< यसा 23 >
1 सूर के बारे में नबुव्वत ऐ तरसीस के जहाज़ो, वावैला करो क्यूँकि वह उजड़ गया, वहाँ कोई घर और कोई दाख़िल होने की जगह नहीं! कित्तीम की ज़मीन से उनको ये ख़बर पहुँची है।
Vision sur Tyr. Poussez des cris de douleur, vaisseaux de Carthage; car elle a péri, et ses matelots ne reviendront plus de la terre des Citiens; elle a été emmenée captive.
2 ऐ साहिल के बाशिन्दों, जिनको सैदानी सौदागरों ने जो समन्दर के पार आते जाते हैं मालामाल कर दिया है, ख़ामोश रहो।
A qui sont-ils devenus semblables ces habitants de l'île, ces trafiquants de Phénicie, qui traversaient la mer
3 समन्दर के पार से सीहोर' का ग़ल्ला और दरिया-ए-नील की फ़सल उसकी आमदनी थी, तब वह क़ौमों की तिजारत — गाह बना।
Sur les grandes eaux, cette race de marchands? Comme une moisson qu'on emporte, ainsi ils trafiquaient des nations.
4 ऐ सैदा, तू शरमा, क्यूँकि समन्दर ने कहा है, “समन्दर की गढ़ी ने कहा, मुझे दर्द — ए — ज़िह नहीं लगा, और मैंने बच्चे नहीं जने; मैं जवानों को नहीं पालती, और कुँवारियों की परवरिश नहीं करती हूँ।”
Rougis, Sidon, a dit la mer; et la force de la mer a dit: Je n'ai point enfanté, je n'ai point mis au monde, je n'ai point nourri de fils, je n'ai point élevé de vierges.
5 जब अहल — ए — मिस्र को यह ख़बर पहुँचेगी, तो वह सूर की ख़बर से बहुत ग़मगीन होंगे।
Or quand l'Égypte apprendra ces choses, elle sera saisie de douleur à cause de Tyr.
6 ऐ साहिल के बाशिन्दो, तुम ज़ार — ज़ार रोते हुए तरसीस को चले जाओ।
Allez à Carthage, poussez des cris de douleur, vous qui habitez cette île.
7 क्या यह तुम्हारी शादमान बस्ती है, जिसकी हस्ती पहले से है? उसी के पाँव उसे दूर — दूर ले जाते हैं कि परदेस में रहे।
N'est-ce pas elle qui faisait votre orgueil depuis les premiers temps, avant d'avoir été livrée?
8 किसी ने यह मंसूबा सूर के ख़िलाफ़ बाँधा जो ताज बख़्श है जिसके सौदागर 'उमरा और जिसके ताजिर दुनिया भर के 'इज़्ज़तदार हैं।
Qui a résolu ces choses contre Tyr? Comment est-elle amoindrie? comment est-elle sans force? Ses marchands étaient renommés, c'étaient les princes de la terre.
9 रब्ब — उल — अफ़वाज ने ये इरादा किया है कि सारी हशमत के घमण्ड को हलाक करे और दुनिया भर के इज़्ज़तदारों को ज़लील करे।
Le Seigneur a résolu d'abattre l'orgueil de tous ces glorieux, et d'humilier leur superbe sur la terre.
10 ऐ दूख़्तर — ए — तरसीस दरिया-ए-नील की तरह अपनी सरज़मीन पर फैल जा अब कोई बन्द बाक़ी नहीं रहा।
Travaille maintenant à la terre; car il ne vient plus chez toi de vaisseaux de Carthage.
11 उसने समन्दर पर अपना हाथ बढ़ाया, उसने ममलुकतों को हिला दिया; ख़ुदावन्द ने कनान के हक़ में हुक्म किया है कि उसके क़िले' मिस्मार किए जाएँ।
Ta main ne prévaut plus sur la mer, cette main qui irritait les rois. Le Seigneur Dieu des armées a donné un ordre contre Chanaan pour que sa force fût détruite.
12 और उसने कहा, “ऐ मज़लूम कुँवारी, दुख़्तर — ए — सैदा, तू फिर कभी घमण्ड न करेगी; उठ क़ित्तीम में चली जा, तुझे वहाँ भी चैन न मिलेगा।”
Et l'on dira: Vous ne continuerez plus à outrager et à maltraiter la fille de Sidon. Et quand tu t'en iras chez les Citiens, tu n'y trouveras plus le repos,
13 कसदियों के मुल्क को देख! यह क़ौम मौजूद न थी; असूर ने उसे वीरान के रहनेवालों का हिस्सा ठहराया। उन्होंने अपने बुर्ज बनाए उन्होंने उसके महल ग़ारत किये और उसे वीरान किया।
Ni dans la terre des Chaldéens; elle aussi a été désolée par les Assyriens, car son rempart est tombé.
14 ऐ तरसीस के जहाज़ों वावैला करो क्यूँकि तुम्हारा क़िला' उजाड़ा गया।
Poussez des cris de douleur, vaisseaux de Carthage, parce que votre force a péri.
15 और उस वक़्त यूँ होगा कि सूर किसी बादशाह के दिनों के मुताबिक़, सत्तर बरस तक फ़रामोश हो जाएगा; और सत्तर बरस के बाद सूर की हालत फ़ाहिशा के गीत के मुताबिक़ होगी।
Et il arrivera ce jour-là que Tyr sera abandonnée durant soixante-dix ans, le temps que vit un homme, le temps que vit un roi; et après ces soixante-dix ans, Tyr chantera comme une courtisane.
16 ऐ फ़ाहिशा तू जो फ़रामोश हो गई है, बर्बत उठा ले और शहर में फिरा कर राग को छेड़ और बहुत — सी ग़ज़लें गा कि लोग तुझे याद करें।
Prends la cithare, cours à l'aventure, ville prostituée, livrée à l'oubli; joue bien, chante beaucoup; pour qu'on se souvienne de toi.
17 और सत्तर बरस के बाद यूँ होगा कि ख़ुदावन्द सूर की ख़बर लेगा, और वह उजरत पर जाएगी और इस ज़मीन पर की तमाम ममलुकतों से बदकारी करेगी।
Et après ces soixante-dix ans le Seigneur visitera Tyr, et il la rétablira comme autrefois, et elle sera un marché pour tous les royaumes qui couvrent la face de la terre;
18 लेकिन उसकी तिजारत और उसकी उजरत ख़ुदावन्द के लिए मुक़द्दस होगी और उसका माल न ज़ख़ीरा किया जाएगा और न जमा' रहेगा बल्कि उसकी तिजारत का हासिल उनके लिए होगा, जो ख़ुदावन्द के सामने रहते हैं कि खाकर सेर हों और नफ़ीस पोशाक पहने।
Et son commerce et ses revenus seront consacrés au Seigneur; et ce n'est point pour eux qu'ils amasseront, mais pour ceux qui résident devant le Seigneur; et tous ses gains seront employés à manger et à boire, et à se rassasier dans des banquets commémoratifs devant le Seigneur.