< यर्म 50 >

1 वह कलाम जो ख़ुदावन्द ने बाबुल और कसदियों के मुल्क के बारे में यरमियाह नबी की ज़रिए' फ़रमाया:
הַדָּבָר אֲשֶׁר דִּבֶּר יְהֹוָה אֶל־בָּבֶל אֶל־אֶרֶץ כַּשְׂדִּים בְּיַד יִרְמְיָהוּ הַנָּבִֽיא׃
2 क़ौमों में 'ऐलान करो, और इश्तिहार दो, और झण्डा खड़ा करो, 'ऐलान करो, पोशीदा न रख्खो; कह दो कि बाबुल ले लिया गया, बेल रुस्वा हुआ, मरोदक सरासीमा हो गया; उसके बुत ख़जिल हुए, उसकी मूरतें तोड़ी गईं।
הַגִּידוּ בַגּוֹיִם וְהַשְׁמִיעוּ וּֽשְׂאוּ־נֵס הַשְׁמִיעוּ אַל־תְּכַחֵדוּ אִמְרוּ נִלְכְּדָה בָבֶל הֹבִישׁ בֵּל חַת מְרֹדָךְ הֹבִישׁוּ עֲצַבֶּיהָ חַתּוּ גִּלּוּלֶֽיהָ׃
3 क्यूँकि उत्तर से एक क़ौम उस पर चढ़ी चली आती है, जो उसकी सरज़मीन को उजाड़ देगी, यहाँ तक कि उसमें कोई न रहेगा, वह भाग निकले, वह चल दिए, क्या इंसान क्या हैवान।
כִּי עָלָה עָלֶיהָ גּוֹי מִצָּפוֹן הֽוּא־יָשִׁית אֶת־אַרְצָהּ לְשַׁמָּה וְלֹא־יִהְיֶה יוֹשֵׁב בָּהּ מֵאָדָם וְעַד־בְּהֵמָה נָדוּ הָלָֽכוּ׃
4 'ख़ुदावन्द फ़रमाता है, उन दिनों में बल्कि उसी वक़्त बनी — इस्राईल आएँगे; वह और बनी यहूदाह इकट्ठे रोते हुए चलेंगे और ख़ुदावन्द अपने ख़ुदा के तालिब होंगे।
בַּיָּמִים הָהֵמָּה וּבָעֵת הַהִיא נְאֻם־יְהֹוָה יָבֹאוּ בְנֵי־יִשְׂרָאֵל הֵמָּה וּבְנֵי־יְהוּדָה יַחְדָּו הָלוֹךְ וּבָכוֹ יֵלֵכוּ וְאֶת־יְהֹוָה אֱלֹהֵיהֶם יְבַקֵּֽשׁוּ׃
5 वह सिय्यून की तरफ़ मुतवज्जिह होकर उसकी राह पूछेंगे, 'आओ, हम ख़ुदावन्द से मिल कर उससे अबदी 'अहद करें, जो कभी फ़रामोश न हो।
צִיּוֹן יִשְׁאָלוּ דֶּרֶךְ הֵנָּה פְנֵיהֶם בֹּאוּ וְנִלְווּ אֶל־יְהֹוָה בְּרִית עוֹלָם לֹא תִשָּׁכֵֽחַ׃
6 मेरे लोग भटकी हुई भेड़ों की तरह हैं; उनके चरवाहों ने उनको गुमराह कर दिया, उन्होंने उनको पहाड़ों पर ले जाकर छोड़ दिया; वह पहाड़ों से टीलों पर गए और अपने आराम का मकान भूल गए हैं।
צֹאן אֹֽבְדוֹת (היה) [הָיוּ] עַמִּי רֹעֵיהֶם הִתְעוּם הָרִים (שובבים) [שׁוֹבְבוּם] מֵהַר אֶל־גִּבְעָה הָלָכוּ שָׁכְחוּ רִבְצָֽם׃
7 सब जिन्होंने उनको पाया उनको निगल गए, और उनके दुश्मनों ने कहा, हम क़ुसूरवार नहीं हैं क्यूँकि उन्होंने ख़ुदावन्द का गुनाह किया है; वह ख़ुदावन्द जो सदाक़त का मस्कन और उनके बाप — दादा की उम्मीदगाह है।
כׇּל־מוֹצְאֵיהֶם אֲכָלוּם וְצָרֵיהֶם אָמְרוּ לֹא נֶאְשָׁם תַּחַת אֲשֶׁר חָטְאוּ לַֽיהֹוָה נְוֵה־צֶדֶק וּמִקְוֵה אֲבוֹתֵיהֶם יְהֹוָֽה׃
8 बाबुल में से भागो, और कसदियों की सरज़मीन से निकलो, और उन बकरों की तरह हो जो गल्लों के आगे आगे चलते हैं।
נֻדוּ מִתּוֹךְ בָּבֶל וּמֵאֶרֶץ כַּשְׂדִּים (יצאו) [צֵאוּ] וִֽהְיוּ כְּעַתּוּדִים לִפְנֵי־צֹֽאן׃
9 क्यूँकि देख, मैं उत्तर की सरज़मीन से बड़ी क़ौमों के अम्बोह को बर्पा करूँगा और बाबुल पर चढ़ा लाऊँगा, और वह उसके सामने सफ़ — आरा होंगे; वहाँ से उस पर क़ब्ज़ा कर लेंगे उनके तीरकार आज़मूदा बहादुर के से होंगे जो ख़ाली हाथ नहीं लौटता।
כִּי הִנֵּה אָנֹכִי מֵעִיר וּמַעֲלֶה עַל־בָּבֶל קְהַל־גּוֹיִם גְּדֹלִים מֵאֶרֶץ צָפוֹן וְעָרְכוּ לָהּ מִשָּׁם תִּלָּכֵד חִצָּיו כְּגִבּוֹר מַשְׁכִּיל לֹא יָשׁוּב רֵיקָֽם׃
10 कसदिस्तान लूटा जाएगा, उसे लूटने वाले सब आसूदा होंगे, ख़ुदावन्द फ़रमाता है।
וְהָיְתָה כַשְׂדִּים לְשָׁלָל כׇּל־שֹׁלְלֶיהָ יִשְׂבָּעוּ נְאֻם־יְהֹוָֽה׃
11 ऐ मेरी मीरास को लूटनेवालों, चूँकि तुम शादमान और ख़ुश हो और दावने वाली बछिया की तरह कूदते फाँदते और ताक़तवर घोड़ों की तरह हिनहिनाते हो;
כִּי (תשמחי) [תִשְׂמְחוּ] כִּי (תעלזי) [תַעַלְזוּ] שֹׁסֵי נַחֲלָתִי כִּי (תפושי) [תָפוּשׁוּ] כְּעֶגְלָה דָשָׁה (ותצהלי) [וְתִצְהֲלוּ] כָּאַבִּרִֽים׃
12 इसलिए तुम्हारी माँ बहुत शर्मिन्दा होगी, तुम्हारी वालिदा ख़जालत उठाएगी। देखो, वह क़ौमों में सबसे आख़िरी ठहरेगी और वीरान — ओ — ख़ुश्क ज़मीन और रेगिस्तान होगी।
בּוֹשָׁה אִמְּכֶם מְאֹד חָפְרָה יוֹלַדְתְּכֶם הִנֵּה אַחֲרִית גּוֹיִם מִדְבָּר צִיָּה וַעֲרָבָֽה׃
13 ख़ुदावन्द के क़हर की वजह से वह आबाद न होगी, बल्कि बिल्कुल वीरान हो जाएगी; जो कोई बाबुल से गुज़रेगा हैरान होगा, और उसकी सब आफ़तों के बाइस सुस्कारेगा।
מִקֶּצֶף יְהֹוָה לֹא תֵשֵׁב וְהָיְתָה שְׁמָמָה כֻּלָּהּ כֹּל עֹבֵר עַל־בָּבֶל יִשֹּׁם וְיִשְׁרֹק עַל־כׇּל־מַכּוֹתֶֽיהָ׃
14 ऐ सब तीरअन्दाज़ो, बाबुल को घेर कर उसके ख़िलाफ़ सफ़आराई करो, उस पर तीर चलाओ, तीरों को दरेग़ न करो, क्यूँकि उसने ख़ुदावन्द का गुनाह किया है।
עִרְכוּ עַל־בָּבֶל ׀ סָבִיב כׇּל־דֹּרְכֵי קֶשֶׁת יְדוּ אֵלֶיהָ אַֽל־תַּחְמְלוּ אֶל־חֵץ כִּי לַיהֹוָה חָטָֽאָה׃
15 उसे घेर कर तुम उस पर ललकारो, उसने इता'अत मन्ज़ूर कर ली; उसकी बुनियादें धंस गई, उसकी दीवारें गिर गई। क्यूँकि यह ख़ुदावन्द का इन्तक़ाम है, उससे इन्तक़ाम लो; जैसा उसने किया, वैसा ही तुम उससे करो।
הָרִיעוּ עָלֶיהָ סָבִיב נָתְנָה יָדָהּ נָֽפְלוּ (אשויתיה) [אׇשְׁיוֹתֶיהָ] נֶהֶרְסוּ חוֹמוֹתֶיהָ כִּי נִקְמַת יְהֹוָה הִיא הִנָּקְמוּ בָהּ כַּאֲשֶׁר עָשְׂתָה עֲשׂוּ־לָֽהּ׃
16 बाबुल में हर एक बोनेवाले को और उसे जो दिरौ के वक़्त दरॉती पकड़े, काट डालो; ज़ालिम की तलवार की हैबत से हर एक अपने लोगों में जा मिलेगा, और हर एक अपने वतन को भाग जाएगा।
כִּרְתוּ זוֹרֵעַ מִבָּבֶל וְתֹפֵשׂ מַגָּל בְּעֵת קָצִיר מִפְּנֵי חֶרֶב הַיּוֹנָה אִישׁ אֶל־עַמּוֹ יִפְנוּ וְאִישׁ לְאַרְצוֹ יָנֻֽסוּ׃
17 इस्राईल तितर — बितर भेड़ों की तरह है, शेरों ने उसे रगेदा है। पहले शाह — ए — असूर ने उसे खा लिया और फिर यह शाह — ए — बाबुल नबूकदनज़र उसकी हड्डियाँ तक चबा गया।
שֶׂה פְזוּרָה יִשְׂרָאֵל אֲרָיוֹת הִדִּיחוּ הָרִאשׁוֹן אֲכָלוֹ מֶלֶךְ אַשּׁוּר וְזֶה הָאַֽחֲרוֹן עִצְּמוֹ נְבוּכַדְרֶאצַּר מֶלֶךְ בָּבֶֽל׃
18 इसलिए रब्ब — उल — अफ़वाज, इस्राईल का ख़ुदा, यूँ फ़रमाता है कि: देख, मैं शाह — ए — बाबुल और उसके मुल्क को सज़ा दूँगा, जिस तरह मैंने शाह — ए — असूर को सज़ा दी है।
לָכֵן כֹּה־אָמַר יְהֹוָה צְבָאוֹת אֱלֹהֵי יִשְׂרָאֵל הִנְנִי פֹקֵד אֶל־מֶלֶךְ בָּבֶל וְאֶל־אַרְצוֹ כַּאֲשֶׁר פָּקַדְתִּי אֶל־מֶלֶךְ אַשּֽׁוּר׃
19 लेकिन मैं इस्राईल को फिर उसके घर में लाऊँगा, और वह कर्मिल और बसन में चरेगा, और उसकी जान कोह — ए — इफ़्राईम और जिल'आद पर आसूदा होगी।
וְשֹׁבַבְתִּי אֶת־יִשְׂרָאֵל אֶל־נָוֵהוּ וְרָעָה הַכַּרְמֶל וְהַבָּשָׁן וּבְהַר אֶפְרַיִם וְהַגִּלְעָד תִּשְׂבַּע נַפְשֽׁוֹ׃
20 ख़ुदावन्द फ़रमाता है, उन दिनों में और उसी वक़्त इस्राईल की बदकिरदारी ढूँडे न मिलेगी; और यहूदाह के गुनाहों का पता न मिलेगा जिनको मैं बाक़ी रखूँगा उनको मु'आफ़ करूँगा।
בַּיָּמִים הָהֵם וּבָעֵת הַהִיא נְאֻם־יְהֹוָה יְבֻקַּשׁ אֶת־עֲוֺן יִשְׂרָאֵל וְאֵינֶנּוּ וְאֶת־חַטֹּאת יְהוּדָה וְלֹא תִמָּצֶאינָה כִּי אֶסְלַח לַאֲשֶׁר אַשְׁאִֽיר׃
21 मरातायम की सरज़मीन पर और फ़िक़ोद के बाशिन्दों पर चढ़ाई कर। उसे वीरान कर और उनको बिल्कुल नाबूद कर, ख़ुदावन्द फ़रमाता है; और जो कुछ मैंने तुझे फ़रमाया है, उस सब के मुताबिक़ 'अमल कर।
עַל־הָאָרֶץ מְרָתַיִם עֲלֵה עָלֶיהָ וְאֶל־יוֹשְׁבֵי פְּקוֹד חֲרֹב וְהַחֲרֵם אַחֲרֵיהֶם נְאֻם־יְהֹוָה וַעֲשֵׂה כְּכֹל אֲשֶׁר צִוִּיתִֽיךָ׃
22 मुल्क में लड़ाई और बड़ी हलाकत की आवाज़ है।
קוֹל מִלְחָמָה בָּאָרֶץ וְשֶׁבֶר גָּדֽוֹל׃
23 तमाम दुनिया का हथौड़ा, क्यूँकर काटा और तोड़ा गया! बाबुल क़ौमों के बीच कैसा जा — ए — हैरत हुआ!
אֵיךְ נִגְדַּע וַיִּשָּׁבֵר פַּטִּישׁ כׇּל־הָאָרֶץ אֵיךְ הָיְתָה לְשַׁמָּה בָּבֶל בַּגּוֹיִֽם׃
24 मैंने तेरे लिए फन्दा लगाया, और ऐ बाबुल, तू पकड़ा गया, और तुझे ख़बर न थी। तेरा पता मिला और तू गिरफ़्तार हो गया, क्यूँकि तूने ख़ुदावन्द से लड़ाई की है।
יָקֹשְׁתִּי לָךְ וְגַם־נִלְכַּדְתְּ בָּבֶל וְאַתְּ לֹא יָדָעַתְּ נִמְצֵאת וְגַם־נִתְפַּשְׂתְּ כִּי בַיהֹוָה הִתְגָּרִֽית׃
25 ख़ुदावन्द ने अपना सिलाहख़ाना खोला और अपने क़हर के हथियारों को निकाला है; क्यूँकि कसदियों की सरज़मीन में ख़ुदावन्द रब्ब — उल — अफ़वाज को कुछ करना है।
פָּתַח יְהֹוָה אֶת־אוֹצָרוֹ וַיּוֹצֵא אֶת־כְּלֵי זַעְמוֹ כִּֽי־מְלָאכָה הִיא לַאדֹנָי יֱהֹוִה צְבָאוֹת בְּאֶרֶץ כַּשְׂדִּֽים׃
26 सिरे से शुरू' करके उस पर चढ़ो, और उसके अम्बारख़ानों को खोलो, उसको खण्डर कर डालो और उसको बर्बाद करो, उसकी कोई चीज़ बाक़ी न छोड़ो।
בֹּֽאוּ־לָהּ מִקֵּץ פִּתְחוּ מַאֲבֻסֶיהָ סׇלּוּהָ כְמֽוֹ־עֲרֵמִים וְהַחֲרִימוּהָ אַל־תְּהִי־לָהּ שְׁאֵרִֽית׃
27 उसके सब बैलों को ज़बह करो, उनको मसलख़ में जाने दो; उन पर अफ़सोस! कि उनका दिन आ गया, उनकी सज़ा का वक़्त आ पहुँचा।
חִרְבוּ כׇּל־פָּרֶיהָ יֵרְדוּ לַטָּבַח הוֹי עֲלֵיהֶם כִּי־בָא יוֹמָם עֵת פְּקֻדָּתָֽם׃
28 सरज़मीन — ए — बाबुल से फ़रारियों की आवाज़! वह भागते और सिय्यून में ख़ुदावन्द हमारे ख़ुदा के इन्तक़ाम, या'नी उसकी हैकल के इन्तक़ाम का ऐलान करते हैं।
קוֹל נָסִים וּפְלֵטִים מֵאֶרֶץ בָּבֶל לְהַגִּיד בְּצִיּוֹן אֶת־נִקְמַת יְהֹוָה אֱלֹהֵינוּ נִקְמַת הֵיכָלֽוֹ׃
29 तीरअन्दाज़ों को बुलाकर इकट्ठा करो कि बाबुल पर जाएँ, सब कमानदारों को हर तरफ़ से उसके सामने ख़ेमाज़न करो। वहाँ से कोई बच न निकले, उसके काम के मुवाफ़िक़ उसको बदला दो। सब कुछ जो उसने किया उसे करों क्यूँकि उसने ख़ुदावन्द इस्राईल के क़ुद्दूस के सामने बहुत तकब्बुर किया।
הַשְׁמִיעוּ אֶל־בָּבֶל ׀ רַבִּים כׇּל־דֹּרְכֵי קֶשֶׁת חֲנוּ עָלֶיהָ סָבִיב אַל־יְהִי־ [לָהּ] פְּלֵיטָה שַׁלְּמוּ־לָהּ כְּפׇעֳלָהּ כְּכֹל אֲשֶׁר עָשְׂתָה עֲשׂוּ־לָהּ כִּי אֶל־יְהֹוָה זָדָה אֶל־קְדוֹשׁ יִשְׂרָאֵֽל׃
30 इसलिए उसके जवान बाज़ारों में गिर जाएँगे, और सब जंगी मर्द उस दिन काट डाले जाएँगे, ख़ुदावन्द फ़रमाता है।
לָכֵן יִפְּלוּ בַחוּרֶיהָ בִּרְחֹבֹתֶיהָ וְכׇל־אַנְשֵׁי מִלְחַמְתָּהּ יִדַּמּוּ בַּיּוֹם הַהוּא נְאֻם־יְהֹוָֽה׃
31 ऐ मग़रूर, देख, मैं तेरा मुख़ालिफ़ हूँ ख़ुदावन्द रब्ब — उल — अफ़वाज फ़रमाता है क्यूँकि तेरा वक़्त आ पहुँचा, हाँ, वह वक़्त जब मैं तुझे सज़ा दूँ।
הִנְנִי אֵלֶיךָ זָדוֹן נְאֻם־אֲדֹנָי יֱהֹוִה צְבָאוֹת כִּי בָּא יוֹמְךָ עֵת פְּקַדְתִּֽיךָ׃
32 और वह मग़रूर ठोकर खाएगा, वह गिरेगा और कोई उसे न उठाएगा; और मैं उसके शहरों में आग भड़काऊँगा, और वह उसके तमाम 'इलाक़े को भसम कर देगी।
וְכָשַׁל זָדוֹן וְנָפַל וְאֵין לוֹ מֵקִים וְהִצַּתִּי אֵשׁ בְּעָרָיו וְאָכְלָה כׇּל־סְבִיבֹתָֽיו׃
33 'रब्ब — उल — अफ़वाज यूँ फ़रमाता है: कि बनी — इस्राईल और बनी यहूदाह दोनों मज़लूम हैं; और उनको ग़ुलाम करने वाले उनको क़ैद में रखते हैं, और छोड़ने से इन्कार करते हैं।
כֹּה אָמַר יְהֹוָה צְבָאוֹת עֲשׁוּקִים בְּנֵי־יִשְׂרָאֵל וּבְנֵי־יְהוּדָה יַחְדָּו וְכׇל־שֹֽׁבֵיהֶם הֶחֱזִיקוּ בָם מֵאֲנוּ שַׁלְּחָֽם׃
34 उनका छुड़ानेवाला ज़ोरआवर है; रब्ब — उल — अफ़वाज उसका नाम है; वह उनकी पूरी हिमायत करेगा ताकि ज़मीन को राहत बख़्शे, और बाबुल के बाशिन्दों को परेशान करे।
גֹּאֲלָם ׀ חָזָק יְהֹוָה צְבָאוֹת שְׁמוֹ רִיב יָרִיב אֶת־רִיבָם לְמַעַן הִרְגִּיעַ אֶת־הָאָרֶץ וְהִרְגִּיז לְיֹשְׁבֵי בָבֶֽל׃
35 ख़ुदावन्द फ़रमाता है, कि तलवार कसदियों पर और बाबुल के बाशिन्दों पर, और उसके हाकिम और हुक्मा पर है।
חֶרֶב עַל־כַּשְׂדִּים נְאֻם־יְהֹוָה וְאֶל־יֹשְׁבֵי בָבֶל וְאֶל־שָׂרֶיהָ וְאֶל־חֲכָמֶֽיהָ׃
36 लाफ़ज़नों पर तलवार है, वह बेवकूफ़ हो जाएँगे; उसके बहादुरों पर तलवार है, वह डर जाएँगे।
חֶרֶב אֶל־הַבַּדִּים וְנֹאָלוּ חֶרֶב אֶל־גִּבּוֹרֶיהָ וָחָֽתּוּ׃
37 उसके घोड़ों और रथों और सब मिले — जुले लोगों पर जो उसमें हैं, तलवार है, वह 'औरतों की तरह होंगे; उसके ख़ज़ानों पर तलवार है, वह लूटे जाएँगे।
חֶרֶב אֶל־סוּסָיו וְאֶל־רִכְבּוֹ וְאֶל־כׇּל־הָעֶרֶב אֲשֶׁר בְּתוֹכָהּ וְהָיוּ לְנָשִׁים חֶרֶב אֶל־אוֹצְרֹתֶיהָ וּבֻזָּֽזוּ׃
38 उसकी नहरों पर ख़ुश्कसाली है, वह सूख जाएँगी; क्यूँकि वह तराशी हुई मूरतों की ममलुकत है और वह बुतों पर शेफ़्ता हैं।
חֹרֶב אֶל־מֵימֶיהָ וְיָבֵשׁוּ כִּי אֶרֶץ פְּסִלִים הִיא וּבָאֵימִים יִתְהֹלָֽלוּ׃
39 इसलिए दश्ती दरिन्दे गीदड़ों के साथ वहाँ बसेंगे और शुतुरमुर्ग उसमें बसेरा करेंगे, और वह फिर अबद तक आबाद न होगी, नसल — दर — नसल कोई उसमें सुकूनत न करेगा।
לָכֵן יֵשְׁבוּ צִיִּים אֶת־אִיִּים וְיָשְׁבוּ בָהּ בְּנוֹת יַעֲנָה וְלֹא־תֵשֵׁב עוֹד לָנֶצַח וְלֹא תִשְׁכּוֹן עַד־דּוֹר וָדֹֽר׃
40 जिस तरह ख़ुदा ने सदूम और 'अमूरा और उनके आसपास के शहरों को उलट दिया ख़ुदावन्द फ़रमाता है उसी तरह कोई आदमी वहाँ न बसेगा, न आदमज़ाद उसमें रहेगा।
כְּמַהְפֵּכַת אֱלֹהִים אֶת־סְדֹם וְאֶת־עֲמֹרָה וְאֶת־שְׁכֵנֶיהָ נְאֻם־יְהֹוָה לֹֽא־יֵשֵׁב שָׁם אִישׁ וְלֹא־יָגוּר בָּהּ בֶּן־אָדָֽם׃
41 देख, उत्तरी मुल्क से एक गिरोह आती है; और इन्तिहा — ए — ज़मीन से एक बड़ी क़ौम और बहुत से बादशाह बरअन्गेख़ता किए जाएँगे।
הִנֵּה עַם בָּא מִצָּפוֹן וְגוֹי גָּדוֹל וּמְלָכִים רַבִּים יֵעֹרוּ מִיַּרְכְּתֵי־אָֽרֶץ׃
42 वह तीरअन्दाज़ — ओ — नेज़ा बाज़ हैं, वह संगदिल — ओ — बेरहम हैं, उनके ना'रों की आवाज़ हमेशा समन्दर की जैसी है, वह घोड़ों पर सवार हैं; ऐ दुख़्तर — ए — बाबुल, वह जंगी मर्दों की तरह तेरे सामने सफ़ — आराई करते हैं।
קֶשֶׁת וְכִידֹן יַחֲזִיקוּ אַכְזָרִי הֵמָּה וְלֹא יְרַחֵמוּ קוֹלָם כַּיָּם יֶהֱמֶה וְעַל־סוּסִים יִרְכָּבוּ עָרוּךְ כְּאִישׁ לַמִּלְחָמָה עָלַיִךְ בַּת־בָּבֶֽל׃
43 शाह — ए — बाबुल ने उनकी शोहरत सुनी है, उसके हाथ ढीले हो गए, वह ज़च्चा की तरह मुसीबत और दर्द में गिरफ़्तार है।
שָׁמַע מֶלֶךְ־בָּבֶל אֶת־שִׁמְעָם וְרָפוּ יָדָיו צָרָה הֶחֱזִיקַתְהוּ חִיל כַּיּוֹלֵדָֽה׃
44 “देख, वह शेर — ए — बबर की तरह यरदन के जंगल से निकलकर मज़बूत बस्ती पर चढ़ आएगा; लेकिन मैं अचानक उसको वहाँ से भगा दूँगा, और अपने बरगुज़ीदा को उस पर मुक़र्रर करूँगा; क्यूँकि मुझ सा कौन है? कौन है जो मेरे लिए वक़्त मुक़र्रर करे? और वह चरवाहा कौन है जो मेरे सामने खड़ा हो सके?
הִנֵּה כְּאַרְיֵה יַעֲלֶה מִגְּאוֹן הַיַּרְדֵּן אֶל־נְוֵה אֵיתָן כִּֽי־אַרְגִּעָה (ארוצם) [אֲרִיצֵם] מֵעָלֶיהָ וּמִי בָחוּר אֵלֶיהָ אֶפְקֹד כִּי מִי כָמוֹנִי וּמִי יוֹעִדֶנִּי וּמִי־זֶה רֹעֶה אֲשֶׁר יַעֲמֹד לְפָנָֽי׃
45 इसलिए ख़ुदावन्द की मसलहत को जो उसने बाबुल के ख़िलाफ़ ठहराई है, और उसके इरादे को जो उसने कसदियों की सरज़मीन के ख़िलाफ़ किया है, सुनो, यक़ीनन उनके गल्ले के सब से छोटों को भी घसीट ले जाएँगे; यक़ीनन उनका घर भी उनके साथ बर्बाद होगा।
לָכֵן שִׁמְעוּ עֲצַת־יְהֹוָה אֲשֶׁר יָעַץ אֶל־בָּבֶל וּמַחְשְׁבוֹתָיו אֲשֶׁר חָשַׁב אֶל־אֶרֶץ כַּשְׂדִּים אִם־לֹא יִסְחָבוּם צְעִירֵי הַצֹּאן אִם־לֹא יַשִּׁים עֲלֵיהֶם נָוֶֽה׃
46 बाबुल की शिकस्त के शोर से ज़मीन काँपती है, और फ़रियाद को क़ौमों ने सुना है।”
מִקּוֹל נִתְפְּשָׂה בָבֶל נִרְעֲשָׁה הָאָרֶץ וּזְעָקָה בַּגּוֹיִם נִשְׁמָֽע׃

< यर्म 50 >