< होसी 6 >

1 आओ ख़ुदावन्द की तरफ़ रुजू' करें क्यूँकि उसी ने फाड़ा है और वही हम को शिफ़ा बख़्शेगा। उसी ने मारा है और वही हमारी मरहम पट्टी करेगा।
לְכוּ֙ וְנָשׁ֣וּבָה אֶל־יְהוָ֔ה כִּ֛י ה֥וּא טָרָ֖ף וְיִרְפָּאֵ֑נוּ יַ֖ךְ וְיַחְבְּשֵֽׁנוּ׃
2 वह दो दिन के बाद हम को हयात — ए — ताज़ा बख़्शेगा और तीसरे दिन उठा खड़ा करेगा और हम उसके सामने ज़िन्दगी बसर करेंगे।
יְחַיֵּ֖נוּ מִיֹּמָ֑יִם בַּיּוֹם֙ הַשְּׁלִישִׁ֔י יְקִמֵ֖נוּ וְנִחְיֶ֥ה לְפָנָֽיו׃
3 आओ हम दरियाफ़्त करें और ख़ुदावन्द के 'इरफ़ान में तरक़्क़ी करें। उसका ज़हूर सुबह की तरह यक़ीनी है और वह हमारे पास बरसात की तरह या'नी आख़िरी बरसात की तरह जो ज़मीन को सेराब करती है, आएगा।
וְנֵדְעָ֣ה נִרְדְּפָ֗ה לָדַ֙עַת֙ אֶת־יְהוָ֔ה כְּשַׁ֖חַר נָכ֣וֹן מֽוֹצָא֑וֹ וְיָב֤וֹא כַגֶּ֙שֶׁם֙ לָ֔נוּ כְּמַלְק֖וֹשׁ י֥וֹרֶה אָֽרֶץ׃
4 ऐ इफ़्राईम मैं तुझ से क्या करूँ? ऐ यहूदाह मैं तुझ से क्या करूँ? क्यूँकि तुम्हारी नेकी सुबह के बादल और शबनम की तरह जल्द जाती रहती है।
מָ֤ה אֶֽעֱשֶׂה־לְּךָ֙ אֶפְרַ֔יִם מָ֥ה אֶעֱשֶׂה־לְּךָ֖ יְהוּדָ֑ה וְחַסְדְּכֶם֙ כַּֽעֲנַן־בֹּ֔קֶר וְכַטַּ֖ל מַשְׁכִּ֥ים הֹלֵֽךְ׃
5 इसलिए मैंने उनके नबियों के वसीले से काट डाला और अपने कलाम से क़त्ल किया है और मेरा 'अद्ल नूर की तरह चमकता है।
עַל־כֵּ֗ן חָצַ֙בְתִּי֙ בַּנְּבִיאִ֔ים הֲרַגְתִּ֖ים בְּאִמְרֵי־פִ֑י וּמִשְׁפָּטֶ֖יךָ א֥וֹר יֵצֵֽא׃
6 क्यूँकि मैं क़ुर्बानी नहीं बल्कि रहम पसन्द करता हूँ और खु़दा शनासी को सोख़्तनी कु़र्बानियों से ज़्यादा चाहता हूँ।
כִּ֛י חֶ֥סֶד חָפַ֖צְתִּי וְלֹא־זָ֑בַח וְדַ֥עַת אֱלֹהִ֖ים מֵעֹלֽוֹת׃
7 लेकिन लोगों वह अहद शिकन आदम के सामने तोड़ दिया: उन्होंने वहाँ मुझ से बेवफ़ाई की है।
וְהֵ֕מָּה כְּאָדָ֖ם עָבְר֣וּ בְרִ֑ית שָׁ֖ם בָּ֥גְדוּ בִֽי׃
8 जिलआ'द बदकिरदारी की बस्ती है। वह खू़नआलूदा है।
גִּלְעָ֕ד קִרְיַ֖ת פֹּ֣עֲלֵי אָ֑וֶן עֲקֻבָּ֖ה מִדָּֽם׃
9 जिस तरह के रहज़नों के ग़ोल किसी आदमी की धोखे में बैठते हैं उसी तरह काहिनों की गिरोह सिकम की राह में क़त्ल करती है, हाँ उन्होंने बदकारी की है।
וּכְחַכֵּ֨י אִ֜ישׁ גְּדוּדִ֗ים חֶ֚בֶר כֹּֽהֲנִ֔ים דֶּ֖רֶךְ יְרַצְּחוּ־שֶׁ֑כְמָה כִּ֥י זִמָּ֖ה עָשֽׂוּ׃
10 मैंने इस्राईल के घराने में एक ख़तरनाक चीज़ देखी। इफ़्राईम में बदकारी पाई जाती है और इस्राईल नापाक हो गया।
בְּבֵית֙ יִשְׂרָאֵ֔ל רָאִ֖יתִי שַׁעֲרֽוּרִיָּ֑ה שָׁ֚ם זְנ֣וּת לְאֶפְרַ֔יִם נִטְמָ֖א יִשְׂרָאֵֽל׃
11 ऐ यहूदाह तेरे लिए भी कटाई का वक़्त मुक़र्रर है जब मैं अपने लोगों को ग़ुलामी से वापस लाऊँगा
גַּם־יְהוּדָ֕ה שָׁ֥ת קָצִ֖יר לָ֑ךְ בְּשׁוּבִ֖י שְׁב֥וּת עַמִּֽי׃ פ

< होसी 6 >