< यसा 33 >

1 तुझ पर अफ़सोस कि तू ग़ारत करता है, और ग़ारत न किया गया था! तू दगाबाज़ी करता है और किसी ने तुझ से दग़ाबाज़ी न की थी? जब तू ग़ारत कर चुकेगा तो तू ग़ारत किया जाएगा; और जब तू दग़ाबाज़ी कर चुकेगा, तो और लोग तुझ से दग़ाबाज़ी करेंगे।
Woe to you, destroyer who has not been destroyed! Woe to the betrayer whom they have not betrayed! When you stop destroying, you will be destroyed. When you stop betraying, they will betray you.
2 ऐ ख़ुदावन्द हम पर रहम कर; क्यूँकि हम तेरे मुन्तज़िर हैं। तू हर सुबह उनका बाज़ू हो और मुसीबत के वक़्त हमारी नजात।
Yahweh, be gracious to us; we wait for you; be our arm every morning, our salvation in the time of trouble.
3 हंगामे की आवाज़ सुनते ही लोग भाग गए, तेरे उठते ही क़ौमें तितर — बितर हो गई।
At the loud noise the peoples flee; when you arise, the nations are scattered.
4 और तुम्हारी लूट का माल इसी तरह बटोरा जायेगा जिस तरह कीड़े बटोर लेते हैं, लोग उस पर टिड्डी की तरह टूट पड़ेंगे।
Your spoil is gathered as the locusts gather; as locusts leap, men leap on it.
5 ख़ुदावन्द सरफ़राज़ है, क्यूँकि वह बलन्दी पर रहता है; उसने 'अदालत और सदाक़त से सिय्यून को मा'मूर कर दिया है।
Yahweh is exalted. He lives in a high place. He will fill Zion with justice and righteousness.
6 और तेरे ज़माने में अमन होगा नजात व हिकमत और 'अक़्ल की फ़िरावानी होगी; ख़ुदावन्द का ख़ौफ़ उसका ख़ज़ाना है।
He will be the stability in your times, abundance of salvation, wisdom, and knowledge; the fear of Yahweh is his treasure.
7 देख उनके बहादुर बाहर फ़रियाद करते हैं और सुलह के क़ासिद फूट — फूटकर रोते हैं।
Look, their envoys cry in the streets; the diplomats hoping for peace weep bitterly.
8 शाहराहें सुनसान हैं, कोई चलनेवाला न रहा; उसने 'अहद शिकनी की शहरों को हक़ीर जाना, और इंसान को हिसाब में नहीं लाता।
The highways are deserted; there are no more travelers. Covenants are broken, witnesses are despised, and mankind is not respected.
9 ज़मीन कुढ़ती और मुरझाती है। लुबनान रुस्वा हुआ और मुरझा गया, शादून वीराने की तरह है; बसन और कर्मिल बे — बर्ग हो गए।
The land mourns and withers away; Lebanon is ashamed and withers away; Sharon is like a desert plain; and Bashan and Carmel shake off their leaves.
10 ख़ुदावन्द फ़रमाता है, अब मैं उठूँगा; अब मैं सरफ़राज़ हूँगा; अब मैं सर बलन्द हूँगा।
“Now will I arise,” says Yahweh; “now I will be lifted up; now I will be elevated.
11 तुम भूसे से बारदार होगे, फूस तुम से पैदा होगा; तुम्हारा दम आग की तरह तुम को भसम करेगा।
You conceive chaff, and you give birth to stubble; your breath is a fire that will consume you.
12 और लोग जले चूने की तरह होंगे; वह उन काँटों की तरह होंगे, जो काटकर आग में जलाए जाएँ।
The peoples will be burned to lime, as thornbushes are cut down and are burned.
13 तुम जो दूर हो, सुनो कि मैंने क्या किया; और तुम जो नज़दीक हो, मेरी क़ुदरत का इक़रार करो।
You who are far away, hear what I have done; and, you who are near, acknowledge my might.”
14 वह गुनाहगार जो सिय्यून में हैं डर गए; कपकपी ने बेदीनों को आ दबाया है: 'कौन हम में से उस मुहलिक़ आग में रह सकता है? और कौन हम में से हमेशा के शो'लों के बीच बस सकता है?
The sinners in Zion are afraid; trembling has seized the godless ones. Who among us can sojourn with a raging fire? Who among us can sojourn with everlasting burnings?
15 जो रास्तरफ़्तार और दुरुस्तगुफ़्तार हैं जो ज़ुल्म के नफ़े' हक़ीर जानता है, जो रिश्वत से दस्तबरदार है, जो अपने कान बन्द करता है ताकि ख़ूँरेज़ी के मज़मून न सुने, और आँखें मून्दता है ताकि बुराई न देखे।
He who walks righteously and speaks honestly; who despises the gain of oppression, who shakes his hand so that it will not accept a bribe, who stops his ears from hearing about bloodshed, and who shuts his eyes from looking on evil—
16 वह बुलन्दी पर रहेगा, उसकी पनाहगाह पहाड़ का क़िला' होगी, उसको रोटी दी जाएगी, उसका पानी मुक़र्रर होगा।
this is the man who will dwell on the heights, his place of defense will be the fortress among the cliffs, his food will be given, and his water will be in steady supply.
17 तेरी आँखें बादशाह का जमाल देखेंगी: वह बहुत दूर तक वसी' मुल्क पर नज़र करेंगी।
Your eyes will see the king in his beauty; they will see a land off in the distance.
18 तेरा दिल उस दहशत पर सोचेगा कहाँ है वह गिनने वाला कहाँ हैं वह तोलनेवाला? कहाँ है वह जो बुर्जों को गिनता था?
Your heart will recall the terror; where is the scribe, where is he who weighed the money? Where is he who counted the towers?
19 तू फिर उन तुन्दर्खूँ लोगों को न देखेगा जिनकी बोली तू समझ नहीं सकता उनकी ज़बान बेगाना है जो तेरी समझ में नहीं आती।
You will no longer see the defiant people, a people of a strange language that you do not understand.
20 हमारी ईदगाह सिय्यून पर नज़र कर; तेरी आँखें येरूशलेम को देखेंगी जो सलामती का मक़ाम है, बल्कि ऐसा ख़ेमा जो हिलाया न जाएगा, जिसकी मेख़ों में से एक भी उखाड़ी न जाएगी, और उसकी डोरियों में से एक भी तोड़ी न जाएगी।
Look at Zion, the city of our feasts; your eyes will see Jerusalem as a quiet habitation, a tent that will not be removed, whose stakes will never be pulled up nor will any of its cords be broken.
21 बल्कि वहाँ ज़ुलजलाल ख़ुदावन्द, बड़ी नदियों और नहरों के बदले हमारी गुन्जाइश के लिए आप मौजूद होगा कि वहाँ डॉंड की कोई नाव न जाएगी, और न शानदार जहाज़ों का गुज़र उसमें होगा।
Instead, Yahweh in majesty will be with us, in a place of broad rivers and streams. No warship with oars will travel it, and no large ships will sail by.
22 क्यूँकि ख़ुदावन्द हमारा हाकिम है, ख़ुदावन्द हमारा शरी'अत देने वाला है ख़ुदावन्द हमारा बादशाह है वही हम को बचाएगा।
For Yahweh is our judge, Yahweh is our lawgiver, Yahweh is our king; he will save us.
23 तेरी रस्सियाँ ढीली हैं; लोग मस्तूल की चूल को मज़बूत न कर सके, वह बादबान न फैला सके; सो लूट का वाफ़िर माल तक़सीम किया गया, लंगड़े भी ग़नीमत पर क़ाबिज़ हो गए।
Your riggings are slack; they cannot hold the mast in place; they cannot spread the sail; when the great spoil is divided, even the lame will drag off the spoil.
24 वहाँ के बाशिन्दों में भी कोई न कहेगा, कि मैं बीमार हूँ; और उनके गुनाह बख़्शे जाएँगे।
The inhabitants will not say, “I am sick;” the people who live there will be forgiven for their iniquity.

< यसा 33 >