< यसा 13 >
1 बाबुल के बारे में नबुव्वत जो यसा'याह — बिन — आमूस ने ख़्वाब में पाया।
The burden of Babylon that Isaiah son of Amoz has seen:
2 तुम नंगे पहाड़ पर एक झण्डा खड़ा करो, उनको बुलन्द आवाज़ से पुकारो और हाथ से इशारा करो कि वह सरदारों के दरवाज़ों के अन्दर जाएँ।
“Lift up an ensign on a high mountain, Raise the voice to them, wave the hand, And they go into the openings of nobles.
3 मैंने अपने मख़्सूस लोगों को हुक्म किया; मैंने अपने बहादुरों को जो मेरी ख़ुदावन्दी से मसरूर हैं, बुलाया है कि वह मेरे क़हर को अन्जाम दें।
I have given charge to My sanctified ones, Also I have called My mighty ones for My anger, Those rejoicing at My excellence.”
4 पहाड़ों में एक हुजूम का शोर है, जैसे बड़े लश्कर का! ममलुकत की क़ौमों के इजितमा'अ का ग़ोग़ा है। रब्ब — उल — अफ़वाज जंग के लिए लश्कर जमा' करता है।
A voice of a multitude in the mountains, A likeness of a numerous people, A voice of noise from the kingdoms of nations who are gathered, YHWH of Hosts inspecting a host of battle!
5 वह दूर मुल्क से आसमान की इन्तिहा से आते हैं, हाँ ख़ुदावन्द और उसके क़हर के हथियार, ताकि तमाम मुल्क को बर्बाद करें।
They are coming in from a far-off land, From the end of the heavens, YHWH and the instruments of His indignation, To destroy all the land.
6 अब तुम वावैला करो, क्यूँकि ख़ुदावन्द का दिन नज़दीक है; वह क़ादिर — ए — मुतलक़ की तरफ़ से बड़ी हलाकत की तरह आएगा।
Howl, for the Day of YHWH [is] near, It comes as destruction from the Mighty.
7 इसलिए सब हाथ ढीले होंगे, और हर एक का दिल पिघल जाएगा,
Therefore, all hands fail, And every heart of man melts.
8 और वह परेशान होंगे जाँकनी और ग़मगीनी उनको आ लेगी वह ऐसे दर्द में मुब्तिला होंगे जैसे औरत ज़िह की हालत में। वह सरासीमा होकर एक दूसरे का मुँह देखेंगे, और उनके चहरे शो'लानुमा होंगे।
And they have been troubled, Pains and pangs take them, They are pained as a travailing woman, A man marvels at his friend, The appearance of flames—their faces!
9 देखो ख़ुदावन्द का वह दिन आता है जो ग़ज़ब में और क़हर — ए — शदीद में सख़्त दुरुस्त हैं, ताकि मुल्क को वीरान करे और गुनाहगारों को उस पर से बर्बाद — ओ — हलाक कर दे।
Behold, the Day of YHWH comes, Fierce, with wrath, and heat of anger, To make the land become a desolation, Indeed, He destroys its sinning ones from it.
10 क्यूँकि आसमान के सितारे और कवाकिब बेनूर हो जायेंगे, और सूरज तुलू' होते होते तारीक हो जाएगा और चाँद अपनी रोशनी न देगा।
For the stars of the heavens, and their constellations, Do not cause their light to shine, The sun has been darkened in its going out, And the moon does not cause its light to come forth.
11 और मैं जहान को उसकी बुराई की वजह से, और शरीरों को उनकी बदकिरदारी की सज़ा दूँगा; और मैं मग़रूरों का गु़रूर हलाक और हैबतनाक लोगों का घमण्ड पस्त कर दूँगा।
“And I have appointed evil on the world, And on the wicked their iniquity, And have caused the excellence of the proud to cease, And I make the excellence of the terrible low.
12 मैं आदमी को ख़ालिस सोने से, बल्कि इंसान को ओफ़ीर के कुन्दन से भी कमयाब बनाऊँगा।
I make man more rare than fine gold, And a common man than pure gold of Ophir.
13 इसलिए मैं आसमानों को लरज़ाऊँगा, और रब्ब — उल — अफ़वाज के ग़ज़ब से और उसके क़हर — ए — शदीद के रोज़ ज़मीन अपनी जगह से झटकी जाएगी।
Therefore I cause the heavens to tremble, And the earth shakes from its place, In the wrath of YHWH of Hosts, And in a day of the heat of His anger.
14 और यूँ होगा कि वह खदेड़े हुए आहू, और लावारिस भेड़ों की तरह होंगे; उनमें से हर एक अपने लोगों की तरफ़ मुतवज्जिह होगा, और हर एक अपने वतन को भागेगा।
And it has been, as a roe driven away, And as a flock that has no gatherer, Each to his people—they turn, And each to his land—they flee.
15 हर एक जो मिल जाए आर — पार छेदा जाएगा, और हर एक जो पकड़ा जाए तलवार से क़त्ल किया जाएगा।
Everyone who is found is thrust through, And everyone who is added falls by sword.
16 और उनके बाल बच्चे उनकी आँखों के सामने पार — पारा होंगे; उनके घर लूटे जाएँगे, और उनकी 'औरतों की बेहुरमती होगी।
And their sucklings are dashed to pieces before their eyes, Their houses are spoiled, and their wives lain with.
17 देखो मैं मादियों को उनके ख़िलाफ़ बरअंगेख़ता करूँगा, जो चाँदी को ख़ातिर में नहीं लाते और सोने से ख़ुश नहीं होते।
Behold, I am stirring up the Medes against them, Who do not esteem silver, And gold—they do not delight in it.
18 उनकी कमानें जवानों को टुकड़े — टुकड़े कर डालेंगी और वह शीरख़्वारों पर तरस न खाएँगे, और छोटे बच्चों पर रहम की नज़र न करेंगे।
And bows dash young men to pieces, And they do not pity the fruit of the womb, Their eye has no pity on sons.
19 और बाबुल जो ममलुकतों की हशमत और कस्दियों की बुज़ुर्गी की रोनक़ है सदूम और 'अमूरा की तरह हो जाएगा जिनको ख़ुदा ने उलट दिया।
And Babylon, the beauty of kingdoms, The glory, the excellence of the Chaldeans, Has been as overthrown by God, With Sodom and with Gomorrah.
20 वह हमेशा तक आबाद न होगा और नसल — दर — नसल उसमें कोई न बसेगा; हरगिज़ 'अरब खे़में न लगाएँगे, वहाँ गड़रिये गल्लों को न भटकायेंगे
She does not sit forever, Nor continue to many generations, Nor does Arab pitch tent there, And shepherds do not lie down there.
21 लेकिन जंगल के जंगली दरिन्दे वहाँ बैठेगे और उनके घरों में उल्लू भरे होंगे; वहाँ शुतरमुर्ग़ बसेंगे, और छगमानस वहाँ नाचेंगे।
And desert-dwellers have lain down there, And their houses have been full of howlers, And daughters of an ostrich have dwelt there, And goats skip there.
22 और गीदड़ उनके 'आलीशान मकानों में और भेड़िये उनके रंगमहलों में चिल्लाएँगे; उसका वक़्त नज़दीक आ पहुँचा है, और उसके दिनों को अब तूल नहीं होगा।
And howlers—he has responded in his forsaken habitations, And dragons in palaces of delight, And her time [is] near to come, And her days are not drawn out!”