< यर्म 5 >
1 अब येरूशलेम की गलियों में इधर — उधर गश्त करो; और देखो और दरियाफ़्त करो, और उसके चौकों में ढूँडो, अगर कोई आदमी वहाँ मिले जो इन्साफ़ करनेवाला और सच्चाई का तालिब हो, तो मैं उसे मु'आफ़ करूँगा।
Streifet umher in den Gassen von Jerusalem, und seht doch und erkennt und sucht in seinen Straßen, ob einen Mann ihr findet, ob einer da ist, der Recht tut, der Wahrheit sucht: so will Ich ihr vergeben.
2 और अगरचे वह कहते हैं, ज़िन्दा ख़ुदावन्द की क़सम, तो भी यक़ीनन वह झूटी क़सम खाते हैं।
Und ob sie sprechen: Beim Leben Jehovahs! schwören sie dennoch zur Lüge.
3 ऐ ख़ुदावन्द, क्या तेरी आँखें सच्चाई पर नही हैं? तूने उनको मारा है, लेकिन उन्होंने अफ़सोस नहीं किया; तूने उनको बर्बाद किया, लेकिन वह तरबियत — पज़ीर न हुए; उन्होंने अपने चेहरों को चट्टान से भी ज़्यादा सख़्त बनाया, उन्होंने वापस आने से इन्कार किया है।
Jehovah, sind Deine Augen nicht auf dem Wahren? Du schlugst sie und es erschütterte sie nicht; Du riebst sie auf, sie weigerten sich, Zucht anzunehmen, machen fester denn die Felsenklippe ihr Angesicht, weigern sich, umzukehren.
4 तब मैंने कहा कि “यक़ीनन ये बेचारे जाहिल हैं, क्यूँकि ये ख़ुदावन्द की राह और अपने ख़ुदा के हुक्मों को नहीं जानते।
Und ich sprach: Es sind nur die Armen, die dumm sind, weil sie den Weg Jehovahs, ihres Gottes Recht, nicht kennen.
5 मैं बुज़ुर्गों के पास जाऊँगा, और उनसे कलाम करूँगा; क्यूँकि वह ख़ुदावन्द की राह और अपने ख़ुदा के हुक्मों को जानते हैं।” लेकिन इन्होंने जूआ बिल्कुल तोड़ डाला, और बन्धनों के टुकड़े कर डाले।
Ich will doch zu den Großen gehen und will mit ihnen reden, denn sie kennen den Weg Jehovahs, ihres Gottes Recht. Aber sie hatten allzumal das Joch gebrochen, die Bande abgerissen.
6 इसलिए जंगल का शेर — ए — बबर उनको फाड़ेगा वीराने का भेड़िया हलाक करेगा, चीता उनके शहरों की घात में बैठा रहेगा; जो कोई उनमें से निकले फाड़ा जाएगा, क्यूँकि उनकी सरकशी बहुत हुई और उनकी नाफ़रमानी बढ़ गई।
Darum schlägt sie der Löwe aus dem Wald, es verheert sie der Wolf der Einöden, der Pardel lauert wider ihre Städte. Jeder, der aus denselben herausgeht, wird zerfleischt, denn viel ist ihrer Übertretungen, mächtig ist ihre Abwendung geworden.
7 मैं तुझे क्यूँकर मु'आफ़ करूँ? तेरे फ़र्ज़न्दों ने' मुझ को छोड़ा, और उनकी क़सम खाई जो ख़ुदा नहीं हैं। जब मैंने उनको सेर किया, तो उन्होंने बदकारी की और परे बाँधकर क़हबाख़ानों में इकट्ठे हुए।
Ob dem sollte Ich vergeben dir? Deine Söhne verließen Mich und schwuren bei einem, der nicht Gott ist: und als Ich sie sättigte, trieben sie Ehebruch und scharten sich zusammen in der Buhlerin Haus.
8 वह पेट भरे घोड़ों की तरह हो गए, हर एक सुबह के वक़्त अपने पड़ोसी की बीवी पर हिनहिनाने लगा।
Wie geile Rosse sind sie früh auf und wiehern, ein jeder Mann nach des Genossen Weib.
9 ख़ुदावन्द फ़रमाता है, क्या मैं इन बातों के लिए सज़ा न दूँगा, और क्या मेरी रूह ऐसी क़ौमों से इन्तक़ाम न लेगी?
Sollte Ich deshalb nicht heimsuchen? spricht Jehovah. - Oder soll an einer Völkerschaft wie diese Meine Seele nicht Rache nehmen?
10 'उसकी दीवारों पर चढ़ जाओ और तोड़ डालो, लेकिन बिल्कुल बर्बाद न करो, उसकी शाख़ें काट दो, क्यूँकि वह ख़ुदावन्द की नहीं हैं।
Steigt auf ihre Mauern und verderbt sie; aber macht keine Vollendung. Tut weg ihre Ranken, denn sie sind nicht Jehovahs.
11 इसलिए कि ख़ुदावन्द फ़रमाता है, इस्राईल के घराने और यहूदाह के घराने ने मुझसे बहुत बेवफ़ाई की।
Denn treulos haben an Mir gehandelt das Haus Israel und das Haus Judah, spricht Jehovah.
12 “उन्होंने ख़ुदावन्द का इन्कार किया और कहा कि 'वह नहीं है, हम पर हरगिज़ आफ़त न आएगी, और तलवार और काल को हम न देखेंगे;
Verleugnet haben sie Jehovah und gesagt: Er ist nicht, und es wird nichts Böses kommen über uns. Und Schwert und Hunger werden wir nicht sehen.
13 और नबी महज़ हवा हो जाएँगे, और कलाम उनमें नहीं है; उनके साथ ऐसा ही होगा।”
Und die Propheten werden zu Wind werden und das Wort ist nicht in ihnen. So wird es ihnen geschehen.
14 फिर इसलिए कि तुम यूँ कहते हो, ख़ुदावन्द रब्ब — उल — अफ़वाज यूँ फ़रमाता है कि, देख, मैं अपने कलाम को तेरे मुँह में आग और इन लोगों को लकड़ी बनाऊँगा और वह इनको भसम कर देगी।
Darum spricht also Jehovah, der Gott der Heerscharen: Weil ihr redet solches Wort, siehe, so will Ich Meine Worte in deinen Mund geben zum Feuer, und dieses Volk zu Holz, daß es sie auffresse.
15 ऐ इस्राईल के घराने, देख, मैं एक क़ौम को दूर से तुझ पर चढ़ा लाऊँगा ख़ुदावन्द फ़रमाता है वह ज़बरदस्त क़ौम है, वह क़दीम क़ौम है, वह ऐसी क़ौम है जिसकी ज़बान तू नहीं जानता और उनकी बात को तू नहीं समझता।
Siehe, aus der Ferne bringe Ich über euch eine Völkerschaft, Haus Israel, spricht Jehovah: Eine mächtige Völkerschaft ist es, eine uralte Völkerschaft, eine Völkerschaft, deren Zunge du nicht kennst und nicht verstehst, was es redet.
16 उनके तरकश खुली क़ब्रे हैं, वह सब बहादुर मर्द हैं।
Sein Köcher ist wie ein geöffnetes Grab, sie alle sind Helden.
17 और वह तेरी फ़सल का अनाज और तेरी रोटी, जो तेरे बेटों और बेटियों के खाने की थी, खा जाएँगे; तेरे गाय — बैल और तेरी भेड़ बकरियों को चट कर जाएँगे, तेरे अंगूर और अंजीर निगल जाएँगे, तेरे हसीन शहरों को जिन पर तेरा भरोसा है, तलवार से वीरान कर देंगे।
Und es wird auffressen deine Ernte und dein Brot; sie werden auffressen deine Söhne und deine Töchter; auffressen dein Kleinvieh und dein Rind; auffressen deinen Weinstock und deinen Feigenbaum; es wird deine festen Städte, auf die du vertraut, arm machen mit dem Schwert.
18 “लेकिन ख़ुदावन्द फ़रमाता है, उन दिनों में भी मैं तुम को बिल्कुल बर्बाद न करूँगा।
Aber auch in jenen Tagen, spricht Jehovah, will Ich mit euch keine Vollendung machen.
19 और यूँ होगा कि जब वह कहेंगे, 'ख़ुदावन्द हमारे ख़ुदा ने यह सब कुछ हम से क्यूँ किया?' तो तू उनसे कहेगा, जिस तरह तुम ने मुझे छोड़ दिया और अपने मुल्क में ग़ैर मा'बूदों की इबादत की, उसी तरह तुम उस मुल्क में जो तुम्हारा नहीं है, अजनबियों की ख़िदमत करोगे।”
Und soll geschehen, wenn ihr sagt, warum hat uns Jehovah, unser Gott, solches alles getan, daß du ihnen sagst: Wie ihr Mich habt verlassen und Göttern des Auslandes in eurem Lande gedient, so sollt ihr Fremden dienen in einem Lande, das nicht euer ist.
20 या'क़ूब के घराने में इस बात का इश्तिहार दो, और यहूदाह में इसका 'ऐलान करो और कहो,
Sagt solches an im Hause Jakobs und laßt hören in Jehudah und sprechet:
21 “अब ज़रा सुनो, ऐ नादान और बे'अक़्ल लोगों, जो आँखें रखते हो लेकिन देखते नहीं, जो कान रखते हो लेकिन सुनते नहीं।
Höret doch dies, närrisches Volk, ohne Herz; die Augen haben und sehen nicht, Ohren haben und hören nicht!
22 ख़ुदावन्द फ़रमाता है, क्या तुम मुझसे नहीं डरते? क्या तुम मेरे सामने थरथराओगे नहीं, जिसने रेत को समन्दर की हद पर हमेशा के हुक्म से क़ाईम किया कि वह उससे आगे नहीं बढ़ सकता और हरचन्द उसकी लहरें उछलती हैं, तोभी ग़ालिब नहीं आतीं; और हरचन्द शोर करती हैं, तो भी उससे आगे नहीं बढ़ सकतीं।
Mich wollt ihr nicht fürchten, spricht Jehovah, vor Mir nicht erschüttert sein, Der Ich den Sand dem Meere zur Grenze setze, zur ewigen Satzung, und es überschreitet sie nicht; und es wogt einher und vermag nichts; die Wogen toben und überschreiten es nicht.
23 लेकिन इन लोगों के दिल बाग़ी और सरकश हैं; इन्होंने सरकशी की और दूर हो गए।
Aber dies Volk hat ein störrisch und widerspenstig Herz. Sie sind abgewichen und sind dahingegangen,
24 इन्होंने अपने दिल में न कहा कि हम ख़ुदावन्द अपने ख़ुदा से डरें, जो पहली और पिछली बरसात वक़्त पर भेजता है, और फ़सल के मुक़र्ररा हफ़्तों को हमारे लिए मौजूद कर रखता है।
Und sagten nicht in ihrem Herzen: Lasset uns doch Jehovah fürchten, unseren Gott, Der den Platzregen uns, den Frühregen und Spätregen gibt zu seiner Zeit, Der die Wochen, die Satzungen der Ernte, für uns behütet.
25 तुम्हारी बदकिरदारी ने इन चीज़ों को तुम से दूर कर दिया, और तुम्हारे गुनाहों ने अच्छी चीज़ों को तुम से बाज़ रखा'।
Eure Missetaten wendeten dies ab, und eure Sünden hielten ab von euch das Gute.
26 क्यूँकि मेरे लोगों में शरीर पाए जाते हैं; वह फन्दा लगाने वालों की तरह घात में बैठते हैं, वह जाल फैलाते और आदमियों को पकड़ते हैं।
Denn Ungerechte finden sich in Meinem Volk, sie schauen zu, wie Vogelsteller sich duckend die Fallen stellen, sie fangen Männer.
27 जैसे पिंजरा चिड़ियों से भरा हो, वैसे ही उनके घर फ़रेब से भरे हैं, तब वह बड़े और मालदार हो गए।
Wie ein Vogelbauer voll vom Gevögel ist, sind vom Betruge ihre Häuser voll. Daher werden sie groß und reich.
28 वह मोटे हो गए, वह चिकने हैं। वह बुरे कामों में सबक़त ले जाते हैं, वह फ़रियाद या'नी यतीमों की फ़रियाद, नहीं सुनते ताकि उनका भला हो और मोहताजों का इन्साफ़ नहीं करते।
Sie werden fett, sie glitzern, auch fließen sie über mit Worten der Bosheit. Die Rechtssache rechten sie nicht, die Rechtssache der Waise, daß es ihnen gelänge, und das Recht der Dürftigen richten sie nicht.
29 ख़ुदावन्द फ़रमाता है, क्या मैं इन बातों के लिए सज़ा न दूँगा? और क्या मेरी रूह ऐसी क़ौम से इन्तक़ाम न लेगी?”
Und solches sollte Ich nicht heimsuchen? spricht Jehovah, an einer Völkerschaft wie diese soll Meine Seele nicht Rache nehmen?
30 मुल्क में एक हैरतअफ़ज़ा और हौलनाक बात हुई;
Erstaunliches und Schauerliches geschieht im Lande!
31 नबी झूठी नबुव्वत करते हैं, और काहिन उनके वसीले से हुक्मरानी करते हैं, और मेरे लोग ऐसी हालत को पसन्द करते हैं, अब तुम इसके आख़िर में क्या करोगे?
Lüge weissagen die Propheten und die Priester herrschen durch deren Hände, und Mein Volk liebt es so. Und was wollt ihr zuletzt dabei tun?