< यर्म 36 >
1 शाह — ए — यहूदाह यहूयक़ीम — बिन — यूसियाह के चौथे बरस में यह कलाम ख़ुदावन्द की तरफ़ से यरमियाह पर नाज़िल हुआ:
And it came to pass in the fourth year of Jehoiakim, the son of Josiah, king of Judah, that this word came to Jeremiah from Jehovah, saying:
2 कि “किताब का एक तूमार ले और वह सब कलाम जो मैंने इस्राईल और यहूदाह और तमाम क़ौमों के ख़िलाफ़ तुझ से किया, उस दिन से लेकर जब से मैं तुझ से कलाम करने लगा, या'नी यूसियाह के दिन से आज के दिन तक उसमें लिख।
Take thee a book-roll, and write upon it all the words which I have spoken to thee concerning Israel, and concerning Judah, and concerning all the nations, from the day when I began to speak to thee even to this day.
3 शायद यहूदाह का घराना उस तमाम मुसीबत का हाल जो मैं उन पर लाने का इरादा रखता हूँ सुने, ताकि वह सब अपनी बुरे चाल चलन से बाज़ आएँ; और मैं उनकी बदकिरदारी और गुनाह को मु'आफ़ करूँ।”
It may be that the house of Judah will hear all the evil which I purpose to do to them, and return every one from his evil way, so that I may forgive their iniquity and their sin.
4 तब यरमियाह ने बारूक — बिन — नेयिरियाह को बुलाया, और बारूक ने ख़ुदावन्द का वह सब कलाम जो उसने यरमियाह से किया था, उसकी ज़बानी किताब के उस तूमार में लिखा।
Then Jeremiah called Baruch, the son of Neriah; and Baruch wrote from the mouth of Jeremiah all the words of Jehovah which he had spoken to him, upon a book-roll.
5 और यरमियाह ने बारूक को हुक्म दिया और कहा, मैं तो मजबूर हूँ, मैं ख़ुदावन्द के घर में नहीं जा सकता;
And Jeremiah commanded Baruch and said: I am shut up; I cannot go into the house of Jehovah;
6 लेकिन तू जा और ख़ुदावन्द का वह कलाम जो तूने मेरे मुँह से इस तूमार में लिखा है, ख़ुदावन्द के घर में रोज़े के दिन लोगों को पढ़ कर सुना; और तमाम यहूदाह के लोगों को भी जो अपने शहरों से आए हों, तू वही कलाम पढ़ कर सुना।
therefore, go thou, and read in the roll which thou hast written from my mouth the words of Jehovah, in the ears of the people, in the house of Jehovah, upon the fast-day; also in the ears of all Judah, that come out of their cities, shalt thou read them.
7 शायद वह ख़ुदा के सामने मिन्नत करें और सब के सब अपनी बुरे चाल चलन से बाज़ आएँ, क्यूँकि ख़ुदावन्द का क़हर — ओ — ग़ज़ब जिसका उसने इन लोगों के ख़िलाफ़ 'ऐलान किया है, शदीद है।
It may be that they will prostrate themselves in supplication before Jehovah, and will return every one from his evil way. For great is the anger and the indignation which Jehovah hath denounced against this people.
8 और बारूक — बिन — नेयिरियाह ने सब कुछ जैसा यरमियाह नबी ने उसको फ़रमाया था वैसा ही किया, और ख़ुदावन्द के घर में ख़ुदावन्द का कलाम उस किताब से पढ़ कर सुनाया।
And Baruch, the son of Neriah, did according to all that Jeremiah the prophet commanded him, reading in the book the words of Jehovah in the house of Jehovah.
9 और शाह — ए — यहूदाह यहूयक़ीम — बिन — यूसियाह के पाँचवें बरस के नौवें महीने में यूँ हुआ कि येरूशलेम के सब लोगों ने और उन सब ने जो यहूदाह के शहरों से येरूशलेम में आए थे, ख़ुदावन्द के सामने रोज़े का 'ऐलान किया।
And it came to pass in the fifth year of Jehoiakim, the son of Josiah, king of Judah, in the ninth month, that all the people in Jerusalem, and all the people that came out of the cities of Judah, proclaimed a fast before Jehovah, in Jerusalem.
10 तब बारूक ने किताब से यरमियाह की बातें, ख़ुदावन्द के घर में जमरियाह — बिन — साफ़न मुन्शी की कोठरी में ऊपर के सहन के बीच, ख़ुदावन्द के घर के नये फाटक के मदख़ल पर सब लोगों के सामने पढ़ सुनाईं।
Then read Baruch in the book the words of Jeremiah in the house of Jehovah, in the chamber of Gemariah, the son of Shaphan the scribe, in the higher court, at the entrance of the new gate of the house of Jehovah, in the ears of all the people.
11 जब मीकायाह — बिन — जमरियाह — बिनसाफ़न ने ख़ुदावन्द का वह सब कलाम जो उस किताब में था सुना,
And when Micah, the son of Gemariah, the son of Shaphan, had heard from the book all the words of Jehovah,
12 तो वह उतर कर बादशाह के घर मुन्शी की कोठरी में गया, और सब हाकिम या'नी इलीसमा' मुन्शी, और दिलायाह बिन समयाह और इलनातन बिन अकबूर और जमरियाह बिन साफ़न और सिदक़ियाह — बिन — हननियाह, और सब हाकिम वहाँ बैठे थे।
he went down to the king's house, into the scribe's chamber; and lo, all the princes were sitting there, Elishama the scribe, and Delaiah, the son of Shemaiah, and Elnathan, the son of Achbor, and Gemariah, the son of Shaphan, and Zedekiah, the son of Hananiah, and all the princes.
13 तब मीकायाह ने वह सब बातें जो उसने सुनी थीं, जब बारूक किताब से पढ़ कर लोगों को सुनाता था, उनसे बयान कीं।
Then Micah declared to them all the words which he had heard when Baruch read the book in the ears of the people.
14 और सब हाकिम ने यहूदी — बिन — नतनियाह — बिन — सलमियाह — बिन — कूशी को बारूक के पास यह कहकर भेजा, कि “वह तूमार जो तूने लोगों को पढ़कर सुनाया है, अपने हाथ में ले और चला आ।” तब बारूक — बिन — नेयिरियाह वह तूमार लेकर उनके पास आया।
Then all the princes sent Jehudi, the son of Nethaniah, the son of Shelemiah, the son of Cushi, to Baruch, and said, “Take in thy hand the roll wherein thou hast read in the ears of the people, and come.” So Baruch, the son of Neriah, took the roll in his hand, and came to them.
15 और उन्होंने उसे कहा, कि “अब बैठ जा और हमको यह पढ़ कर सुना।” और बारूक ने उनको पढ़कर सुनाया।
And they said to him, “Sit down now, and read it in our ears.” And Baruch read it in their ears.
16 जब उन्होंने वह सब बातें सुनीं, तो डरकर एक दूसरे का मुँह ताकने लगे और बारूक से कहा कि “हम यक़ीनन यह सब बातें बादशाह से बयान करेंगे।”
And when they had heard all the words, they looked with consternation upon one another, and they said to Baruch, “We must tell the king of all these things.”
17 और उन्होंने यह कह कर बारूक से पूछा, हम से कह कि तूने यह सब बातें उसकी ज़बानी क्यूँकर लिखीं?
And they asked Baruch, saying, “Tell us now, how didst thou write all these words from his mouth?”
18 तब बारूक ने उनसे कहा, “वह यह सब बातें मुझे अपने मुँह से कहता गया और मैं स्याही से किताब में लिखता गया।”
And Baruch said to them, “With his mouth he pronounced to me all these words, and I wrote them on the book with ink.”
19 तब हाकिम ने बारूक से कहा, “जा, अपने आपको और यरमियाह को छिपा, और कोई न जाने कि तुम कहाँ हो।”
Then said the princes to Baruch, “Go, hide thee, thou and Jeremiah, and let no man know where ye are.”
20 और वह बादशाह के पास सहन में गए, लेकिन उस तूमार को इलीसमा' मुन्शी की कोठरी में रख गए, और वह बातें बादशाह को कह सुनाईं।
And they went in to the king into the court; but they laid up the roll in the chamber of Elishama the scribe, and they told all these things in the ears of the king.
21 तब बादशाह ने यहूदी को भेजा कि तूमार लाए, और वह उसे इलीसमा' मुन्शी की कोठरी में से ले आया। और यहूदी ने बादशाह और सब हाकिम को जो बादशाह के सामने खड़े थे, उसे पढ़कर सुनाया।
Then the king sent Jehudi to fetch the roll, and he took it out of the chamber of Elishama the scribe; and Jehudi read it in the ears of the king, and in the ears of all the princes who stood beside the king.
22 और बादशाह ज़मिस्तानी महल में बैठा था, क्यूँकि नवाँ महीना था और उसके सामने अंगेठी जल रही थी।
And the king was sitting in the winter-house, in the ninth month, and a brasier was burning before him.
23 जब यहूदी ने तीन चार वर्क़ पढ़े, तो उसने उसे मुन्शी के क़लम तराश से काटा और अंगेठी की आग में डाल दिया, यहाँ तक कि तमाम तूमार अंगेठी की आग में भसम हो गया।
And when Jehudi had read three or four sections, he [[the king]] cut it with the penknife, and cast it into the fire, into the brasier, until the whole roll was consumed in the fire in the brasier.
24 लेकिन वह न डरे, न उन्होंने अपने कपड़े फाड़े, न बादशाह ने न उसके मुलाज़िमों में से किसी ने जिन्होंने यह सब बातें सुनी थीं।
And they were not afraid, and rent not their garments, neither the king, nor any of his servants, who heard all these words;
25 लेकिन इलनातन, और दिलायाह, और जमरियाह ने बादशाह से 'अर्ज़ की कि तूमार को न जलाए, लेकिन उसने उनकी एक न सुनी।
and although Elnathan and Delaiah and Gemariah interceded with the king not to burn the roll, yet he would not hearken to them.
26 और बादशाह ने शाहज़ादे यरहमिएल को और शिरायाह — बिन अज़रिएल और सलमियाह बिन अबदिएल को हुक्म दिया कि बारूक मुन्शी और यरमियाह नबी को गिरफ़्तार करें, लेकिन ख़ुदावन्द ने उनको छिपाया।
And the king commanded Jerahmeel, the son of Hammelech, and Seraiah, the son of Azreel, and Shelemiah, the son of Abdeel, to seize Baruch the scribe, and Jeremiah the prophet; but Jehovah had hid them.
27 और जब बादशाह तूमार और उन बातों को जो बारूक ने यरमियाह की ज़बानी लिखी थीं, जला चुका तो ख़ुदावन्द का यह कलाम यरमियाह पर नाज़िल हुआ:
Then came the word of Jehovah to Jeremiah, after that the king had burned the roll, and the words which Baruch had written from the mouth of Jeremiah, saying:
28 कि “तू दूसरा तूमार ले, और उसमें वह सब बातें लिख जो पहले तूमार में थीं, जिसे शाह — ए — यहूदाह यहूयक़ीम ने जला दिया।
Take thee another roll, and write in it all the former words that were in the first roll, which Jehoiakim, king of Judah, hath burned.
29 और शाह — ए — यहूदाह यहूयक़ीम से कह कि 'ख़ुदावन्द यूँ फ़रमाता है: तूने तूमार को जला दिया और कहा है, तू ने उसमें यूँ क्यूँ लिखा कि शाह — ए — बाबुल यक़ीनन आएगा और इस मुल्क को हलाक करेगा, और न इसमें इंसान बाक़ी छोड़ेगा न हैवान?”
And concerning Jehoiakim, king of Judah, thou shalt say, Thou hast burned this roll, saying, “Why hast thou written therein and said, The king of Babylon shall surely come and shall destroy this land, and shall cause to cease from it man and beast?”
30 इसलिए शाह — ए — यहूदाह यहूयक़ीम के बारे में ख़ुदावन्द यूँ फ़रमाता है कि: उसकी नसल में से कोई न रहेगा जो दाऊद के तख़्त पर बैठे, और उसकी लाश फेंकी जाएगी, ताकि दिन की गर्मी में और रात को पाले में पड़ी रहे;
Therefore thus saith Jehovah concerning Jehoiakim, king of Judah: He shall have not one to sit upon the throne of David; and his dead body shall be cast out in the day to the heat, and in the night to the frost.
31 और मैं उसको और उसकी नसल को और उसके मुलाज़िमों को उनकी बदकिरदारी की सज़ा दूँगा। मैं उन पर और येरूशलेम के बाशिन्दों पर और यहूदाह के लोगों पर वह सब मुसीबत लाऊँगा, जिसका मैंने उनके ख़िलाफ़ 'ऐलान किया लेकिन उन्होंने न सुना।
And I will punish him, and his offspring, and his servants, for their iniquity; and I will bring upon them, and upon the inhabitants of Jerusalem, and upon the men of Judah, all the evil which I have pronounced against them, and they have not hearkened.
32 तब यरमियाह ने दूसरा तूमार लिया और बारूक — बिन — नेयिरियाह मुन्शी को दिया, और उसने उस किताब की सब बातें जिसे शाह — ए — यहूदाह यहूयक़ीम ने आग में जलाया था, यरमियाह की ज़बानी उसमें लिखीं और उनके अलावा वैसी ही और बहुत सी बातें उनमें बढ़ा दी गईं।
Then Jeremiah took another roll, and gave it to Baruch the scribe, the son of Neriah, who wrote therein from the mouth of Jeremiah all the words of the book which Jehoiakim had burned in the fire; and there were added to them many words of the same kind.