< यर्म 48 >

1 मोआब के बारे में। रब्ब — उल — अफ़वाज, इस्राईल का ख़ुदा, यूँ फ़रमाता है कि: नबू पर अफ़सोस, कि वह वीरान हो गया! क़रयताइम रुस्वा हुआ, और ले लिया गया; मिसजाब ख़जिल और पस्त हो गया।
This is a message about Moab. The Commander of the armies of angels said: “Terrible things will happen to Nebo [town]; it will [soon] be ruined. Kiriathaim [city] will be captured and [all its people will be] humiliated; the high wall around their city will be ruined, and [its people] will become ashamed.
2 अब मोआब की ता'रीफ़ न होगी। हस्बोन में उन्होंने यह कह कर उसके ख़िलाफ़ मंसूबे बाँधे हैं कि: 'आओ, हम उसे बर्बाद करें कि वह क़ौम न कहलाए, ऐ मदमेन तू भी काट डाला जाएगा; तलवार तेरा पीछा करेगी।
No one will boast about Moab again; the [enemies of Moab] will plan to destroy [the capital city, ] Heshbon. [They will say, ] ‘Come, let’s cause Moab to no longer be a nation.’ You people in Madmen [town], you also will be silenced; enemy armies [MTY] will pursue you.
3 'होरोनायिम में चीख़ पुकार, 'वीरानी और बड़ी तबाही होगी।
Listen to the people of Horonaim [town] screaming; [they will be wailing because their town will have been] devastated and destroyed [DOU].
4 मोआब बर्बाद हुआ; उसके बच्चों के नौहे की आवाज़ सुनाई देती है।
[All of] Moab will be ruined; [even] the little children will cry [loudly].
5 क्यूँकि लूहीत की चढ़ाई पर आह — ओ — नाला करते हुए चढ़ेंगे यक़ीनन होरोनायिम की उतराई पर मुख़ालिफ़ हलाकत के जैसी आवाज़ सुनते हैं।
They will cry bitterly as they climb up Luhith [Hill]. [Others will wail] on the road down to Horonaim, being very sad because of [their town being] destroyed.
6 भागो! अपनी जान बचाओ! वीराने में रतमा के दरख़्त की तरह हो जाओ!
[Someone will say to them], ‘Flee! Hide in the desert!’
7 और चूँकि तूने अपने कामों और ख़ज़ानों पर भरोसा किया इसलिए तू भी गिरफ़्तार होगा; और कमोस अपने काहिनों और हाकिम के साथ ग़ुलाम होकर जाएगा।
But you trusted that because you were rich and powerful, [you would be safe]; so you will be captured. [The statue of your god] Chemosh and all his priests and officials will be taken away to distant lands.
8 और ग़ारतगर हर एक शहर पर आएगा, और कोई शहर न बचेगा; वादी भी वीरान होगी, और मैदान उजाड़ हो जाएगा; जैसा ख़ुदावन्द ने फ़रमाया है।
All the towns [in Moab] will be destroyed; none of them will escape. [Towns in] the valleys and on the plateau will [all] be destroyed, because [I, ] Yahweh, have said that is what will happen.
9 मोआब को पर लगा दो, ताकि उड़ जाए क्यूँकि उसके शहर उजाड़ होंगे और उनमे कोई बसनेवाला न होगा।
Spread salt on the ground in order that it will become a wasteland with [nothing growing there any more], and no one will be living in it!”
10 जो ख़ुदावन्द का काम बेपरवाई से करता है, और जो अपनी तलवार को ख़ूँरेज़ी से बाज़ रखता है, मला'ऊन हो।
Yahweh will curse anyone who will not eagerly do what he desires, anyone who refrains from using his sword to kill [MTY] others [in Moab].
11 मोआब बचपन ही से आराम से रहा है, और उसकी तलछट तहनशीन रही, न वह एक बर्तन से दूसरे में उँडेला गया और न ग़ुलामी में गया; इसलिए उसका मज़ा उसमें क़ाईम है और उसकी बू नहीं बदली।
[The people of] Moab have always felt secure; they have never been (exiled/forced [by their enemies] to go to other countries). They are like [MET] wine that has been left undisturbed [in a container for many days to give it good flavor], so now it smells good, and it tastes good.
12 इसलिए देख, वह दिन आते हैं, ख़ुदावन्द फ़रमाता है, कि मैं उण्डेलने वालों को उसके पास भेजूँगा कि वह उसे उलटाएँ; और उसके बर्तनों को ख़ाली और मटकों को चकनाचूर करें।
But Yahweh says that there will be a time when he will send [enemies to attack them]; they will get rid of the people of Moab like people pour out wine [on the ground] and then smash the wine jar.
13 तब मोआब कमोस से शर्मिन्दा होगा, जिस तरह इस्राईल का घराना बैतएल से जो उसका भरोसा था, ख़जिल हुआ।
Then [the people of] Moab will be ashamed of [their god/idol] Chemosh [because it did not help them], like the Israeli people were ashamed because their gold statue of a calf [was smashed] at Bethel.
14 तुम क्यूँकर कहते हो, कि 'हम पहलवान हैं और जंग के लिए ज़बरदस्त सूर्मा हैं'?
[The soldiers of Moab previously] said, “We are warriors; we have fought bravely in battles!”
15 मोआब ग़ारत हुआ; उसके शहरों का धुवाँ उठ रहा है, और उसके चीदा जवान क़त्ल होने को उतर गए; वह बादशाह फ़रमाता है जिसका नाम रब्ब — उल — अफ़वाज है।
But now our King, who is Yahweh, who is called ‘the Commander of the armies of angels’, says that [the country of] Moab and all the towns in it will be destroyed. Their fine young men will [all] be slaughtered.
16 नज़दीक है कि मोआब पर आफ़त आए, और उनका वबाल दौड़ा आता है।
Moab will very soon be destroyed. It will soon experience disaster.
17 ऐ उसके आस — पास वालों, सब उस पर अफ़सोस करो; और तुम सब जो उसके नाम से वाक़िफ़ हो कहो कि यह मोटा 'असा और ख़ूबसूरत डंडा क्यूँकर टूट गया।
You [people who live in nations] near Moab, who know that it is very famous, should mourn for Moab, and say, “Its glorious power [MTY, DOU] is [completely] ended/broken.”
18 ऐ बेटी, जो दीबोन में बसती है! अपनी शौकत से नीचे उतर और प्यासी बैठ; क्यूँकि मोआब का ग़ारतगर तुझ पर चढ़ आया है और उसने तेरे क़िलों' को तोड़ डाला।
You people of Dibon [city], stop being proud because of being honored, and sit in the dust/dirt, because those who will destroy other places in Moab will attack your [city] and destroy your high walls.
19 ऐ अरो'ईर की रहने वाली' तू राह पर खड़ी हो, और निगाह कर! भागने वाले से और उससे जो बच निकली हो; पूछ कि 'क्या माजरा है?'
You people of Aroer [town], stand along the road and watch. Shout to the men and women who will be fleeing [from Moab], “What has happened [there]?”
20 मोआब रुस्वा हुआ, क्यूँकि वह पस्त कर दिया गया, तुम वावैला मचाओ और चिल्लाओ! अरनोन में इश्तिहार दो, कि मोआब ग़ारत हो गया।
[They will reply], “Moab is ruined and [we are] disgraced!” [So] weep and wail [DOU]. Proclaim at the Aroer [River] that Moab has been destroyed.
21 और कि सहरा की अतराफ़ पर, होलून पर, और यहसाह पर, और मिफ़'अत पर,
[Yahweh] will have punished [the towns in Moab that are on] the (plateau/high level): Holon and Jahaz and Mephaath,
22 और दीबोन पर, और नबू पर, और बैत — दिब्बलताइम पर,
Dibon and Nebo and Beth-Diblathaim,
23 और करयताइम पर, और बैत — जमूल पर, और बैत — म'ऊन पर,
Kiriathaim and Beth-Gamul and Beth-Meon,
24 और करयोत पर, और बुसराह, और मुल्क — ए — मोआब के दूर — ओ — नज़दीक के सब शहरों पर 'ऐज़ाब नाज़िल हुआ है।
Kerioth and Bozrah, cities that are near [each other] and towns that are far away [from each other].
25 मोआब का सींग काटा गया, और उसका बाज़ू तोड़ा गया, ख़ुदावन्द फ़रमाता है।
Yahweh says, “The power [MTY] of Moab will be ended; [it is as though] [MET] Moab will have a broken arm.
26 तुम उसको मदहोश करो, क्यूँकि उसने अपने आपको ख़ुदावन्द के सामने बुलन्द किया; मोआब अपनी क़य में लोटेगा और मस्ख़रा बनेगा।
[You people of] Moab have rebelled against [me, ] Yahweh; so [now] I will cause you all to [stagger like] [SIM] drunken people. [You people of] will wallow in your own vomit and be ridiculed.
27 क्या इस्राईल तेरे आगे मस्ख़रा न था? क्या वह चोरों के बीच पाया गया कि जब कभी तू उसका नाम लेता था, तू सिर हिलाता था?
You [people of Moab] ridiculed [the people of] Israel [RHQ]. You treated them as though they were thieves [RHQ]. You shook your head at them scornfully and despised them [RHQ].
28 “ऐ मोआब के बाशिन्दों, शहरों को छोड़ दो और चट्टान पर जा बसो; और कबूतर की तरह बनो जो गहरे ग़ार के मुँह के किनारे पर आशियाना बनाता है।
You people who live in Moab, you should abandon your towns and go and live in caves. Be like [SIM] doves that make their nests in the entrances of caves.”
29 हम ने मोआब का तकब्बुर सुना है, वह बहुत मग़रूर है, उसकी गुस्ताख़ी भी, और उसकी शेख़ी और उसका ग़ुरूर और उसके दिल का तकब्बुर
We have [all] heard that [the people of] are very proud; they are extremely proud and conceited/arrogant. [IDM, DOU]
30 मैं उसका क़हर जानता हूँ, ख़ुदावन्द फ़रमाता है; वह कुछ नहीं और उसकी शेख़ी से कुछ बन न पड़ा।
But Yahweh says, “I know about that, but it is useless for them to boast [because] it will accomplish nothing.
31 इसलिए मैं मोआब के लिए वावैला करूँगा; हाँ, सारे मोआब के लिए मैं ज़ार — ज़ार रोऊँगा; कोर हरस के लोगों के लिए मातम किया जाएगा।
So [now] I will wail for Moab; I will cry about all its people. I will moan for the men of Kir-Hareseth [city], [the old capital of Moab].
32 ऐ सिबमाह की ताक, मैं या'ज़ेर के रोने से ज़्यादा तेरे लिए रोऊँगा; तेरी शाख़ें समन्दर तक फैल गईं, वह या'ज़ेर के समन्दर तक पहुँच गईं, ग़ारतगर तेरे ताबिस्तानी मेवों पर और तेरे अंगूरों पर आ पड़ा है
You people of Sibmah [city], you have many vineyards. [It is as though] the branches of your vines extend across the [Dead] Sea to Jazer [city].
33 ख़ुशी और शादमानी हरे भरे खेतों से और मोआब के मुल्क से उठा ली गई; और मैंने अंगूर के हौज़ में मय बाक़ी नहीं छोड़ी, अब कोई ललकार कर न लताड़ेगा; उनका ललकारना, ललकारना न होगा।
But no one will be joyful or happy in Moab now; your fruit and grapes that ripen in the (summer/hot season) will soon be destroyed. There will be no grape juice coming from the winepresses, [so] there will be no wine. People will not shout joyfully as they tread on the grapes; people will shout, but they will not be shouting joyfully.
34 'हस्बोन के रोने से वह अपनी आवाज़ को इली'आली और यहज़ तक और ज़ुग़र से होरोनायिम तक 'इजलत शलीशियाह तक बुलन्द करते हैं; क्यूँकि नमरियम के चश्मे भी ख़राब हो गए हैं।
Instead, the sound of their wailing will rise from Heshbon [city] to Elealeh [town] and Jahaz [village], from Zoar [city] as far as Horonaim [town] and Eglath-Shelishiyah [village]. Even the water in Nimrim [Stream] will be dried up.
35 और ख़ुदावन्द फ़रमाता है, कि जो कोई ऊँचे मक़ाम पर क़ुर्बानी चढ़ाता है, और जो कोई अपने मा'बूदों के आगे ख़ुशबू जलाता है, मोआब में से हलाक कर दूँगा।
[I, ] Yahweh, say that I will get rid of the people who offer sacrifices on the hilltops, and burn incense to their gods.
36 इसलिए मेरा दिल मोआब के लिए बाँसरी की तरह आहें भरता, और क़ीर हरस के लोगों के लिए शहनाओं की तरह फुग़ान करता है, क्यूँकि उसका फ़िरावान ज़ख़ीरा तलफ़ हो गया।
I [SYN] moan for the people of Moab and Kir-Hareseth like [SIM] [someone playing a funeral song on] a flute, because [all] their wealth will disappear.
37 हक़ीक़त में हर एक सिर मुंडा है, और हर एक दाढ़ी कतरी गई; हर एक के हाथ पर ज़ख्म है और हर एक की कमर पर टाट।
The men will shave their heads and their beards [to show that they are mourning]. They all will slash their hands and wear (rough cloth/sackcloth) around their waists.
38 मोआब के सब घरों की छतों पर और उसके सब बाज़ारों में बड़ा मातम होगा, क्यूँकि मैंने मोआब को उस बर्तन की तरह जो पसन्द न आए तोड़ा है, ख़ुदावन्द फ़रमाता है।
In every home and in the town plazas/centers in Moab there will be [people who are] mourning, because I will have destroyed Moab like [SIM] someone smashes an [old] jar that no one wants [any more].
39 वह वावैला करेंगे और कहेंगे, कि उसने कैसी शिकस्त खाई है! मोआब ने शर्म के मारे क्यूँकर अपनी पीठ फेरी! तब मोआब सब आस — पास वालों के लिए हँसी और ख़ौफ़ का ज़रिया' होगा।”
Moab will be completely shattered! And you will hear the people wailing loudly! They will be disgraced. Moab will become a nation that people ridicule. The people in nearby [countries] will be horrified [about what has happened there].
40 क्यूँकि ख़ुदावन्द यूँ फ़रमाता है कि देख, वह 'उक़ाब की तरह उड़ेगा और मोआब के ख़िलाफ़ बाज़ू फैलाएगा।
This is what [I, ] Yahweh, say: ‘Look! Their enemies will be swooping/rushing down over Moab like an eagle [SIM] swoops down [to seize an animal].
41 वहाँ के शहर और क़िले' ले लिए जायेंगे और उस दिन मोआब के बहादुरों के दिल ज़च्चा के दिल की तरह होंगे।
Its cities will be captured, its fortresses will be seized. [Even] their warriors will be [afraid], like [SIM] a woman who is about to give birth.
42 और मोआब हलाक किया जाएगा और क़ौम न कहलाएगा, इसलिए कि उसने ख़ुदावन्द के सामने अपने आपको बुलन्द किया।
[The leaders of] Moab boasted against [me, ] Yahweh, so Moab will be destroyed.
43 ख़ौफ़ और गढ़ा और दाम तुझ पर मुसल्लत होंगे, ऐ साकिन — ए — मोआब, ख़ुदावन्द फ़रमाता है।
[I, ] Yahweh, say that you people of Moab will be terrified, and fall into pits and traps.
44 जो कोई दहशत से भागे, गढ़े में गिरेगा, और जो गढ़े से निकले, दाम में फँसेगा; क्यूँकि मैं उन पर, हाँ, मोआब पर उनकी सियासत का बरस लाऊँगा, ख़ुदावन्द फ़रमाता है।
Those who are terrified and try to run away will fall into deep pits. Whoever climbs out of a pit will be caught in a trap, because I will punish them at the time that I have chosen.’
45 “जो भागे, इसलिए हस्बोन के साये तले बेताब खड़े हैं; लेकिन हस्बोन से आग और सीहोन के वस्त से एक शो'ला निकलेगा और मोआब की दाढ़ी के कोने को और हर एक फ़सादी की चाँद को खा जाएगा।
The people will flee as far as Heshbon [city], but they will not be able to go any further, because a fire will burn in Heshbon, [which is the city] where [King] Sihon lived [long ago], and it will burn up all the people [SYN] in Moab who noisily/loudly boasted very much.
46 हाय, तुझ पर ऐ मोआब! कमोस के लोग हलाक हुए, क्यूँकि तेरे बेटों को ग़ुलाम करके ले गए और तेरी बेटियाँ भी ग़ुलाम हुईं।
[You people of] Moab, terrible things will happen to you! You people who worship [your god] Chemosh, you will be destroyed. Your sons and your daughters will be captured and taken away [to other countries].
47 बावजूद इसके मैं आख़री दिनों में मोआब के ग़ुलामों को वापस लाऊँगा, ख़ुदावन्द फ़रमाता है।” मोआब की 'अदालत यहाँ तक हुई।
But some day, I will enable the people of Moab to return to their land again. [That will surely happen because I, ] Yahweh, have said it.” That is the end of what I prophesied about Moab.

< यर्म 48 >