< यर्म 23 >

1 ख़ुदावन्द फ़रमाता है: “उन चरवाहों पर अफ़सोस, जो मेरी चरागाह की भेड़ों को हलाक और तितर — बितर करते हैं!”
הֹ֣וי רֹעִ֗ים מְאַבְּדִ֧ים וּמְפִצִ֛ים אֶת־צֹ֥אן מַרְעִיתִ֖י נְאֻם־יְהוָֽה׃
2 इसलिए ख़ुदावन्द, इस्राईल का ख़ुदा उन चरवाहों की मुख़ालिफ़त में जो मेरे लोगों की चरवाही करते हैं, यूँ फ़रमाता है कि तुमने मेरे गल्ले को तितर — बितर किया, और उनको हाँक कर निकाल दिया और निगहबानी नहीं की; देखो, मैं तुम्हारे कामों की बुराई तुम पर लाऊँगा, ख़ुदावन्द फ़रमाता है।
לָ֠כֵן כֹּֽה־אָמַ֨ר יְהוָ֜ה אֱלֹהֵ֣י יִשְׂרָאֵ֗ל עַֽל־הָרֹעִים֮ הָרֹעִ֣ים אֶת־עַמִּי֒ אַתֶּ֞ם הֲפִצֹתֶ֤ם אֶת־צֹאנִי֙ וַתַּדִּח֔וּם וְלֹ֥א פְקַדְתֶּ֖ם אֹתָ֑ם הִנְנִ֨י פֹקֵ֧ד עֲלֵיכֶ֛ם אֶת־רֹ֥עַ מַעַלְלֵיכֶ֖ם נְאֻם־יְהוָֽה׃
3 लेकिन मैं उनको जो मेरे गल्ले से बच रहे हैं, तमाम मुमालिक से जहाँ — जहाँ मैंने उनको हाँक दिया था जमा' कर लूँगा, और उनको फिर उनके गल्ला ख़ानों में लाऊँगा, और वह फैलेंगे और बढ़ेंगे।
וַאֲנִ֗י אֲקַבֵּץ֙ אֶת־שְׁאֵרִ֣ית צֹאנִ֔י מִכֹּל֙ הָאֲרָצֹ֔ות אֲשֶׁר־הִדַּ֥חְתִּי אֹתָ֖ם שָׁ֑ם וַהֲשִׁבֹתִ֥י אֶתְהֶ֛ן עַל־נְוֵהֶ֖ן וּפָר֥וּ וְרָבֽוּ׃
4 और मैं उन पर ऐसे चौपान मुक़र्रर करूँगा जो उनको चराएँगे; और वह फिर न डरेंगे, न घबराएँगे, न गुम होंगे, ख़ुदावन्द फ़रमाता है।
וַהֲקִמֹתִ֧י עֲלֵיהֶ֛ם רֹעִ֖ים וְרָע֑וּם וְלֹא־יִֽירְא֨וּ עֹ֧וד וְלֹא־יֵחַ֛תּוּ וְלֹ֥א יִפָּקֵ֖דוּ נְאֻם־יְהוָֽה׃ ס
5 “देख, वह दिन आते हैं, ख़ुदावन्द फ़रमाता है कि: मैं दाऊद के लिए एक सादिक़ शाख़ पैदा करूँगा और उसकी बादशाही मुल्क में इक़बालमन्दी और 'अदालत और सदाक़त के साथ होगी।
הִנֵּ֨ה יָמִ֤ים בָּאִים֙ נְאֻם־יְהוָ֔ה וַהֲקִמֹתִ֥י לְדָוִ֖ד צֶ֣מַח צַדִּ֑יק וּמָ֤לַךְ מֶ֙לֶךְ֙ וְהִשְׂכִּ֔יל וְעָשָׂ֛ה מִשְׁפָּ֥ט וּצְדָקָ֖ה בָּאָֽרֶץ׃
6 उसके दिनों में यहूदाह नजात पाएगा, और इस्राईल सलामती से सुकूनत करेगा; और उसका नाम यह रख्खा जाएगा, 'ख़ुदावन्द हमारी सदाक़त'।
בְּיָמָיו֙ תִּוָּשַׁ֣ע יְהוּדָ֔ה וְיִשְׂרָאֵ֖ל יִשְׁכֹּ֣ן לָבֶ֑טַח וְזֶה־שְּׁמֹ֥ו אֲ‍ֽשֶׁר־יִקְרְאֹ֖ו יְהוָ֥ה ׀ צִדְקֵֽנוּ׃ ס
7 'इसी लिए देख, वह दिन आते हैं, ख़ुदावन्द फ़रमाता है कि वह फिर न कहेंगे, ज़िन्दा ख़ुदावन्द की क़सम, जो बनी — इस्राईल को मुल्क — ए — मिस्र से निकाल लाया,
לָכֵ֛ן הִנֵּֽה־יָמִ֥ים בָּאִ֖ים נְאֻם־יְהוָ֑ה וְלֹא־יֹ֤אמְרוּ עֹוד֙ חַי־יְהוָ֔ה אֲשֶׁ֧ר הֶעֱלָ֛ה אֶת־בְּנֵ֥י יִשְׂרָאֵ֖ל מֵאֶ֥רֶץ מִצְרָֽיִם׃
8 बल्कि, ज़िन्दा ख़ुदावन्द की क़सम, जो इस्राईल के घराने की औलाद को उत्तर की सरज़मीन से, और उन सब ममलुकतों से जहाँ — जहाँ मैंने उनको हाँक दिया था निकाल लाया, और वह अपने मुल्क में बसेंगे।”
כִּ֣י אִם־חַי־יְהוָ֗ה אֲשֶׁ֣ר הֶעֱלָה֩ וַאֲשֶׁ֨ר הֵבִ֜יא אֶת־זֶ֨רַע בֵּ֤ית יִשְׂרָאֵל֙ מֵאֶ֣רֶץ צָפֹ֔ונָה וּמִכֹּל֙ הָֽאֲרָצֹ֔ות אֲשֶׁ֥ר הִדַּחְתִּ֖ים שָׁ֑ם וְיָשְׁב֖וּ עַל־אַדְמָתָֽם׃ ס
9 नबियों के बारे में: मेरा दिल मेरे अन्दर टूट गया, मेरी सब हड्डियाँ थरथराती हैं; ख़ुदावन्द और उसके पाक कलाम की वजह से मैं मतवाला सा हूँ, और उस शख़्स की तरह जो मय से मग़लूब हो।
לַנְּבִאִ֞ים נִשְׁבַּ֧ר לִבִּ֣י בְקִרְבִּ֗י רָֽחֲפוּ֙ כָּל־עַצְמֹותַ֔י הָיִ֙יתִי֙ כְּאִ֣ישׁ שִׁכֹּ֗ור וּכְגֶ֖בֶר עֲבָ֣רֹו יָ֑יִן מִפְּנֵ֣י יְהוָ֔ה וּמִפְּנֵ֖י דִּבְרֵ֥י קָדְשֹֽׁו׃
10 यक़ीनन ज़मीन बदकारों से भरी है; ला'नत की वजह से ज़मीन मातम करती है मैदान की चारागाहें सूख गयीं क्यूँकि उनके चाल चलन बुरे और उनका ज़ोर नाहक़ है।
כִּ֤י מְנָֽאֲפִים֙ מָלְאָ֣ה הָאָ֔רֶץ כִּֽי־מִפְּנֵ֤י אָלָה֙ אָבְלָ֣ה הָאָ֔רֶץ יָבְשׁ֖וּ נְאֹ֣ות מִדְבָּ֑ר וַתְּהִ֤י מְרֽוּצָתָם֙ רָעָ֔ה וּגְבוּרָתָ֖ם לֹא־כֵֽן׃
11 कि “नबी और काहिन, दोनों नापाक हैं, हाँ, मैंने अपने घर के अन्दर उनकी शरारत देखी, ख़ुदावन्द फ़रमाता है।
כִּֽי־גַם־נָבִ֥יא גַם־כֹּהֵ֖ן חָנֵ֑פוּ גַּם־בְּבֵיתִ֛י מָצָ֥אתִי רָעָתָ֖ם נְאֻם־יְהוָֽה׃
12 इसलिए उनकी राह उनके हक़ में ऐसी होगी, जैसे तारीकी में फिसलनी जगह, वह उसमे दौड़ाये जायेंगे और वहां गिरेंगे ख़ुदावन्द फ़रमाता है: मैं उन पर बला लाऊँगा, या'नी उनकी सज़ा का साल।
לָכֵן֩ יִֽהְיֶ֨ה דַרְכָּ֜ם לָהֶ֗ם כַּחֲלַקְלַקֹּות֙ בָּֽאֲפֵלָ֔ה יִדַּ֖חוּ וְנָ֣פְלוּ בָ֑הּ כִּֽי־אָבִ֨יא עֲלֵיהֶ֥ם רָעָ֛ה שְׁנַ֥ת פְּקֻדָּתָ֖ם נְאֻם־יְהוָֽה׃
13 और मैंने सामरिया के नबियों में हिमाक़त देखी है: उन्होंने बा'ल के नाम से नबुव्वत की और मेरी क़ौम इस्राईल को गुमराह किया।
וּבִנְבִיאֵ֥י שֹׁמְרֹ֖ון רָאִ֣יתִי תִפְלָ֑ה הִנַּבְּא֣וּ בַבַּ֔עַל וַיַּתְע֥וּ אֶת־עַמִּ֖י אֶת־יִשְׂרָאֵֽל׃ ס
14 मैंने येरूशलेम के नबियों में भी एक हौलनाक बात देखी: वह ज़िनाकार, झूठ के पैरौ और बदकारों के हामी हैं, यहाँ तक कि कोई अपनी शरारत से बाज़ नहीं आता; वह सब मेरे नज़दीक सदूम की तरह और उसके बाशिन्दे 'अमूरा की तरह हैं।”
וּבִנְבִאֵ֨י יְרוּשָׁלַ֜͏ִם רָאִ֣יתִי שַׁעֲרוּרָ֗ה נָאֹ֞וף וְהָלֹ֤ךְ בַּשֶּׁ֙קֶר֙ וְחִזְּקוּ֙ יְדֵ֣י מְרֵעִ֔ים לְבִ֨לְתִּי־שָׁ֔בוּ אִ֖ישׁ מֵרָֽעָתֹ֑ו הָֽיוּ־לִ֤י כֻלָּם֙ כִּסְדֹ֔ם וְיֹשְׁבֶ֖יהָ כַּעֲמֹרָֽה׃ ס
15 इसीलिए रब्ब — उल — अफ़वाज, नबियों के बारे में यूँ फ़रमाता है कि: “देख, मैं उनको नागदौना खिलाऊँगा और इन्द्रायन का पानी पिलाऊँगा; क्यूँकि येरूशलेम के नबियों ही से तमाम मुल्क में बेदीनी फैली है।”
לָכֵ֞ן כֹּֽה־אָמַ֨ר יְהוָ֤ה צְבָאֹות֙ עַל־הַנְּבִאִ֔ים הִנְנִ֨י מַאֲכִ֤יל אֹותָם֙ לַֽעֲנָ֔ה וְהִשְׁקִתִ֖ים מֵי־רֹ֑אשׁ כִּ֗י מֵאֵת֙ נְבִיאֵ֣י יְרוּשָׁלַ֔͏ִם יָצְאָ֥ה חֲנֻפָּ֖ה לְכָל־הָאָֽרֶץ׃ פ
16 रब्ब — उल — अफ़वाज यूँ फ़रमाता है कि: उन नबियों की बातें न सुनो, जो तुम से नबुव्वत करते हैं, वह तुम को बेकार की ता'लीम देते हैं, वह अपने दिलों के इल्हाम बयान करते हैं, न कि ख़ुदावन्द के मुँह की बातें।
כֹּֽה־אָמַ֞ר יְהוָ֣ה צְבָאֹ֗ות אַֽל־תִּשְׁמְע֞וּ עַל־דִּבְרֵ֤י הַנְּבִאִים֙ הַנִּבְּאִ֣ים לָכֶ֔ם מַהְבִּלִ֥ים הֵ֖מָּה אֶתְכֶ֑ם חֲזֹ֤ון לִבָּם֙ יְדַבֵּ֔רוּ לֹ֖א מִפִּ֥י יְהוָֽה׃
17 वह मुझे हक़ीर जाननेवालों से कहते रहते हैं, 'ख़ुदावन्द ने फ़रमाया है कि: तुम्हारी सलामती होगी; “और हर एक से जो अपने दिल की सख़्ती पर चलता है, कहते हैं कि 'तुझ पर कोई बला न आएगी।”
אֹמְרִ֤ים אָמֹור֙ לִֽמְנַאֲצַ֔י דִּבֶּ֣ר יְהוָ֔ה שָׁלֹ֖ום יִֽהְיֶ֣ה לָכֶ֑ם וְ֠כֹל הֹלֵ֞ךְ בִּשְׁרִר֤וּת לִבֹּו֙ אָֽמְר֔וּ לֹֽא־תָבֹ֥וא עֲלֵיכֶ֖ם רָעָֽה׃
18 लेकिन उनमें से कौन ख़ुदावन्द की मजलिस में शामिल हुआ कि उसका कलाम सुने और समझे? किसने उसके कलाम की तरफ़ तवज्जुह की और उस पर कान लगाया?
כִּ֣י מִ֤י עָמַד֙ בְּסֹ֣וד יְהוָ֔ה וְיֵ֖רֶא וְיִשְׁמַ֣ע אֶת־דְּבָרֹ֑ו מִֽי־הִקְשִׁ֥יב דְּבָרִי (דְּבָרֹ֖ו) וַיִּשְׁמָֽע׃ ס
19 देख, ख़ुदावन्द के ग़ज़बनाक ग़ुस्से का तूफ़ान जारी हुआ है, बल्कि तूफ़ान का बगोला शरीरों के सिर पर टूट पड़ेगा।
הִנֵּ֣ה ׀ סַעֲרַ֣ת יְהוָ֗ה חֵמָה֙ יָֽצְאָ֔ה וְסַ֖עַר מִתְחֹולֵ֑ל עַ֛ל רֹ֥אשׁ רְשָׁעִ֖ים יָחֽוּל׃
20 ख़ुदावन्द का ग़ज़ब फिर ख़त्म न होगा, जब तक उसे अंजाम तक न पहुँचाए और उसके दिल के इरादे को पूरा न करे। तुम आने वाले दिनों में उसे बख़ूबी मा'लूम करोगे।
לֹ֤א יָשׁוּב֙ אַף־יְהוָ֔ה עַד־עֲשֹׂתֹ֥ו וְעַד־הֲקִימֹ֖ו מְזִמֹּ֣ות לִבֹּ֑ו בְּאַֽחֲרִית֙ הַיָּמִ֔ים תִּתְבֹּ֥ונְנוּ בָ֖הּ בִּינָֽה׃
21 'मैंने इन नबियों को नहीं भेजा, लेकिन ये दौड़ते फिरे; मैंने इनसे कलाम नहीं किया, लेकिन इन्होंने नबुव्वत की।
לֹא־שָׁלַ֥חְתִּי אֶת־הַנְּבִאִ֖ים וְהֵ֣ם רָ֑צוּ לֹא־דִבַּ֥רְתִּי אֲלֵיהֶ֖ם וְהֵ֥ם נִבָּֽאוּ׃
22 लेकिन अगर वह मेरी मजलिस में शामिल होते, तो मेरी बातें मेरे लोगों को सुनाते; और उनको उनकी बुरी राह से और उनके कामों की बुराई से बाज़ रखते।
וְאִֽם־עָמְד֖וּ בְּסֹודִ֑י וְיַשְׁמִ֤עוּ דְבָרַי֙ אֶת־עַמִּ֔י וִֽישִׁבוּם֙ מִדַּרְכָּ֣ם הָרָ֔ע וּמֵרֹ֖עַ מַֽעַלְלֵיהֶֽם׃ ס
23 “ख़ुदावन्द फ़रमाता है: क्या मैं नज़दीक ही का ख़ुदा हूँ और दूर का ख़ुदा नहीं?”
הַאֱלֹהֵ֧י מִקָּרֹ֛ב אָ֖נִי נְאֻם־יְהוָ֑ה וְלֹ֥א אֱלֹהֵ֖י מֵרָחֹֽק׃
24 क्या कोई आदमी पोशीदा जगहों में छिप सकता है कि मैं उसे न देखूँ? ख़ुदावन्द फ़रमाता है। क्या ज़मीन — ओ — आसमान मुझसे मा'मूर नहीं हैं? ख़ुदावन्द फ़रमाता है।
אִם־יִסָּתֵ֨ר אִ֧ישׁ בַּמִּסְתָּרִ֛ים וַאֲנִ֥י לֹֽא־אֶרְאֶ֖נּוּ נְאֻם־יְהוָ֑ה הֲלֹ֨וא אֶת־הַשָּׁמַ֧יִם וְאֶת־הָאָ֛רֶץ אֲנִ֥י מָלֵ֖א נְאֻם־יְהוָֽה׃
25 मैंने सुना जो नबियों ने कहा, जो मेरा नाम लेकर झूटी नबुव्वत करते और कहते हैं कि 'मैंने ख़्वाब देखा, मैने ख़्वाब देखा!'
שָׁמַ֗עְתִּי אֵ֤ת אֲשֶׁר־אָֽמְרוּ֙ הַנְּבִאִ֔ים הַֽנִּבְּאִ֥ים בִּשְׁמִ֛י שֶׁ֖קֶר לֵאמֹ֑ר חָלַ֖מְתִּי חָלָֽמְתִּי׃
26 कब तक ये नबियों के दिल में रहेगा कि झूटी नबुव्वत करें? हाँ, वह अपने दिल की फ़रेबकारी के नबी हैं।
עַד־מָתַ֗י הֲיֵ֛שׁ בְּלֵ֥ב הַנְּבִאִ֖ים נִבְּאֵ֣י הַשָּׁ֑קֶר וּנְבִיאֵ֖י תַּרְמִ֥ת לִבָּֽם׃
27 जो गुमान रखते हैं कि अपने ख़्वाबों से, जो उनमें से हर एक अपने पड़ोसी से बयान करता है, मेरे लोगों को मेरा नाम भुला दें, जिस तरह उनके बाप — दादा बा'ल की वजह से मेरा नाम भूल गए थे।
הַחֹשְׁבִ֗ים לְהַשְׁכִּ֤יחַ אֶת־עַמִּי֙ שְׁמִ֔י בַּחֲלֹ֣ומֹתָ֔ם אֲשֶׁ֥ר יְסַפְּר֖וּ אִ֣ישׁ לְרֵעֵ֑הוּ כַּאֲשֶׁ֨ר שָׁכְח֧וּ אֲבֹותָ֛ם אֶת־שְׁמִ֖י בַּבָּֽעַל׃
28 जिस नबी के पास ख़्वाब है, वह ख़्वाब बयान करे; और जिसके पास मेरा कलाम है, वह मेरे कलाम को दियानतदारी से सुनाए। गेहूँ को भूसे से क्या निस्बत? ख़ुदावन्द फ़रमाता है।
הַנָּבִ֞יא אֲשֶׁר־אִתֹּ֤ו חֲלֹום֙ יְסַפֵּ֣ר חֲלֹ֔ום וַאֲשֶׁ֤ר דְּבָרִי֙ אִתֹּ֔ו יְדַבֵּ֥ר דְּבָרִ֖י אֱמֶ֑ת מַה־לַתֶּ֥בֶן אֶת־הַבָּ֖ר נְאֻם־יְהוָֽה׃
29 क्या मेरा कलाम आग की तरह नहीं है? ख़ुदावन्द फ़रमाता है, और हथौड़े की तरह जो चट्टान को चकनाचूर कर डालता है?
הֲלֹ֨וא כֹ֧ה דְבָרִ֛י כָּאֵ֖שׁ נְאֻם־יְהוָ֑ה וּכְפַטִּ֖ישׁ יְפֹ֥צֵֽץ סָֽלַע׃ ס
30 इसलिए देख, मैं उन नबियों का मुख़ालिफ़ हूँ, ख़ुदावन्द फ़रमाता है, जो एक दूसरे से मेरी बातें चुराते हैं।
לָכֵ֛ן הִנְנִ֥י עַל־הַנְּבִאִ֖ים נְאֻם־יְהוָ֑ה מְגַנְּבֵ֣י דְבָרַ֔י אִ֖ישׁ מֵאֵ֥ת רֵעֵֽהוּ׃
31 देख, मैं उन नबियों का मुख़ालिफ़ हूँ, ख़ुदावन्द फ़रमाता है, जो अपनी ज़बान को इस्ते'माल करते हैं और कहते हैं कि ख़ुदावन्द फ़रमाता है।
הִנְנִ֥י עַל־הַנְּבִיאִ֖ם נְאֻם־יְהוָ֑ה הַלֹּקְחִ֣ים לְשֹׁונָ֔ם וַֽיִּנְאֲמ֖וּ נְאֻֽם׃
32 ख़ुदावन्द फ़रमाता है, देख, मैं उनका मुख़ालिफ़ हूँ जो झूटे ख़्वाबों को नबुव्वत कहते और बयान करते हैं और अपनी झूटी बातों से और बकवास से मेरे लोगों को गुमराह करते हैं; लेकिन मैंने न उनको भेजा न हुक्म दिया; इसलिए इन लोगों को उनसे हरगिज़ फ़ायदा न होगा, ख़ुदावन्द फ़रमाता है।
הִ֠נְנִי עַֽל־נִבְּאֵ֞י חֲלֹמֹ֥ות שֶׁ֙קֶר֙ נְאֻם־יְהוָ֔ה וַֽיְסַפְּרוּם֙ וַיַּתְע֣וּ אֶת־עַמִּ֔י בְּשִׁקְרֵיהֶ֖ם וּבְפַחֲזוּתָ֑ם וְאָנֹכִ֨י לֹֽא־שְׁלַחְתִּ֜ים וְלֹ֣א צִוִּיתִ֗ים וְהֹועֵ֛יל לֹֽא־יֹועִ֥ילוּ לָֽעָם־הַזֶּ֖ה נְאֻם־יְהוָֽה׃
33 “और जब यह लोग या नबी या काहिन तुझ से पूछे कि 'ख़ुदावन्द की तरफ़ से बार — ए — नबुव्वत क्या है?' तब तू उनसे कहना, 'कौन सा बार — ए — नबुव्वत! ख़ुदावन्द फ़रमाता है, मैं तुम को फेंक दूँगा।”
וְכִי־יִשְׁאָלְךָ֩ הָעָ֨ם הַזֶּ֜ה אֹֽו־הַנָּבִ֤יא אֹֽו־כֹהֵן֙ לֵאמֹ֔ר מַה־מַשָּׂ֖א יְהוָ֑ה וְאָמַרְתָּ֤ אֲלֵיהֶם֙ אֶת־מַה־מַשָּׂ֔א וְנָטַשְׁתִּ֥י אֶתְכֶ֖ם נְאֻם־יְהוָֽה׃
34 और नबी और काहिन और लोगों में से जो कोई कहे, 'ख़ुदावन्द की तरफ़ से बार — ए — नबुव्वत, मैं उस शख़्स को और उसके घराने को सज़ा दूँगा।
וְהַנָּבִ֤יא וְהַכֹּהֵן֙ וְהָעָ֔ם אֲשֶׁ֥ר יֹאמַ֖ר מַשָּׂ֣א יְהוָ֑ה וּפָקַדְתִּ֛י עַל־הָאִ֥ישׁ הַה֖וּא וְעַל־בֵּיתֹֽו׃
35 चाहिए कि हर एक अपने पड़ोसी और अपने भाई से यूँ कहे कि 'ख़ुदावन्द ने क्या जवाब दिया?' और 'ख़ुदावन्द ने क्या फ़रमाया है?
כֹּ֥ה תֹאמְר֛וּ אִ֥ישׁ עַל־רֵעֵ֖הוּ וְאִ֣ישׁ אֶל־אָחִ֑יו מֶה־עָנָ֣ה יְהוָ֔ה וּמַה־דִּבֶּ֖ר יְהוָֽה׃
36 लेकिन ख़ुदावन्द की तरफ़ से बार — ए — नबुव्वत का ज़िक्र तुम कभी न करना; इसलिए कि हर एक आदमी की अपनी ही बातें उस पर बार होंगी, क्यूँकि तुम ने ज़िन्दा ख़ुदा रब्ब — उलअफ़वाज, हमारे ख़ुदा के कलाम को बिगाड़ डाला है।
וּמַשָּׂ֥א יְהוָ֖ה לֹ֣א תִזְכְּרוּ־עֹ֑וד כִּ֣י הַמַּשָּׂ֗א יִֽהְיֶה֙ לְאִ֣ישׁ דְּבָרֹ֔ו וַהֲפַכְתֶּ֗ם אֶת־דִּבְרֵי֙ אֱלֹהִ֣ים חַיִּ֔ים יְהוָ֥ה צְבָאֹ֖ות אֱלֹהֵֽינוּ׃
37 तू नबी से यूँ कहना कि 'ख़ुदावन्द ने तुझे क्या जवाब दिया?' और 'ख़ुदावन्द ने क्या फ़रमाया?'
כֹּ֥ה תֹאמַ֖ר אֶל־הַנָּבִ֑יא מֶה־עָנָ֣ךְ יְהוָ֔ה וּמַה־דִּבֶּ֖ר יְהוָֽה׃
38 लेकिन चूँकि तुम कहते हो, 'ख़ुदावन्द की तरफ़ से बार — ए — नबुवत; “इसलिए ख़ुदावन्द यूँ फ़रमाता है कि: चूँकि तुम कहते हो, ख़ुदावन्द की तरफ़ से बार — ए — नबुव्वत, और मैंने तुम को कहला भेजा, 'ख़ुदावन्द की तरफ़ से बार — ए — नबुव्वत न कहो;
וְאִם־מַשָּׂ֣א יְהוָה֮ תֹּאמֵרוּ֒ לָכֵ֗ן כֹּ֚ה אָמַ֣ר יְהוָ֔ה יַ֧עַן אֲמָרְכֶ֛ם אֶת־הַדָּבָ֥ר הַזֶּ֖ה מַשָּׂ֣א יְהוָ֑ה וָאֶשְׁלַ֤ח אֲלֵיכֶם֙ לֵאמֹ֔ר לֹ֥א תֹאמְר֖וּ מַשָּׂ֥א יְהוָֽה׃
39 इसलिए देखो, मैं तुम को बिल्कुल फ़रामोश कर दूँगा और तुमको और इस शहर को, जो मैंने तुम को और तुम्हारे बाप दादा को दिया, अपनी नज़र से दूर कर दूँगा।
לָכֵ֣ן הִנְנִ֔י וְנָשִׁ֥יתִי אֶתְכֶ֖ם נָשֹׁ֑א וְנָטַשְׁתִּ֣י אֶתְכֶ֗ם וְאֶת־הָעִיר֙ אֲשֶׁ֨ר נָתַ֧תִּי לָכֶ֛ם וְלַאֲבֹותֵיכֶ֖ם מֵעַ֥ל פָּנָֽי׃
40 और मैं तुमको हमेशा की मलामत का निशाना बनाऊँगा, और हमेशा की शर्मिंदगी तुम पर लाऊँगा जो कभी फ़रामोश न होगी।”
וְנָתַתִּ֥י עֲלֵיכֶ֖ם חֶרְפַּ֣ת עֹולָ֑ם וּכְלִמּ֣וּת עֹולָ֔ם אֲשֶׁ֖ר לֹ֥א תִשָּׁכֵֽחַ׃ ס

< यर्म 23 >