< होसी 7 >
1 जब मैं इस्राईल को शिफ़ा बख़्शने को था तो इफ़्राईम की बदकिरदारी और सामरिया की शरारत ज़ाहिर हुई क्यूँकि वह दग़ा करते हैं। अन्दर चोर घुस आए हैं और बाहर डाकुओं का ग़ोल लूट रहा है।
Ενώ ιάτρευον τον Ισραήλ, απεκαλύφθη τότε η ανομία του Εφραΐμ και η κακία της Σαμαρείας· διότι έπραξαν ψεύδος· και ο κλέπτης εισέρχεται, ο ληστής γυμνόνει έξωθεν.
2 वह ये नहीं सोचते के मुझे उनकी सारी शरारत मा'लूम है। अब उनके 'आमाल ने जो मुझ पर ज़ाहिर हैं उनको घेर लिया है।
Και αυτοί δεν λέγουσιν εν τη καρδία αυτών, ότι ενθυμούμαι πάσαν την ανομίαν αυτών· τώρα περιεκύκλωσαν αυτούς αι πράξεις αυτών· έμπροσθεν του προσώπου μου έγειναν.
3 वह बादशाह को अपनी शरारत और उमरा को दरोग़ गोई से खु़श करते हैं।
Εν τη κακία αυτών εύφραναν τον βασιλέα και εν τοις ψεύδεσιν αυτών τους άρχοντας.
4 वह सब के सब बदकार हैं। वह उस तनूर की तरह हैं जिसको नानबाई गर्म करता है और आटा गूंधने के वक़्त से ख़मीर उठने तक आग भड़काने से बाज़ रहता है।
Πάντες είναι μοιχοί, ως ο κλίβανος ο πεπυρωμένος υπό του αρτοποιού· όστις, αφού ζυμώση το φύραμα, παύει του να θερμαίνη αυτόν, εωσού γείνη η ζύμωσις.
5 हमारे बादशाह के जश्न के दिन उमरा तो गर्मी — ए — मय से बीमार हुए और वह ठठ्ठाबाज़ों के साथ बेतकल्लुफ़ हुआ।
Εν τη ημέρα του βασιλέως ημών, οι άρχοντες ησθένησαν υπό της φλογώσεως του οίνου, και αυτός εξήπλωσε την χείρα αυτού προς τους αχρείους.
6 धोखे में बैठे उनके दिल तनूर की तरह हैं। उनका क़हर रात भर सुलगता रहता है। वह सुबह के वक़्त आग की तरह भड़कता है।
Διότι ενασχολούσι την καρδίαν αυτών φλεγωμένην ως κλίβανον εν ταις ενέδραις αυτών· ο αρτοποιός αυτών κοιμάται όλην την νύκτα· την δε αυγήν αυτή καίει ως πυρ φλογίζον.
7 वह सब के सब तनूर की तरह दहकते हैं और अपने क़ाज़ियों को खा जाते हैं। उनके सब बादशाह मारे गए। उनमें कोई न रहा जो मुझ से दुआ करे।
Πάντες ούτοι εθερμάνθησαν ως κλίβανος και κατέφαγον τους κριτάς αυτών· πάντες οι βασιλείς αυτών έπεσον· δεν υπάρχει μεταξύ αυτών ο επικαλούμενός με.
8 इफ़्राईम दूसरे लोगों से मिल जुल गया। इफ़्राईम एक चपाती है जो उलटाई न गई।
Ο Εφραΐμ, αυτός συνεμίγη μετά των λαών· ο Εφραΐμ είναι ως εγκρυφίας όστις δεν εστράφη.
9 अजनबी उसकी तवानाई को निगल गए और उसकी ख़बर नहीं और बाल सफ़ेद होने लगे पर वह बेख़बर है।
Ξένοι κατέφαγον την δύναμιν αυτού και αυτός δεν γνωρίζει τούτο· και λευκαί τρίχες ανεφύησαν σποράδην εν αυτώ και αυτός δεν γνωρίζει τούτο.
10 और फ़ख़्र — ए — इस्राईल उसके मुँह पर गवाही देता है तोभी वह ख़ुदावन्द अपने ख़ुदा की तरफ़ रुजू' नहीं लाए और बावजूद इस सब के उसके तालिब नहीं हुए।
Και η υπερηφανία του Ισραήλ μαρτυρεί κατά πρόσωπον αυτού· και δεν επιστρέφουσι προς Κύριον τον Θεόν αυτών ουδέ εκζητούσιν αυτόν διά πάντα ταύτα.
11 इफ़्राईम बेवकूफ़ — ओ — नासमझ फ़ाख़्ता है वह मिस्र की दुहाई देते और असूर को जाते हैं।
Και ο Εφραΐμ είναι ως περιστερά δελεαζομένη, μη έχουσα σύνεσιν· επικαλούνται την Αίγυπτον, υπάγουσιν εις την Ασσυρίαν.
12 जब वह जाएँगे तो मैं उन पर अपना जाल फैला दूँगा। उनकी हवा के परिन्दों की तरह नीचे उतारूँगा और जैसा उनकी जमा'अत सुन चुकी है उनकी तादीब करूँगा।
Όταν υπάγωσι, θέλω εξαπλώσει επ' αυτούς το δίκτυόν μου· θέλω καταβιβάσει αυτούς καθώς τα πετεινά του ουρανού· θέλω παιδεύσει αυτούς καθώς εκηρύχθη εν τη συναγωγή αυτών.
13 उन पर अफ़सोस क्यूँकि वह मुझ से आवारा हो गए, वह बर्बाद हों क्यूँकि वह मुझ से बाग़ी हुए। अगरचे मैं उनका फ़िदिया देना चाहता हूँ वह मेरे खिलाफ़ दरोग़ गोई करते हैं।
Ουαί εις αυτούς, διότι απεσκίρτησαν απ' εμού· όλεθρος εις αυτούς, διότι ησέβησαν εις εμέ· ενώ εγώ εξηγόρασα αυτούς, αυτοί ελάλησαν κατ' εμού ψεύδη.
14 और वह हुजूर — ए — क़ल्ब के साथ मुझ से फ़रियाद नहीं करते बल्कि अपने बिस्तरों पर पड़े चिल्लाते हैं। वह अनाज और मय के लिये तो जमा' हो जाते हैं पर मुझ से बाग़ी रहते हैं।
Και δεν με επεκαλέσθησαν εν τη καρδία αυτών, αλλά ωλόλυζον επί τας κλίνας αυτών· βασανίζονται διά σίτον και οίνον και στασιάζουσιν εναντίον μου.
15 अगरचे मैंने उनकी तरबियत की और उनको ताक़तवर बाज़ू किया तोभी वह मेरे हक़ में बुरे ख़याल करते हैं।
Και εγώ επαίδευσα αυτούς ενώ ενίσχυσα τους βραχίονας αυτών, αυτοί όμως διελογίζοντο πονηρά εναντίον μου.
16 वह रुजू' होते हैं पर हक़ ताला की तरफ़ नहीं। वह दग़ा देने वाली कमान की तरह हैं। उनके उमरा अपनी ज़बान की गुस्ताख़ी की वजह से बर्बाद होंगे। इससे मुल्क — ए — मिस्र में उनकी हँसी होगी।
Επιστρέφουσιν, ουχί εις τον Υψιστον· έγειναν ως τόξον στρεβλόν· οι άρχοντες αυτών θέλουσι πέσει εν ρομφαία διά την αυθάδειαν της γλώσσης αυτών· τούτο θέλει είσθαι το όνειδος αυτών εν τη γη της Αιγύπτου.