< यर्म 35 >

1 वह कलाम जो शाह — ए — यहूदाह यहूयक़ीम — बिन — यूसियाह के दिनों में ख़ुदावन्द की तरफ़ से यरमियाह पर नाज़िल हुआ:
הַדָּבָר אֲשֶׁר־הָיָה אֶֽל־יִרְמְיָהוּ מֵאֵת יְהֹוָה בִּימֵי יְהוֹיָקִים בֶּן־יֹאשִׁיָּהוּ מֶלֶךְ יְהוּדָה לֵאמֹֽר׃
2 कि “तू रैकाबियों के घर जा और उनसे कलाम कर, और उनको ख़ुदावन्द के घर की एक कोठरी में लाकर मय पिला।”
הָלוֹךְ אֶל־בֵּית הָרֵכָבִים וְדִבַּרְתָּ אוֹתָם וַהֲבִֽאוֹתָם בֵּית יְהֹוָה אֶל־אַחַת הַלְּשָׁכוֹת וְהִשְׁקִיתָ אוֹתָם יָֽיִן׃
3 तब मैंने याज़नियाह — बिन — यर्मियाह — बिन हबसिनयाह और उसके भाइयों और उसके सब बेटों और रैकाबियों के तमाम घराने को साथ लिया।
וָאֶקַּח אֶת־יַאֲזַנְיָה בֶֽן־יִרְמְיָהוּ בֶּן־חֲבַצִּנְיָה וְאֶת־אֶחָיו וְאֶת־כׇּל־בָּנָיו וְאֵת כׇּל־בֵּית הָרֵכָבִֽים׃
4 और मैं उनको ख़ुदावन्द के घर में बनी हनान — बिन — यजदलियाह मर्द — ए — ख़ुदा की कोठरी में लाया, जो हाकिम की कोठरी के नज़दीक मासियाह — बिन — सलूम दरबान की कोठरी के ऊपर थी।
וָאָבִא אֹתָם בֵּית יְהֹוָה אֶל־לִשְׁכַּת בְּנֵי חָנָן בֶּן־יִגְדַּלְיָהוּ אִישׁ הָאֱלֹהִים אֲשֶׁר־אֵצֶל לִשְׁכַּת הַשָּׂרִים אֲשֶׁר מִמַּעַל לְלִשְׁכַּת מַעֲשֵׂיָהוּ בֶן־שַׁלֻּם שֹׁמֵר הַסַּֽף׃
5 और मैंने मय से लबरेज़ प्याले और जाम रैकाबियों के घराने के बेटों के आगे रख्खे और उनसे कहा, 'मय पियो।
וָאֶתֵּן לִפְנֵי ׀ בְּנֵי בֵית־הָרֵכָבִים גְּבִעִים מְלֵאִים יַיִן וְכֹסוֹת וָאֹמַר אֲלֵיהֶם שְׁתוּ־יָֽיִן׃
6 लेकिन उन्होंने कहा, हम मय न पियेंगे, क्यूँकि हमारे बाप यूनादाब — बिन — रैकाब ने हमको यूँ हुक्म दिया, 'तुम हरगिज़ मय न पीना; न तुम न तुम्हारे बेटे;
וַיֹּאמְרוּ לֹא נִשְׁתֶּה־יָּיִן כִּי יוֹנָדָב בֶּן־רֵכָב אָבִינוּ צִוָּה עָלֵינוּ לֵאמֹר לֹא תִשְׁתּוּ־יַיִן אַתֶּם וּבְנֵיכֶם עַד־עוֹלָֽם׃
7 और न घर बनाना, न बीज बोना, न ताकिस्तान लगाना, न उनके मालिक होना; बल्कि उम्र भर ख़ेमों में रहना ताकि जिस सरज़मीन में तुम मुसाफ़िर हो, तुम्हारी उम्र दराज़ हो।
וּבַיִת לֹֽא־תִבְנוּ וְזֶרַע לֹֽא־תִזְרָעוּ וְכֶרֶם לֹֽא־תִטָּעוּ וְלֹא יִהְיֶה לָכֶם כִּי בׇּאֳהָלִים תֵּֽשְׁבוּ כׇּל־יְמֵיכֶם לְמַעַן תִּֽחְיוּ יָמִים רַבִּים עַל־פְּנֵי הָאֲדָמָה אֲשֶׁר אַתֶּם גָּרִים שָֽׁם׃
8 चुनाँचे हम ने अपने बाप यूनादाब — बिन — रैकाब की बात मानी; उसके हुक्म के मुताबिक़ हम और हमारी बीवियाँ और हमारे बेटे बेटियाँ कभी मय नहीं पीते।
וַנִּשְׁמַע בְּקוֹל יְהוֹנָדָב בֶּן־רֵכָב אָבִינוּ לְכֹל אֲשֶׁר צִוָּנוּ לְבִלְתִּי שְׁתֽוֹת־יַיִן כׇּל־יָמֵינוּ אֲנַחְנוּ נָשֵׁינוּ בָּנֵינוּ וּבְנֹתֵֽינוּ׃
9 और हम न रहने के लिए घर बनाते और न ताकिस्तान और खेत और बीज रखते हैं।
וּלְבִלְתִּי בְּנוֹת בָּתִּים לְשִׁבְתֵּנוּ וְכֶרֶם וְשָׂדֶה וָזֶרַע לֹא יִֽהְיֶה־לָּֽנוּ׃
10 लेकिन हम ख़ेमों में बसे हैं, और हमने फ़रमाँबरदारी की और जो कुछ हमारे बाप यूनादाब ने हमको हुक्म दिया हम ने उस पर 'अमल किया है।
וַנֵּשֶׁב בׇּאֳהָלִים וַנִּשְׁמַע וַנַּעַשׂ כְּכֹל אֲשֶׁר־צִוָּנוּ יוֹנָדָב אָבִֽינוּ׃
11 लेकिन यूँ हुआ कि जब शाह — ए — बाबुल नबूकदनज़र इस मुल्क पर चढ़ आया, तो हम ने कहा कि 'आओ, हम कसदियों और अरामियों की फ़ौज के डर से येरूशलेम को चले जाएँ, यूँ हम येरूशलेम में बसते हैं।
וַיְהִי בַּעֲלוֹת נְבוּכַדְרֶאצַּר מֶֽלֶךְ־בָּבֶל אֶל־הָאָרֶץ וַנֹּאמֶר בֹּאוּ וְנָבוֹא יְרוּשָׁלַ͏ִם מִפְּנֵי חֵיל הַכַּשְׂדִּים וּמִפְּנֵי חֵיל אֲרָם וַנֵּשֶׁב בִּירוּשָׁלָֽ͏ִם׃
12 तब ख़ुदावन्द का कलाम यरमियाह पर नाज़िल हुआ:
וַֽיְהִי דְּבַר־יְהֹוָה אֶֽל־יִרְמְיָהוּ לֵאמֹֽר׃
13 कि 'रब्ब — उल — अफ़वाज, इस्राईल का ख़ुदा, यूँ फ़रमाता है कि: जा, और यहूदाह के आदमियों और येरूशलेम के बाशिन्दों से यूँ कह कि क्या तुम तरबियत पज़ीर न होगे कि मेरी बातें सुनो, ख़ुदावन्द फ़रमाता है?
כֹּה־אָמַר יְהֹוָה צְבָאוֹת אֱלֹהֵי יִשְׂרָאֵל הָלֹךְ וְאָֽמַרְתָּ לְאִישׁ יְהוּדָה וּלְיוֹשְׁבֵי יְרוּשָׁלָ͏ִם הֲלוֹא תִקְחוּ מוּסָר לִשְׁמֹעַ אֶל־דְּבָרַי נְאֻם־יְהֹוָֽה׃
14 जो बातें यूनादाब — बिन — रैकाब ने अपने बेटों को फ़रमाईं कि मय न पियो, वह बजा लाए और आज तक मय नहीं पीते, बल्कि उन्होंने अपने बाप के हुक्म को माना; लेकिन मैंने तुम से कलाम किया और वक़्त पर तुम को फ़रमाया, और तुम ने मेरी न सुनी।
הוּקַם אֶת־דִּבְרֵי יְהוֹנָדָב בֶּן־רֵכָב אֲשֶׁר־צִוָּה אֶת־בָּנָיו לְבִלְתִּי שְׁתֽוֹת־יַיִן וְלֹא שָׁתוּ עַד־הַיּוֹם הַזֶּה כִּי שָֽׁמְעוּ אֵת מִצְוַת אֲבִיהֶם וְאָנֹכִי דִּבַּרְתִּי אֲלֵיכֶם הַשְׁכֵּם וְדַבֵּר וְלֹא שְׁמַעְתֶּם אֵלָֽי׃
15 मैंने अपने तमाम ख़िदमतगुज़ार नबियों को तुम्हारे पास भेजा, और उनको वक़्त पर ये कहते हुए भेजा कि तुम हर एक अपनी बुरी राह से बाज़ आओ, और अपने 'आमाल को दुरुस्त करो और ग़ैर मा'बूदों की पैरवी और इबादत न करो, और जो मुल्क मैंने तुमको और तुम्हारे बाप — दादा को दिया है, तुम उसमें बसोगे; लेकिन तुम ने न कान लगाया न मेरी सुनी।
וָאֶשְׁלַח אֲלֵיכֶם אֶת־כׇּל־עֲבָדַי הַנְּבִאִים ׀ הַשְׁכֵּם וְשָׁלֹחַ ׀ לֵאמֹר שֻֽׁבוּ־נָא אִישׁ מִדַּרְכּוֹ הָרָעָה וְהֵיטִיבוּ מַעַלְלֵיכֶם וְאַל־תֵּלְכוּ אַחֲרֵי אֱלֹהִים אֲחֵרִים לְעׇבְדָם וּשְׁבוּ אֶל־הָאֲדָמָה אֲשֶׁר־נָתַתִּי לָכֶם וְלַאֲבֹֽתֵיכֶם וְלֹא הִטִּיתֶם אֶֽת־אׇזְנְכֶם וְלֹא שְׁמַעְתֶּם אֵלָֽי׃
16 इस वजह से कि यूनादाब बिन रैकाब के बेटे अपने बाप के हुक्म को जो उसने उनको दिया था बजा लाये लेकिन इन लोगों ने मेरी न सुनी।
כִּי הֵקִימוּ בְּנֵי יְהוֹנָדָב בֶּן־רֵכָב אֶת־מִצְוַת אֲבִיהֶם אֲשֶׁר צִוָּם וְהָעָם הַזֶּה לֹא שָׁמְעוּ אֵלָֽי׃
17 इसलिए ख़ुदावन्द, रब्ब — उल — अफ़वाज, इस्राईल का ख़ुदा, यूँ फ़रमाता है कि: देख, मैं यहूदाह पर और येरूशलेम के तमाम बाशिन्दों पर वह सब मुसीबत, जिसका मैंने उनके ख़िलाफ़ 'ऐलान किया है, लाऊँगा; क्यूँकि मैंने उनसे कलाम किया लेकिन उन्होंने न सुना, और मैंने उनको बुलाया पर उन्होंने जवाब न दिया।
לָכֵן כֹּֽה־אָמַר יְהֹוָה אֱלֹהֵי צְבָאוֹת אֱלֹהֵי יִשְׂרָאֵל הִנְנִי מֵבִיא אֶל־יְהוּדָה וְאֶל כׇּל־יֽוֹשְׁבֵי יְרוּשָׁלַ͏ִם אֵת כׇּל־הָרָעָה אֲשֶׁר דִּבַּרְתִּי עֲלֵיהֶם יַעַן דִּבַּרְתִּי אֲלֵיהֶם וְלֹא שָׁמֵעוּ וָאֶקְרָא לָהֶם וְלֹא עָנֽוּ׃
18 और यरमियाह ने रैकाबियों के घराने से कहा, 'रब्ब — उल — अफ़वाज, इस्राईल का ख़ुदा, यूँ फ़रमाता है कि: चूँकि तुमने अपने बाप यूनादाब के हुक्म को माना, और उसकी सब वसीयतों पर 'अमल किया है, और जो कुछ उसने तुम को फ़रमाया तुम बजा लाए;
וּלְבֵית הָרֵכָבִים אָמַר יִרְמְיָהוּ כֹּֽה־אָמַר יְהֹוָה צְבָאוֹת אֱלֹהֵי יִשְׂרָאֵל יַעַן אֲשֶׁר שְׁמַעְתֶּם עַל־מִצְוַת יְהוֹנָדָב אֲבִיכֶם וַֽתִּשְׁמְרוּ אֶת־כׇּל־מִצְוֺתָיו וַֽתַּעֲשׂוּ כְּכֹל אֲשֶׁר־צִוָּה אֶתְכֶֽם׃
19 इसलिए रब्ब — उल — अफ़वाज, इस्राईल का ख़ुदा, यूँ फ़रमाता है कि: यूनादाब — बिन — रैकाब के लिए मेरे सामने में खड़े होने को कभी आदमी की कमी न होगी।
לָכֵן כֹּה אָמַר יְהֹוָה צְבָאוֹת אֱלֹהֵי יִשְׂרָאֵל לֹא־יִכָּרֵת אִישׁ לְיוֹנָדָב בֶּן־רֵכָב עֹמֵד לְפָנַי כׇּל־הַיָּמִֽים׃

< यर्म 35 >