< यर्म 47 >

1 ख़ुदावन्द का कलाम जो यरमियाह नबी पर फ़िलिस्तियों के बारे में नाज़िल हुआ, इससे पहले कि फ़िर'औन ने ग़ज़्ज़ा को फ़तह किया।
Palabra que dijo Yahvé al profeta Jeremías, acerca de los filisteos, antes que el Faraón derrotara a Gaza.
2 ख़ुदावन्द यूँ फ़रमाता है कि: देख, उत्तर से पानी चढ़ेंगे और सैलाब की तरह होंगे, और मुल्क पर और सब पर जो उसमें है, शहर पर और उसके बाशिन्दों पर, बह निकलेंगे। उस वक़्त लोग चिल्लाएँगे, और मुल्क के सब बाशिन्दे फ़रियाद करेंगे।
Así dice Yahvé: “He aquí aguas que avanzan del Norte, como torrente que inunda; inundan el país y su amplitud, la ciudad y sus habitantes. Claman los hombres y dan alaridos todos los moradores del país,
3 उसके ताकतवर घोड़ों के खुरों की टाप की आवाज़ से, उसके रथों के रेले और उसके पहियों की गड़गड़ाहट से बाप कमज़ोरी की वजह से अपने बच्चों की तरफ़ लौट कर न देखेंगे।
al estrépito de los cascos de sus caballos, al estruendo de sus carros y al ruido de sus ruedas. Los padres no miran ya por sus hijos; les faltan las fuerzas,
4 यह उस दिन की वजह से होगा, जो आता है कि सब फ़िलिस्तियों को ग़ारत करे, और सूर और सैदा से हर मददगार को जो बाक़ी रह गया है हलाक करे; क्यूँकि ख़ुदावन्द फ़िलिस्तियों को या'नी कफ़तूर के जज़ीरे के बाक़ी लोगों को ग़ारत करेगा।
pues llegó el día para destruir a todos los filisteos; para privar a Tiro y Sidón del postrer aliado. Porque Yahvé va a destruir a los filisteos, el residuo de la isla de Caftor.
5 ग़ज़्ज़ा पर चन्दलापन आया है, अस्क़लोन अपनी वादी के बक़िये के साथ हलाक किया गया, तू कब तक अपने आप को काटता जाएगा
Sobre Gaza viene la calvicie, Ascalón, resto de los gigantes, es reducida a silencio. ¿Hasta cuándo te harás incisiones?
6 “ऐ ख़ुदावन्द की तलवार, तू कब तक न ठहरेगी? तू चल, अपने ग़िलाफ़ में आराम ले, और साकिन हो!
¡Ay espada de Yahvé! ¿Cuándo descansarás? ¡Vuélvete a tu vaina, descansa y calla!
7 वह कैसे ठहर सकती है, जब कि ख़ुदावन्द ने अस्क़लोन और समन्दर के साहिल के ख़िलाफ़ उसे हुक्म दिया है? उसने उसे वहाँ मुक़र्रर किया है।”
¿Mas cómo podrás descansar cuando Yahvé te ha dado orden? Es contra Ascalón y la costa del mar adonde Él la dirige.”

< यर्म 47 >