< यर्म 23 >

1 ख़ुदावन्द फ़रमाता है: “उन चरवाहों पर अफ़सोस, जो मेरी चरागाह की भेड़ों को हलाक और तितर — बितर करते हैं!”
Weh euch Hirten, die ihr die Herde meiner Weide umbringet und zerstreuet! spricht der HERR.
2 इसलिए ख़ुदावन्द, इस्राईल का ख़ुदा उन चरवाहों की मुख़ालिफ़त में जो मेरे लोगों की चरवाही करते हैं, यूँ फ़रमाता है कि तुमने मेरे गल्ले को तितर — बितर किया, और उनको हाँक कर निकाल दिया और निगहबानी नहीं की; देखो, मैं तुम्हारे कामों की बुराई तुम पर लाऊँगा, ख़ुदावन्द फ़रमाता है।
Darum spricht der HERR, der Gott Israels, von den Hirten, die mein Volk weiden: Ihr habt meine Herde zerstreut und verstoßen und nicht besucht. Siehe, ich will euch heimsuchen um eures bösen Wesens willen, spricht der HERR.
3 लेकिन मैं उनको जो मेरे गल्ले से बच रहे हैं, तमाम मुमालिक से जहाँ — जहाँ मैंने उनको हाँक दिया था जमा' कर लूँगा, और उनको फिर उनके गल्ला ख़ानों में लाऊँगा, और वह फैलेंगे और बढ़ेंगे।
Und ich will die übrigen meiner Herde sammeln aus allen Ländern, dahin ich sie verstoßen habe, und will sie wiederbringen zu ihren Hürden, daß sie sollen wachsen und ihrer viel werden.
4 और मैं उन पर ऐसे चौपान मुक़र्रर करूँगा जो उनको चराएँगे; और वह फिर न डरेंगे, न घबराएँगे, न गुम होंगे, ख़ुदावन्द फ़रमाता है।
Und ich will Hirten über sie setzen, die sie weiden sollen, daß sie sich nicht mehr sollen fürchten noch erschrecken noch heimgesucht werden, spricht der HERR.
5 “देख, वह दिन आते हैं, ख़ुदावन्द फ़रमाता है कि: मैं दाऊद के लिए एक सादिक़ शाख़ पैदा करूँगा और उसकी बादशाही मुल्क में इक़बालमन्दी और 'अदालत और सदाक़त के साथ होगी।
Siehe, es kommt die Zeit, spricht der HERR, daß ich dem David ein gerechtes Gewächs erwecken will, und soll ein König sein, der wohl regieren wird und Recht und Gerechtigkeit auf Erden anrichten.
6 उसके दिनों में यहूदाह नजात पाएगा, और इस्राईल सलामती से सुकूनत करेगा; और उसका नाम यह रख्खा जाएगा, 'ख़ुदावन्द हमारी सदाक़त'।
Zu seiner Zeit soll Juda geholfen werden und Israel sicher wohnen. Und dies wird sein Name sein, daß man ihn nennen wird: Der HERR unsre Gerechtigkeit.
7 'इसी लिए देख, वह दिन आते हैं, ख़ुदावन्द फ़रमाता है कि वह फिर न कहेंगे, ज़िन्दा ख़ुदावन्द की क़सम, जो बनी — इस्राईल को मुल्क — ए — मिस्र से निकाल लाया,
Darum siehe, es wird die Zeit kommen, spricht der HERR, daß man nicht mehr sagen wird: So wahr der HERR lebt, der die Kinder Israel aus Ägyptenland geführt hat!
8 बल्कि, ज़िन्दा ख़ुदावन्द की क़सम, जो इस्राईल के घराने की औलाद को उत्तर की सरज़मीन से, और उन सब ममलुकतों से जहाँ — जहाँ मैंने उनको हाँक दिया था निकाल लाया, और वह अपने मुल्क में बसेंगे।”
sondern: So wahr der HERR lebt, der den Samen des Hauses Israel hat herausgeführt aus dem Lande der Mitternacht und aus allen Landen, dahin ich sie verstoßen hatte, daß sie in ihrem Lande wohnen sollen!
9 नबियों के बारे में: मेरा दिल मेरे अन्दर टूट गया, मेरी सब हड्डियाँ थरथराती हैं; ख़ुदावन्द और उसके पाक कलाम की वजह से मैं मतवाला सा हूँ, और उस शख़्स की तरह जो मय से मग़लूब हो।
Wider die Propheten. Mein Herz will mir im Leibe brechen, alle meine Gebeine zittern; mir ist wie einem trunkenen Mann und wie einem, der vom Wein taumelt, vor dem HERRN und vor seinen heiligen Worten;
10 यक़ीनन ज़मीन बदकारों से भरी है; ला'नत की वजह से ज़मीन मातम करती है मैदान की चारागाहें सूख गयीं क्यूँकि उनके चाल चलन बुरे और उनका ज़ोर नाहक़ है।
daß das Land so voll Ehebrecher ist, daß das Land so jämmerlich steht, daß es so verflucht ist und die Auen in der Wüste verdorren; und ihr Leben ist böse, und ihr Regiment taugt nicht.
11 कि “नबी और काहिन, दोनों नापाक हैं, हाँ, मैंने अपने घर के अन्दर उनकी शरारत देखी, ख़ुदावन्द फ़रमाता है।
Denn beide, Propheten und Priester, sind Schälke; und auch in meinem Hause finde ich ihre Bosheit, spricht der HERR.
12 इसलिए उनकी राह उनके हक़ में ऐसी होगी, जैसे तारीकी में फिसलनी जगह, वह उसमे दौड़ाये जायेंगे और वहां गिरेंगे ख़ुदावन्द फ़रमाता है: मैं उन पर बला लाऊँगा, या'नी उनकी सज़ा का साल।
Darum ist ihr Weg wie ein glatter Weg im Finstern, darauf sie gleiten und fallen; denn ich will Unglück über sie kommen lassen, das Jahr ihrer Heimsuchung, spricht der HERR.
13 और मैंने सामरिया के नबियों में हिमाक़त देखी है: उन्होंने बा'ल के नाम से नबुव्वत की और मेरी क़ौम इस्राईल को गुमराह किया।
Zwar bei den Propheten zu Samaria sah ich Torheit, daß sie weissagten durch Baal und verführten mein Volk Israel;
14 मैंने येरूशलेम के नबियों में भी एक हौलनाक बात देखी: वह ज़िनाकार, झूठ के पैरौ और बदकारों के हामी हैं, यहाँ तक कि कोई अपनी शरारत से बाज़ नहीं आता; वह सब मेरे नज़दीक सदूम की तरह और उसके बाशिन्दे 'अमूरा की तरह हैं।”
aber bei den Propheten zu Jerusalem sehe ich Greuel, wie sie ehebrechen und gehen mit Lügen um und stärken die Boshaften, auf daß sich ja niemand bekehre von seiner Bosheit. Sie sind alle vor mir gleichwie Sodom, und die Bürger zu Jerusalem wie Gomorra.
15 इसीलिए रब्ब — उल — अफ़वाज, नबियों के बारे में यूँ फ़रमाता है कि: “देख, मैं उनको नागदौना खिलाऊँगा और इन्द्रायन का पानी पिलाऊँगा; क्यूँकि येरूशलेम के नबियों ही से तमाम मुल्क में बेदीनी फैली है।”
Darum spricht der HERR Zebaoth von den Propheten also: Siehe, ich will sie mit Wermut speisen und mit Galle tränken; denn von den Propheten zu Jerusalem kommt Heuchelei aus ins ganze Land.
16 रब्ब — उल — अफ़वाज यूँ फ़रमाता है कि: उन नबियों की बातें न सुनो, जो तुम से नबुव्वत करते हैं, वह तुम को बेकार की ता'लीम देते हैं, वह अपने दिलों के इल्हाम बयान करते हैं, न कि ख़ुदावन्द के मुँह की बातें।
So spricht der HERR Zebaoth: Gehorcht nicht den Worten der Propheten, so euch weissagen. Sie betrügen euch; denn sie predigen ihres Herzens Gesicht und nicht aus des HERRN Munde.
17 वह मुझे हक़ीर जाननेवालों से कहते रहते हैं, 'ख़ुदावन्द ने फ़रमाया है कि: तुम्हारी सलामती होगी; “और हर एक से जो अपने दिल की सख़्ती पर चलता है, कहते हैं कि 'तुझ पर कोई बला न आएगी।”
Sie sagen denen, die mich lästern: “Der HERR hat's gesagt, es wird euch wohl gehen”; und allen, die nach ihres Herzens Dünkel wandeln, sagen sie: “Es wird kein Unglück über euch kommen.”
18 लेकिन उनमें से कौन ख़ुदावन्द की मजलिस में शामिल हुआ कि उसका कलाम सुने और समझे? किसने उसके कलाम की तरफ़ तवज्जुह की और उस पर कान लगाया?
Aber wer ist im Rat des HERRN gestanden, der sein Wort gesehen und gehört habe? Wer hat sein Wort vernommen und gehört?
19 देख, ख़ुदावन्द के ग़ज़बनाक ग़ुस्से का तूफ़ान जारी हुआ है, बल्कि तूफ़ान का बगोला शरीरों के सिर पर टूट पड़ेगा।
Siehe, es wird ein Wetter des HERRN mit Grimm kommen und ein schreckliches Ungewitter den Gottlosen auf den Kopf fallen.
20 ख़ुदावन्द का ग़ज़ब फिर ख़त्म न होगा, जब तक उसे अंजाम तक न पहुँचाए और उसके दिल के इरादे को पूरा न करे। तुम आने वाले दिनों में उसे बख़ूबी मा'लूम करोगे।
Und des HERRN Zorn wird nicht nachlassen, bis er tue und ausrichte, was er im Sinn hat; zur letzten Zeit werdet ihr's wohl erfahren.
21 'मैंने इन नबियों को नहीं भेजा, लेकिन ये दौड़ते फिरे; मैंने इनसे कलाम नहीं किया, लेकिन इन्होंने नबुव्वत की।
Ich sandte die Propheten nicht, doch liefen sie; ich redete nicht zu ihnen, doch weissagten sie.
22 लेकिन अगर वह मेरी मजलिस में शामिल होते, तो मेरी बातें मेरे लोगों को सुनाते; और उनको उनकी बुरी राह से और उनके कामों की बुराई से बाज़ रखते।
Denn wo sie bei meinem Rat geblieben wären und hätten meine Worte meinem Volk gepredigt, so hätten sie dasselbe von seinem bösen Wesen und von seinem bösen Leben bekehrt.
23 “ख़ुदावन्द फ़रमाता है: क्या मैं नज़दीक ही का ख़ुदा हूँ और दूर का ख़ुदा नहीं?”
Bin ich nur ein Gott, der nahe ist, spricht der HERR, und nicht auch ein Gott von ferneher?
24 क्या कोई आदमी पोशीदा जगहों में छिप सकता है कि मैं उसे न देखूँ? ख़ुदावन्द फ़रमाता है। क्या ज़मीन — ओ — आसमान मुझसे मा'मूर नहीं हैं? ख़ुदावन्द फ़रमाता है।
Meinst du, daß sich jemand so heimlich verbergen könne, daß ich ihn nicht sehe? spricht der HERR. Bin ich es nicht, der Himmel und Erde füllt? spricht der HERR.
25 मैंने सुना जो नबियों ने कहा, जो मेरा नाम लेकर झूटी नबुव्वत करते और कहते हैं कि 'मैंने ख़्वाब देखा, मैने ख़्वाब देखा!'
Ich höre es wohl, was die Propheten predigen und falsch weissagen in meinem Namen und sprechen: Mir hat geträumt, mir hat geträumt.
26 कब तक ये नबियों के दिल में रहेगा कि झूटी नबुव्वत करें? हाँ, वह अपने दिल की फ़रेबकारी के नबी हैं।
Wann wollen doch die Propheten aufhören, die falsch weissagen und ihres Herzens Trügerei weissagen
27 जो गुमान रखते हैं कि अपने ख़्वाबों से, जो उनमें से हर एक अपने पड़ोसी से बयान करता है, मेरे लोगों को मेरा नाम भुला दें, जिस तरह उनके बाप — दादा बा'ल की वजह से मेरा नाम भूल गए थे।
und wollen, daß mein Volk meines Namens vergesse über ihren Träumen, die einer dem andern erzählt? gleichwie ihre Väter meines Namens vergaßen über dem Baal.
28 जिस नबी के पास ख़्वाब है, वह ख़्वाब बयान करे; और जिसके पास मेरा कलाम है, वह मेरे कलाम को दियानतदारी से सुनाए। गेहूँ को भूसे से क्या निस्बत? ख़ुदावन्द फ़रमाता है।
Ein Prophet, der Träume hat, der erzähle Träume; wer aber mein Wort hat, der Predige mein Wort recht. Wie reimen sich Stroh und Weizen zusammen? spricht der HERR.
29 क्या मेरा कलाम आग की तरह नहीं है? ख़ुदावन्द फ़रमाता है, और हथौड़े की तरह जो चट्टान को चकनाचूर कर डालता है?
Ist mein Wort nicht wie Feuer, spricht der HERR, und wie ein Hammer, der Felsen zerschmeißt?
30 इसलिए देख, मैं उन नबियों का मुख़ालिफ़ हूँ, ख़ुदावन्द फ़रमाता है, जो एक दूसरे से मेरी बातें चुराते हैं।
Darum siehe, ich will an die Propheten, spricht der HERR, die mein Wort stehlen einer dem andern.
31 देख, मैं उन नबियों का मुख़ालिफ़ हूँ, ख़ुदावन्द फ़रमाता है, जो अपनी ज़बान को इस्ते'माल करते हैं और कहते हैं कि ख़ुदावन्द फ़रमाता है।
Siehe, ich will an die Propheten, spricht der HERR, die ihr eigenes Wort führen und sprechen: Er hat's gesagt.
32 ख़ुदावन्द फ़रमाता है, देख, मैं उनका मुख़ालिफ़ हूँ जो झूटे ख़्वाबों को नबुव्वत कहते और बयान करते हैं और अपनी झूटी बातों से और बकवास से मेरे लोगों को गुमराह करते हैं; लेकिन मैंने न उनको भेजा न हुक्म दिया; इसलिए इन लोगों को उनसे हरगिज़ फ़ायदा न होगा, ख़ुदावन्द फ़रमाता है।
Siehe, ich will an die, so falsche Träume weissagen, spricht der HERR, und erzählen dieselben und verführen mein Volk mit ihren Lügen und losen Reden, so ich sie doch nicht gesandt und ihnen nichts befohlen habe und sie auch diesem Volk nichts nütze sind, spricht der HERR.
33 “और जब यह लोग या नबी या काहिन तुझ से पूछे कि 'ख़ुदावन्द की तरफ़ से बार — ए — नबुव्वत क्या है?' तब तू उनसे कहना, 'कौन सा बार — ए — नबुव्वत! ख़ुदावन्द फ़रमाता है, मैं तुम को फेंक दूँगा।”
Wenn dich dies Volk oder ein Prophet oder ein Priester fragen wird und sagen: Welches ist die Last des HERRN? sollst du zu ihnen sagen, was die Last sei: Ich will euch hinwerfen, spricht der HERR.
34 और नबी और काहिन और लोगों में से जो कोई कहे, 'ख़ुदावन्द की तरफ़ से बार — ए — नबुव्वत, मैं उस शख़्स को और उसके घराने को सज़ा दूँगा।
Und wo ein Prophet oder Priester oder das Volk wird sagen: “Das ist die Last des HERRN”, den will ich heimsuchen und sein Haus dazu.
35 चाहिए कि हर एक अपने पड़ोसी और अपने भाई से यूँ कहे कि 'ख़ुदावन्द ने क्या जवाब दिया?' और 'ख़ुदावन्द ने क्या फ़रमाया है?
Also sollt ihr aber einer mit dem andern reden und untereinander sagen: “Was antwortet der HERR, und was sagt der HERR?”
36 लेकिन ख़ुदावन्द की तरफ़ से बार — ए — नबुव्वत का ज़िक्र तुम कभी न करना; इसलिए कि हर एक आदमी की अपनी ही बातें उस पर बार होंगी, क्यूँकि तुम ने ज़िन्दा ख़ुदा रब्ब — उलअफ़वाज, हमारे ख़ुदा के कलाम को बिगाड़ डाला है।
Und nennt's nicht mehr “Last des HERRN”; denn einem jeglichem wird sein eigenes Wort eine “Last” sein, weil ihr also die Worte des lebendigen Gottes, des HERRN Zebaoth, unsers Gottes, verkehrt.
37 तू नबी से यूँ कहना कि 'ख़ुदावन्द ने तुझे क्या जवाब दिया?' और 'ख़ुदावन्द ने क्या फ़रमाया?'
Darum sollt ihr zum Propheten also sagen: Was antwortet dir der HERR, und was sagt der HERR?
38 लेकिन चूँकि तुम कहते हो, 'ख़ुदावन्द की तरफ़ से बार — ए — नबुवत; “इसलिए ख़ुदावन्द यूँ फ़रमाता है कि: चूँकि तुम कहते हो, ख़ुदावन्द की तरफ़ से बार — ए — नबुव्वत, और मैंने तुम को कहला भेजा, 'ख़ुदावन्द की तरफ़ से बार — ए — नबुव्वत न कहो;
Weil ihr aber sprecht: “Last des HERRN”, darum spricht der HERR also: Nun ihr dieses Wort eine “Last des HERRN” nennt und ich zu euch gesandt habe und sagen lassen, ihr sollt's nicht nennen “Last des HERRN”:
39 इसलिए देखो, मैं तुम को बिल्कुल फ़रामोश कर दूँगा और तुमको और इस शहर को, जो मैंने तुम को और तुम्हारे बाप दादा को दिया, अपनी नज़र से दूर कर दूँगा।
siehe, so will ich euch hinwegnehmen und euch samt der Stadt, die ich euch und euren Vätern gegeben habe, von meinem Angesicht wegwerfen
40 और मैं तुमको हमेशा की मलामत का निशाना बनाऊँगा, और हमेशा की शर्मिंदगी तुम पर लाऊँगा जो कभी फ़रामोश न होगी।”
und will euch ewige Schande und ewige Schmach zufügen, der nimmer vergessen soll werden.

< यर्म 23 >