< होसी 13 >
1 इफ़्राईम के कलाम में ख़ौफ़ था, वह इस्राईल के बीच सरफ़राज़ किया गया; लेकिन बा'ल की वजह से गुनहगार होकर फ़ना हो गया।
“When Ephraim speaks tremblingly, He has been lifted up in Israel, When he becomes guilty in Ba‘al he dies.
2 और अब वह गुनाह पर गुनाह करते हैं, उन्होंने अपने लिए चाँदी की ढाली हुई मुरते बनाई और अपनी समझ के मुताबिक़ बुत तैयार किए जो सब के सब कारीगरों का काम हैं। वो उनके बारे कहते हैं, “जो लोग क़ुर्बानी पेश करते हैं, बछड़ों को चूमें!”
And now they sin, And make for themselves a molten image of their silver, By their own understanding—idols, A work of artisans—all of it, Of them they say, who [are] sacrificers among men, The calves let them kiss.
3 इसलिए वह सुबह के बादल और शबनम की तरह जल्द जाते रहेंगे, और भूसी की तरह, जिसको बगोला खलीहान पर से उड़ा ले जाता है, और उस धुंवें की तरह जो दूदकश से निकलता है।
Therefore they are as a cloud of the morning, And as dew, rising early, going away, As chaff tossed about out of a floor, And as smoke out of a window.
4 लेकिन मैं मुल्क — ए — मिस्र ही से, ख़ुदावन्द तेरा ख़ुदा हूँ और मेरे अलावा तू किसी मा'बूद को नहीं जानता था, क्यूँकि मेरे अलावा कोई और नजात देने वाला नहीं है।
And I [am] your God YHWH from the land of Egypt, And you do not know a God besides Me, And a Savior—there is none except Me.
5 मैंने बियाबान में, या'नी खु़श्क ज़मीन में तेरी ख़बर गीरी की।
I have known you in a wilderness, In a land of droughts.
6 वह अपनी चरागाहों में सेर हुए, और सेर होकर उनके दिल में घमंड समाया और मुझे भूल गए।
They are satiated according to their feedings, They have been satiated, And their heart is lifted up, Therefore they have forgotten Me,
7 इसलिए मैं उनके लिए शेर — ए — बबर की तरह हुआ; चीते की तरह राह में उनकी घात में बैठूँगा।
And I am to them as a lion, I look out as a leopard by the way.
8 मैं उस रीछनी की तरह जिसके बच्चे छिन गए हों, उनसे दो चार हूँगा, और उनके दिल का पर्दा चाक करके शेर — ए — बबर की तरह, उनको वहीं निगल जाऊँगा; जंगली जानवर उनको फाड़ डालेंगे।
I meet them as a bereaved bear, And I tear the enclosure of their heart, And I consume them there as a lioness, A beast of the field tears them.
9 ऐ इस्राईल, यही तेरी हलाकत है कि तू मेरा यानी अपने मदद गार का मुख़ालिफ़ बना।
You have destroyed yourself, O Israel, But in Me [is] your help;
10 अब तेरा बादशाह कहाँ है कि तुझे तेरे सब शहरों में बचाए और तेरे क़ाज़ी कहाँ हैं जिनके बारे तू कहता था कि मुझे बादशाह और उमरा इनायत कर?
Where [is] your king now—And he saves you in all your cities? And your judges of whom you said, Give a king and heads to me?
11 मैंने अपने क़हर में तुझे बादशाह दिया, और ग़ज़ब से उसे उठा लिया।
I give to you a king in My anger, And I take away in My wrath.
12 इफ़्राईम की बदकिरदारी बाँध रखी गई, और उसके गुनाह ज़ख़ीरे में जमा' किए गए।
Bound up [is] the iniquity of Ephraim, Hidden [is] his sin,
13 वह जैसे दर्द — ए — ज़िह में मुब्तिला होगा, वो बे अक़्ल फ़र्ज़न्द है; अब मुनासिब है कि पैदाइश की जगह में देर न करे।
Pangs of a travailing woman come to him, He [is] not a wise son, For he does not remain [at] the time for the breaking forth of sons.
14 मैं उनको पाताल के क़ाबू से नजात दूँगा; मैं उनकी मौत से छुड़ाऊँगा। ऐ मौत तेरी वबा कहाँ है? ऐ पाताल तेरी हलाकत कहाँ है? मैं हरगिज़ रहम न करूँगा। (Sheol )
Will I ransom them from the hand of Sheol? Will I redeem them from death? Where [is] your plague, O death? Where your destruction, O Sheol? Comfort is hid from My eyes. (Sheol )
15 अगरचे वह अपने भाइयों में कामियाब हो, तोभी पूरबी हवा आएगी; ख़ुदावन्द का दम बियाबान से आएगा, और उसका सोता सूख जाएगा, और उसका चश्मा ख़ुश्क हो जाएगा। वह सब पसंदीदा बर्तनों का ख़ज़ाना लूट लेगा।
Though he produces fruit among brothers, An east wind comes in, a wind of YHWH, From a wilderness it is coming up, And it dries up his fountain, And his spring becomes dry, It—it spoils a treasure—every desirable vessel.
16 सामरिया अपने जुर्म की सज़ा पाएगा, क्यूँकि उसने अपने ख़ुदा से बग़ावत की है; वह तलवार से गिर जाएँगे। उनके बच्चे पारा — पारा होंगे और हामला 'औरतों के पेट चाक किए जाएँगे।
Samaria becomes desolate, Because she has been rebellious against her God, They fall by sword, Their sucklings are dashed in pieces, And its pregnant ones are ripped up!”