< यसा 46 >

1 बेल झुकता है नबू ख़म होता उनके बुत जानवरों और चौपायों पर लदे हैं; जो चीजें तुम उठाए फिरते थे, थके हुए चौपायों पर लदी हैं।
Bel est renversé; Nébo tombe; leurs statues s'en vont sur les animaux, sur les bêtes de somme; les dieux que vous portiez, on les charge comme un fardeau sur la bête fatiguée.
2 वह झुकते और एक साथ ख़म होते हैं; वह उस बोझ को बचा न सके, और वह आप ही ग़ुलामी में चले गए हैं।
Ils sont renversés, ils tombent ensemble, ils ne peuvent sauver le fardeau; eux-mêmes, ils s'en vont en captivité.
3 ऐ या'क़ूब के घराने, और ऐ इस्राईल के घर के सब बाक़ी थके लोगो, जिनको बत्न ही से मैंने उठाया और जिनको रहम ही से मैंने गोद में लिया, मेरी सुनो
Écoutez-moi, maison de Jacob, vous tous, restes de la maison d'Israël, dont je me suis chargé dès le sein maternel, que j'ai portés dès votre naissance.
4 मैं तुम्हारे बुढ़ापे तक वही हूँ और सिर सफ़ेद होने तक तुम को उठाए फिरूँगा। मैंने तुम्हें बनाया और मैं ही उठाता रहूँगा, मैं ही लिए चलूँगा और रिहाई दूँगा।
Jusqu'à votre vieillesse je serai le même, et je vous soutiendrai jusqu'à la blanche vieillesse; je l'ai fait, et je vous porterai encore; je vous soutiendrai, et vous sauverai.
5 तुम मुझे किससे तशबीह दोगे, और मुझे किसके बराबर ठहराओगे, और मुझे किसकी तरह कहोगे ताकि हम मुशाबह हों?
A qui me comparerez-vous, et qui ferez-vous mon égal? Avec qui me confronterez-vous, pour nous trouver semblables?
6 जो थैली से बाइफ़रात सोना निकालते और चाँदी को तराज़ू में तोलते हैं, वह सुनार को उजरत पर लगाते हैं और वह उससे एक बुत ख़ुदा के नाम से बनाता है; फिर वह उसके सामने झुकते, बल्कि सिज्दा करते हैं।
Ils répandent l'or de leur bourse et pèsent l'argent à la balance, ils paient un orfèvre pour en faire un dieu; ils l'adorent, et ils se prosternent devant lui.
7 वह उसे कँधे पर उठाते हैं, वह उसे ले जाकर उसकी जगह पर खड़ा करते हैं और वह खड़ा रहता है, वह अपनी जगह से सरकता नहीं; बल्कि अगर कोई उसे पुकारे, तो वह न जवाब दे सकता है और न उसे मुसीबत से छुड़ा सकता है।
Ils le portent, ils le chargent sur l'épaule, ils le posent en place, et il y reste; il ne bougera pas de son lieu. Puis on crie à lui; mais il ne répond point, et il ne sauve pas de la détresse.
8 ऐ गुनाहगारो, इसको याद रख्खो और मर्द बनो, इस पर फिर सोचो।
Rappelez-vous ces choses, et soyez des hommes! Rappelez-les à votre cœur, infidèles!
9 पहली बातों को जो क़दीम से हैं, याद करो कि मैं ख़ुदा हूँ और कोई दूसरा नहीं मैं ख़ुदा हूँ और मुझ सा कोई नहीं।
Rappelez-vous les premières choses, celles des temps anciens; car je suis Dieu, et il n'y en a point d'autre; je suis Dieu, et il n'y en a point comme moi;
10 जो इब्तिदा ही से अंजाम की ख़बर देता हूँ, और पहले दिनों से वह बातें जो अब तक वजूद में नहीं आई, बताता हूँ; और कहता हूँ, कि 'मेरी मसलहत क़ाईम रहेगी और मैं अपनी मर्ज़ी बिल्कुल पूरी करूँगा।
J'annonce dès le commencement ce qui doit arriver, et longtemps d'avance ce qui n'est pas fait encore; je dis: Mon dessein tiendra, et j'exécuterai toute ma volonté.
11 जो पूरब से उक़ाब को या'नी उस शख़्स को जो मेरे इरादे को पूरा करेगा, दूर के मुल्क से बुलाता हूँ, मैंने ही कहा और मैं ही इसको वजूद में लाऊँगा; मैंने इसका इरादा किया और मैं ही इसे पूरा करूँगा।
J'appelle du Levant l'oiseau de proie, et d'une terre éloignée, l'homme de mes desseins. Ce que j'ai dit, je le fais arriver; ce que j'ai projeté, je l'exécute.
12 “ऐ सख़्त दिलो, जो सदाक़त से दूर हो मेरी सुनो,
Écoutez-moi, gens endurcis de cœur, qui vous éloignez de la justice!
13 मैं अपनी सदाक़त को नज़दीक लाता हूँ, वह दूर नहीं होगी और मेरी नजात ताख़ीर न करेगी; और मैं सिय्यून को नजात और इस्राईल को अपना जलाल बख़्शूँगा।”
Je fais approcher ma justice, elle n'est pas loin: mon salut ne tardera pas. Je mettrai le salut en Sion, et en Israël ma gloire.

< यसा 46 >