< होसी 7 >

1 जब मैं इस्राईल को शिफ़ा बख़्शने को था तो इफ़्राईम की बदकिरदारी और सामरिया की शरारत ज़ाहिर हुई क्यूँकि वह दग़ा करते हैं। अन्दर चोर घुस आए हैं और बाहर डाकुओं का ग़ोल लूट रहा है।
«حِينَمَا كُنْتُ أَشْفِي إِسْرَائِيلَ، أُعْلِنَ إِثْمُ أَفْرَايِمَ وَشُرُورُ ٱلسَّامِرَةِ، فَإِنَّهُمْ قَدْ صَنَعُوا غِشًّا. ٱلسَّارِقُ دَخَلَ وَٱلْغُزَاةُ نَهَبُوا فِي ٱلْخَارِجِ.١
2 वह ये नहीं सोचते के मुझे उनकी सारी शरारत मा'लूम है। अब उनके 'आमाल ने जो मुझ पर ज़ाहिर हैं उनको घेर लिया है।
وَلَا يَفْتَكِرُونَ فِي قُلُوبِهِمْ أَنِّي قَدْ تَذَكَّرْتُ كُلَّ شَرِّهِمْ. اَلْآنَ قَدْ أَحَاطَتْ بِهِمْ أَفْعَالُهُمْ. صَارَتْ أَمَامَ وَجْهِي.٢
3 वह बादशाह को अपनी शरारत और उमरा को दरोग़ गोई से खु़श करते हैं।
«بِشَرِّهِمْ يُفَرِّحُونَ ٱلْمَلِكَ، وَبِكَذِبِهِمِ ٱلرُّؤَسَاءَ.٣
4 वह सब के सब बदकार हैं। वह उस तनूर की तरह हैं जिसको नानबाई गर्म करता है और आटा गूंधने के वक़्त से ख़मीर उठने तक आग भड़काने से बाज़ रहता है।
كُلُّهُمْ فَاسِقُونَ كَتَنُّورٍ مُحْمًى مِنَ ٱلْخَبَّازِ. يُبَطِّلُ ٱلْإِيقَادَ مِنْ وَقْتِمَا يَعْجِنُ ٱلْعَجِينَ إِلَى أَنْ يَخْتَمِرَ.٤
5 हमारे बादशाह के जश्न के दिन उमरा तो गर्मी — ए — मय से बीमार हुए और वह ठठ्ठाबाज़ों के साथ बेतकल्लुफ़ हुआ।
يَوْمُ مَلِكِنَا يَمْرَضُ ٱلرُّؤَسَاءُ مِنْ سَوْرَةِ ٱلْخَمْرِ. يَبْسُطُ يَدَهُ مَعَ ٱلْمُسْتَهْزِئِينَ.٥
6 धोखे में बैठे उनके दिल तनूर की तरह हैं। उनका क़हर रात भर सुलगता रहता है। वह सुबह के वक़्त आग की तरह भड़कता है।
لِأَنَّهُمْ يُقَرِّبُونَ قُلُوبَهُمْ فِي مَكِيدَتِهِمْ كَٱلتَّنُّورِ. كُلَّ ٱللَّيْلِ يَنَامُ خَبَّازُهُمْ، وَفِي ٱلصَّبَاحِ يَكُونُ مُحْمًى كَنَارٍ مُلْتَهِبَةٍ.٦
7 वह सब के सब तनूर की तरह दहकते हैं और अपने क़ाज़ियों को खा जाते हैं। उनके सब बादशाह मारे गए। उनमें कोई न रहा जो मुझ से दुआ करे।
كُلُّهُمْ حَامُونَ كَٱلتَّنُّورِ وَأَكَلُوا قُضَاتَهُمْ. جَمِيعُ مُلُوكِهِمْ سَقَطُوا. لَيْسَ بَيْنَهُمْ مَنْ يَدْعُو إِلَيَّ.٧
8 इफ़्राईम दूसरे लोगों से मिल जुल गया। इफ़्राईम एक चपाती है जो उलटाई न गई।
«أَفْرَايِمُ يَخْتَلِطُ بِٱلشُّعُوبِ. أَفْرَايِمُ صَارَ خُبْزَ مَلَّةٍ لَمْ يُقْلَبْ.٨
9 अजनबी उसकी तवानाई को निगल गए और उसकी ख़बर नहीं और बाल सफ़ेद होने लगे पर वह बेख़बर है।
أَكَلَ ٱلْغُرَبَاءُ ثَرْوَتَهُ وَهُوَ لَا يَعْرِفُ، وَقَدْ رُشَّ عَلَيْهِ ٱلشَّيْبُ وَهُوَ لَا يَعْرِفُ.٩
10 और फ़ख़्र — ए — इस्राईल उसके मुँह पर गवाही देता है तोभी वह ख़ुदावन्द अपने ख़ुदा की तरफ़ रुजू' नहीं लाए और बावजूद इस सब के उसके तालिब नहीं हुए।
وَقَدْ أُذِلَّتْ عَظَمَةُ إِسْرَائِيلَ فِي وَجْهِهِ، وَهُمْ لَا يَرْجِعُونَ إِلَى ٱلرَّبِّ إِلَهِهِمْ وَلَا يَطْلُبُونَهُ مَعَ كُلِّ هَذَا.١٠
11 इफ़्राईम बेवकूफ़ — ओ — नासमझ फ़ाख़्ता है वह मिस्र की दुहाई देते और असूर को जाते हैं।
وَصَارَ أَفْرَايِمُ كَحَمَامَةٍ رَعْنَاءَ بِلَا قَلْبٍ. يَدْعُونَ مِصْرَ. يَمْضُونَ إِلَى أَشُّورَ.١١
12 जब वह जाएँगे तो मैं उन पर अपना जाल फैला दूँगा। उनकी हवा के परिन्दों की तरह नीचे उतारूँगा और जैसा उनकी जमा'अत सुन चुकी है उनकी तादीब करूँगा।
عِنْدَمَا يَمْضُونَ أَبْسُطُ عَلَيْهِمْ شَبَكَتِي. أُلْقِيهِمْ كَطُيُورِ ٱلسَّمَاءِ. أُؤَدِّبُهُمْ بِحَسَبِ خَبَرِ جَمَاعَتِهِمْ.١٢
13 उन पर अफ़सोस क्यूँकि वह मुझ से आवारा हो गए, वह बर्बाद हों क्यूँकि वह मुझ से बाग़ी हुए। अगरचे मैं उनका फ़िदिया देना चाहता हूँ वह मेरे खिलाफ़ दरोग़ गोई करते हैं।
«وَيْلٌ لَهُمْ لِأَنَّهُمْ هَرَبُوا عَنِّي. تَبًّا لَهُمْ لِأَنَّهُمْ أَذْنَبُوا إِلَيَّ. أَنَا أَفْدِيهِمْ وَهُمْ تَكَلَّمُوا عَلَيَّ بِكَذِبٍ.١٣
14 और वह हुजूर — ए — क़ल्ब के साथ मुझ से फ़रियाद नहीं करते बल्कि अपने बिस्तरों पर पड़े चिल्लाते हैं। वह अनाज और मय के लिये तो जमा' हो जाते हैं पर मुझ से बाग़ी रहते हैं।
وَلَا يَصْرُخُونَ إِلَيَّ بِقُلُوبِهِمْ حِينَمَا يُوَلْوِلُونَ عَلَى مَضَاجِعِهِمْ. يَتَجَمَّعُونَ لِأَجْلِ ٱلْقَمْحِ وَٱلْخَمْرِ، وَيَرْتَدُّونَ عَنِّي.١٤
15 अगरचे मैंने उनकी तरबियत की और उनको ताक़तवर बाज़ू किया तोभी वह मेरे हक़ में बुरे ख़याल करते हैं।
وَأَنَا أَنْذَرْتُهُمْ وَشَدَّدْتُ أَذْرُعَهُمْ، وَهُمْ يُفَكِّرُونَ عَلَيَّ بِٱلشَّرِّ.١٥
16 वह रुजू' होते हैं पर हक़ ताला की तरफ़ नहीं। वह दग़ा देने वाली कमान की तरह हैं। उनके उमरा अपनी ज़बान की गुस्ताख़ी की वजह से बर्बाद होंगे। इससे मुल्क — ए — मिस्र में उनकी हँसी होगी।
يَرْجِعُونَ لَيْسَ إِلَى ٱلْعَلِيِّ. قَدْ صَارُوا كَقَوْسٍ مُخْطِئَةٍ. يَسْقُطُ رُؤَسَاؤُهُمْ بِٱلسَّيْفِ مِنْ أَجْلِ سَخَطِ أَلْسِنَتِهِمْ. هَذَا هُزْؤُهُمْ فِي أَرْضِ مِصْرَ.١٦

< होसी 7 >