< यर्म 21 >

1 वह कलाम जो ख़ुदावन्द की तरफ़ से यरमियाह पर नाज़िल हुआ, जब सिदक़ियाह बादशाह ने फ़शहूर — बिन — मलकियाह और सफ़नियाह — बिन — मासियाह काहिन को उसके पास ये कहने को भेजा,
الْكَلامُ الَّذِي أَوْحَى بِهِ الرَّبُّ إِلَى إِرْمِيَا النَّبِيِّ، عِنْدَمَا أَرْسَلَ إِلَيْهِ الْمَلِكُ صِدْقِيَّا فَشْحُورَ بْنَ مَلْكِيَّا وَصَفَنْيَا بْنَ مَعْسِيَّا الْكَاهِنَ، قَائِلاً:١
2 कि “हमारी ख़ातिर ख़ुदावन्द से दरियाफ़्त कर क्यूँकि शाहे — ए — बाबुल नबूकदनज़र हमारे साथ लड़ाई करता है; शायद ख़ुदावन्द हम से अपने तमाम 'अजीब कामों के मुवाफ़िक़ ऐसा सुलूक करे कि वह हमारे पास से चला जाए।”
«اسْأَلِ الرَّبَّ عَنَّا، لأَنَّ نَبُوخَذْنَصَّرَ مَلِكَ بَابِلَ قَدْ أَعْلَنَ عَلَيْنَا حَرْباً، لَعَلَّ الرَّبَّ يُجْرِي لَنَا مُعْجِزَةً كَسَابِقِ مُعْجِزَاتِهِ، وَيَصْرِفُهُ عَنَّا».٢
3 तब यरमियाह ने उनसे कहा, तुम सिदक़ियाह से यूँ कहना,
فَقَالَ لَهُمَا إِرْمِيَا: «هَذَا مَا تَقُولانِ لِصِدْقِيَّا:٣
4 कि 'ख़ुदावन्द, इस्राईल का ख़ुदा, यूँ फ़रमाता है कि: देख, मैं लड़ाई के हथियारों को जो तुम्हारे हाथ में हैं, जिनसे तुम शाह — ए — बाबुल और कसदियों के ख़िलाफ़ जो फ़सील के बाहर तुम्हारा घिराव किए हुए हैं लड़ते हो फेर दूँगा और मैं उनको इस शहर के बीच में इकट्ठे करूँगा;
هَذَا مَا يُعْلِنُهُ الرَّبُّ إِلَهُ إِسْرَائِيلَ: هَا أَنَا أَرُدُّ أَسْلِحَتَكُمُ الَّتِي بِأَيْدِيكُمُ الَّتِي تُحَارِبُونَ بِها مَلِكَ بَابِلَ وَالْكِلْدَانِيِّينَ الَّذِينَ يُحَاصِرُونَكُمْ مِنْ خَارِجِ السُّورِ، وَأَجْمَعُهُمْ فِي وَسَطِ هَذِهِ الْمَدِينَةِ.٤
5 और मैं आप अपने बढ़ाए हुए हाथ से और क़ुव्वत — ए — बाज़ू से तुम्हारे ख़िलाफ़ लड़ूँगा, हाँ, क़हर — ओ — ग़ज़ब से बल्कि ग़ज़बनाक ग़ुस्से से।
وَأُحَارِبُكُمْ بِنَفْسِي بِيَدٍ مَمْدُودَةٍ وَذِرَاعٍ شَدِيدَةٍ، بِغَضَبٍ وَحَنَقٍ وَسُخْطٍ عَظِيمٍ.٥
6 और मैं इस शहर के बाशिन्दों को, इंसान और हैवान दोनों को मारूँगा, वह बड़ी वबा से फ़ना हो जाएँगे।
وَأُبِيدُ أَهْلَ هَذِهِ الْمَدِينَةِ رِجَالاً وَبَهَائِمَ، فَيَمُوتُونَ بِوَبَأٍ رَهِيبٍ،٦
7 और ख़ुदावन्द फ़रमाता है, फिर मैं शाह — ए — यहूदाह सिदक़ियाह को और उसके मुलाज़िमों और 'आम लोगों को, जो इस शहर में वबा और तलवार और काल से बच जाएँगे, शाह — ए — बाबुल नबूकदनज़र और उनके मुख़ालिफ़ों और जानी दुश्मनों के हवाले करूँगा। और वह उनको हलाक करेगा; न उनको छोड़ेगा, न उन पर तरस खाएगा और न रहम करेगा।
وَأُسْلِمُ صِدْقِيَّا مَلِكَ يَهُوذَا وَخُدَّامَهُ وَمَنْ بَقِيَ مِنْ أَهْلِ هَذِهِ الْمَدِينَةِ، النَّاجِينَ مِنَ الْوَبَأ وَالسَّيْفِ وَالْجُوعِ، إِلَى يَدِ نَبُوخَذْنَصَّرَ مَلِكِ بَابِلَ، وَإِلَى أَيْدِي أَعْدَائِهِمْ وَطَالِبِي نُفُوسِهِمْ، فَيَقْتُلُهُمْ بِحَدِّ السَّيْفِ، وَلا يَرْثِي لَهُمْ وَلا يَشْفُقُ أَوْ يَرْحَمُ.٧
8 'और तू इन लोगों से कहना ख़ुदावन्द यूँ फ़रमाता है कि: देखो, मैं तुम को हयात की राह और मौत की राह दिखाता हूँ।
وَتَقُولُ لِهَذَا الشَّعْبِ: هَذَا مَا يُعْلِنُهُ الرَّبُّ: هَا أَنَا أَعْرِضُ أَمَامَكُمْ طَرِيقَ الْحَيَاةِ وَطَرِيقَ الْمَوْتِ.٨
9 जो कोई इस शहर में रहेगा, वह तलवार और काल और वबा से मरेगा, लेकिन जो निकलकर कसदियों में जो तुम को घेरे हुए हैं, चला जाएगा, वह जिएगा और उसकी जान उसके लिए ग़नीमत होगी।
فَمَنْ يَمْكُثُ فِي هَذِهِ الْمَدِينَةِ يَمُوتُ بِالسَّيْفِ وَالْجُوعِ وَالْوَبَاءِ، وَمَنْ يَلْجَأُ إِلَى الْكِلْدَانِيِّينَ الَّذِينَ يُحَاصِرُونَكُمْ وَيَسْتَسْلِمُ لَهُمْ يَحْيَا وَيَغْنَمُ نَفْسَهُ.٩
10 क्यूँकि मैंने इस शहर का रुख़ किया है कि इससे बुराई करूँ, और भलाई न करूँ, ख़ुदावन्द फ़रमाता है; वह शाह — ए — बाबुल के हवाले किया जाएगा और वह उसे आग से जलाएगा।
فَإِنِّي قَدْ قَضَيْتُ عَلَى هَذِهِ الْمَدِينَةِ بِالشَّرِّ لَا بِالْخَيْرِ يَقُولُ الرَّبُّ، لِهَذَا يَسْتَوْلِي عَلَيْهَا مَلِكُ بَابِلَ فَيُحْرِقُهَا بِالنَّارِ».١٠
11 'और शाह — ए — यहूदाह के ख़ान्दान के बारे में ख़ुदावन्द का कलाम सुनो,
«وَتَقُولُ لِبَيْتِ مَلِكِ يَهُوذَا: اسْمَعُوا قَضَاءَ الرَّبِّ:١١
12 'ऐ दाऊद के घराने! ख़ुदावन्द यूँ फ़रमाता है कि: तुम सवेरे उठ कर इन्साफ़ करो और मज़लूम को ज़ालिम के हाथ से छुड़ाओ, ऐसा तुम्हारे कामों की बुराई की वजह से मेरा क़हर आग की तरह भड़के, और ऐसा तेज़ हो कि कोई उसे ठंडा न कर सके।
يَا ذُرِّيَّةَ دَاوُدَ، هَذَا مَا يُعْلِنُهُ الرَّبُّ: أَجْرُوا الْعَدْلَ فِي الصَّبَاحِ، وَأَنْقِذُوا الْمُغْتَصَبَ مِنْ يَدِ الْمُغْتَصِبِ لِئَلَّا يَنْصَبَّ غَضَبِي كَنَارٍ، فَيُحْرِقَ وَلَيْسَ مَنْ يُخْمِدُهُ لِفَرْطِ مَا ارْتَكَبْتُمْ مِنْ أَعْمَالٍ شِرِّيرَةٍ.١٢
13 ऐ वादी की बसनेवाली, ऐ मैदान की चट्टान पर रहने वाली, जो कहती है कि कौन हम पर हमला करेगा? या हमारे घरों में कौन आ घुसेगा?' ख़ुदावन्द फ़रमाता है: मैं तेरा मुख़ालिफ़ हूँ,
يَا أُورُشَلِيمُ يَا سَاكِنَةَ الْوَادِي، يَا صَخْرَةَ السَّهْلِ، هَا أَنَا أَقِفُ ضِدَّكِ» يَقُولُ الرَّبُّ، «وَأَنْتُمْ يَا مَنْ تَقُولُونَ:’مَنْ يُهَاجِمُنَا؟ وَمَنْ يَقْتَحِمُ مَنَازِلَنَا؟‘١٣
14 और तुम्हारे कामों के फल के मुवाफ़िक़ मैं तुम को सज़ा दूँगा, ख़ुदावन्द फ़रमाता है, और मैं उसके बन में आग लगाऊँगा, जो उसके सारे 'इलाक़े को भसम करेगी।
هَا أَنَا أُعَاقِبُكُمْ بِحَسَبِ ثِمَارِ أَعْمَالِكُمْ، وَأُوْقِدُ نَاراً فِي غَابَةِ مَدِينَتِكُمْ فَتَلْتَهِمُ كُلَّ مَا حَوْلَهَا».١٤

< यर्म 21 >