< यर्म 51 >
1 ख़ुदावन्द यूँ फ़रमाता है कि देख, मैं बाबुल पर और उस मुखालिफ़ दार — उस — सल्तनत के रहनेवालों पर एक मुहलिक हवा चलाऊँगा।
Thus said YHWH: “Behold, I am stirring up against Babylon, And the inhabitants of Leb, My withstanders, A destroying wind,
2 और मैं उसाने वालों को बाबुल में भेजूँगा कि उसे उसाएँ, और उसकी सरज़मीन को ख़ाली करें; यक़ीनन उसकी मुसीबत के दिन वह उसके दुश्मन बनकर उसे चारों तरफ़ से घेर लेंगे।
And I have sent fanners to Babylon, And they have fanned her, and they empty her land, For they have been against her, All around—in the day of evil.
3 उसके कमानदारों और ज़िरहपोशों पर तीरअन्दाज़ी करो; तुम उसके जवानों पर रहम न करो, उसके तमाम लश्कर को बिल्कुल हलाक करो।
Do not let the treader tread his bow, Nor lift himself up in his coat of mail, Nor have pity on her young men, Devote all her host to destruction.
4 मक़्तूल कसदियों की सरज़मीन में गिरेंगे, और छिदे हुए उसके बाज़ारों में पड़े रहेंगे।
And the wounded have fallen in the land of the Chaldeans, And the pierced-through in her streets.
5 क्यूँकि इस्राईल और यहूदाह को उनके ख़ुदा रब्ब — उल — अफ़वाज ने तर्क नहीं किया; अगरचे इनका मुल्क इस्राईल के क़ुद्दूस की नाफ़रमानी से पुर है।
For Israel and Judah are not forsaken By his God—by YHWH of Hosts, For their land has been full of guilt, Against the Holy One of Israel.
6 बाबुल से निकल भागो, और हर एक अपनी जान बचाए, उसकी बदकिरदारी की सज़ा में शरीक होकर हलाक न हो, क्यूँकि यह ख़ुदावन्द के इन्तक़ाम का वक़्त है; वह उसे बदला देता है।
Flee from the midst of Babylon, And let each deliver his soul, Do not be cut off in her iniquity, For it [is] a time of vengeance for YHWH—His, He is rendering repayment to her.
7 बाबुल ख़ुदावन्द के हाथ में सोने का प्याला था, जिसने सारी दुनिया को मतवाला किया; क़ौमों ने उसकी मय पी, इसलिए वह दीवाने हैं।
Babylon [is] a golden cup in the hand of YHWH, Making all the earth drunk, Nations have drunk of her wine, Therefore nations boast themselves.
8 बाबुल अचानक गिर गया और ग़ारत हुआ, उस पर वावैला करो; उसके ज़ख़्म के लिए बलसान लो, शायद वह शिफ़ा पाए।
Babylon has suddenly fallen, Indeed, she is broken, howl for her, Take balm for her pain, perhaps she may be healed.
9 हम तो बाबुल की शिफ़ायाबी चाहते थे लेकिन वह शिफ़ायाब न हुआ, तुम उसको छोड़ो, आओ, हम सब अपने अपने वतन को चले जाएँ, क्यूँकि उसकी आवाज़ आसमान तक पहुँची और अफ़लाक तक बुलन्द हुई।
We healed Babylon, and she was not healed, Forsake her, and we go, each to his land, For her judgment has come to the heavens, And it has been lifted up to the clouds.
10 ख़ुदावन्द ने हमारी रास्तबाज़ी को आशकारा किया; आओ, हम सिय्यून में ख़ुदावन्द अपने ख़ुदा के काम का बयान करें।
YHWH has brought forth our righteousnesses, Come, and we recount in Zion the work of our God YHWH.
11 तीरों को सैक़ल करो, सिपरों को तैयार रख्खो; ख़ुदावन्द ने मादियों के बादशाहों की रूह को उभारा है, क्यूँकि उसका इरादा बाबुल को बर्बाद करने का है; क्यूँकि यह ख़ुदावन्द का, या'नी उसकी हैकल का इन्तक़ाम है।
Cleanse the arrows, fill the shields, YHWH has stirred up the spirit of the kings of Media, For His purpose [is] against Babylon to destroy her, For it [is] the vengeance of YHWH, The vengeance of His temple.
12 बाबुल की दीवारों के सामने झंडा खड़ा करो पहरे की चौकियाँ मज़बूत करो, पहरेदारों को बिठाओ, कमीनगाहें तैयार करो; क्यूँकि ख़ुदावन्द ने अहल — ए — बाबुल के हक़ में जो कुछ ठहराया और फ़रमाया था, इसलिए पूरा किया।
Lift up an ensign to the walls of Babylon, Strengthen the watch, Establish the watchers, prepare the ambush, For YHWH has both devised and done that which He spoke, Concerning the inhabitants of Babylon.
13 ऐ नहरों पर सुकूनत करने वाली, जिसके ख़ज़ाने फ़िरावान हैं; तेरी तमामी का वक़्त आ पहुँचा और तेरी ग़ारतगरी का पैमाना पुर हो गया।
O dweller on many waters, abundant in treasures, Your end has come—the measure of your dishonest gain.
14 रब्ब — उल — अफ़वाज ने अपनी ज़ात की क़सम खाई है, कि यक़ीनन मैं तुझ में लोगों को टिड्डियों की तरह भर दूँगा, और वह तुझ पर जंग का नारा मारेंगे।
YHWH of Hosts has sworn by Himself, That, Surely I have filled you [with] men as the cankerworm, And they have cried against you—shouting.
15 उसी ने अपनी क़ुदरत से ज़मीन को बनाया, उसी ने अपनी हिकमत से जहाँ को क़ाईम किया, और अपनी 'अक़्ल से आसमान को तान दिया है;
Making [the] earth by His power, Establishing [the] world by His wisdom, Who by His understanding stretched out the heavens,
16 उसकी आवाज़ से आसमान में पानी की फ़िरावानी होती है, और वह ज़मीन की इन्तिहा से बुख़ारात उठाता है; वह बारिश के लिए बिजली चमकाता है और अपने ख़ज़ानों से हवा चलाता है।
At the voice He gives forth, A multitude of waters [are] in the heavens, And He causes vapors to come up from the end of the earth, He has made lightnings for rain, And He brings out wind from His treasures.
17 हर आदमी हैवान ख़सलत और बे — 'इल्म हो गया है, सुनार अपनी खोदी हुई मूरत से रुस्वा है; क्यूँकि उसकी ढाली हुई मूरत बातिल है, उनमें दम नहीं।
Every man has been brutish by knowledge, Everyone has been put to shame—from refining a carved image, For his molten image [is] falsehood, And there is no breath in them.
18 वह बातिल — फ़े'ल — ए — फ़रेब हैं, सज़ा के वक़्त बर्बाद हो जाएँगी।
They [are] vanity—a work of errors, They perish in the time of their inspection.
19 या'क़ूब का हिस्सा उनकी तरह नहीं, क्यूँकि वह सब चीज़ों का ख़ालिक़ है और इस्राईल उसकी मीरास का 'असा है; रब्बउल — अफ़वाज उसका नाम है।
The Portion of Jacob [is] not like these, For He is forming the whole, And [Israel is] the tribe of His inheritance, YHWH of Hosts [is] His Name.
20 तू मेरा गुर्ज़ और जंगी हथियार है, और तुझी से मैं क़ौमों को तोड़ता और तुझी से सल्तनतों को बर्बाद करता हूँ।
You [are] My shatterer—weapons of war, And I have broken in pieces nations by you, And I have destroyed kingdoms by you,
21 तुझी से मैं घोड़े और सवार को कुचलता, और तुझी से रथ और उसके सवार को चूर करता हूँ;
And I have broken in pieces horse and its rider by you, And I have broken in pieces chariot and its charioteer by you,
22 तुझी से मर्द — ओ — ज़न और पीर — ओ — जवान को कुचलता, और तुझ ही से नौखेंज़ लड़कों और लड़कियों को पीस डालता हूँ;
And I have broken in pieces man and woman by you, And I have broken in pieces old and young by you, And I have broken in pieces young man and virgin by you,
23 और तुझी से चरवाहे और उसके गल्ले को कुचलता, और तुझी से किसान और उसके जोड़ी बैल को, और तुझी से सरदारों और हाकिमों को चूर — चूर कर देता हूँ।
And I have broken in pieces shepherd and his drove by you, And I have broken in pieces farmer and his team by you, And I have broken in pieces governors and prefects by you.
24 और मैं बाबुल को और कसदिस्तान के सब बाशिन्दों को उस तमाम नुक़्सान का, जो उन्होंने सिय्यून को तुम्हारी आँखों के सामने पहुँचाया है इवज़ देता हूँ ख़ुदावन्द फ़रमाता है।
And I have repaid to Babylon, And to all inhabitants of Chaldea, All the evil that they have done in Zion, Before your eyes,” a declaration of YHWH.
25 देख ख़ुदावन्द फ़रमाता है, ऐ हलाक करने वाले पहाड़, जो तमाम इस ज़मीन को हलाक करता है, मैं तेरा मुख़ालिफ़ हूँ और मैं अपना हाथ तुझ पर बढ़ाऊँगा, और चट्टानों पर से तुझे लुढ़काऊँगा, और तुझे जला हुआ पहाड़ बना दूँगा।
“Behold, I [am] against you, O destroying mountain,” A declaration of YHWH, “That is destroying all the earth, And I have stretched out My hand against you, And I have rolled you from the rocks, And given you for a burnt mountain.
26 न तुझ से कोने का पत्थर, और न बुनियाद के लिए पत्थर लेंगे; बल्कि तू हमेशा तक वीरान रहेगा, ख़ुदावन्द फ़रमाता है।
And they do not take out of you a stone for a corner, And a stone for foundations, For you are continuous desolations,” A declaration of YHWH.
27 'मुल्क में झण्डा खड़ा करो, क़ौमों में नरसिंगा फूँको उनको उसके ख़िलाफ़ मख़सूस करो अरारात और मिन्नी और अश्कनाज़ की ममलुकतों को उस पर चढ़ा लाओ; उसके ख़िलाफ़ सिपहसालार मुक़र्रर करो और सवारों को मुहलिक टिड्डियों की तरह चढ़ा लाओ।
“Lift up an ensign in the land, Blow a horn among nations, Sanctify nations against it, Summon against it the kingdoms of Ararat, Minni, and Ashkenaz, Appoint an infant head against it, Cause the horse to ascend as the rough cankerworm.
28 क़ौमों को मादियों के बादशाहों को और सरदारों और हाकिमों और उनकी सल्तनत के तमाम मुमालिक को मख़सूस करो कि उस पर चढ़ाई करें।
Sanctify against it the nations with the kings of Media, Its governors and all its prefects, And all the land of its dominion.
29 और ज़मीन काँपती और दर्द में मुब्तिला है, क्यूँकि ख़ुदावन्द के इरादे बाबुल की मुखालिफ़त में क़ाईम रहेंगे, कि बाबुल की सरज़मीन को वीरान और ग़ैरआबाद कर दे।
And the land shakes, and it is pained, For the purposes of YHWH have stood against Babylon, To make the land of Babylon a desolation without inhabitant.
30 बाबुल के बहादुर लड़ाई से दस्तबरदार और क़िलों' में बैठे हैं, उनका ज़ोर घट गया, वह 'औरतों की तरह हो गए; उसके घर जलाए गए, उसके अड़बंगे तोड़े गए।
The mighty of Babylon have ceased to fight, They have remained in strongholds, Their might has failed, they have become [as] women, They have burned her dwelling places, Her bars have been broken.
31 हरकारा हरकारे से मिलने को और क़ासिद से मिलने को दौड़ेगा कि बाबुल के बादशाह को इत्तला दे, कि उसका शहर हर तरफ़ से ले लिया गया;
Runner runs to meet runner, And announcer to meet announcer, To announce to the king of Babylon, For his city has been captured—at the extremity.
32 और गुज़रगाहें ले ली गई, और नेस्तान आग से जलाए गए और फ़ौज हड़बड़ा गईं।
And the passages have been captured, And they have burned the reeds with fire, And the men of war have been troubled.
33 क्यूँकि रब्ब — उल — अफ़वाज, इस्राईल का ख़ुदा, यूँ फ़रमाता है कि: दुख़्तर — ए — बाबुल खलीहान की तरह है, जब उसे रौंदने का वक़्त आए, थोड़ी देर है कि उसकी कटाई का वक़्त आ पहुँचेगा।
For thus said YHWH of Hosts, God of Israel: The daughter of Babylon [is] as a threshing-floor, The time of her threshing—yet a little [while], And the time of her harvest has come.
34 “शाह — ए — बाबुल नबूकदनज़र ने मुझे खा लिया, उसने मुझे शिकस्त दी है, उसने मुझे ख़ाली बर्तन की तरह कर दिया अज़दहा की तरह वह मुझे निगल गया, उसने अपने पेट को मेरी ने'मतों से भर लिया; उसने मुझे निकाल दिया;
Devoured us, crushed us, has Nebuchadnezzar king of Babylon, He has set us [as] an empty vessel, He has swallowed us as a dragon, He has filled his belly with my delicacies, He has driven us away.
35 सिय्यून के रहनेवाले कहेंगे, जो सितम हम पर और हमारे लोगों पर हुआ, बाबुल पर हो।” और येरूशलेम कहेगा, मेरा ख़ून अहल — ए — कसदिस्तान पर हो।
My wrong, and [that of] my flesh, [is] on Babylon—The inhabitant of Zion says; And my blood [is] on the inhabitants of Chaldea—Jerusalem says.
36 इसलिए ख़ुदावन्द यूँ फ़रमाता है कि: देख, मैं तेरी हिमायत करूँगा और तेरा इन्तक़ाम लूँगा, और उसके बहर को सुखाऊँगा और उसके सोते को ख़ुश्क कर दूँगा;
Therefore, thus said YHWH: Behold, I am pleading your cause, And I have avenged your vengeance, And dried up her sea, and made her fountains dry.
37 और बाबुल खण्डर हो जाएगा, और गीदड़ों का मक़ाम और हैरत और सुस्कार का ज़रिया' होगी और उसमें कोई न बसेगा।
And Babylon has been for heaps, A habitation of dragons, An astonishment, and a hissing, without inhabitant.
38 वह जवान बबरों की तरह इकटठे गरजेंगे, वह शेर बच्चों की तरह ग़ुर्राएँगे।
They roar together as young lions, They have shaken themselves as lions’ whelps.
39 उनकी हालत — ए — तैश में मैं उनकी ज़ियाफ़त करके उनको मस्त करूँगा, कि वह जद्द में आएँ और दाइमी ख़्वाब में पड़े रहें और बेदार न हों, ख़ुदावन्द फ़रमाता है।
In their heat I make their banquets, And I have caused them to drink, so that they exult, And have slept a continuous sleep, And do not awaken,” a declaration of YHWH.
40 मैं उनको बर्रों और मेंढों की तरह बकरों के साथ मसलख़ पर उतार लाऊँगा।
“I cause them to go down as lambs to slaughter, As rams with male goats.
41 शेशक क्यूँकर ले लिया गया! हाँ, तमाम रु — ए — ज़मीन का खम्बा यकबारगी ले लिया गया। बाबुल क़ौमों के बीच कैसा वीरान हुआ!
How Sheshach has been captured, Indeed, the praise of the whole earth is caught, How Babylon has been for an astonishment among nations.
42 समन्दर बाबुल पर चढ़ गया है, वह उसकी लहरों की कसरत से छिप गया।
The sea has come up over Babylon, She has been covered with a multitude of its billows.
43 उसकी बस्तियाँ उजड़ गईं, वह ख़ुश्क ज़मीन और सहरा हो गया ऐसी सरज़मीन जिसमें न कोई बसता हो और न वहाँ आदमज़ाद का गुज़र हो।
Her cities have been for a desolation, A dry land, and a wilderness, A land—none dwell in them, Nor does a son of man pass over into them.
44 क्यूँकि मैं बाबुल में बेल को सज़ा दूँगा, और जो कुछ वह निगल गया है उसके मुँह से निकालूँगा, और फिर क़ौमें उसकी तरफ़ रवाँ न होंगी; हाँ, बाबुल की फ़सील गिर जाएगी।
And I have seen after Bel in Babylon, And I have brought forth that which he swallowed—from his mouth, And nations no longer flow to him, Also the wall of Babylon has fallen.
45 ऐ मेरे लोगों, उसमें से निकल आओ, और तुम में से हर एक ख़ुदावन्द के क़हर — ए — शदीद से अपनी जान बचाए।
Go forth from her midst, O My people, And let each deliver his soul, Because of the fierceness of the anger of YHWH,
46 न हो कि तुम्हारा दिल सुस्त हो, और तुम उस अफ़वाह से डरो जो ज़मीन में सुनी जाएगी; एक अफ़वाह एक साल आएगी और फिर दूसरी अफ़वाह दूसरे साल में, और मुल्क में ज़ुल्म होगा और हाकिम हाकिम से लड़ेगा।
And lest your heart be tender, And you are afraid of the report that is heard in the land, And the report has come in [one] year, And after it [another] report in [another] year, And violence [is] in the land, ruler against ruler;
47 इसलिए देख, वह दिन आते हैं कि मैं बाबुल की तराशी हुई मूरतों से इन्तक़ाम लूँगा और उसकी तमाम सरज़मीं रुस्वा होगी और उसके सब मक़्तूल उसी में पड़े रहेंगे।
Therefore, behold, days are coming, And I have seen after the carved images of Babylon. And all its land is ashamed, And all its pierced ones fall in its midst.
48 तब आसमान और ज़मीन और सब कुछ जो उनमें है, बाबुल पर शादियाना बजाएँगे; क्यूँकि ग़ारतगर उत्तर से उस पर चढ़ आएँगे, ख़ुदावन्द फ़रमाता है।
And heavens and earth and all that [is] in them Have cried aloud against Babylon, For the spoilers come to her from the north,” A declaration of YHWH.
49 जिस तरह बाबुल में बनी — इस्राईल क़त्ल हुए, उसी तरह बाबुल में तमाम मुल्क के लोग क़त्ल होंगे।
“As Babylon [has caused the] pierced of Israel to fall, So they of Babylon have fallen, You pierced of all the earth.
50 तुम जो तलवार से बच गए हो, खड़े न हो, चले जाओ! दूर ही से ख़ुदावन्द को याद करो, और येरूशलेम का ख़याल तुम्हारे दिल में आए।
You escaped of the sword, go on, do not stand, Remember YHWH from afar, And let Jerusalem come up on your heart.
51 'हम परेशान हैं, क्यूँकि हम ने मलामत सुनी; हम शर्मआलूदा हुए, क्यूँकि ख़ुदावन्द के घर के हैकलों में अजनबी घुस आए।
We have been ashamed, for we heard reproach, Shame has covered our faces, For strangers have come in against the sanctuaries of the house of YHWH.
52 इसलिए देख, वह दिन आते हैं, ख़ुदावन्द फ़रमाता है, कि मैं उसकी तराशी हुई मूरतों को सज़ा दूँगा; और उसकी तमाम सल्तनत में घायल कराहेंगे।
Therefore, behold, days are coming,” A declaration of YHWH, “And I have seen after her carved images, And the wounded groan in all her land.
53 हरचन्द बाबुल आसमान पर चढ़ जाए और अपने ज़ोर की इन्तिहा तक मुस्तहकम हो बैठे तो भी ग़ारतगर मेरी तरफ़ से उस पर चढ़ आएँगे, ख़ुदावन्द फ़रमाता है।
Because Babylon goes up to the heavens, And because she fortifies the high place of her strength, Spoilers come into her from Me,” A declaration of YHWH.
54 बाबुल से रोने की और कसदियों की सरज़मीन से बड़ी हलाकत की आवाज़ आती है।
“A voice of a cry [is] from Babylon, And of great destruction from the land of the Chaldean.
55 क्यूँकि ख़ुदावन्द बाबुल को ग़ारत करता है, और उसके बड़े शोर — ओ — ग़ुल को बर्बाद करेगा; उनकी लहरें समन्दर की तरह शोर मचाती हैं उनके शोर की आवाज़ बुलंद है;
For YHWH is spoiling Babylon, And has destroyed her great voice, And her billows have sounded as many waters, Their voice has given forth a noise.
56 इसलिए कि ग़ारतगर उस पर, हाँ, बाबुल पर चढ़ आया है, और उसके ताक़तवर लोग पकड़े जायेंगे उनकी कमाने तोड़ी जायेंगी क्यूँकि ख़ुदावन्द इन्तक़ाम लेनेवाला ख़ुदा है, वह ज़रूर बदला लेगा।
For a spoiler has come in against her—against Babylon, And her mighty ones have been captured, Their bows have been broken, For the God of recompenses—YHWH—certainly repays.
57 मैं हाकिम — ओ — हुक्मा को और उसके सरदारों और हाकिमों को मस्त करूँगा, और वह दाइमी ख़्वाब में पड़े रहेंगे और बेदार न होंगे, वह बादशाह फ़रमाता है, जिसका नाम रब्ब — उल — अफ़वाज है।
And I have caused her princes to drink, And her wise men, her governors, And her prefects, and her mighty ones, And they have slept a continuous sleep, And they do not awaken—an affirmation of the King, YHWH of Hosts [is] His Name.
58 “रब्ब — उल — अफ़वाज यूँ फ़रमाता है कि: बाबुल की चौड़ी फ़सील बिल्कुल गिरा दी जाएगी, और उसके बुलन्द फाटक आग से जला दिए जाएँगे। यूँ लोगों की मेहनत बे फ़ायदा ठहरेगी, और क़ौमों का काम आग के लिए होगा और वह मान्दा होंगे।”
Thus said YHWH of Hosts: The wall of Babylon—The broad one—is made utterly bare, And her high gates are burned with fire, And peoples labor in vain, And nations in fire, and have been weary!”
59 यह वह बात है, जो यरमियाह नबी ने सिरायाह — बिन — नेयिरियाह — बिन — महसियाह से कही, जब वह शाह — ए — यहूदाह सिदक़ियाह के साथ उसकी सल्तनत के चौथे बरस बाबुल में गया, और यह सिरायाह ख़्वाजासराओं का सरदार था।
The word that Jeremiah the prophet has commanded Seraiah son of Neriah, son of Maaseiah, in his going with Zedekiah king of Judah to Babylon, in the fourth year of his reign—and Seraiah [is] a quiet prince;
60 और यरमियाह ने उन सब आफ़तों को जो बाबुल पर आने वाली थीं, एक किताब में क़लमबन्द किया; या'नी इन सब बातों को जो बाबुल के बारे में लिखी गई हैं।
and Jeremiah writes all the calamity that comes to Babylon on one scroll—all these words that are written concerning Babylon.
61 और यरमियाह ने सिरायाह से कहा, कि “जब तू बाबुल में पहुँचे, तो' इन सब बातों को पढ़ना,
And Jeremiah says to Seraiah, “When you enter Babylon, then you have seen, and have read all these words,
62 और कहना, 'ऐ ख़ुदावन्द, तूने इस जगह की बर्बादी के बारे में फ़रमाया है कि मैं इसको बर्बाद करूँगा, ऐसा कि कोई इसमें न बसे, न इंसान न हैवान, लेकिन हमेशा वीरान रहे।
and have said: YHWH, You have spoken concerning this place, to cut it off, that there is none dwelling in it, from man even to livestock, for it is a continuous desolation.
63 और जब तू इस किताब को पढ़ चुके, तो एक पत्थर इससे बाँधना और फ़रात में फेंक देना;
And it has come to pass, when you finish reading this scroll, you bind a stone to it, and have cast it into the midst of the Euphrates,
64 और कहना, 'बाबुल इसी तरह डूब जाएगा, और उस मुसीबत की वजह से जो मैं उस पर डाल दूँगा, फिर न उठेगा और वह मान्दा होंगे।” यरमियाह की बातें यहाँ तक हैं।
and said, Thus Babylon sinks, and she does not arise, because of the calamity that I am bringing in against it, and they have been weary.” Until now [are the] words of Jeremiah.