua extendit cælos.
16 उसकी आवाज़ से आसमान में पानी की फ़िरावानी होती है, और वह ज़मीन की इन्तिहा से बुख़ारात उठाता है; वह बारिश के लिए बिजली चमकाता है और अपने ख़ज़ानों से हवा चलाता है।
Dante eo vocem, multiplicantur aquæ in cælo: qui levat nubes ab extremo terræ, fulgura in pluviam fecit, et produxit ventum de thesauris suis.
17 हर आदमी हैवान ख़सलत और बे — 'इल्म हो गया है, सुनार अपनी खोदी हुई मूरत से रुस्वा है; क्यूँकि उसकी ढाली हुई मूरत बातिल है, उनमें दम नहीं।
Stultus factus est omnis homo a scientia; confusus est omnis conflator in sculptili: quia mendax est conflatio eorum, nec est spiritus in eis.
18 वह बातिल — फ़े'ल — ए — फ़रेब हैं, सज़ा के वक़्त बर्बाद हो जाएँगी।
Vana sunt opera, et risu digna: in tempore visitationis suæ peribunt.
19 या'क़ूब का हिस्सा उनकी तरह नहीं, क्यूँकि वह सब चीज़ों का ख़ालिक़ है और इस्राईल उसकी मीरास का 'असा है; रब्बउल — अफ़वाज उसका नाम है।
Non sicut hæc, pars Jacob, quia qui fecit omnia ipse est: et Israël sceptrum hæreditatis ejus: Dominus exercituum nomen ejus.
20 तू मेरा गुर्ज़ और जंगी हथियार है, और तुझी से मैं क़ौमों को तोड़ता और तुझी से सल्तनतों को बर्बाद करता हूँ।
Collidis tu mihi vasa belli: et ego collidam in te gentes, et disperdam in te regna:
21 तुझी से मैं घोड़े और सवार को कुचलता, और तुझी से रथ और उसके सवार को चूर करता हूँ;
et collidam in te equum et equitem ejus: et collidam in te currum et ascensorem ejus:
22 तुझी से मर्द — ओ — ज़न और पीर — ओ — जवान को कुचलता, और तुझ ही से नौखेंज़ लड़कों और लड़कियों को पीस डालता हूँ;
et collidam in te virum et mulierem: et collidam in te senem et puerum: et collidam in te juvenem et virginem:
23 और तुझी से चरवाहे और उसके गल्ले को कुचलता, और तुझी से किसान और उसके जोड़ी बैल को, और तुझी से सरदारों और हाकिमों को चूर — चूर कर देता हूँ।
et collidam in te pastorem et gregem ejus: et collidam in te agricolam et jugales ejus: et collidam in te duces et magistratus:
24 और मैं बाबुल को और कसदिस्तान के सब बाशिन्दों को उस तमाम नुक़्सान का, जो उन्होंने सिय्यून को तुम्हारी आँखों के सामने पहुँचाया है इवज़ देता हूँ ख़ुदावन्द फ़रमाता है।
et reddam Babyloni, et cunctis habitatoribus Chaldææ, omne malum suum quod fecerunt in Sion, in oculis vestris, ait Dominus.
25 देख ख़ुदावन्द फ़रमाता है, ऐ हलाक करने वाले पहाड़, जो तमाम इस ज़मीन को हलाक करता है, मैं तेरा मुख़ालिफ़ हूँ और मैं अपना हाथ तुझ पर बढ़ाऊँगा, और चट्टानों पर से तुझे लुढ़काऊँगा, और तुझे जला हुआ पहाड़ बना दूँगा।
Ecce ego ad te, mons pestifer, ait Dominus, qui corrumpis universam terram: et extendam manum meam super te, et evolvam te de petris, et dabo te in montem combustionis:
26 न तुझ से कोने का पत्थर, और न बुनियाद के लिए पत्थर लेंगे; बल्कि तू हमेशा तक वीरान रहेगा, ख़ुदावन्द फ़रमाता है।
et non tollent de te lapidem in angulum, et lapidem in fundamenta: sed perditus in æternum eris, ait Dominus.
27 'मुल्क में झण्डा खड़ा करो, क़ौमों में नरसिंगा फूँको उनको उसके ख़िलाफ़ मख़सूस करो अरारात और मिन्नी और अश्कनाज़ की ममलुकतों को उस पर चढ़ा लाओ; उसके ख़िलाफ़ सिपहसालार मुक़र्रर करो और सवारों को मुहलिक टिड्डियों की तरह चढ़ा लाओ।
Levate signum in terra, clangite buccina in gentibus, sanctificate super eam gentes, annuntiate contra illam regibus Ararat, Menni, et Ascenez: numerate contra eam Taphsar, adducite equum quasi bruchum aculeatum.
28 क़ौमों को मादियों के बादशाहों को और सरदारों और हाकिमों और उनकी सल्तनत के तमाम मुमालिक को मख़सूस करो कि उस पर चढ़ाई करें।
Sanctificate contra eam gentes, reges Mediæ, duces ejus, et universos magistratus ejus, cunctamque terram potestatis ejus.
29 और ज़मीन काँपती और दर्द में मुब्तिला है, क्यूँकि ख़ुदावन्द के इरादे बाबुल की मुखालिफ़त में क़ाईम रहेंगे, कि बाबुल की सरज़मीन को वीरान और ग़ैरआबाद कर दे।
Et commovebitur terra et conturbabitur, quia evigilabit contra Babylonem cogitatio Domini, ut ponat terram Babylonis desertam et inhabitabilem.
30 बाबुल के बहादुर लड़ाई से दस्तबरदार और क़िलों' में बैठे हैं, उनका ज़ोर घट गया, वह 'औरतों की तरह हो गए; उसके घर जलाए गए, उसके अड़बंगे तोड़े गए।
Cessaverunt fortes Babylonis a prælio; habitaverunt in præsidiis: devoratum est robur eorum, et facti sunt quasi mulieres: incensa sunt tabernacula ejus, contriti sunt vectes ejus.
31 हरकारा हरकारे से मिलने को और क़ासिद से मिलने को दौड़ेगा कि बाबुल के बादशाह को इत्तला दे, कि उसका शहर हर तरफ़ से ले लिया गया;
Currens obviam currenti veniet, et nuntius obvius nuntianti, ut annuntiet regi Babylonis quia capta est civitas ejus a summo usque ad summum.
32 और गुज़रगाहें ले ली गई, और नेस्तान आग से जलाए गए और फ़ौज हड़बड़ा गईं।
Et vada præoccupata sunt, et paludes incensæ sunt igni, et viri bellatores conturbati sunt.
33 क्यूँकि रब्ब — उल — अफ़वाज, इस्राईल का ख़ुदा, यूँ फ़रमाता है कि: दुख़्तर — ए — बाबुल खलीहान की तरह है, जब उसे रौंदने का वक़्त आए, थोड़ी देर है कि उसकी कटाई का वक़्त आ पहुँचेगा।
Quia hæc dicit Dominus exercituum, Deus Israël: Filia Babylonis quasi area, tempus trituræ ejus: adhuc modicum, et veniet tempus messionis ejus.
34 “शाह — ए — बाबुल नबूकदनज़र ने मुझे खा लिया, उसने मुझे शिकस्त दी है, उसने मुझे ख़ाली बर्तन की तरह कर दिया अज़दहा की तरह वह मुझे निगल गया, उसने अपने पेट को मेरी ने'मतों से भर लिया; उसने मुझे निकाल दिया;
Comedit me, devoravit me Nabuchodonosor rex Babylonis: reddidit me quasi vas inane, absorbuit me quasi draco, replevit ventrem suum teneritudine mea, et ejecit me.
35 सिय्यून के रहनेवाले कहेंगे, जो सितम हम पर और हमारे लोगों पर हुआ, बाबुल पर हो।” और येरूशलेम कहेगा, मेरा ख़ून अहल — ए — कसदिस्तान पर हो।
Iniquitas adversum me et caro mea super Babylonem, dicit habitatio Sion: et sanguis meus super habitatores Chaldææ, dicit Jerusalem.
36 इसलिए ख़ुदावन्द यूँ फ़रमाता है कि: देख, मैं तेरी हिमायत करूँगा और तेरा इन्तक़ाम लूँगा, और उसके बहर को सुखाऊँगा और उसके सोते को ख़ुश्क कर दूँगा;
Propterea hæc dicit Dominus: Ecce ego judicabo causam tuam, et ulciscar ultionem tuam: et desertum faciam mare ejus, et siccabo venam ejus.
37 और बाबुल खण्डर हो जाएगा, और गीदड़ों का मक़ाम और हैरत और सुस्कार का ज़रिया' होगी और उसमें कोई न बसेगा।
Et erit Babylon in tumulos, habitatio draconum, stupor et sibilus, eo quod non sit habitator.
38 वह जवान बबरों की तरह इकटठे गरजेंगे, वह शेर बच्चों की तरह ग़ुर्राएँगे।
Simul ut leones rugient; excutient comas veluti catuli leonum.
39 उनकी हालत — ए — तैश में मैं उनकी ज़ियाफ़त करके उनको मस्त करूँगा, कि वह जद्द में आएँ और दाइमी ख़्वाब में पड़े रहें और बेदार न हों, ख़ुदावन्द फ़रमाता है।
In calore eorum ponam potus eorum, et inebriabo eos ut sopiantur, et dormiant somnum sempiternum, et non consurgant, dicit Dominus.
40 मैं उनको बर्रों और मेंढों की तरह बकरों के साथ मसलख़ पर उतार लाऊँगा।
Deducam eos quasi agnos ad victimam, et quasi arietes cum hædis.
41 शेशक क्यूँकर ले लिया गया! हाँ, तमाम रु — ए — ज़मीन का खम्बा यकबारगी ले लिया गया। बाबुल क़ौमों के बीच कैसा वीरान हुआ!
Quomodo capta est Sesach, et comprehensa est inclyta universæ terræ! quomodo facta est in stuporem Babylon inter gentes!
42 समन्दर बाबुल पर चढ़ गया है, वह उसकी लहरों की कसरत से छिप गया।
Ascendit super Babylonem mare: multitudine fluctuum ejus operta est.
43 उसकी बस्तियाँ उजड़ गईं, वह ख़ुश्क ज़मीन और सहरा हो गया ऐसी सरज़मीन जिसमें न कोई बसता हो और न वहाँ आदमज़ाद का गुज़र हो।
Factæ sunt civitates ejus in stuporem, terra inhabitabilis et deserta, terra in qua nullus habitet, nec transeat per eam filius hominis.
44 क्यूँकि मैं बाबुल में बेल को सज़ा दूँगा, और जो कुछ वह निगल गया है उसके मुँह से निकालूँगा, और फिर क़ौमें उसकी तरफ़ रवाँ न होंगी; हाँ, बाबुल की फ़सील गिर जाएगी।
Et visitabo super Bel in Babylone, et ejiciam quod absorbuerat de ore ejus: et non confluent ad eum ultra gentes, siquidem et murus Babylonis corruet.
45 ऐ मेरे लोगों, उसमें से निकल आओ, और तुम में से हर एक ख़ुदावन्द के क़हर — ए — शदीद से अपनी जान बचाए।
Egredimini de medio ejus, populus meus, ut salvet unusquisque animam suam ab ira furoris Domini,
46 न हो कि तुम्हारा दिल सुस्त हो, और तुम उस अफ़वाह से डरो जो ज़मीन में सुनी जाएगी; एक अफ़वाह एक साल आएगी और फिर दूसरी अफ़वाह दूसरे साल में, और मुल्क में ज़ुल्म होगा और हाकिम हाकिम से लड़ेगा।
et ne forte mollescat cor vestrum, et timeatis auditum qui audietur in terra: et veniet in anno auditio, et post hunc annum auditio, et iniquitas in terra, et dominator super dominatorem.
47 इसलिए देख, वह दिन आते हैं कि मैं बाबुल की तराशी हुई मूरतों से इन्तक़ाम लूँगा और उसकी तमाम सरज़मीं रुस्वा होगी और उसके सब मक़्तूल उसी में पड़े रहेंगे।
Propterea ecce dies veniunt, et visitabo super sculptilia Babylonis, et omnis terra ejus confundetur, et universi interfecti ejus cadent in medio ejus.
48 तब आसमान और ज़मीन और सब कुछ जो उनमें है, बाबुल पर शादियाना बजाएँगे; क्यूँकि ग़ारतगर उत्तर से उस पर चढ़ आएँगे, ख़ुदावन्द फ़रमाता है।
Et laudabunt super Babylonem cæli et terra, et omnia quæ in eis sunt: quia ab aquilone venient ei prædones, ait Dominus.
49 जिस तरह बाबुल में बनी — इस्राईल क़त्ल हुए, उसी तरह बाबुल में तमाम मुल्क के लोग क़त्ल होंगे।
Et quomodo fecit Babylon, ut caderent occisi in Israël, sic de Babylone cadent occisi in universa terra.
50 तुम जो तलवार से बच गए हो, खड़े न हो, चले जाओ! दूर ही से ख़ुदावन्द को याद करो, और येरूशलेम का ख़याल तुम्हारे दिल में आए।
Qui fugistis gladium, venite, nolite stare: recordamini procul Domini, et Jerusalem ascendat super cor vestrum.
51 'हम परेशान हैं, क्यूँकि हम ने मलामत सुनी; हम शर्मआलूदा हुए, क्यूँकि ख़ुदावन्द के घर के हैकलों में अजनबी घुस आए।
Confusi sumus, quoniam audivimus opprobrium: operuit ignominia facies nostras, quia venerunt alieni super sanctificationem domus Domini.
52 इसलिए देख, वह दिन आते हैं, ख़ुदावन्द फ़रमाता है, कि मैं उसकी तराशी हुई मूरतों को सज़ा दूँगा; और उसकी तमाम सल्तनत में घायल कराहेंगे।
Propterea ecce dies veniunt, ait Dominus, et visitabo super sculptilia ejus, et in omni terra ejus mugiet vulneratus.
53 हरचन्द बाबुल आसमान पर चढ़ जाए और अपने ज़ोर की इन्तिहा तक मुस्तहकम हो बैठे तो भी ग़ारतगर मेरी तरफ़ से उस पर चढ़ आएँगे, ख़ुदावन्द फ़रमाता है।
Si ascenderit Babylon in cælum, et firmaverit in excelso robur suum, a me venient vastatores ejus, ait Dominus.
54 बाबुल से रोने की और कसदियों की सरज़मीन से बड़ी हलाकत की आवाज़ आती है।
Vox clamoris de Babylone, et contritio magna de terra Chaldæorum:
55 क्यूँकि ख़ुदावन्द बाबुल को ग़ारत करता है, और उसके बड़े शोर — ओ — ग़ुल को बर्बाद करेगा; उनकी लहरें समन्दर की तरह शोर मचाती हैं उनके शोर की आवाज़ बुलंद है;
quoniam vastavit Dominus Babylonem, et perdidit ex ea vocem magnam: et sonabunt fluctus eorum quasi aquæ multæ; dedit sonitum vox eorum:
56 इसलिए कि ग़ारतगर उस पर, हाँ, बाबुल पर चढ़ आया है, और उसके ताक़तवर लोग पकड़े जायेंगे उनकी कमाने तोड़ी जायेंगी क्यूँकि ख़ुदावन्द इन्तक़ाम लेनेवाला ख़ुदा है, वह ज़रूर बदला लेगा।
quia venit super eam, id est super Babylonem, prædo, et apprehensi sunt fortes ejus, et emarcuit arcus eorum, quia fortis ultor Dominus reddens retribuet.
57 मैं हाकिम — ओ — हुक्मा को और उसके सरदारों और हाकिमों को मस्त करूँगा, और वह दाइमी ख़्वाब में पड़े रहेंगे और बेदार न होंगे, वह बादशाह फ़रमाता है, जिसका नाम रब्ब — उल — अफ़वाज है।
Et inebriabo principes ejus, et sapientes ejus, et duces ejus, et magistratus ejus, et fortes ejus: et dormient somnum sempiternum, et non expergiscentur, ait Rex (Dominus exercituum nomen ejus).
58 “रब्ब — उल — अफ़वाज यूँ फ़रमाता है कि: बाबुल की चौड़ी फ़सील बिल्कुल गिरा दी जाएगी, और उसके बुलन्द फाटक आग से जला दिए जाएँगे। यूँ लोगों की मेहनत बे फ़ायदा ठहरेगी, और क़ौमों का काम आग के लिए होगा और वह मान्दा होंगे।”
Hæc dicit Dominus exercituum: Murus Babylonis ille latissimus suffossione suffodietur, et portæ ejus excelsæ igni comburentur, et labores populorum ad nihilum, et gentium in ignem erunt, et disperibunt.
59 यह वह बात है, जो यरमियाह नबी ने सिरायाह — बिन — नेयिरियाह — बिन — महसियाह से कही, जब वह शाह — ए — यहूदाह सिदक़ियाह के साथ उसकी सल्तनत के चौथे बरस बाबुल में गया, और यह सिरायाह ख़्वाजासराओं का सरदार था।
Verbum quod præcepit Jeremias propheta Saraiæ filio Neriæ filii Maasiæ, cum pergeret cum Sedecia rege in Babylonem, in anno quarto regni ejus: Saraias autem erat princeps prophetiæ.
60 और यरमियाह ने उन सब आफ़तों को जो बाबुल पर आने वाली थीं, एक किताब में क़लमबन्द किया; या'नी इन सब बातों को जो बाबुल के बारे में लिखी गई हैं।
Et scripsit Jeremias omne malum quod venturum erat super Babylonem, in libro uno: omnia verba hæc quæ scripta sunt contra Babylonem.
61 और यरमियाह ने सिरायाह से कहा, कि “जब तू बाबुल में पहुँचे, तो' इन सब बातों को पढ़ना,
Et dixit Jeremias ad Saraiam: Cum veneris in Babylonem, et videris, et legeris omnia verba hæc,
62 और कहना, 'ऐ ख़ुदावन्द, तूने इस जगह की बर्बादी के बारे में फ़रमाया है कि मैं इसको बर्बाद करूँगा, ऐसा कि कोई इसमें न बसे, न इंसान न हैवान, लेकिन हमेशा वीरान रहे।
dices: Domine, tu locutus es contra locum istum, ut disperderes eum, ne sit qui in eo habitet, ab homine usque ad pecus, et ut sit perpetua solitudo.
63 और जब तू इस किताब को पढ़ चुके, तो एक पत्थर इससे बाँधना और फ़रात में फेंक देना;
Cumque compleveris legere librum istum, ligabis ad eum lapidem, et projicies illum in medium Euphraten,
64 और कहना, 'बाबुल इसी तरह डूब जाएगा, और उस मुसीबत की वजह से जो मैं उस पर डाल दूँगा, फिर न उठेगा और वह मान्दा होंगे।” यरमियाह की बातें यहाँ तक हैं।
et dices: Sic submergetur Babylon, et non consurget a facie afflictionis quam ego adduco super eam, et dissolvetur. Hucusque verba Jeremiæ.

< यर्म 51 >