< यसा 54 >

1 ऐ बाँझ, तू जो बे — औलाद थी नग़मा सराई कर, तू जिसने विलादत का दर्द बर्दाश्त नहीं किया, ख़ुशी से गा और ज़ोर से चिल्ला, क्यूँकि ख़ुदावन्द फ़रमाता है कि बे कस छोड़ी हुई औलाद शौहर वाली की औलाद से ज़्यादा है।
Du Unfruchtbare, jauchze, die du nicht geboren! Brich aus in Jubel, jauchze du, die nicht in Wehen hat gelegen! "Denn der Verstoßnen Kinderzahl ist größer als jene der Vermählten." - So spricht der Herr.
2 अपनी ख़ेमागाह को वसी' कर दे, हाँ, अपने घरों के पर्दे फैला; दरेग़ न कर, अपनी डोरियाँ लम्बी और अपनी मेंख़ें मज़बूत कर।
Mach weit den Raum in deinem Zelte! Man spanne weiter deiner Wohnungen Behänge und spare nicht! Verlängere deine Stricke, schlage fester deine Pflöcke ein!
3 इसलिए कि तू दहनी और बाँई तरफ़ बढ़ेगी और तेरी नस्ल क़ौमों की वारिस होगी और वीरान शहरों को बसाएगी।
Nach rechts und links dehnst du dich aus, und Heidenvölker unterjocht sich dein Geschlecht, besiedelt wieder Städte.
4 ख़ौफ़ न कर, क्यूँकि तू फिर पशेमाँ न होगी; तू न घबरा, क्यूँकि तू फिर रूस्वा न होगी; और अपनी जवानी का नंग भूल जाएगी, और अपनी बेवगी की 'आर को फिर याद न करेगी।
Sei ohne Furcht! Du brauchst dich nicht zu schämen. Sei frohen Muts! Du brauchst nicht zu erröten. Die Schande deiner Kinderlosigkeit vergissest du; der Schande deiner Witwenschaft gedenkst du nimmer.
5 क्यूँकि तेरा ख़ालिक़ तेरा शौहर है, उसका नाम रब्ब — उल — अफ़वाज है; और तेरा फ़िदिया देनेवाला इस्राईल का क़ुददूस है, वह तमाम इस ज़मीन का ख़ुदा कहलाएगा।
Dein Gatte ist ja der, der dich erschaffen; "der Heeresscharen Herr" heißt er. Der Heilige Israels ist dein Befreier; "Gott aller Welt" heißt er.
6 क्यूँकि तेरा ख़ुदा फ़रमाता है कि ख़ुदावन्द ने तुझ को मतरूका और दिल आज़ुर्दा बीवी की तरह; हाँ, जवानी की मतलूक़ा बीवी की तरह फिर बुलाया है।
Wie ein verlassnes, tiefbetrübtes Weib ruft dich der Herr zurück. "Ein Weib der Jugendliebe, kann es denn verworfen werden?" So spricht dein Gott.
7 मैंने एक दम के लिए तुझे छोड़ दिया, लेकिन रहमत की फ़िरावानी से तुझे ले लूँगा।
"Nur einen kleinen Augenblick verließ ich dich; mit starker Liebe hole ich dich wieder ein.
8 ख़ुदावन्द तेरा नजात देनेवाला फ़रमाता है, कि क़हर की शिद्दत में मैंने एक दम के लिए तुझ से मुँह छिपाया, लेकिन अब मैं हमेशा शफ़क़त से तुझ पर रहम करूँगा।
In großem Zorn verbarg ich einen Augenblick mein Angesicht vor dir. Ich hege nunmehr dich mit ewiger Zärtlichkeit", so spricht, der dich erlöst, der Herr.
9 क्यूँकि मेरे लिए ये तूफ़ान — ए — नूह का सा मु'आमिला है, कि जिस तरह मैंने क़सम खाई थी कि फिर ज़मीन पर नूह जैसा तूफ़ान कभी न आएगा, उसी तरह अब मैंने क़सम खाई है कि मैं तुझ से फिर कभी आज़ुर्दा न हूँगा और तुझ को न घुड़कूँगा।
"Wie in des Noë Tagen tu ich; so, wie ich damals schwur: 'Nie sollen Noës Fluten die Erde wieder überschwemmen', so schwöre ich, nie wieder dir zu grollen, nie wieder dich zu schelten.
10 ख़ुदावन्द तुझ पर रहम करने वाला यूँ फ़रमाता है कि पहाड़ तो जाते रहें और टीले टल जाएँ लेकिन मेरी शफ़क़त कभी तुझ पर से जाती न रहेगी, और मेरा सुलह का 'अहद न टलेगा।
Selbst Berge mögen weichen, Hügel wanken, doch meine Liebe weicht nicht mehr von dir, nie wieder wankt mein Friedensbund", so spricht der Herr, der dich so zärtlich liebt.
11 “ऐ मुसीबतज़दा और तूफ़ान की मारी और तसल्ली से महरूम! देख, मैं तेरे पत्थरों को स्याह रेख्ता में लगाऊँगा और तेरी बुनियाद नीलम से डालूँगा।
"Du Arme, Sturmgepeitschte, Trostberaubte! Ich will in Malachit einbetten deine Steine und in Saphire deine Grundfesten.
12 मैं तेरे कुंगुरों को लालों, और तेरे फाटकों को शब चिराग़, और तेरी सारी फ़सील बेशक़ीमत पत्थरों से बनाऊँगा।
Ich mache aus Rubinen deine Zinnen und deine Tore aus Karfunkel und deinen ganzen Wall aus Edelstein. -
13 और तेरे सब फ़र्ज़न्द ख़ुदावन्द से तालीम पाएँगे और तेरे फ़र्ज़न्दों की सलामती कामिल होगी।
Und alle, die dich bauen, werden von dem Herrn selbst unterrichtet, und groß ist die Geschicklichkeit bei denen, die dich bauen.
14 तू रास्तबाज़ी से पायदार हो जाएगी, तू ज़ुल्म से दूर रहेगी क्यूँकि तू बेख़ौफ़ होगी, और दहशत से दूर रहेगी क्यूँकि वह तेरे क़रीब न आएगी।
Kunstfertig, fest erbaut, so wisse dich von jedem Überfalle fern! Du brauchst ihn ja nicht mehr zu fürchten, auch nicht den Untergang. Er darf dir nicht zu nahe kommen. -
15 मुम्किन है कि वह कभी इकट्ठे हों, लेकिन मेरे हुक्म से नहीं, जो तेरे ख़िलाफ़ जमा' होंगे, वह तेरे ही वजह से गिरेंगे।
Wer angreift, wird von mir vernichtet. Wer mit dir kämpft, fällt deinetwegen.
16 देख, मैंने लुहार को पैदा किया जो कोयलों की आग धौंकता और अपने काम के लिए हथियार निकालता है; और ग़ारतगरों को मैंने ही पैदा किया कि लूट मार करें।
Ich schuf den Schmied, der in das Kohlenfeuer bläst und der nach seiner Weise Waffen schmiedet. Ich selber schaffe auch das Werkzeug zur Vernichtung.
17 कोई हथियार जो तेरे ख़िलाफ़ बनाया जाए काम न आएगा, और जो ज़बान 'अदालत में तुझ पर चलेगी तू उसे मुजरिम ठहराएगी। ख़ुदावन्द फ़रमाता है, ये मेरे बन्दों की मीरास है और उनकी रास्तबाज़ी मुझ से है।”
Kein Kriegsgerät, gen dich geschmiedet, hat Glück, und jede Zunge, die im Streit ums Recht dich anficht, kannst du widerlegen. Das ist das Erbteil für des Herren Knechte und das, worauf sie bei mir Anspruch haben." Ein Spruch des Herrn.

< यसा 54 >

A Dove is Sent Forth from the Ark
A Dove is Sent Forth from the Ark