< पैदाइश 5 >
1 यह आदम का नसबनामा है। जिस दिन ख़ुदा ने आदम को पैदा किया; तो उसे अपनी शबीह पर बनाया।
2 मर्द और औरत उनको पैदा किया और उनको बरकत दी, और जिस दिन वह पैदा हुए उनका नाम आदम रख्खा।
3 और आदम एक सौ तीस साल का था जब उसकी सूरत — ओ — शबीह का एक बेटा उसके यहाँ पैदा हुआ; और उसने उसका नाम सेत रख्खा।
4 और सेत की पैदाइश के बाद आदम आठ सौ साल ज़िन्दा रहा, और उससे बेटे और बेटियाँ पैदा हुई।
5 और आदम की कुल उम्र नौ सौ तीस साल की हुई, तब वह मरा।
6 और सेत एक सौ पाँच साल का था जब उससे अनूस पैदा हुआ।
7 और अनूस की पैदाइश के बाद सेत आठ सौ सात साल ज़िन्दा रहा, और उससे बेटे और बेटियाँ पैदा हुई।
8 और सेत की कुल उम्र नौ सौ बारह साल की हुई, तब वह मरा।
9 और अनूस नव्वे साल का था जब उससे क़ीनान पैदा हुआ।
10 और क़ीनान की पैदाइश के बाद अनूस आठ सौ पन्द्रह साल ज़िन्दा रहा, और उससे बेटे और बेटियाँ पैदा हुई।
11 और अनूस की कुल उम्र नौ सौ पाँच साल की हुई, तब वह मरा।
12 और क़ीनान सत्तर साल का था जब उससे महललेल पैदा हुआ।
13 और महललेल की पैदाइश के बाद क़ीनान आठ सौ चालीस साल ज़िन्दा रहाऔर उससे बेटे और बेटियाँ पैदा हुई।
14 और क़ीनान की कुल उम्र नौ सौ दस साल की हुई, तब वह मरा।
15 और महललेल पैंसठ साल का था जब उससे यारिद पैदा हुआ।
16 और यारिद की पैदाइश के बाद महललेल आठ सौ तीस साल ज़िन्दा रहा, और उससे बेटे और बेटियाँ पैदा हुई।
17 और महललेल की कुल उम्र आठ सौ पचानवे साल की हुई, तब वह मरा।
18 और यारिद एक सौ बासठ साल का था जब उससे हनूक पैदा हुआ।
19 और हनूक की पैदाइश के बाद यारिद आठ सौ साल ज़िन्दा रहा, और उससे बेटे और बेटियाँ पैदा हुई।
20 और यारिद की कुल उम्र नौ सौ बासठ साल की हुई, तब वह मरा।
21 और हनूक पैंसठ साल का था उससे मतुसिलह पैदा हुआ।
22 और मतूसिलह की पैदाइश के बाद हनूक तीन सौ साल तक ख़ुदा के साथ — साथ चलता रहा, और उससे बेटे और बेटियाँ पैदा हुई।
23 और हनूक की कुल उम्र तीन सौ पैंसठ साल की हुई।
24 और हनूक ख़ुदा के साथ — साथ चलता रहा, और वह ग़ायब हो गया क्यूँकि ख़ुदा ने उसे उठा लिया।
25 और मतूसिलह एक सौ सतासी साल का था जब उससे लमक पैदा हुआ।
26 और लमक की पैदाइश के बाद मतूसिलह सात सौ बयासी साल ज़िन्दा रहा, और उससे बेटे और बेटियाँ पैदा हुई।
27 और मतूसिलह की कुल उम्र नौ सौ उनहत्तर साल की हुई, तब वह मरा।
28 और लमक एक सौ बयासी साल का था जब उससे एक बेटा पैदा हुआ।
29 और उसने उसका नाम नूह रख्खा और कहा, कि यह हमारे हाथों की मेहनत और मशक़्क़त से जो ज़मीन की वजह से है जिस पर ख़ुदा ने ला'नत की है, हमें आराम देगा।
30 और नूह की पैदाइश के बाद लमक पाँच सौ पंचानवे साल ज़िन्दा रहा, और उससे बेटे और बेटियाँ पैदा हुई।
31 और लमक की कुल उम्र सात सौ सत्तर साल की हुई, तब वह मरा।
32 और नूह पाँच सौ साल का था, जब उससे सिम, हाम और याफ़त, पैदा हुए।