< यसा 21 >
1 दश्त — ए — दरिया के बारे में नबुवत: जिस तरह दक्खिनी हवा ज़ोर से चली आती है, उसी तरह वह दश्त से और मुहीब सरज़मीन से नज़दीक आ रहा है।
This is the burden against the Desert by the Sea: Like whirlwinds sweeping through the Negev, an invader comes from the desert, from a land of terror.
2 एक हौलनाक ख़्वाब मुझे नज़र आया; दग़ाबाज़ दग़ाबाज़ी करता है; और ग़ारतगर ग़ारत करता है ऐ ऐलाम, चढ़ाई कर; ऐ मादै, मुहासिरा कर; मैं वह सब कराहना जो उसकी वजह से हुआ, ख़त्म करता हूँ।
A dire vision is declared to me: “The traitor still betrays, and the destroyer still destroys. Go up, O Elam! Lay siege, O Media! I will put an end to all her groaning.”
3 इसलिए मेरी कमर में सख़्त दर्द है, मैं जैसे दर्द — ए — ज़िह में तड़पता हूँ, मैं ऐसा परेशान हूँ कि सुन नहीं सकता; मैं ऐसा परेशान हूँ कि देख नहीं सकता।
Therefore my body is filled with anguish. Pain grips me, like the pains of a woman in labor. I am bewildered to hear, I am dismayed to see.
4 मेरा दिल धड़कता है, और ख़ौफ़ अचानक मुझ पर ग़ालिब आ गया; शफ़क़ — ए — शाम जिसका मैं आरज़ूमन्द था, मेरे लिए ख़ौफ़नाक हो गई।
My heart falters; fear makes me tremble. The twilight of my desire has turned to horror.
5 दस्तरख़्वान बिछाया गया, निगहबान खड़ा किया गया, वह खाते हैं और पीते हैं; उठो ऐ सरदारो सिपर पर तेल मलो!
They prepare a table, they lay out a carpet, they eat, they drink! Rise up, O princes, oil the shields!
6 क्यूँकि ख़ुदावन्द ने मुझे यूँ फ़रमाया, कि “जा निगहबान बिठा; वह जो कुछ देखे वही बताए।
For this is what the Lord says to me: “Go, post a lookout and have him report what he sees.
7 उसने सवार देखे, जो दो — दो आते थे, और गधों और ऊँटों पर सवार और उसने बड़े ग़ौर से सुना।”
When he sees chariots with teams of horsemen, riders on donkeys, riders on camels, he must be alert, fully alert.”
8 तब उसने शेर की तरह आवाज़ से पुकारा, ऐ ख़ुदावन्द, मैं अपनी दीदगाह पर तमाम दिन खड़ा रहा, और मैंने हर रात पहरे की जगह पर काटी।
Then the lookout shouted: “Day after day, my lord, I stand on the watchtower; night after night I stay at my post.
9 और देख, सिपाहियों के ग़ोल और उनके सवार दो — दो करके आते हैं! “फिर उसने यूँ कहा, कि बाबुल गिर पड़ा, गिर पड़ा; और उसके मा'बूदों की सब तराशी हुई मूरतें बिल्कुल टूटी पड़ी हैं।”
Look, here come the riders, horsemen in pairs.” And one answered, saying: “Fallen, fallen is Babylon! All the images of her gods lie shattered on the ground!”
10 ऐ मेरे गाहे हुए और मेरे खलीहान के ग़ल्ले, जो कुछ मैंने रब्ब — उल — अफ़वाज इस्राईल के ख़ुदा से सुना, तुमसे कह दिया।
O my people, crushed on the threshing floor, I tell you what I have heard from the LORD of Hosts, the God of Israel.
11 दूमा के बारे में नबुव्वत किसी ने मुझ को श'ईर से पुकारा कि ऐ निगहबान, रात की क्या ख़बर है?
This is the burden against Dumah: One calls to me from Seir, “Watchman, what is left of the night? Watchman, what is left of the night?”
12 निगाहबान ने कहा, सुबह होती है और रात भी अगर तुम पूछना चाहते हो तो पूछो तुम फिर आना?
The watchman replies, “Morning has come, but also the night. If you would inquire, then inquire. Come back yet again.”
13 'अरब के बारे में नबुव्वत ऐ ददानियों के क़ाफ़िलों, तुम 'अरब के जंगल में रात काटोगे।
This is the burden against Arabia: In the thickets of Arabia you must lodge, O caravans of Dedanites.
14 वह प्यासे के पास पानी लाए, तेमा की सरज़मीन के बाशिन्दे, रोटी लेकर भागने वाले से मिलने को निकले।
Bring water for the thirsty, O dwellers of Tema; meet the refugees with food.
15 क्यूँकि वह तलवारों के सामने से नंगी तलवार से, और खेंची हुई कमान से, और जंग की शिद्दत से भागे हैं।
For they flee from the sword— the sword that is drawn— from the bow that is bent, and from the stress of battle.
16 क्यूँकि ख़ुदावन्द ने मुझ से यूँ कहा कि मज़दूर के बरसों के मुताबिक़, एक बरस के अन्दर अन्दर क़ीदार की सारी हशमत जाती रहेगी।
For this is what the Lord says to me: “Within one year, as a hired worker would count it, all the glory of Kedar will be gone.
17 और तीर अन्दाज़ों की ता'दाद का बक़िया या'नी बनी क़ीदार के बहादुर थोड़े से होंगे; क्यूँकि इस्राईल के ख़ुदा ने यूँ फ़रमाया है।
The remaining archers, the warriors of Kedar, will be few.” For the LORD, the God of Israel, has spoken.