< यर्म 26 >

1 शाह — ए — यहूदाह यहूयक़ीम — बिन — यूसियाह की बादशाही के शुरू' में यह कलाम ख़ुदावन्द की तरफ़ से नाज़िल हुआ,
2 कि ख़ुदावन्द यूँ फ़रमाता है कि: तू ख़ुदावन्द के घर के सहन में खड़ा हो, और यहूदाह के सब शहरों के लोगों से जो ख़ुदावन्द के घर में सिज्दा करने को आते हैं, वह सब बातें जिनका मैंने तुझे हुक्म दिया है कि उनसे कहे, कह दे; एक लफ़्ज़ भी कम न कर।
τῇ Αἰγύπτῳ ἐπὶ δύναμιν Φαραω Νεχαω βασιλέως Αἰγύπτου ὃς ἦν ἐπὶ τῷ ποταμῷ Εὐφράτῃ ἐν Χαρχαμις ὃν ἐπάταξε Ναβουχοδονοσορ βασιλεὺς Βαβυλῶνος ἐν τῷ ἔτει τῷ τετάρτῳ Ιωακιμ βασιλέως Ιουδα
3 शायद वह सुने और हर एक अपने बुरे चाल चलन से बाज़ आए, और मैं भी उस 'ऐज़ाब को जो उनकी बद'आमाली की वजह से उन पर लाना चाहता हूँ, बाज़ रखूँ।
ἀναλάβετε ὅπλα καὶ ἀσπίδας καὶ προσαγάγετε εἰς πόλεμον
4 और तू उनसे कहना, 'ख़ुदावन्द यूँ फ़रमाता है: अगर तुम मेरी न सुनोगे कि मेरी शरी'अत पर, जो मैंने तुम्हारे सामने रखी 'अमल करो,
ἐπισάξατε τοὺς ἵππους ἐπίβητε οἱ ἱππεῖς καὶ κατάστητε ἐν ταῖς περικεφαλαίαις ὑμῶν προβάλετε τὰ δόρατα καὶ ἐνδύσασθε τοὺς θώρακας ὑμῶν
5 और मेरे ख़िदमतगुज़ार नबियों की बातें सुनो जिनको मैंने तुम्हारे पास भेजा मैंने उनको सही वक़्त पर “भेजा, लेकिन तुम ने न सुना;
τί ὅτι αὐτοὶ πτοοῦνται καὶ ἀποχωροῦσιν ὀπίσω διότι οἱ ἰσχυροὶ αὐτῶν κοπήσονται φυγῇ ἔφυγον καὶ οὐκ ἀνέστρεψαν περιεχόμενοι κυκλόθεν λέγει κύριος
6 तो मैं इस घर को शीलोह कि तरह कर डालूँगा, और इस शहर को ज़मीन की सब क़ौमों के नज़दीक ला'नत का ज़रिया' ठहराऊँगा।”
μὴ φευγέτω ὁ κοῦφος καὶ μὴ ἀνασῳζέσθω ὁ ἰσχυρός ἐπὶ βορρᾶν τὰ παρὰ τὸν Εὐφράτην ἠσθένησαν πεπτώκασιν
7 चुनाँचे काहिनों और नबियों और सब लोगों ने यरमियाह को ख़ुदावन्द के घर में यह बातें कहते सुना।
τίς οὗτος ὡς ποταμὸς ἀναβήσεται καὶ ὡς ποταμοὶ κυμαίνουσιν ὕδωρ
8 और यूँ हुआ कि जब यरमियाह वह सब बातें कह चुका जो ख़ुदावन्द ने उसे हुक्म दिया था कि सब लोगों से कहे, तो काहिनों और नबियों और सब लोगों ने उसे पकड़ा और कहा कि तू यक़ीनन क़त्ल किया जाएगा!
ὕδατα Αἰγύπτου ὡσεὶ ποταμὸς ἀναβήσεται καὶ εἶπεν ἀναβήσομαι καὶ κατακαλύψω γῆν καὶ ἀπολῶ κατοικοῦντας ἐν αὐτῇ
9 तू ने क्यूँ ख़ुदावन्द का नाम लेकर नबुव्वत की और कहा, 'यह घर शीलोह की तरह होगा, और यह शहर वीरान और ग़ैरआबाद होगा'? और सब लोग ख़ुदावन्द के घर में यरमियाह के पास जमा' हुए।
ἐπίβητε ἐπὶ τοὺς ἵππους παρασκευάσατε τὰ ἅρματα ἐξέλθατε οἱ μαχηταὶ Αἰθιόπων καὶ Λίβυες καθωπλισμένοι ὅπλοις καὶ Λυδοί ἀνάβητε ἐντείνατε τόξον
10 और यहूदाह के हाकिम यह बातें सुनकर बादशाह के घर से ख़ुदावन्द के घर में आए, और ख़ुदावन्द के घर के नये फाटक के मदख़ल पर बैठे।
καὶ ἡ ἡμέρα ἐκείνη κυρίῳ τῷ θεῷ ἡμῶν ἡμέρα ἐκδικήσεως τοῦ ἐκδικῆσαι τοὺς ἐχθροὺς αὐτοῦ καὶ καταφάγεται ἡ μάχαιρα κυρίου καὶ ἐμπλησθήσεται καὶ μεθυσθήσεται ἀπὸ τοῦ αἵματος αὐτῶν ὅτι θυσία τῷ κυρίῳ σαβαωθ ἀπὸ γῆς βορρᾶ ἐπὶ ποταμῷ Εὐφράτῃ
11 और काहिनों और नबियों ने हाकिम से और सब लोगों से मुख़ातिब होकर कहा कि यह शख़्स वाजिब — उल — क़त्ल है क्यूँकि इसने इस शहर के ख़िलाफ़ नबुव्वत की है, जैसा कि तुम ने अपने कानों से सुना।
ἀνάβηθι Γαλααδ καὶ λαβὲ ῥητίνην τῇ παρθένῳ θυγατρὶ Αἰγύπτου εἰς κενὸν ἐπλήθυνας ἰάματά σου ὠφέλεια οὐκ ἔστιν σοί
12 तब यरमियाह ने सब हाकिम और तमाम लोगों से मुख़ातिब होकर कहा कि “ख़ुदावन्द ने मुझे भेजा कि इस घर और इस शहर के ख़िलाफ़ वह सब बातें जो तुम ने सुनी हैं, नबुव्वत से कहूँ।
ἤκουσαν ἔθνη φωνήν σου καὶ τῆς κραυγῆς σου ἐπλήσθη ἡ γῆ ὅτι μαχητὴς πρὸς μαχητὴν ἠσθένησεν ἐπὶ τὸ αὐτὸ ἔπεσαν ἀμφότεροι
13 इसलिए अब तुम अपने चाल चलन और अपने आ'माल को दुरूस्त करो, और ख़ुदावन्द अपने ख़ुदा की आवाज़ को सुनो, ताकि ख़ुदावन्द उस 'ऐज़ाब से जिसका तुम्हारे ख़िलाफ़ 'ऐलान किया है बाज़ रहे।
ἃ ἐλάλησεν κύριος ἐν χειρὶ Ιερεμιου τοῦ ἐλθεῖν Ναβουχοδονοσορ τὸν βασιλέα Βαβυλῶνος τοῦ κόψαι τὴν γῆν Αἰγύπτου
14 और देखो, मैं तो तुम्हारे क़ाबू में हूँ जो कुछ तुम्हारी नज़र में ख़ूब — ओ — रास्त हो मुझसे करो।
ἀναγγείλατε εἰς Μάγδωλον καὶ παραγγείλατε εἰς Μέμφιν εἴπατε ἐπίστηθι καὶ ἑτοίμασον ὅτι κατέφαγεν μάχαιρα τὴν σμίλακά σου
15 लेकिन यक़ीन जानो कि अगर तुम मुझे क़त्ल करोगे, तो बेगुनाह का ख़ून अपने आप पर और इस शहर पर और इसके बाशिन्दों पर लाओगे; क्यूँकि हक़ीक़त में ख़ुदावन्द ने मुझे तुम्हारे पास भेजा है कि तुम्हारे कानों में ये सब बातें कहूँ।”
διὰ τί ἔφυγεν ὁ Ἆπις ὁ μόσχος ὁ ἐκλεκτός σου οὐκ ἔμεινεν ὅτι κύριος παρέλυσεν αὐτόν
16 तब हाकिम और सब लोगों ने काहिनों और नबियों से कहा, यह शख़्स वाजिब — उल — क़त्ल नहीं क्यूँकि उसने ख़ुदावन्द हमारे ख़ुदा के नाम से हम से कलाम किया।
καὶ τὸ πλῆθός σου ἠσθένησεν καὶ ἔπεσεν καὶ ἕκαστος πρὸς τὸν πλησίον αὐτοῦ ἐλάλει ἀναστῶμεν καὶ ἀναστρέψωμεν πρὸς τὸν λαὸν ἡμῶν εἰς τὴν πατρίδα ἡμῶν ἀπὸ προσώπου μαχαίρας Ἑλληνικῆς
17 तब मुल्क के चंद बुज़ुर्ग उठे और कुल जमा'अत से मुख़ातिब होकर कहने लगे,
καλέσατε τὸ ὄνομα Φαραω Νεχαω βασιλέως Αἰγύπτου Σαων‐εσβι‐εμωηδ
18 कि “मीकाह मोरश्ती ने शाह — ए — यहूदाह हिज़क़ियाह के दिनों में नबुव्वत की, और यहूदाह के सब लोगों से मुख़ातिब होकर यूँ कहा, 'रब्ब — उल — अफ़वाज यूँ फ़रमाता है कि: सिय्यून खेत की तरह जोता जाएगा और येरूशलेम खण्डर हो जाएगा, और इस घर का पहाड़ जंगल की ऊँची जगहों की तरह होगा।
ζῶ ἐγώ λέγει κύριος ὁ θεός ὅτι ὡς τὸ Ἰταβύριον ἐν τοῖς ὄρεσιν καὶ ὡς ὁ Κάρμηλος ἐν τῇ θαλάσσῃ ἥξει
19 क्या शाह — ए — यहूदाह हिज़क़ियाह और तमाम यहूदाह ने उसको क़त्ल किया? क्या वह ख़ुदावन्द से न डरा, और ख़ुदावन्द से मुनाजात न की? और ख़ुदावन्द ने उस 'ऐज़ाब को जिसका उनके ख़िलाफ़ 'ऐलान किया था, बाज़ न रख्खा? तब यूँ हम अपनी जानों पर बड़ी आफ़त लाएँगे।”
σκεύη ἀποικισμοῦ ποίησον σεαυτῇ κατοικοῦσα θύγατερ Αἰγύπτου ὅτι Μέμφις εἰς ἀφανισμὸν ἔσται καὶ κληθήσεται οὐαὶ διὰ τὸ μὴ ὑπάρχειν κατοικοῦντας ἐν αὐτῇ
20 फिर एक और शख़्स ने ख़ुदावन्द के नाम से नबुवत की, या'नी ऊरिय्याह — बिनसमा'याह ने जो करयत या'रीम का था; उसने इस शहर और मुल्क के ख़िलाफ़ यरमियाह की सब बातों के मुताबिक़ नबुव्वत की;
δάμαλις κεκαλλωπισμένη Αἴγυπτος ἀπόσπασμα ἀπὸ βορρᾶ ἦλθεν ἐπ’ αὐτήν
21 और जब यहूयक़ीम बादशाह और उसके सब जंगी मर्दों और हाकिम ने उसकी बातें सुनीं, तो बादशाह ने उसे क़त्ल करना चाहा; लेकिन ऊरिय्याह यह सुनकर डरा और मिस्र को भाग गया।
καὶ οἱ μισθωτοὶ αὐτῆς ἐν αὐτῇ ὥσπερ μόσχοι σιτευτοὶ τρεφόμενοι ἐν αὐτῇ διότι καὶ αὐτοὶ ἀπεστράφησαν καὶ ἔφυγον ὁμοθυμαδόν οὐκ ἔστησαν ὅτι ἡμέρα ἀπωλείας ἦλθεν ἐπ’ αὐτοὺς καὶ καιρὸς ἐκδικήσεως αὐτῶν
22 और यहूयक़ीम बादशाह ने चंद आदमियों या'नी इलनातन — बिन — अकबूर और उसके साथ कुछ और आदमियों को मिस्र में भेजा:
φωνὴ ὡς ὄφεως συρίζοντος ὅτι ἐν ἄμμῳ πορεύσονται ἐν ἀξίναις ἥξουσιν ἐπ’ αὐτὴν ὡς κόπτοντες ξύλα
23 और वह ऊरिय्याह को मिस्र से निकाल लाए, और उसे यहूयक़ीम बादशाह के पास पहुँचाया; और उसने उसको तलवार से क़त्ल किया और उसकी लाश को 'अवाम के क़ब्रिस्तान में फिकवा दिया।
ἐκκόψουσιν τὸν δρυμὸν αὐτῆς λέγει κύριος ὁ θεός ὅτι οὐ μὴ εἰκασθῇ ὅτι πληθύνει ὑπὲρ ἀκρίδα καὶ οὐκ ἔστιν αὐτοῖς ἀριθμός
24 लेकिन अख़ीक़ाम — बिन — साफ़न यरमियाह का दस्तगीर था, ताकि वह क़त्ल होने के लिए लोगों के हवाले न किया जाए।
κατῃσχύνθη θυγάτηρ Αἰγύπτου παρεδόθη εἰς χεῖρας λαοῦ ἀπὸ βορρᾶ
ἰδοὺ ἐγὼ ἐκδικῶ τὸν Αμων τὸν υἱὸν αὐτῆς ἐπὶ Φαραω καὶ ἐπὶ τοὺς πεποιθότας ἐπ’ αὐτῷ
σὺ δὲ μὴ φοβηθῇς δοῦλός μου Ιακωβ μηδὲ πτοηθῇς Ισραηλ διότι ἰδοὺ ἐγὼ σῴζων σε μακρόθεν καὶ τὸ σπέρμα σου ἐκ τῆς αἰχμαλωσίας αὐτῶν καὶ ἀναστρέψει Ιακωβ καὶ ἡσυχάσει καὶ ὑπνώσει καὶ οὐκ ἔσται ὁ παρενοχλῶν αὐτόν
μὴ φοβοῦ παῖς μου Ιακωβ λέγει κύριος ὅτι μετὰ σοῦ ἐγώ εἰμι ὅτι ποιήσω συντέλειαν ἐν παντὶ ἔθνει εἰς οὓς ἐξῶσά σε ἐκεῖ σὲ δὲ οὐ μὴ ποιήσω ἐκλιπεῖν καὶ παιδεύσω σε εἰς κρίμα καὶ ἀθῷον οὐκ ἀθῳώσω σε

< यर्म 26 >