< होसी 10 >

1 इस्राईल लहलहाती ताक है जिसमें फल लगा, जिसने अपने फल की कसरत के मुताबिक़ बहुत सी कु़र्बानगाहें ता'मीर की और अपनी ज़मीन की खू़बी के मुताबिक़ अच्छे अच्छे सुतून बनाए।
גֶּ֤פֶן בּוֹקֵק֙ יִשְׂרָאֵ֔ל פְּרִ֖י יְשַׁוֶּה־לּ֑וֹ כְּרֹ֣ב לְפִרְי֗וֹ הִרְבָּה֙ לַֽמִּזְבְּח֔וֹת כְּט֣וֹב לְאַרְצ֔וֹ הֵיטִ֖יבוּ מַצֵּבֽוֹת׃
2 उनका दिल दग़ाबाज़ है। अब वह मुजरिम ठहरेंगे। वह उनके मज़बहों को ढाएगा और उनके सुतूनों को तोड़ेगा।
חָלַ֥ק לִבָּ֖ם עַתָּ֣ה יֶאְשָׁ֑מוּ ה֚וּא יַעֲרֹ֣ף מִזְבְּחוֹתָ֔ם יְשֹׁדֵ֖ד מַצֵּבוֹתָֽם׃
3 यक़ीनन अब वह कहेंगे, हमारा कोई बादशाह नहीं क्यूँकि जब हम ख़ुदावन्द से नहीं डरते तो बादशाह हमारे लिए क्या कर सकता है?
כִּ֤י עַתָּה֙ יֹֽאמְר֔וּ אֵ֥ין מֶ֖לֶךְ לָ֑נוּ כִּ֣י לֹ֤א יָרֵ֙אנוּ֙ אֶת־יְהֹוָ֔ה וְהַמֶּ֖לֶךְ מַה־יַּֽעֲשֶׂה־לָּֽנוּ ׃
4 उनकी बातें बेकार हैं। वह 'अहद — ओ — पैमान में झूटी क़सम खाते हैं। इसलिए बला ऐसी फूट निकलेगी जैसे खेत की रेघारियों में इन्द्रायन।
דִּבְּר֣וּ דְבָרִ֔ים אָל֥וֹת שָׁ֖וְא כָּרֹ֣ת בְּרִ֑ית וּפָרַ֤ח כָּרֹאשׁ֙ מִשְׁפָּ֔ט עַ֖ל תַּלְמֵ֥י שָׂדָֽי׃
5 बैतआवन की बछियों की वजह से सामरिया के रहने वाले ख़ौफ़ज़दा होंगे, क्यूँकि वहाँ के लोग उस पर मातम करेंगे, और वहाँ के काहिन भी जो उसकी पहले की शौकत की वजह से शादमान थे।
לְעֶגְלוֹת֙ בֵּ֣ית אָ֔וֶן יָג֖וּרוּ שְׁכַ֣ן שֹֽׁמְר֑וֹן כִּי־אָבַ֨ל עָלָ֜יו עַמּ֗וֹ וּכְמָרָיו֙ עָלָ֣יו יָגִ֔ילוּ עַל־כְּבוֹד֖וֹ כִּֽי־גָלָ֥ה מִמֶּֽנּוּ׃
6 इसको भी असूर में ले जाकर, उस मुख़ालिफ़ बादशाह की नज़र करेंगे। इफ़्राईम शर्मिन्दगी उठाएगा और इस्राईल अपनी मश्वरत से शर्मिन्दा होगा।
גַּם־אוֹתוֹ֙ לְאַשּׁ֣וּר יוּבָ֔ל מִנְחָ֖ה לְמֶ֣לֶךְ יָרֵ֑ב בָּשְׁנָה֙ אֶפְרַ֣יִם יִקָּ֔ח וְיֵב֥וֹשׁ יִשְׂרָאֵ֖ל מֵעֲצָתֽוֹ׃
7 सामरिया का बादशाह कट गया है, वह पानी पर तैरती शाख़ की तरह है।
נִדְמֶ֥ה שֹׁמְר֖וֹן מַלְכָּ֑הּ כְּקֶ֖צֶף עַל־פְּנֵי־מָֽיִם׃
8 और आवन के ऊँचे मक़ाम, जो इस्राईल का गुनाह हैं, बर्बाद किए जाएँगे; और उनके मज़बहों पर काँटे और ऊँट कटारे उगेंगे और वह पहाड़ों से कहेंगे, हम को छिपा लो, और टीलों से कहेंगे, हम पर आ गिरो।
וְנִשְׁמְד֞וּ בָּמ֣וֹת אָ֗וֶן חַטַּאת֙ יִשְׂרָאֵ֔ל ק֣וֹץ וְדַרְדַּ֔ר יַעֲלֶ֖ה עַל־מִזְבְּחוֹתָ֑ם וְאָמְר֤וּ לֶֽהָרִים֙ כַּסּ֔וּנוּ וְלַגְּבָע֖וֹת נִפְל֥וּ עָלֵֽינוּ׃ ס
9 ऐ इस्राईल, तू जिब'आ के दिनों से गुनाह करता आया है। वो वहीं ठहरे रहे, ताकि लड़ाई जिब'आ में बदकिरदारों की नस्ल तक न पहुँचे।
מִימֵי֙ הַגִּבְעָ֔ה חָטָ֖אתָ יִשְׂרָאֵ֑ל שָׁ֣ם עָמָ֔דוּ לֹֽא־תַשִּׂיגֵ֧ם בַּגִּבְעָ֛ה מִלְחָמָ֖ה עַל־בְּנֵ֥י עַֽלְוָֽה׃
10 मैं जब चाहूँ उनको सज़ा दूँगा और जब मैं उनके दो गुनाहों की सज़ा दूँगा तो लोग उन पर हुजूम करेंगे।
בְּאַוָּתִ֖י וְאֶסֳּרֵ֑ם וְאֻסְּפ֤וּ עֲלֵיהֶם֙ עַמִּ֔ים בְּאָסְרָ֖ם לִשְׁתֵּ֥י עינתם׃
11 इफ़्राईम सधाई हुई बछिया है, जो दाओना पसन्द करती है, और मैंने उसकी ख़ुशनुमा गर्दन की दरेग़ किया लेकिन मैं इफ़्राईम पर सवार बिठाऊँगा। यहूदाह हल चलाएगा और या'क़ूब ढेले तोड़ेगा।
וְאֶפְרַ֜יִם עֶגְלָ֤ה מְלֻמָּדָה֙ אֹהַ֣בְתִּי לָד֔וּשׁ וַאֲנִ֣י עָבַ֔רְתִּי עַל־ט֖וּב צַוָּארָ֑הּ אַרְכִּ֤יב אֶפְרַ֙יִם֙ יַחֲר֣וֹשׁ יְהוּדָ֔ה יְשַׂדֶּד־ל֖וֹ יַעֲקֹֽב׃
12 अपने लिए सच्चाई से बीज बोया करो। शफ़क़त से फ़स्ल काटो और अपनी उफ़्तादा ज़मीन में हल चलाओ, क्यूँकि अब मौक़ा' है कि तुम ख़ुदावन्द के तालिब हो, ताकि वह आए और रास्ती को तुम पर बरसाए।
זִרְע֨וּ לָכֶ֤ם לִצְדָקָה֙ קִצְר֣וּ לְפִי־חֶ֔סֶד נִ֥ירוּ לָכֶ֖ם נִ֑יר וְעֵת֙ לִדְר֣וֹשׁ אֶת־יְהוָ֔ה עַד־יָב֕וֹא וְיֹרֶ֥ה צֶ֖דֶק לָכֶֽם׃
13 तुम ने शरारत का हल चलाया। बदकिरदारी की फ़सल काटी और झूट का फल खाया, क्यूँकि तू ने अपने चाल चलन में अपने बहादुरों के अम्बोह पर तकिया किया।
חֲרַשְׁתֶּם־רֶ֛שַׁע עַוְלָ֥תָה קְצַרְתֶּ֖ם אֲכַלְתֶּ֣ם פְּרִי־כָ֑חַשׁ כִּֽי־בָטַ֥חְתָּ בְדַרְכְּךָ֖ בְּרֹ֥ב גִּבּוֹרֶֽיךָ׃
14 इसलिए तेरे लोगों के ख़िलाफ़ हंगामा खड़ा होगा, और तेरे सब किले' ढा दिए जाएँगे, जिस तरह शल्मन ने लड़ाई के दिन बैत अर्बेल को ढा दिया था; जब कि माँ अपने बच्चों के साथ टुकड़े — टुकड़े हो गई।
וְקָ֣אם שָׁאוֹן֮ בְּעַמֶּךָ֒ וְכָל־מִבְצָרֶ֣יךָ יוּשַּׁ֔ד כְּשֹׁ֧ד שַֽׁלְמַ֛ן בֵּ֥ית אַֽרְבֵ֖אל בְּי֣וֹם מִלְחָמָ֑ה אֵ֥ם עַל־בָּנִ֖ים רֻטָּֽשָׁה׃
15 तुम्हारी बेनिहायत शरारत की वजह से बैतएल में तुम्हारा यही हाल होगा। शाह — ए — इस्राईल अलस् सबाह बिल्कुल फ़ना हो जाएगा।
כָּ֗כָה עָשָׂ֤ה לָכֶם֙ בֵּֽית־אֵ֔ל מִפְּנֵ֖י רָעַ֣ת רָֽעַתְכֶ֑ם בַּשַּׁ֕חַר נִדְמֹ֥ה נִדְמָ֖ה מֶ֥לֶךְ יִשְׂרָאֵֽל׃

< होसी 10 >