< यसा 59 >

1 देखो ख़ुदावन्द का हाथ छोटा नहीं हो गया कि बचा न सके, और उसका कान भारी नहीं कि सुन न सके;
Siehe, Jehovahs Hand ist nicht zu kurz, daß Er nicht retten könnte, und Sein Ohr nicht schwer, daß er nicht hörete.
2 बल्कि तुम्हारी बदकिरदारी ने तुम्हारे और तुम्हारे ख़ुदा के बीच जुदाई कर दी है, और तुम्हारे गुनाहों ने उसे तुम से छिपा लिया, ऐसा कि वह नहीं सुनता।
Sondern eure Missetaten scheiden zwischen euch und eurem Gott, und eure Sünden verbergen das Angesicht von euch, daß Er nicht hörte.
3 क्यूँकि तुम्हारे हाथ ख़ून से और तुम्हारी उंगलियाँ बदकिरदारी से आलूदा हैं तुम्हारे लब झूट बोलते और तुम्हारी ज़बान शरारत की बातें बकती है।
Denn eure Hände sind befleckt mit Blut und eure Finger mit Missetat. Eure Lippen reden Lüge, eure Zunge sinnt Verkehrtheit.
4 कोई इन्साफ़ की बातें पेश नहीं करता और कोई सच्चाई से हुज्जत नहीं करता, वह झूट पर भरोसा करते हैं और झूट बोलते हैं वह ज़ियानकारी से बारदार होकर बदकिरदारी को जन्म देते हैं।
Keiner ruft nach Gerechtigkeit, keiner richtet nach Wahrheit. Auf Leeres vertrauen sie und reden Eitles, sie empfangen Mühsal und gebären Unrecht.
5 वह अज़दहे के अंडे सेते और मकड़ी का जाला तनते हैं; जो उनके अंडों में से कुछ खाए मर जाएगा, और जो उनमें से तोड़ा जाए उससे अज़दहा निकलेगा।
Eier von Basilisken brüten sie aus und weben das Gewebe von Spinnen. Wer ißt von ihren Eiern, stirbt. Und drückt man sie zusammen, wird eine Natter ausgebrütet.
6 उनके जाले से पोशाक नहीं बनेगी, वह अपनी दस्तकारी से मुलब्बस न होंगे। उनके आ'माल बदकिरदारी के हैं, और ज़ुल्म का काम उनके हाथों में है।
Nicht wird zum Kleide ihr Gewebe, und man kann mit ihrem Machwerk sich nicht decken; ihr Tun ist ein Tun des Unrechts, und das Werk der Gewalttat ist in ihren Händen.
7 उनके पाँव बुराई की तरफ़ दौड़ते हैं, और वह बेगुनाह का ख़ून बहाने के लिए जल्दी करते हैं; उनके ख़यालात बदकिरदारी के हैं, तबाही और हलाकत उनकी राहों में है।
Nach Bösem laufen ihre Füße, und unschuldig Blut zu vergießen, eilen sie. Ihre Gedanken sind Gedanken des Unrechts, Verheerung und Zerbrechen ist auf ihren Bahnen.
8 वह सलामती का रास्ता नहीं जानते, और उनके चाल चलन में इन्साफ़ नहीं; वह अपने लिए टेढ़ी राह बनाते हैं जो कोई उसमें जाएगा सलामती को न देखेगा।
Den Weg des Friedens kennen sie nicht, und kein Gericht ist auf ihren Geleisen. Ihre Steige machen sie sich krumm; wer sie betritt, kennt keinen Frieden.
9 इसलिए इन्साफ़ हम से दूर है, और सदाक़त हमारे नज़दीक नहीं आती; हम नूर का इन्तिज़ार करते हैं, लेकिन देखो तारीकी है; और रोशनी का, लेकिन अन्धेरे में चलते हैं।
Darum ist fern von uns das Gericht und die Gerechtigkeit erreicht uns nicht. Wir hoffen auf das Licht und siehe, da ist Finsternis; auf Glanz, wir wandeln in Dunkelheit.
10 हम दीवार को अन्धे की तरह टटोलते हैं, हाँ, यूँ टटोलते हैं कि जैसे हमारी ऑखें नहीं; हम दोपहर को यूँ ठोकर खाते हैं जैसे रात हो गई, हम तन्दरुस्तों के बीच जैसे मुर्दा हैं।
Wir tasten wie die Blinden an der Wand und wie die, so keine Augen haben, tasten wir. In der Mittagshelle straucheln wir, wie in der Dämmerung, wir sind wie Tote unter den Lebendigen.
11 हम सब के सब रीछों की तरह गु़र्राते हैं और कबूतरों की तरह कुढ़ते हैं, हम इन्साफ़ की राह तकते हैं, लेकिन वह कहीं नहीं; और नजात के मुन्तज़िर हैं, लेकिन वह हम से दूर है।
Wir brummen wie die Bären allesamt, und wie die Tauben girren wir, wir hoffen auf Gericht und es ist nicht da, und auf Heil, es ist fern von uns.
12 क्यूँकि हमारी खताएँ तेरे सामने बहुत हैं और हमारे गुनाह हम पर गवाही देते हैं, क्यूँकि हमारी ख़ताएँ हमारे साथ हैं और हम अपनी बदकिरदारी को जानते हैं;
Denn viel sind unsere Übertretungen vor Dir, und unsere Sünden antworten wider uns; denn unsere Übertretungen sind bei uns, und unsere Missetaten kennen wir.
13 कि हम ने ख़ता की, ख़ुदावन्द का इन्कार किया, और अपने ख़ुदा की पैरवी से बरगश्ता हो गए; हम ने ज़ुल्म और सरकशी की बातें कीं, और दिल में झूठ तसव्वुर करके दरोग़ोई की।
Wir fielen ab und verleugneten Jehovah und wichen zurück hinter sich von unserem Gott, wir redeten von Plackerei und von Abfall, empfingen und sannen von Herzen Worte der Lüge.
14 'अदालत हटाई गई और इन्साफ़ दूर खड़ा हो रहा; सदाक़त बाज़ार में गिर पड़ी, और रास्ती दाख़िल नहीं हो सकती।
Und das Recht wich zurück hinter sich und Gerechtigkeit stand von ferne; denn auf der Straße strauchelte die Wahrheit und Richtigkeit vermag nicht herbeizukommen.
15 हाँ, रास्ती गुम हो गई, और वह जो बुराई से भागता है शिकार हो जाता है। ख़ुदावन्द ने ये देखा और उसकी नज़र में बुरा मा'लूम हुआ कि 'अदालत जाती रही।
Und es geschah, daß es an Wahrheit fehlte, und ausgebeutet wurde, wer vom Bösen abwich, und Jehovah sah es, und es war böse in Seinen Augen, daß kein Gericht da war.
16 और उसने देखा कि कोई आदमी नहीं, और ता'अज्जुब किया कि कोई शफ़ा'अत करने वाला नहीं; इसलिए उसी के बाज़ू ने उसके लिए नजात हासिल की और उसी की रास्तबाज़ी ने उसे सम्भाला।
Und Er sah, daß kein Mann da war, und Er erstaunte, daß kein Vermittler da war. Und es rettete Sein Arm Ihm und Seine Gerechtigkeit ward Ihm Anhalt.
17 हाँ, उसने रास्तबाज़ी का बक्तर पहना और नजात का खूद अपने सिर पर रख्खा, और उसने लिबास की जगह इन्तक़ाम की पोशाक पहनी और गै़रत के जुब्बे से मुलब्बस हुआ।
Und Er zog wie einen Panzer an Gerechtigkeit und auf Sein Haupt den Helm des Heils; und Er zog als Anzug der Rache Kleider an, und umhüllte Sich mit Eifer wie mit einem Oberkleid.
18 वह उनको उनके 'आमाल के मुताबिक़ बदला देगा, अपने मुख़ालिफ़ों पर क़हर करेगा और अपने दुश्मनों को सज़ा देगा, और जज़ीरों को बदला देगा।
Wie zur Erwiderung, wie damit Er vergelte Seinen Drängern den Grimm, Seinen Feinden zur Erwiderung wird Er den Inseln die Erwiderung vergelten.
19 तब पश्चिम के बाशिन्दे ख़ुदावन्द के नाम से डरेंगे, और पूरब के बाशिन्दे उसके जलाल से; क्यूँकि वह दरिया के सैलाब की तरह आएगा जो ख़ुदावन्द के दम से रवाँ हो।
Und die vom Abend fürchten Jehovahs Namen und die vom Aufgang der Sonne Seine Herrlichkeit; denn Er wird kommen wie ein eingeengter Fluß, Jehovahs Geist wird erheben in ihm das Panier.
20 और ख़ुदावन्द फ़रमाता है, कि सिय्यून में और उनके पास जो या'क़ूब में ख़ताकारी से बाज़ आते हैं, एक फ़िदिया देनेवाला आएगा।
Und für Zijon wird kommen ein Erlöser und für die in Jakob, die umkehren von der Übertretung, spricht Jehovah.
21 क्यूँकि उनके साथ मेरा 'अहद ये है, ख़ुदावन्द फ़रमाता है, कि मेरी रूह जो तुझ पर है और मेरी बातें जो मैंने तेरे मुँह में डाली हैं, तेरे मुँह से और तेरी नस्ल के मुँह से, और तेरी नस्ल की नस्ल के मुँह से अब से लेकर हमेशा तक जाती न रहेंगी; ख़ुदावन्द का यही इरशाद है।
Und Ich - das ist Mein Bund mit ihnen, spricht Jehovah. Mein Geist, der auf dir ist, und Meine Worte, die Ich in deinen Mund gelegt, sie sollen von deinem Munde nicht weichen und von dem Munde deines Samens und von dem Munde des Samens deines Samens, spricht Jehovah, von nun an und bis in Ewigkeit.

< यसा 59 >