< होसी 8 >
1 तुरही अपने मुँह से लगा! वह 'उक़ाब की तरह ख़ुदावन्द के घर पर टूट पड़ा है, क्यूँकि उन्होंने मेरे अहद से तजावुज़ किया और मेरी शरी'अत के ख़िलाफ़ चले।
¡Pon trompeta en tus labios! Un águila se precipita sobre la casa del Señor porque han quebrantado mi acuerdo y se han rebelado contra mi ley.
2 वह मुझे यूँ पुकारते हैं कि ऐ हमारे ख़ुदा, हम बनी — इस्राईल तुझे पहचानते हैं।
Israel invoca a mi: “¡Nuestro Dios, te conocemos!”
3 इस्राईल ने भलाई को छोड़ दिया, दुश्मन उसका पीछा करेंगे।
Pero Israel ha rechazado lo que es bueno. Un enemigo los perseguirá.
4 उन्होंने बादशाह मुक़र्रर किए लेकिन मेरी तरफ़ से नहीं। उन्होंने उमरा को ठहराया है और मैंने उनको न जाना। उन्होंने अपने सोने चाँदी से बुत बनाए ताकि बर्बाद हों।
Nombraron reyes sin mi aprobación y eligieron príncipes sin hacérmelo saber. Elaboraron ídolos con su oro y su plata para su propia destrucción.
5 ऐ सामरिया, तेरा बछड़ा मरदूद है। मेरा क़हर उन पर भड़का है। वह कब तक गुनाह से पाक न होंगे।
¡Samaria, yo aborrezco el ídolo con figura de becerro que has hecho! ¡Mi ira arde contra ellos! ¿Hasta cuándo serán incapaces de ser buenos?
6 क्यूँकि ये भी इस्राईल ही की करतूत है। कारीगर ने उसको बनाया है। वह ख़ुदा नहीं। सामरिया का बछड़ा यक़ीनन टुकड़े — टुकड़े किया जाएगा।
Este ídolo surgió de Israel y fue hecho por un artesano. ¡No es Dios! ¡El becerro de Samaria quedará hecho pedazos!
7 बेशक उन्होंने हवा बोई। वह गर्दबाद काटेंगे, न उसमें डंठल निकलेगा न उसकी बालों से ग़ल्ला पैदा होगा और अगर पैदा हो भी तो अजनबी उसे चट कर जाएँगे।
Los que siembran viento, cosecharán tempestad. Los tallos no tienen granos, y no producirán harina. Incluso si produjera grano, los extranjeros lo devorarían.
8 इस्राईल निगला गया। अब वह क़ौमों के बीच ना पसंदीदा बर्तन की तरह होंगे।
Israel ha sido devorado. Entre las naciones son como cosa despreciable.
9 क्यूँकि वह तन्हा गोरख़र की तरह असूर को चले गए हैं। इफ़्राईम ने उजरत पर यार बुलाए।
Han acudido a Asiria como un asno errante y solitario. Efarín ha contratado amantes.
10 अगरचे उन्होंने क़ौमों को उजरत दी है तो भी अब मै उनको जमा' करूँगा और वह बादशाह — ओ — उमरा के बोझ से ग़मग़ीन होंगे।
Aunque han contratado aliados entre las naciones, yo las reuniré. Etonces se retorcerán bajo el agobio del gran rey.
11 चूँकि इफ़्राईम ने गुनहगारी के लिए बहुत सी क़ुर्बानगाहें बनायीं इसलिए वह क़ुर्बानगाहें उसकी गुनहगारी का ज़रिया' हुई।
¡Aún cuando Efarín construyó altares para presentar ofrendas por el pecado, se volvieron altares de pecado!
12 अगरचे मैंने अपनी शरी'अत के अहकाम को उनके लिए हज़ारों बार लिखा, लेकिन वह उनको अजनबी ख़्याल करते हैं।
Yo les escribe muchos aspectos de mi ley, pero la consideraron como si fueran extranjeros.
13 वह मेरे तोहफ़ों की क़ुर्बानियों के लिए गोश्त पेश करते और खाते हैं, लेकिन ख़ुदावन्द उनको क़ुबूल नहीं करता। अब वह उनकी बदकिरदारी की याद करेगा और उनको उनके गुनाहों की सज़ा देगा। वह मिस्र को वापस जाएँगे।
Vienen a presentarme sus sacrificios y se comen la carne, pero yo, el Señor, no los acepto. Ahora él recordará su maldad y los castigará por sus pecados. Ellos volverán a Egipto.
14 इस्राईल ने अपने ख़ालिक़ को फ़रामोश करके बुतख़ाने बनाए हैं और यहूदाह ने बहुत से हसीन शहर ता'मीर किए हैं, लेकिन मैं उसके शहरों पर आग भेजूँगा और वह उनके कस्रों को भसम कर देगी।
Israel se ha olvidado de su Hacedor y ha construido palacios. Judá ha construido ciudades fortificdas. Pero yo haré caer fuego sobre sus ciudades y consumiré sus castillos.