< यसा 8 >
1 फिर ख़ुदावन्द ने मुझे फ़रमाया, कि एक बड़ी तख़्ती ले और उस पर साफ़ साफ़ लिख महीर शालाल हाश्बज़ के लिए,'
et dixit Dominus ad me sume tibi librum grandem et scribe in eo stilo hominis Velociter spolia detrahe Cito praedare
2 और दो दियानतदार गवाहों को या'नी ऊरिय्याह काहिन को और ज़करियाह बिन यबरकियाह को गवाह बना।
et adhibui mihi testes fideles Uriam sacerdotem et Zacchariam filium Barachiae
3 और मैं नबीय्या के पास गया; तब वह हामिला हुई और बेटा पैदा हुआ। तब ख़ुदावन्द ने मुझे फ़रमाया, कि उसका नाम “महीर — शालाल हाशबज़ रख,
et accessi ad prophetissam et concepit et peperit filium et dixit Dominus ad me voca nomen eius Adcelera spolia detrahere Festina praedari
4 क्यूँकि इससे पहले कि ये लड़का अब्बा और अम्मा कहना सीखे दमिश्क़ का माल और सामरिया की लूट को उठवाकर शाह — ए — असूर के सामने ले जाएँगे।”
quia antequam sciat puer vocare patrem suum et matrem suam auferetur fortitudo Damasci et spolia Samariae coram rege Assyriorum
5 फिर ख़ुदावन्द ने मुझ से फ़रमाया,
et adiecit Dominus loqui ad me adhuc dicens
6 “चूँकि इन लोगों ने चश्मा — ए — शीलोख़ के आहिस्ता रो पानी को रद्द किया, और रज़ीन और रमलियाह के बेटे पर माइल हुए;
pro eo quod abiecit populus iste aquas Siloae quae vadunt cum silentio et adsumpsit magis Rasin et filium Romeliae
7 इसलिए अब देख, ख़ुदावन्द दरिया — ए — फ़रात के सख़्त शदीद सैलाब को या 'नी शाह — ए — असूर और उसकी सारी शौकत को, इन पर चढ़ा लाएगा; और वह अपने सब नालों पर और अपने सब किनारों से बह निकलेगा;
propter hoc ecce Dominus adducet super eos aquas Fluminis fortes et multas regem Assyriorum et omnem gloriam eius et ascendet super omnes rivos eius et fluet super universas ripas eius
8 और वह यहूदाह में बढ़ता चला जाएगा, और उसकी तुग़ियानी बढ़ती जाएगी, वह गर्दन तक पहुँचेगा; और उसके परों के फैलाव से तेरे मुल्क की सारी वुस'अत ऐ इम्मानुएल, छिप जायेगी।”
et ibit per Iudam inundans et transiens usque ad collum veniet et erit extensio alarum eius implens latitudinem terrae tuae o Emmanuhel
9 ऐ लोगों, धूम मचाओ, लेकिन तुम टुकड़े — टुकड़े किए जाओगे; और ऐ दूर — दूर के मुल्कों के बाशिन्दो, सुनो: कमर बाँधों, लेकिन तुम्हारे टुकड़े — टुकड़े किए जाएँगे; कमर बाँधो, लेकिन तुम्हारे पुर्जे़ — पुर्जे़ होंगे।
congregamini populi et vincimini et audite universae procul terrae confortamini et vincimini accingite vos et vincimini
10 तुम मन्सूबा बाँधो, लेकिन वह बातिल होगा; तुम कुछ कहो, और उसे क़याम न होगा; क्यूँकि ख़ुदा हमारे साथ है।
inite consilium et dissipabitur loquimini verbum et non fiet quia nobiscum Deus
11 क्यूँकि ख़ुदावन्द ने जब उसका हाथ मुझ पर ग़ालिब हुआ, और इन लोगों के रास्ते में चलने से मुझे मना' किया तो मुझ से यूँ फ़रमाया कि,
haec enim ait Dominus ad me sicut in forti manu erudivit me ne irem in via populi huius dicens
12 “तुम उस सबको जिसे यह लोग साज़िश कहते हैं, साज़िश न कहो, और जिससे वह डरते हैं, तुम न डरो और न घबराओ।
non dicatis coniuratio omnia enim quae loquitur populus iste coniuratio est et timorem eius ne timeatis neque paveatis
13 तुम रब्ब — उल — अफ़वाज ही को पाक जानो, और उसी से डरो और उसी से ख़ाइफ़ रहो।
Dominum exercituum ipsum sanctificate ipse pavor vester et ipse terror vester
14 और वह एक मक़दिस होगा, लेकिन इस्राईल के दोनों घरानों के लिए सदमा और ठोकर का पत्थर, और येरूशलेम के बाशिन्दों के लिए फन्दा और दाम होगा।
et erit vobis in sanctificationem in lapidem autem offensionis et in petram scandali duabus domibus Israhel in laqueum et in ruinam habitantibus Hierusalem
15 उनमें से बहुत से उससे ठोकर खायेंगे और गिरेंगे और पाश पाश होंगे, और दाम में फँसेंगे और पकड़े जाएँगे।
et offendent ex eis plurimi et cadent et conterentur et inretientur et capientur
16 शहादत नामा बन्द कर दो, और मेरे शागिर्दो के लिए शरी'अत पर मुहर करो।
liga testimonium signa legem in discipulis meis
17 मैं भी ख़ुदावन्द की राह देखूँगा, जो अब या'क़ूब के घराने से अपना मुँह छिपाता है; मैं उसका इन्तिज़ार करूँगा।
et expectabo Dominum qui abscondit faciem suam a domo Iacob et praestolabor eum
18 देख, मैं उन लड़कों के साथ जो ख़ुदावन्द ने मुझे बख़्शे, रब्ब — उल — अफ़वाज की तरफ़ से जो सिय्यून पहाड़ में रहता है, बनी — इस्राईल के बीच निशान — आत और 'अजायब — ओ — ग़राइब के लिए हूँ।
ecce ego et pueri quos mihi dedit Dominus in signum et in portentum Israhelis a Domino exercituum qui habitat in monte Sion
19 और जब वह तुमसे कहें, तुम जिन्नात के यारों और अफ़सूँगरों की जो फुसफुसाते और बड़बड़ाते हैं तलाश करो, तो तुम कहो, क्या लोगों को मुनासिब नहीं कि अपने ख़ुदा के तालिब हों? क्या ज़िन्दों के बारे में मुर्दों से सवाल करें?”
et cum dixerint ad vos quaerite a pythonibus et a divinis qui stridunt in incantationibus suis numquid non populus a Deo suo requirit pro vivis a mortuis
20 शरी'अत और शहादत पर नज़र करो! अगर वह इस कलाम के मुताबिक़ न बोलें तो उनके लिए सुबह न होगी।
ad legem magis et ad testimonium quod si non dixerint iuxta verbum hoc non erit eis matutina lux
21 तब वह मुल्क में भूके और ख़स्ताहाल फिरेंगे और यूँ होगा कि जब वह भूके हों तो जान से बेज़ार होंगे, और अपने बादशाह और अपने ख़ुदा पर ला'नत करेंगे और अपने मुँह आसमान की तरफ़ उठाएँगे;
et transibit per eam corruet et esuriet et cum esurierit irascetur et maledicet regi suo et Deo suo et suspiciet sursum
22 फिर ज़मीन की तरफ़ देखेंगे और नागहान तंगी और तारीकी, या'नी ज़ुल्मत — ए — अन्दोह और तीरगी में खदेड़े जाएँगें।
et ad terram intuebitur et ecce tribulatio et tenebrae dissolutio angustia et caligo persequens et non poterit avolare de angustia sua