< यर्म 13 >

1 ख़ुदावन्द ने मुझे यूँ फ़रमाया कि “तू जाकर अपने लिए एक कतानी कमरबन्द ख़रीद ले और अपनी कमर पर बाँध, लेकिन उसे पानी में मत भिगो।”
Jehová me dijo así: Vé, y cómprate un cinto de lino, y ceñirle has sobre tus lomos, y no le meterás en agua.
2 तब मैंने ख़ुदावन्द के कलाम के मुवाफ़िक़ एक कमरबन्द ख़रीद लिया और अपनी कमर पर बाँधा।
Y compré el cinto conforme a la palabra de Jehová, y púselo sobre mis lomos.
3 और ख़ुदावन्द का कलाम दोबारा मुझ पर नाज़िल हुआ और उसने फ़रमाया,
Y fue palabra de Jehová a mí segunda vez, diciendo;
4 कि “इस कमरबन्द को जो तूने ख़रीदा और जो तेरी कमर पर है, लेकर उठ और फ़रात को जा और वहाँ चट्टान के एक शिगाफ़ में उसे छिपा दे।”
Toma el cinto que compraste, que está sobre tus lomos, y levántate, y vé al Éufrates, y escóndele allá en una caverna de una peña.
5 चुनाँचे मैं गया और उसे फ़रात के किनारे छिपा दिया, जैसा ख़ुदावन्द ने मुझे फ़रमाया था।
Y fui, y le escondí en Éufrates, como Jehová me mandó.
6 और बहुत दिनों के बाद यूँ हुआ कि ख़ुदावन्द ने मुझे फ़रमाया, कि उठ, फ़रात की तरफ़ जा और उस कमरबन्द को जिसे तूने मेरे हुक्म से वहाँ छिपा रख्खा है, निकाल ले।
Y fue, que a cabo de muchos días me dijo Jehová: Levántate, y vé al Éufrates, y toma de allí el cinto que te mandé que escondieses allá.
7 तब मैं फ़रात को गया और खोदा और कमरबन्द को उस जगह से जहाँ मैंने उसे गाड़ दिया था, निकाला और देख, वह कमरबन्द ऐसा ख़राब हो गया था कि किसी काम का न रहा।
Y fui al Éufrates, y cavé, y tomé el cinto del lugar donde lo había escondido; y he aquí que el cinto se había podrido: para ninguna cosa era bueno.
8 तब ख़ुदावन्द का कलाम मुझ पर नाज़िल हुआ:
Y fue palabra de Jehová a mí, diciendo:
9 कि “ख़ुदावन्द यूँ फ़रमाता है कि इसी तरह मैं यहूदाह के ग़ुरूर और येरूशलेम के बड़े ग़ुरूर को तोड़ दूँगा।
Así dijo Jehová: Así haré podrir la soberbia de Judá, y la mucha soberbia de Jerusalem;
10 यह शरीर लोग जो मेरा कलाम सुनने से इन्कार करते हैं और अपने ही दिल की सख़्ती के पैरौ होते, और ग़ैर मा'बूदों के तालिब होकर उनकी इबादत करते और उनको पूजते हैं, वह इस कमरबन्द की तरह होंगे जो किसी काम का नहीं।
A este pueblo malo, que no quieren oír mis palabras, que caminan por las imaginaciones de su corazón, y se fueron en pos de dioses ajenos para servirles, y para encorvarse a ellos; y será como este cinto, que para ninguna cosa es bueno.
11 क्यूँकि जैसा कमरबन्द इंसान की कमर से लिपटा रहता है वैसा ही, ख़ुदावन्द फ़रमाता है, मैंने इस्राईल के तमाम घराने और यहूदाह के तमाम घराने को लिया कि मुझसे लिपटे रहें; ताकि वह मेरे लोग हों और उनकी वजह से मेरा नाम हो, और मेरी सिताइश की जाए और मेरा जलाल हो; लेकिन उन्होंने न सुना।
Porque como el cinto se junta a los lomos del hombre, así hice juntar a mí toda la casa de Israel, y toda la casa de Judá, dijo Jehová, para que me fuesen por pueblo, y por fama, y por alabanza, y por honra; y no oyeron.
12 तब तू उनसे ये बात भी कह दे कि ख़ुदावन्द, इस्राईल का ख़ुदा, यूँ फ़रमाता है कि 'हर एक मटके में मय भरी जाएगी। और वह तुझ से कहेंगे, 'क्या हम नहीं जानते कि हर एक मटके में मय भरी जाएगी?”
Decirles has pues esta palabra: Así dijo Jehová, Dios de Israel: Todo odre se henchirá de vino. Y ellos te dirán: ¿No sabemos que todo odre se henchirá de vino?
13 तब तू उनसे कहना, 'ख़ुदावन्द यूँ फ़रमाता है कि देखो, मैं इस मुल्क के सब बाशिन्दों को, हाँ, उन बादशाहों को जो दाऊद के तख़्त पर बैठते हैं, और काहिनों और नबियों और येरूशलेम के सब बाशिन्दों को मस्ती से भर दूँगा।
Y decirles has: Así dijo Jehová: He aquí que yo hincho de embriaguez todos los moradores de esta tierra, y los reyes que están sentados por David sobre su trono, y los sacerdotes, y los profetas, y todos los moradores de Jerusalem;
14 और मैं उनको एक दूसरे पर, यहाँ तक कि बाप को बेटों पर दे मारूँगा, ख़ुदावन्द फ़रमाता है, मैं न शफ़कत करूँगा, न रि'आयत और न रहम करूँगा कि उनको हलाक न करूँ।
Y quebrantarlos he el uno con el otro, los padres con los hijos juntamente, dice Jehová: no perdonaré ni habré piedad, ni misericordia para no destruirlos.
15 सुनो और कान लगाओ, ग़ुरूर न करो, क्यूँकि ख़ुदावन्द ने फ़रमाया है।
Escuchád, y oíd: No os elevéis, porque Jehová habló.
16 ख़ुदावन्द अपने ख़ुदा की तम्जीद करो, इससे पहले के वह तारीकी लाए और तुम्हारे पाँव गहरे अन्धेरे में ठोकर खाएँ; और जब तुम रोशनी का इन्तिज़ार करो, तो वह उसे मौत के साये से बदल डाले और उसे सख़्त तारीकी बना दे।
Dad gloria a Jehová Dios vuestro, antes que haga venir tinieblas, y antes que vuestros pies tropiecen en montes de oscuridad, y esperéis luz, y os la torne sombra de muerte y tinieblas.
17 लेकिन अगर तुम न सुनोगे, तो मेरी जान तुम्हारे ग़ुरूर की वजह से ख़िल्वतख़ानों में ग़म खाया करेगी; हाँ, मेरी आँखें फूट फूटकर रोएँगी और आँसू बहाएँगी, क्यूँकि ख़ुदावन्द का गल्ला ग़ुलामी में चला गया।
Y si no oyereis esto, en secreto llorará mi alma a causa de la soberbia; y derramando derramará lágrimas, y mis ojos se resolverán en lágrimas; porque el rebaño de Jehová fue cautivo.
18 बादशाह और उसकी वालिदा से कह, ''आजिज़ी करो और नीचे बैठो, क्यूँकि तुम्हारी बुज़ुर्गी का ताज तुम्हारे सिर पर से उतार लिया गया है।
Di al rey y a la reina: Humilláos, asentáos; porque la corona de vuestra gloria descendió de vuestras cabezas.
19 दख्खिन के शहर बन्द हो गए और कोई नहीं खोलता, सब बनी यहूदाह ग़ुलाम हो गए; सबको ग़ुलाम करके ले गए।
Las ciudades del mediodía fueron cerradas, y no hubo quien las abriese: toda Judá fue traspasada, toda ella fue traspasada.
20 'अपनी आँखें उठा और उनको जो उत्तर से आते हैं, देख। वह गल्ला जो तुझे दिया गया था, तेरा ख़ुशनुमा गल्ला कहाँ है?
Alzád vuestros ojos, y ved los que vienen de la parte del aquilón: ¿Dónde está el rebaño que te fue dado, el ganado de tu hermosura?
21 जब वह तुझ पर उनको मुक़र्रर करेगा जिनको तूने अपनी हिमायत की ता'लीम दी है, तो तू क्या कहेगी? क्या तू उस 'औरत की तरह जिसे पैदाइश का दर्द हो, दर्द में मुब्तिला न होगी?
¿Qué dirás cuando te visitará? porque tú los enseñaste a ser príncipes y cabeza sobre ti. ¿No te tomarán dolores, como a mujer que pare?
22 और अगर तू अपने दिल में कहे कि यह हादसे मुझ पर क्यूँ गुज़रे? तेरी बदकिरदारी की शिद्दत से तेरा दामन उठाया गया और तेरी एड़ियाँ जबरन बरहना की गईं।
Cuando dijeres en tu corazón; ¿Por qué me ha sobrevenido esto? Por la multitud de tu maldad fueron descubiertas tus faldas, fueron descubiertos tus calcañares.
23 हब्शी अपने चमड़े को या चीता अपने दाग़ों को बदल सके, तो तुम भी जो बदी के 'आदी हो नेकी कर सकोगे।
¿Mudará el negro su pellejo, y el tigre sus manchas? vosotros también podréis bien hacer, enseñados a mal hacer.
24 इसलिए मैं उनको उस भूसे की तरह जो वीराने की हवा से उड़ता फिरता है, तितर — बितर करूँगा।
Por tanto yo los esparciré, como tamo que pasa al viento del desierto.
25 ख़ुदावन्द फ़रमाता है कि मेरी तरफ़ से यही तेरा हिस्सा, तेरा नपा हुआ हिस्सा है; क्यूँकि तूने मुझे फ़रामोश करके बेकारी पर भरोसा किया है।
Esta será tu suerte, la porción de tus medidas por mí, dijo Jehová: que te olvidaste de mí, y esperaste en mentira.
26 फिर मैं भी तेरा दामन तेरे सामने से उठा दूँगा, ताकि तू बेपर्दा हो।
Y yo también descubrí tus faldas delante de tu cara, y tu vergüenza se manifestó.
27 मैंने तेरी बदकारी, तेरा हिनहिनाना, तेरी हरामकारी और तेरे नफ़रतअंगेज़ काम जो तूने पहाड़ों पर और मैदानों में किए, देखे हैं। ऐ येरूशलेम, तुझ पर अफ़सोस! तू अपने आपको कब तक पाक — ओ — साफ़ न करेगी?
Tus adulterios, y tus relinchos, la maldad de tu fornicación sobre los collados: en el mismo campo ví tus abominaciones. ¡Ay de ti, Jerusalem! ¿No serás limpia al fin? ¿hasta cuándo pues?

< यर्म 13 >