< यर्म 32 >

1 वह कलाम जो शाह — ए — यहूदाह सिदक़ियाह के दसवें बरस में जो नबूकदनज़र का अट्ठारहवाँ बरस था, ख़ुदावन्द की तरफ़ से यरमियाह पर नाज़िल हुआ।
הַדָּבָר אֲשֶׁר־הָיָה אֶֽל־יִרְמְיָהוּ מֵאֵת יְהֹוָה (בשנת) [בַּשָּׁנָה] הָעֲשִׂרִית לְצִדְקִיָּהוּ מֶלֶךְ יְהוּדָה הִיא הַשָּׁנָה שְׁמֹנֶֽה־עֶשְׂרֵה שָׁנָה לִנְבֽוּכַדְרֶאצַּֽר׃
2 उस वक़्त शाह — ए — बाबुल की फ़ौज येरूशलेम का घिराव किए पड़ी थी, और यरमियाह नबी शाह — ए — यहूदाह के घर में क़ैदख़ाने के सहन में बन्द था।
וְאָז חֵיל מֶלֶךְ בָּבֶל צָרִים עַל־יְרוּשָׁלָ͏ִם וְיִרְמְיָהוּ הַנָּבִיא הָיָה כָלוּא בַּחֲצַר הַמַּטָּרָה אֲשֶׁר בֵּֽית־מֶלֶךְ יְהוּדָֽה׃
3 क्यूँकि शाह — ए — यहूदाह सिदक़ियाह ने उसे यह कह कर क़ैद किया, तू क्यूँ नबुव्वत करता और कहता है, कि 'ख़ुदावन्द यूँ फ़रमाता है कि: देख, मैं इस शहर को शाह — ए — बाबुल के हवाले कर दूँगा, और वह उसे ले लेगा;
אֲשֶׁר כְּלָאוֹ צִדְקִיָּהוּ מֶֽלֶךְ־יְהוּדָה לֵאמֹר מַדּוּעַ אַתָּה נִבָּא לֵאמֹר כֹּה אָמַר יְהֹוָה הִנְנִי נֹתֵן אֶת־הָעִיר הַזֹּאת בְּיַד מֶֽלֶךְ־בָּבֶל וּלְכָדָֽהּ׃
4 और शाह — ए — यहूदाह सिदक़ियाह कसदियों के हाथ से न बचेगा, बल्कि ज़रूर शाह — ए — बाबुल के हवाले किया जाएगा, और उससे आमने — सामने बातें करेगा और दोनों की आँखें सामने होंगी।
וְצִדְקִיָּהוּ מֶלֶךְ יְהוּדָה לֹא יִמָּלֵט מִיַּד הַכַּשְׂדִּים כִּי הִנָּתֹן יִנָּתֵן בְּיַד מֶֽלֶךְ־בָּבֶל וְדִבֶּר־פִּיו עִם־פִּיו וְעֵינָיו אֶת־עֵינָו תִּרְאֶֽינָה׃
5 और वह सिदक़ियाह को बाबुल में ले जाएगा, और जब तक मैं उसको याद न फ़रमाऊँ वह वहीं रहेगा, ख़ुदावन्द फ़रमाता है। हरचन्द तुम कसदियों के साथ जंग करोगे, लेकिन कामयाब न होगे?
וּבָבֶל יוֹלִךְ אֶת־צִדְקִיָּהוּ וְשָׁם יִֽהְיֶה עַד־פׇּקְדִי אֹתוֹ נְאֻם־יְהֹוָה כִּי תִֽלָּחֲמוּ אֶת־הַכַּשְׂדִּים לֹא תַצְלִֽיחוּ׃
6 तब यरमियाह ने कहा कि “ख़ुदावन्द का कलाम मुझ पर नाज़िल हुआ और उसने फ़रमाया
וַיֹּאמֶר יִרְמְיָהוּ הָיָה דְבַר־יְהֹוָה אֵלַי לֵאמֹֽר׃
7 देख, तेरे चचा सलूम का बेटा हनमएल तेरे पास आकर कहेगा कि 'मेरा खेत जो 'अन्तोत में है, अपने लिए ख़रीद ले; क्यूँकि उसको छुड़ाना तेरा हक़ है।
הִנֵּה חֲנַמְאֵל בֶּן־שַׁלֻּם דֹּֽדְךָ בָּא אֵלֶיךָ לֵאמֹר קְנֵה לְךָ אֶת־שָׂדִי אֲשֶׁר בַּעֲנָתוֹת כִּי לְךָ מִשְׁפַּט הַגְּאֻלָּה לִקְנֽוֹת׃
8 तब मेरे चचा का बेटा हनमएल क़ैदख़ाने के सहन में मेरे पास आया, और जैसा ख़ुदावन्द ने फ़रमाया था, मुझसे कहा कि, मेरा खेत जो 'अन्तोत में बिनयमीन के 'इलाक़े में है, ख़रीद ले; क्यूँकि यह तेरा मौरूसी हक़ है और उसको छुड़ाना तेरा काम है, उसे अपने लिए ख़रीद ले।” तब मैंने जाना कि ये ख़ुदावन्द का कलाम है।
וַיָּבֹא אֵלַי חֲנַמְאֵל בֶּן־דֹּדִי כִּדְבַר יְהֹוָה אֶל־חֲצַר הַמַּטָּרָה וַיֹּאמֶר אֵלַי קְנֵה נָא אֶת־שָׂדִי אֲשֶׁר־בַּעֲנָתוֹת אֲשֶׁר ׀ בְּאֶרֶץ בִּנְיָמִין כִּֽי־לְךָ מִשְׁפַּט הַיְרֻשָּׁה וּלְךָ הַגְּאֻלָּה קְנֵה־לָךְ וָאֵדַע כִּי דְבַר־יְהֹוָה הֽוּא׃
9 'और मैंने उस खेत को जो 'अन्तोत में था, अपने चचा के बेटे हनमएल से ख़रीद लिया और नक़द सत्तर मिस्काल चांदी तोल कर उसे दी।
וָֽאֶקְנֶה אֶת־הַשָּׂדֶה מֵאֵת חֲנַמְאֵל בֶּן־דֹּדִי אֲשֶׁר בַּעֲנָתוֹת וָֽאֶשְׁקְלָה־לּוֹ אֶת־הַכֶּסֶף שִׁבְעָה שְׁקָלִים וַעֲשָׂרָה הַכָּֽסֶף׃
10 और मैंने एक कबाला लिखा और उस पर मुहर की और गवाह ठहराए, और चाँदी तराजू में तोलकर उसे दी
וָאֶכְתֹּב בַּסֵּפֶר וָֽאֶחְתֹּם וָאָעֵד עֵדִים וָאֶשְׁקֹל הַכֶּסֶף בְּמֹאזְנָֽיִם׃
11 तब मैंने उस क़बाले को लिया, या'नी वह जो क़ानून और दस्तूर के मुताबिक़ सर — ब — मुहर था, और वह जो खुला था;
וָאֶקַּח אֶת־סֵפֶר הַמִּקְנָה אֶת־הֶֽחָתוּם הַמִּצְוָה וְהַחֻקִּים וְאֶת־הַגָּלֽוּי׃
12 और मैंने उस क़बाले को अपने चचा के बेटे हनमएल के सामने और उन गवाहों के सामने जिन्होंने अपने नाम क़बाले पर लिखे थे, उन सब यहूदियों के सामने जो क़ैदख़ाने के सहन में बैठे थे, बारूक — बिन — नेयिरियाह — बिन — महसियाह को सौंपा।
וָאֶתֵּן אֶת־הַסֵּפֶר הַמִּקְנָה אֶל־בָּרוּךְ בֶּן־נֵרִיָּה בֶּן־מַחְסֵיָה לְעֵינֵי חֲנַמְאֵל דֹּדִי וּלְעֵינֵי הָֽעֵדִים הַכֹּתְבִים בְּסֵפֶר הַמִּקְנָה לְעֵינֵי כׇּל־הַיְּהוּדִים הַיֹּשְׁבִים בַּחֲצַר הַמַּטָּרָֽה׃
13 और मैंने उनके सामने बारूक की ताकीद की
וָאֲצַוֶּה אֶת־בָּרוּךְ לְעֵינֵיהֶם לֵאמֹֽר׃
14 कि 'रब्ब — उल — अफ़वाज, इस्राईल का ख़ुदा, यूँ फ़रमाता है कि: यह काग़ज़ात ले, या'नी यह क़बाला जो सर — ब — मुहर है, और यह जो खुला है, और उनको मिट्टी के बर्तन में रख ताकि बहुत दिनों तक महफ़ूज़ रहें।
כֹּה־אָמַר יְהֹוָה צְבָאוֹת אֱלֹהֵי יִשְׂרָאֵל לָקוֹחַ אֶת־הַסְּפָרִים הָאֵלֶּה אֵת סֵפֶר הַמִּקְנָה הַזֶּה וְאֵת הֶחָתוּם וְאֵת סֵפֶר הַגָּלוּי הַזֶּה וּנְתַתָּם בִּכְלִי־חָרֶשׂ לְמַעַן יַעַמְדוּ יָמִים רַבִּֽים׃
15 क्यूँकि रब्ब — उल — अफ़वाज, इस्राईल का ख़ुदा, यूँ फ़रमाता है कि: इस मुल्क में फिर घरों और ताकिस्तानों की ख़रीद — ओ — फ़रोख्त होगी।
כִּי כֹה אָמַר יְהֹוָה צְבָאוֹת אֱלֹהֵי יִשְׂרָאֵל עוֹד יִקָּנוּ בָתִּים וְשָׂדוֹת וּכְרָמִים בָּאָרֶץ הַזֹּֽאת׃
16 'बारूक — बिन — नेयिरियाह को क़बाला देने के बा'द, मैंने ख़ुदावन्द से यूँ दुआ की:
וָאֶתְפַּלֵּל אֶל־יְהֹוָה אַחֲרֵי תִתִּי אֶת־סֵפֶר הַמִּקְנָה אֶל־בָּרוּךְ בֶּן־נֵרִיָּה לֵאמֹֽר׃
17 'आह, ऐ ख़ुदावन्द ख़ुदा! देख, तूने अपनी 'अज़ीम क़ुदरत और अपने बुलन्द बाज़ू से आसमान और ज़मीन को पैदा किया, और तेरे लिए कोई काम मुश्किल नहीं है;
אֲהָהּ אֲדֹנָי יֱהֹוִה הִנֵּה ׀ אַתָּה עָשִׂיתָ אֶת־הַשָּׁמַיִם וְאֶת־הָאָרֶץ בְּכֹֽחֲךָ הַגָּדוֹל וּבִֽזְרֹעֲךָ הַנְּטוּיָה לֹֽא־יִפָּלֵא מִמְּךָ כׇּל־דָּבָֽר׃
18 तू हज़ारों पर शफ़क़त करता है, और बाप — दादा की बदकिरदारी का बदला उनके बाद उनकी औलाद के दामन में डाल देता है; जिसका नाम ख़ुदा — ए — 'अज़ीम — ओ — क़ादिर रब्ब — उल — अफ़वाज है;
עֹשֶׂה חֶסֶד לַֽאֲלָפִים וּמְשַׁלֵּם עֲוֺן אָבוֹת אֶל־חֵיק בְּנֵיהֶם אַחֲרֵיהֶם הָאֵל הַגָּדוֹל הַגִּבּוֹר יְהֹוָה צְבָאוֹת שְׁמֽוֹ׃
19 मश्वरत में बुज़ुर्ग, और काम में क़ुदरत वाला है; बनी — आदम की सब राहें तेरे ज़ेर — ए — नज़र हैं; ताकि हर एक को उसके चाल चलन के मुवाफ़िक़ और उसके 'आमाल के फल के मुताबिक़ बदला दे।
גְּדֹל הָֽעֵצָה וְרַב הָעֲלִֽילִיָּה אֲשֶׁר־עֵינֶיךָ פְקֻחוֹת עַל־כׇּל־דַּרְכֵי בְּנֵי אָדָם לָתֵת לְאִישׁ כִּדְרָכָיו וְכִפְרִי מַעֲלָלָֽיו׃
20 जिसने मुल्क — ए — मिस्र में आज तक, और इस्राईल और दूसरे लोगों में निशान और 'अजायब दिखाए और अपने लिए नाम पैदा किया, जैसा कि इस ज़माने में है।
אֲשֶׁר־שַׂמְתָּ אֹתוֹת וּמֹפְתִים בְּאֶֽרֶץ־מִצְרַיִם עַד־הַיּוֹם הַזֶּה וּבְיִשְׂרָאֵל וּבָאָדָם וַתַּעֲשֶׂה־לְּךָ שֵׁם כַּיּוֹם הַזֶּֽה׃
21 क्यूँकि तू अपनी क़ौम इस्राईल को मुल्क — ए — मिस्र से निशान और 'अजायब और क़वी हाथ और बलन्द बाज़ू से, और बड़ी हैबत के साथ निकाल लाया;
וַתֹּצֵא אֶת־עַמְּךָ אֶת־יִשְׂרָאֵל מֵאֶרֶץ מִצְרָיִם בְּאֹתוֹת וּבְמוֹפְתִים וּבְיָד חֲזָקָה וּבְאֶזְרוֹעַ נְטוּיָה וּבְמוֹרָא גָּדֽוֹל׃
22 और यह मुल्क उनको दिया जिसे देने की तूने उनके बाप — दादा से क़सम खायी थी ऐसा मुल्क जिसमे दूध और शहद बहता है।
וַתִּתֵּן לָהֶם אֶת־הָאָרֶץ הַזֹּאת אֲשֶׁר־נִשְׁבַּעְתָּ לַאֲבוֹתָם לָתֵת לָהֶם אֶרֶץ זָבַת חָלָב וּדְבָֽשׁ׃
23 और वह आकर उसके मालिक हो गए, लेकिन वह न तेरी आवाज़ को सुना और न तेरी शरी'अत पर चले, और जो कुछ तूने करने को कहा उन्होंने नहीं किया। इसलिए तू यह सब मुसीबत उन पर लाया।
וַיָּבֹאוּ וַיִּֽרְשׁוּ אֹתָהּ וְלֹֽא־שָׁמְעוּ בְקוֹלֶךָ (ובתרותך) [וּבְתוֹרָתְךָ] לֹא־הָלָכוּ אֵת כׇּל־אֲשֶׁר צִוִּיתָה לָהֶם לַעֲשׂוֹת לֹא עָשׂוּ וַתַּקְרֵא אֹתָם אֵת כׇּל־הָרָעָה הַזֹּֽאת׃
24 दमदमों को देख, वह शहर तक आ पहुँचे हैं कि उसे फ़तह कर लें, और शहर तलवार और काल और वबा की वजह से कसदियों के हवाले कर दिया गया है, जो उस पर चढ़ आए और जो कुछ तूने फ़रमाया पूरा हुआ, और तू आप देखता है।
הִנֵּה הַסֹּלְלוֹת בָּאוּ הָעִיר לְלׇכְדָהּ וְהָעִיר נִתְּנָה בְּיַד הַכַּשְׂדִּים הַנִּלְחָמִים עָלֶיהָ מִפְּנֵי הַחֶרֶב וְהָרָעָב וְהַדָּבֶר וַאֲשֶׁר דִּבַּרְתָּ הָיָה וְהִנְּךָ רֹאֶֽה׃
25 तो भी, ऐ ख़ुदावन्द ख़ुदा, तूने मुझसे फ़रमाया कि वह खेत रुपया देकर अपने लिए ख़रीद ले और गवाह ठहरा ले, हालाँकि यह शहर कसदियों के हवाले कर दिया गया।
וְאַתָּה אָמַרְתָּ אֵלַי אֲדֹנָי יֱהֹוִה קְנֵֽה־לְךָ הַשָּׂדֶה בַּכֶּסֶף וְהָעֵד עֵדִים וְהָעִיר נִתְּנָה בְּיַד הַכַּשְׂדִּֽים׃
26 तब ख़ुदावन्द का कलाम यरमियाह पर नाज़िल हुआ:
וַֽיְהִי דְּבַר־יְהֹוָה אֶֽל־יִרְמְיָהוּ לֵאמֹֽר׃
27 देख, मैं ख़ुदावन्द, तमाम बशर का ख़ुदा हूँ, क्या मेरे लिए कोई काम दुश्वार है?
הִנֵּה אֲנִי יְהֹוָה אֱלֹהֵי כׇּל־בָּשָׂר הֲֽמִמֶּנִּי יִפָּלֵא כׇּל־דָּבָֽר׃
28 इसलिए ख़ुदावन्द यूँ फ़रमाता है कि: देख, मैं इस शहर को कसदियों के और शाह — ए — बाबुल नबूकदनज़र के हवाले कर दूँगा, और वह इसे ले लेगा;
לָכֵן כֹּה אָמַר יְהֹוָה הִנְנִי נֹתֵן אֶת־הָעִיר הַזֹּאת בְּיַד הַכַּשְׂדִּים וּבְיַד נְבוּכַדְרֶאצַּר מֶלֶךְ־בָּבֶל וּלְכָדָֽהּ׃
29 और कसदी जो इस शहर पर चढ़ाई करते हैं, आकर इसको आग लगाएँगे और इसे उन घरों के साथ जलाएँगे, जिनकी छतों पर लोगों ने बा'ल के लिए ख़ुशबू जलायी और ग़ैरमा'बूदों के लिए तपावन तपाए कि मुझे ग़ज़बनाक करें।
וּבָאוּ הַכַּשְׂדִּים הַנִּלְחָמִים עַל־הָעִיר הַזֹּאת וְהִצִּיתוּ אֶת־הָעִיר הַזֹּאת בָּאֵשׁ וּשְׂרָפוּהָ וְאֵת הַבָּתִּים אֲשֶׁר קִטְּרוּ עַל־גַּגּוֹתֵיהֶם לַבַּעַל וְהִסִּכוּ נְסָכִים לֵאלֹהִים אֲחֵרִים לְמַעַן הַכְעִסֵֽנִי׃
30 क्यूँकि बनी — इस्राईल और बनी यहूदाह अपनी जवानी से अब तक सिर्फ़ वही करते आए हैं जो मेरी नज़र में बुरा है; क्यूँकि बनी — इस्राईल ने अपने 'आमाल से मुझे ग़ज़बनाक ही किया, ख़ुदावन्द फ़रमाता है।
כִּֽי־הָיוּ בְנֵי־יִשְׂרָאֵל וּבְנֵי יְהוּדָה אַךְ עֹשִׂים הָרַע בְּעֵינַי מִנְּעֻרֹֽתֵיהֶם כִּי בְנֵֽי־יִשְׂרָאֵל אַךְ מַכְעִסִים אֹתִי בְּמַעֲשֵׂה יְדֵיהֶם נְאֻם־יְהֹוָֽה׃
31 क्यूँकि यह शहर जिस दिन से उन्होंने इसे ता'मीर किया, आज के दिन तक मेरे क़हर और ग़ज़ब का ज़रिया' हो रहा है; ताकि मैं इसे अपने सामने से दूर करूँ
כִּי עַל־אַפִּי וְעַל־חֲמָתִי הָיְתָה לִּי הָעִיר הַזֹּאת לְמִן־הַיּוֹם אֲשֶׁר בָּנוּ אוֹתָהּ וְעַד הַיּוֹם הַזֶּה לַהֲסִירָהּ מֵעַל פָּנָֽי׃
32 बनी — इस्राईल और बनी यहूदाह की तमाम बुराई के ज़रिए' जो उन्होंने और उनके बादशाहों ने, और हाकिम और काहिनों और नबियों ने, और यहूदाह के लोगों और येरूशलेम के बशिन्दों ने की, ताकि मुझे ग़ज़बनाक करें।
עַל כׇּל־רָעַת בְּנֵי־יִשְׂרָאֵל וּבְנֵי יְהוּדָה אֲשֶׁר עָשׂוּ לְהַכְעִסֵנִי הֵמָּה מַלְכֵיהֶם שָׂרֵיהֶם כֹּהֲנֵיהֶם וּנְבִיאֵיהֶם וְאִישׁ יְהוּדָה וְיֹשְׁבֵי יְרוּשָׁלָֽ͏ִם׃
33 क्यूँकि उन्होंने मेरी तरफ़ पीठ की और मुँह न किया, हर चन्द मैंने उनको सिखाया और वक़्त पर ता'लीम दी, तो भी उन्होंने कान न लगाया कि तरबियत पज़ीर हों,
וַיִּפְנוּ אֵלַי עֹרֶף וְלֹא פָנִים וְלַמֵּד אֹתָם הַשְׁכֵּם וְלַמֵּד וְאֵינָם שֹׁמְעִים לָקַחַת מוּסָֽר׃
34 बल्कि उस घर में जो मेरे नाम से कहलाता है, अपनी मकरूहात रख्खीं ताकि उसे नापाक करें।
וַיָּשִׂימוּ שִׁקּוּצֵיהֶם בַּבַּיִת אֲשֶׁר־נִקְרָֽא־שְׁמִי עָלָיו לְטַמְּאֽוֹ׃
35 और उन्होंने बा'ल के ऊँचे मक़ाम जो बिन हिनूम की वादी में हैं बनाए, ताकि अपने बेटों और बेटियों को मोलक के लिए आग में से गुज़ारें, जिसका मैंने उनको हुक्म नहीं दिया और न मेरे ख़याल में आया कि वह ऐसा मकरूह काम करके यहूदाह को गुनाहगार बनाएँ।
וַיִּבְנוּ אֶת־בָּמוֹת הַבַּעַל אֲשֶׁר ׀ בְּגֵיא בֶן־הִנֹּם לְהַעֲבִיר אֶת־בְּנֵיהֶם וְאֶת־בְּנוֹתֵיהֶם לַמֹּלֶךְ אֲשֶׁר לֹֽא־צִוִּיתִים וְלֹא עָֽלְתָה עַל־לִבִּי לַעֲשׂוֹת הַתּוֹעֵבָה הַזֹּאת לְמַעַן הַחֲטִי אֶת־יְהוּדָֽה׃
36 और अब इस शहर के बारे में, जिसके हक़ में तुम कहते हो, 'तलवार और काल और वबा के वसीले से वह शाह — ए — बाबुल के हवाले किया जाएगा, ख़ुदावन्द, इस्राईल का ख़ुदा, यूँ फ़रमाता है:
וְעַתָּה לָכֵן כֹּה־אָמַר יְהֹוָה אֱלֹהֵי יִשְׂרָאֵל אֶל־הָעִיר הַזֹּאת אֲשֶׁר ׀ אַתֶּם אֹמְרִים נִתְּנָה בְּיַד מֶֽלֶךְ־בָּבֶל בַּחֶרֶב וּבָרָעָב וּבַדָּֽבֶר׃
37 देख, मैं उनको उन सब मुल्कों से जहाँ मैंने उनको गैज़ — ओ — ग़ज़ब और बड़े ग़ुस्से से हॉक दिया है, जमा' करूँगा और इस मक़ाम में वापस लाऊँगा और उनको अम्न से आबाद करूँगा।
הִנְנִי מְקַבְּצָם מִכׇּל־הָאֲרָצוֹת אֲשֶׁר הִדַּחְתִּים שָׁם בְּאַפִּי וּבַחֲמָתִי וּבְקֶצֶף גָּדוֹל וַהֲשִֽׁבֹתִים אֶל־הַמָּקוֹם הַזֶּה וְהֹשַׁבְתִּים לָבֶֽטַח׃
38 और वह मेरे लोग होंगे और मैं उनका ख़ुदा हूँगा।
וְהָיוּ לִי לְעָם וַאֲנִי אֶהְיֶה לָהֶם לֵאלֹהִֽים׃
39 मैं उनको यकदिल और यकरविश बना दूँगा, और वह अपनी और अपने बाद अपनी औलाद की भलाई कि लिए हमेशा मुझसे डरते रहेंगे।
וְנָתַתִּי לָהֶם לֵב אֶחָד וְדֶרֶךְ אֶחָד לְיִרְאָה אוֹתִי כׇּל־הַיָּמִים לְטוֹב לָהֶם וְלִבְנֵיהֶם אַחֲרֵיהֶֽם׃
40 मैं उनसे हमेशा का 'अहद करूँगा कि उनके साथ भलाई करने से बाज़ न आऊँगा, और मैं अपना ख़ौफ़ उनके दिल में डालूँगा ताकि वह मुझसे फिर न जाएँ।
וְכָרַתִּי לָהֶם בְּרִית עוֹלָם אֲשֶׁר לֹֽא־אָשׁוּב מֵאַחֲרֵיהֶם לְהֵיטִיבִי אוֹתָם וְאֶת־יִרְאָתִי אֶתֵּן בִּלְבָבָם לְבִלְתִּי סוּר מֵעָלָֽי׃
41 हाँ, मैं उनसे ख़ुश होकर उनसे नेकी करूँगा, और यक़ीनन दिल — ओ — जान से उनको इस मुल्क में लगाऊँगा।
וְשַׂשְׂתִּי עֲלֵיהֶם לְהֵטִיב אוֹתָם וּנְטַעְתִּים בָּאָרֶץ הַזֹּאת בֶּאֱמֶת בְּכׇל־לִבִּי וּבְכׇל־נַפְשִֽׁי׃
42 “क्यूँकि ख़ुदावन्द यूँ फ़रमाता है कि: जिस तरह मैं इन लोगों पर यह तमाम बला — ए — 'अज़ीम लाया हूँ, उसी तरह वह तमाम नेकी जिसका मैंने उनसे वा'दा किया है, उनसे करूँगा।
כִּי־כֹה אָמַר יְהֹוָה כַּאֲשֶׁר הֵבֵאתִי אֶל־הָעָם הַזֶּה אֵת כׇּל־הָרָעָה הַגְּדוֹלָה הַזֹּאת כֵּן אָנֹכִי מֵבִיא עֲלֵיהֶם אֶת־כׇּל־הַטּוֹבָה אֲשֶׁר אָנֹכִי דֹּבֵר עֲלֵיהֶֽם׃
43 और इस मुल्क में जिसके बारे में तुम कहते हो कि 'वह वीरान है, वहाँ न इंसान है न हैवान, वह कसदियों के हवाले किया गया,' फिर खेत ख़रीदे जाएँगे।
וְנִקְנָה הַשָּׂדֶה בָּאָרֶץ הַזֹּאת אֲשֶׁר ׀ אַתֶּם אֹמְרִים שְׁמָמָה הִיא מֵאֵין אָדָם וּבְהֵמָה נִתְּנָה בְּיַד הַכַּשְׂדִּֽים׃
44 बिनयमीन के ''इलाक़े में और येरूशलेम के 'इलाक़े में और यहूदाह के शहरों में और पहाड़ी के, और वादी के, और दख्खिन के शहरों में लोग रुपया देकर खेत ख़रीदेंगे; और क़बाले लिखाकर उन पर मुहर लगाएँगे और गवाह ठहराएँगे, क्यूँकि मैं उनकी ग़ुलामी को ख़त्म कर दूँगा, ख़ुदावन्द फ़रमाता है।”
שָׂדוֹת בַּכֶּסֶף יִקְנוּ וְכָתוֹב בַּסֵּפֶר ׀ וְחָתוֹם וְהָעֵד עֵדִים בְּאֶרֶץ בִּנְיָמִן וּבִסְבִיבֵי יְרוּשָׁלַ͏ִם וּבְעָרֵי יְהוּדָה וּבְעָרֵי הָהָר וּבְעָרֵי הַשְּׁפֵלָה וּבְעָרֵי הַנֶּגֶב כִּֽי־אָשִׁיב אֶת־שְׁבוּתָם נְאֻם־יְהֹוָֽה׃

< यर्म 32 >