< यसा 2 >
1 वह बात जो यसा'याह बिन आमूस ने यहूदाह और येरूशलेम के हक़ में ख़्वाब में देखा।
Rijeè koja doðe u utvari Isaiji sinu Amosovu za Judu i za Jerusalim.
2 आख़िरी दिनों में यूँ होगा कि ख़ुदावन्द के घर का पहाड़ पहाड़ों की चोटी पर क़ाईम किया जाएगा, और टीलों से बुलन्द होगा, और सब क़ौमें वहाँ पहुँचेंगी;
Biæe u potonja vremena gora doma Gospodnjega utvrðena uvrh gora i uzvišena iznad humova, i stjecaæe se k njoj svi narodi.
3 बल्कि बहुत सी उम्मतें आयेंगी और कहेंगी “आओ ख़ुदावन्द के पहाड़ पर चढ़ें, या'नी या'क़ूब के ख़ुदा के घर में दाख़िल हों और वह अपनी राहें हम को बताएगा, और हम उसके रास्तों पर चलेंगे।” क्यूँकि शरी'अत सिय्यून से, और ख़ुदावन्द का कलाम येरूशलेम से सादिर होगा।
I iæi æe mnogi narodi govoreæi: hodite da idemo na goru Gospodnju, u dom Boga Jakovljeva, i uèiæe nas svojim putovima, i hodiæemo stazama njegovijem; jer æe iz Siona izaæi zakon, i rijeè Gospodnja iz Jerusalima.
4 और वह क़ौमों के बीच 'अदालत करेगा और बहुत सी उम्मतों को डांटेगा और वह अपनी तलवारों को तोड़ कर फालें, और अपने भालों को हँसुए बना डालेंगे और क़ौम क़ौम पर तलवार न चलाएगी और वह फिर कभी जंग करना न सींखेंगे।
I sudiæe meðu narodima, i karaæe mnoge narode, te æe raskovati maèeve svoje na raonike, i koplja svoja na srpove, neæe dizati maèa narod na narod, niti æe se više uèiti boju.
5 ऐ या'क़ूब के घराने, आओ हम ख़ुदावन्द की रोशनी में चलें।
Dome Jakovljev, hodi da idemo po svjetlosti Gospodnjoj.
6 तूने तो अपने लोगों या'नी या'क़ूब के घराने को छोड़ दिया, इसलिए कि वह अहल — ए — मशरिक़ की रसूम से पुर हैं और फ़िलिस्तियों की तरह शगुन लेते हैं और बेगानों की औलाद के साथ हाथ पर हाथ मारते हैं।
Ali si ostavio svoj narod, dom Jakovljev, jer su puni zala istoènijeh i gataju kao Filisteji, i mili su im sinovi tuðinski.
7 और उनका मुल्क सोने — चाँदी से मालामाल है, और उनके ख़ज़ाने बे शुमार हैं और उनका मुल्क घोड़ों से भरा है, उनके रथों का कुछ शुमार नहीं।
I zemlja je njihova puna srebra i zlata, i blagu njihovu nema kraja; zemlja je njihova puna konja, i kolima njihovijem nema kraja.
8 उनकी सरज़मीन बुतों से भी पुर है वह अपने ही हाथों की सन'अत, या'नी अपनी ही उगलियों की कारीगरी को सिज्दा करते हैं।
Puna je zemlja njihova i idola; djelu ruku svojih klanjaju se, što naèiniše prsti njihovi.
9 इस वजह से छोटा आदमी पस्त किया जाता है, और बड़ा आदमी ज़लील होता है; और तू उनको हरगिज़ मुआफ़ न करेगा।
I klanjaju se prosti ljudi, i savijaju se glavni ljudi; nemoj im oprostiti.
10 ख़ुदावन्द के ख़ौफ़ से और उसके जलाल की शौकत से, चट्टान में घुस जा और ख़ाक में छिप जा।
Uði u stijenu, i sakrij se u prah od straha Gospodnjega i od slave velièanstva njegova.
11 इंसान की ऊँची निगाह नीची की जाएगी और बनी आदम का तकब्बुर पस्त हो जाएगा; और उस रोज़ ख़ुदावन्द ही सरबलन्द होगा।
Ponosite oèi èovjeèije poniziæe se, i visina ljudska ugnuæe se, a Gospod æe sam biti uzvišen u onaj dan.
12 क्यूँकि रब्ब — उल — अफ़्वाज का दिन तमाम मग़रूरों बुलन्द नज़रों और मुतकब्बिरों पर आएगा और वह पस्त किए जाएँगे;
Jer æe doæi dan Gospoda nad vojskama na sve ohole i ponosite i na svakoga koji se podiže, te æe biti poniženi,
13 और लुबनान के सब देवदारों पर जो बुलन्द और ऊँचे हैं और बसन के सब बलूतों पर।
I na sve kedre Livanske velike i visoke i na sve hrastove Vasanske,
14 और सब ऊँचे पहाड़ों और सब बुलन्द टीलों पर,
I na sve gore visoke i na sve humove izdignute,
15 और हर एक ऊँचे बुर्ज पर, और हर एक फ़सीली दीवार पर,
I na svaku kulu visoku i na svaki zid tvrdi,
16 और तरसीस के सब जहाज़ों पर, ग़रज़ हर एक ख़ुशनुमा मन्ज़र पर;
I na sve laðe Tarsiske i na sve likove mile.
17 और आदमी का तकब्बुर ज़ेर किया जाएगा और लोगों की बुलंद बीनी पस्त की जायेगी और उस रोज़ ख़ुदावन्द ही सरबलन्द होगा।
Tada æe se ponositost ljudska ugnuti i visina se ljudska poniziti, i Gospod æe sam biti uzvišen u onaj dan.
18 तमाम बुत बिल्कुल फ़ना हो जायेंगे
I idola æe nestati sasvijem.
19 और जब ख़ुदावन्द उठेगा कि ज़मीन को शिद्दत से हिलाए, तो लोग उसके डर से और उसके जलाल की शौकत से पहाड़ों के ग़ारों और ज़मीन के शिगाफ़ों में घुसेंगे।
I ljudi æe iæi u peæine kamene i u rupe zemaljske od straha Gospodnjega i od slave velièanstva njegova, kad ustane da potre zemlju.
20 उस रोज़ लोग अपनी सोने — चाँदी की मूरतों को जो उन्होंने इबादत के लिए बनाई, छछुन्दारों और चमगादड़ों के आगे फेंक देंगे।
Tada æe baciti èovjek idole svoje srebrne i idole svoje zlatne, koje naèini sebi da im se klanja, krticama i slijepijem mišima,
21 ताकि जब ख़ुदावन्द ज़मीन को शिद्दत से हिलाने के लिए उठे, तो उसके ख़ौफ़ से और उसके जलाल की शौकत से चट्टानों के ग़ारों और नाहमवार पत्थरों के शिगाफ़ों में घुस जाएँ।
Ulazeæi u rasjeline kamene i u peæine kamene od straha Gospodnjega i od slave velièanstva njegova, kad ustane da potre zemlju.
22 तब तुम इंसान से जिसका दम उसके नथनों में है बाज़ रहो, क्यूँकि उसकी क्या क़द्र है?
Proðite se èovjeka, kojemu je dah u nosu; jer šta vrijedi?