< याकूब 1 >
1 ख़ुदा के और ख़ुदावन्द 'ईसा मसीह के बन्दे या'क़ूब की तरफ़ से उन बारह ईमानदारों के क़बीलों को जो जगह — ब — जगह रहते हैं सलाम पहुँचे।
मैं, याकूब इसा चिठिया जो लिखा दा है, मैं परमेश्वर दा कने प्रभु यीशु मसीह दा सेवक है। मैं ऐ चिठ्ठी इस्राएल दे लोकां जो लिखा दा है, जड़े बाहरां गोत्रों चे न कने दुनिया भर रुआं परां बिखरयो न, कने उना जो नमस्कार बोलदा है।
2 ऐ, मेरे भाइयों जब तुम तरह तरह की आज़माइशों में पड़ो।
हे मेरे मसीह भाईयो, जालू तुहांजो पर लग-लग तरा दियां परेशानिया ओन, तां इसयो पूरी खुशिया दी गल्ल समझनयो,
3 तो इसको ये जान कर कमाल ख़ुशी की बात समझना कि तुम्हारे ईमान की आज़माइश सब्र पैदा करती है।
क्योंकि तुसां जाणदे ही न, की तुहाड़े भरोसे जो परखे जाणे ला होर जादा सबर बददा है।
4 और सब्र को अपना पूरा काम करने दो ताकि तुम पूरे और कामिल हो जाओ और तुम में किसी बात की कमी न रहे।
परमेश्वरे पर भरोसा करिरी सबर ला परेशानिया दा सामणा करदे रिया, ताकि तुसां आत्मिक रुपे ला पूरे समझदार कने सिद्ध होई जान कने तुहाड़े च कुसा भी गल्ला दी कमी ना रे।
5 लेकिन अगर तुम में से किसी में हिक्मत की कमी हो तो ख़ुदा से माँगे जो बग़ैर मलामत किए सब को बहुतायत के साथ देता है। उसको दी जाएगी।
पर अगर तुसां चे कुसयो भी अकला दी कमी है, तां परमेश्वरे ला मंगा, जड़ा बिना दोष दितयो सबना जो प्यारे ला दिन्दा है; कने परमेश्वरे तुहांजो भी देणा है।
6 मगर ईमान से माँगे और कुछ शक न करे क्यूँकि शक करने वाला समुन्दर की लहरों की तरह होता है जो हवा से बहती और उछलती हैं।
जालू तुसां परमेश्वरे ला मंगगे, तां पूरा भरोसा करिके मंगनयो कने परमेश्वरे पर कोई भी शक मत करदे, क्योंकि शक करणे बाले समुन्द्रे दियां लैहरां सांई बदलदे रेंदे न, जड़ियां होआ ने चलदियां कने उटकदियां न।
7 ऐसा आदमी ये न समझे कि मुझे ख़ुदावन्द से कुछ मिलेगा।
ऐसा माणु ऐ आस बिलकुल छडी दे, की उसयो प्रभु ला कुछ मिलगा, क्योंकि इदा मन घड़ी-घड़ी बदलुन्दा रेंदा कने लोक इस पर भरोसा नी करी सकदे।
8 वो शख़्स दो दिला है और अपनी सब बातों में बे'क़याम।
9 अदना भाई अपने आ'ला मर्तबे पर फ़ख़्र करे।
जड़े विश्वासी भाई गरीब न, उना जो खुश होणा चाईदा की परमेश्वरे उसयो कदेई इज्जत दिती।
10 और दौलतमन्द अपनी हलीमी हालत पर इसलिए कि घास के फ़ूलों की तरह जाता रहेगा।
जड़े विश्वासी भाई अमीर न, उसयो खुश होणा चाईदा, की परमेश्वरे उसयो दीन किता, क्योंकि उदी अमीरी नाश होणे बाले जंगली घाऐ सांई है दे फुलां सांई झड़ी करी खत्म होई जांदी है।
11 क्यूँकि सूरज निकलते ही सख़्त धूप पड़ती और घास को सुखा देती है और उसका फ़ूल गिर जाता है और उसकी ख़ुबसूरती जाती रहती है इस तरह दौलतमन्द भी अपनी राह पर चलते चलते ख़ाक में मिल जाएगा।
क्योंकि सूरज निकलदे ही जोरे दी धुप पोंदी कने सारा घा सुकी जांदा है, कने उसा दे सारे फुल झड़ी जांदे न, कने उना दी शोभा मुकी जांदी है; तियां ही अमीर विश्वासिये भी मरी जाणा अगर सै अपणे ही कम्मा च लग्गी रेंगा।
12 मुबारिक़ वो शख़्स है जो आज़माइश की बर्दाश्त करता है क्यूँकि जब मक़बूल ठहरा तो ज़िन्दगी का वो ताज हासिल करेगा जिसका ख़ुदावन्द ने अपने मुहब्बत करने वालों से वा'दा किया है
धन्य है सै माणु, जड़ा परख च टिकी रेंदा है, क्योंकि जालू सै परख च खरा निकली जांदा है, तां उसयो अनन्त जिंदगी दा सै मुकुट मिलणा जिसदा बायदा परमेश्वरे अपणे प्यार करणे बालयां तांई कितया है।
13 जब कोई आज़माया जाए तो ये न कहे कि मेरी आज़माइश ख़ुदा की तरफ़ से होती है क्यूँ कि न तो ख़ुदा बदी से आज़माया जा सकता है और न वो किसी को आज़माता है।
जालू कुसी दी परख हो, तां सै ऐ ना समझे, की मेरी परख परमेश्वरे करा दा है, क्योंकि ना तां बुरियां गल्लां ने परमेश्वरे दी परख होई सकदी है, कने ना ही परमेश्वर कुसी दी परख अपु लेंदा है।
14 हाँ हर शख़्स अपनी ही ख़्वाहिशों में खिंचकर और फ़ँस कर आज़माया जाता है।
पर हर माणु अपणियां ही बुरिया इच्छा च फसी करी परख च पौंदा है, जियां इक डंगर खांणे दे लालचे आई करी फाईया च फसी जांदा है।
15 फिर ख़्वाहिश हामिला हो कर गुनाह को पैदा करती है और गुनाह जब बढ़ गया तो मौत पैदा करता है।
फिरी सै बुरी इच्छा गर्भबती होई के पापे जो जन्म दिन्दी है, कने जालू पाप बदी जांदा है, तां सै हमेशा दी मौत दा रस्ता है।
16 ऐ, मेरे प्यारे भाइयों धोखा न खाना।
मेरे प्यारे मसीह भाईयो, धोखा च मत रिया।
17 हर अच्छी बख़्शिश और कामिल इनाम ऊपर से है और नूरों के बाप की तरफ़ से मिलता है जिस में न कोई तब्दीली हो सकती है और न गरदिश के वजह से उस पर साया पड़ता है।
क्योंकि हर इक खरा वरदान कने हर इक खरा दान स्वर्गे ला ही है, कने ज्योतियाँ दे पिता ला ही मिलदा है, सै हमेशा इकोदिया रेंदा कने ना ही छाया पौंदी है।
18 उसने अपनी मर्ज़ी से हमें कलाम — ऐ — हक़ के वसीले से पैदा किया ताकि उसकी मुख़ालिफ़त में से हम एक तरह के फल हो।
उनी अपणी ही इच्छा ने सांझो सच्चे बचना ने नोई जिन्दगी दितियो है, ताकि असां उदी बणाईयो दुनिया दे सारयां ला जरूरी हिस्सा बणन।
19 ऐ, मेरे प्यारे भाइयों ये बात तुम जानते हो; पस हर आदमी सुनने में तेज़ और बोलने में धीमा और क़हर में धीमा हो।
हे प्यारे मसीह भाईयो, ऐ गल्ल तुसां जाणी लिया हर इक माणु सुणने तांई हमेशा तैयार कने बल्ले बोलणे बाला कने घट गुस्से बाला हो।
20 क्यूँकि इंसान का क़हर ख़ुदा की रास्तबाज़ी का काम नहीं करता।
क्योंकि जालू माणु गुस्सा करदा है तां, सै धार्मिक जिन्दगी नी जी सकदा, जड़ा परमेश्वरे जो खुश करदा है।
21 इसलिए सारी नजासत और बदी की गंदगी को दूर करके उस कलाम को नर्मदिल से क़ुबूल कर लो जो दिल में बोया गया और तुम्हारी रूहों को नजात दे सकता है।
इस तांई मने दी सारी मेला जो कने दुशमणिया जो मुकाई करी परमेश्वरे दे बचने जो प्यारे ने अपनाई लिया, जड़ा तुहाड़े दिले च रखया है, कने जड़ा तुहाड़े प्राणा दा उद्धार करी सकदा है।
22 लेकिन कलाम पर अमल करने वाले बनो, न महज़ सुनने वाले जो अपने आपको धोखा देते हैं।
पर परमेश्वरे दे बचना दी शिक्षा दा पालन करणे बाला बणा, ना की सिर्फ सुणणे बाले, जड़े अपणे आपे जो धोखा दिन्दे न।
23 क्यूँकि जो कोई कलाम का सुनने वाला हो और उस पर अमल करने वाला न हो वो उस शख़्स की तरह है जो अपनी क़ुदरती सूरत आइँना में देखता है।
क्योंकि अगर कोई बचन दी शिक्षा जो सिर्फ सुणनेबाला है, पर मनदा नी है, तां सै उस माणुऐ सांई है, जड़ा अपणा मुं शीशे च दिखदा है।
24 इसलिए कि वो अपने आप को देख कर चला जाता और भूल जाता है कि मैं कैसा था।
इस तांई की सै अपणे आपे जो दिखीकरी चली जांदा है, कने झट भूली जांदा है, की मैं कदिया था।
25 लेकिन जो शख़्स आज़ादी की कामिल शरी'अत पर ग़ौर से नज़र करता रहता है वो अपने काम में इसलिए बर्क़त पाएगा कि सुनकर भूलता नहीं बल्कि अमल करता है।
पर जड़ा माणु परमेश्वरे दी पूरी व्यवस्था दा ध्याने ने अध्ययन करदा है, जड़ी लोकां जो पापां ला अजाद करदी है, सै इसयो सुणी के भुलदा नी है, पर इसदी शिक्षा दा पालन करदा है, उसयो अपणे कम्मा पर परमेश्वरे ला आशीष मिलणी।
26 अगर कोई अपने आपको दीनदार समझे और अपनी ज़बान को लगाम न दे बल्कि अपने दिल को धोखा दे तो उसकी दीनदारी बातिल है।
अगर कोई अपणे आपे जो भक्त समझे, कने बुरियां गल्लां बोलणे च काबू नी रखे, तां सै अपणे आपे जो धोखा दिन्दा है कने उदी भक्ति बेकार है।
27 हमारे ख़ुदा और बाप के नज़दीक ख़ालिस और बेऐब दीनदारी ये है कि यतीमों और बेवाओं की मुसीबत के वक़्त उनकी ख़बर लें; और अपने आप को दुनिया से बे'दाग़ रखें।
साड़े पिता परमेश्वर दिया नजरा च शुद्व कने सच्ची भक्ति ऐ है, की अनाथां कने विधवां दे दुखां च उना दा हाल चाल पुच्छन, कने अपणे आपे जो संसारे दे बुरे कम्मा ला बचाई रखा।