< पैदाइश 5 >

1 यह आदम का नसबनामा है। जिस दिन ख़ुदा ने आदम को पैदा किया; तो उसे अपनी शबीह पर बनाया।
আদমের বংশাবলী (1 বংশাবলী 1-4) পত্র এই। যে দিন ঈশ্বর মানুষের সৃষ্টি করলেন, সেই দিনের ঈশ্বরের সাদৃশ্যেই তাঁকে তৈরী করলেন,
2 मर्द और औरत उनको पैदा किया और उनको बरकत दी, और जिस दिन वह पैदा हुए उनका नाम आदम रख्खा।
পুরুষ ও স্ত্রী করে তাঁদের সৃষ্টি করলেন; এবং সেই সৃষ্টিদিনে তাঁদেরকে আশীর্বাদ করে আদম, এই নাম দিলেন।
3 और आदम एक सौ तीस साल का था जब उसकी सूरत — ओ — शबीह का एक बेटा उसके यहाँ पैदा हुआ; और उसने उसका नाम सेत रख्खा।
পরে আদম একশো ত্রিশ বছর বয়সে নিজের মতো ও প্রতিমূর্ত্তিতে ছেলের জন্ম দিয়ে তার নাম শেথ রাখলেন।
4 और सेत की पैदाइश के बाद आदम आठ सौ साल ज़िन्दा रहा, और उससे बेटे और बेटियाँ पैदा हुई।
শেথের জন্ম দিলে পর আদম আটশো বছর জীবিত থেকে আরও ছেলেমেয়ের জন্ম দিলেন।
5 और आदम की कुल उम्र नौ सौ तीस साल की हुई, तब वह मरा।
সব মিলিয়ে আদমের নয়শো ত্রিশ বছর বয়স হলে তাঁর মৃত্যু হল।
6 और सेत एक सौ पाँच साल का था जब उससे अनूस पैदा हुआ।
শেথ একশো পাঁচ বছর বয়সে ইনোশের জন্ম দিলেন।
7 और अनूस की पैदाइश के बाद सेत आठ सौ सात साल ज़िन्दा रहा, और उससे बेटे और बेटियाँ पैदा हुई।
ইনোশের জন্ম দিলে পর শেথ আটশো সাত বছর জীবিত থেকে আরও ছেলেমেয়ের জন্ম দিলেন।
8 और सेत की कुल उम्र नौ सौ बारह साल की हुई, तब वह मरा।
সব মিলিয়ে শেথের নয়শো বারো বছর বয়স হলে তাঁর মৃত্যু হল।
9 और अनूस नव्वे साल का था जब उससे क़ीनान पैदा हुआ।
ইনোশ নব্বই বছর বয়সে কৈননের জন্ম দিলেন।
10 और क़ीनान की पैदाइश के बाद अनूस आठ सौ पन्द्रह साल ज़िन्दा रहा, और उससे बेटे और बेटियाँ पैदा हुई।
১০কৈননের জন্ম দিলে পর ইনোশ আটশো পনের বছর জীবিত থেকে আরও ছেলেমেয়ের জন্ম দিলেন।
11 और अनूस की कुल उम्र नौ सौ पाँच साल की हुई, तब वह मरा।
১১সব মিলিয়ে ইনোশের নয়শো পাঁচ বছর বয়স হলে তাঁর মৃত্যু হল।
12 और क़ीनान सत्तर साल का था जब उससे महललेल पैदा हुआ।
১২কৈনন সত্তর বছর বয়সে মহললেলের জন্ম দিলেন।
13 और महललेल की पैदाइश के बाद क़ीनान आठ सौ चालीस साल ज़िन्दा रहाऔर उससे बेटे और बेटियाँ पैदा हुई।
১৩মহললেলের জন্ম দিলে পর কৈনন আটশো চল্লিশ বছর জীবিত থেকে আরও ছেলেমেয়ের জন্ম দিলেন।
14 और क़ीनान की कुल उम्र नौ सौ दस साल की हुई, तब वह मरा।
১৪সব মিলিয়ে কৈননের নয়শো দশ বছর বয়স হলে তাঁর মৃত্যু হল।
15 और महललेल पैंसठ साल का था जब उससे यारिद पैदा हुआ।
১৫মহললেল পঁয়ষট্টি বছর বয়সে যেরদের জন্ম দিলেন।
16 और यारिद की पैदाइश के बाद महललेल आठ सौ तीस साल ज़िन्दा रहा, और उससे बेटे और बेटियाँ पैदा हुई।
১৬যেরদের জন্ম দিলে পর মহললেল আটশো ত্রিশ বছর জীবিত থেকে আরও ছেলেমেয়ের জন্ম দিলেন।
17 और महललेल की कुल उम्र आठ सौ पचानवे साल की हुई, तब वह मरा।
১৭সব মিলিয়ে মহললেলের আটশো পঁচানব্বই বছর বয়স হলে তাঁর মৃত্যু হল।
18 और यारिद एक सौ बासठ साल का था जब उससे हनूक पैदा हुआ।
১৮যেরদ একশো বাষট্টি বছর বয়সে হনোকের জন্ম দিলেন।
19 और हनूक की पैदाइश के बाद यारिद आठ सौ साल ज़िन्दा रहा, और उससे बेटे और बेटियाँ पैदा हुई।
১৯হনোকের জন্ম দিলে পর যেরদ আটশো বছর জীবিত থেকে আরও ছেলেমেয়ের জন্ম দিলেন।
20 और यारिद की कुल उम्र नौ सौ बासठ साल की हुई, तब वह मरा।
২০সব মিলিয়ে যেরদের নয়শো বাষটি বছর বয়স হলে তাঁর মৃত্যু হল।
21 और हनूक पैंसठ साल का था उससे मतुसिलह पैदा हुआ।
২১হনোক পয়ষট্টি বছর বয়সে মথূশেলহের জন্ম দিলেন।
22 और मतूसिलह की पैदाइश के बाद हनूक तीन सौ साल तक ख़ुदा के साथ — साथ चलता रहा, और उससे बेटे और बेटियाँ पैदा हुई।
২২মথূশেলহের জন্ম দিলে পর হনোক তিনশো বছর ঈশ্বরের সঙ্গে যাতায়াত করলেন এবং আরও ছেলেমেয়ের জন্ম দিলেন।
23 और हनूक की कुल उम्र तीन सौ पैंसठ साल की हुई।
২৩সব মিলিয়ে হনোক তিনশো পয়ষটি বছর থাকলেন।
24 और हनूक ख़ुदा के साथ — साथ चलता रहा, और वह ग़ायब हो गया क्यूँकि ख़ुदा ने उसे उठा लिया।
২৪হনোক ঈশ্বরের সঙ্গে যাতায়াত করতেন। পরে তিনি আর থাকলেন না, কারণ ঈশ্বর তাঁকে গ্রহণ করলেন।
25 और मतूसिलह एक सौ सतासी साल का था जब उससे लमक पैदा हुआ।
২৫মথূশেলহ একশো সাতাশী বছর বয়সে লেমকের জন্ম দিলেন।
26 और लमक की पैदाइश के बाद मतूसिलह सात सौ बयासी साल ज़िन्दा रहा, और उससे बेटे और बेटियाँ पैदा हुई।
২৬লেমকের জন্ম দিলে পর মথূশেলহ সাতশো বিরাশী বছর জীবিত থেকে আরও ছেলেমেয়ের জন্ম দিলেন।
27 और मतूसिलह की कुल उम्र नौ सौ उनहत्तर साल की हुई, तब वह मरा।
২৭সব মিলিয়ে মথূশেলহের নয়শো ঊনসত্তর বছর বয়স হলে তাঁর মৃত্যু হল।
28 और लमक एक सौ बयासी साल का था जब उससे एक बेटा पैदा हुआ।
২৮লেমক একশো বিরাশী বৎসর বয়সে ছেলের জন্ম দিয়ে তাঁর নাম নোহ [বিশ্রাম] রাখলেন;
29 और उसने उसका नाम नूह रख्खा और कहा, कि यह हमारे हाथों की मेहनत और मशक़्क़त से जो ज़मीन की वजह से है जिस पर ख़ुदा ने ला'नत की है, हमें आराम देगा।
২৯তিনি নোহের নাম ধরে ডাকলেন, বললেন, “সদাপ্রভুর মাধ্যমে অভিশপ্ত ভূমি থেকে আমাদের যে শ্রম ও হাতের কষ্ট হয়, তার বিষয়ে এ আমাদেরকে সান্ত্বনা করবে।”
30 और नूह की पैदाइश के बाद लमक पाँच सौ पंचानवे साल ज़िन्दा रहा, और उससे बेटे और बेटियाँ पैदा हुई।
৩০নোহের জন্ম দিলে পর লেমক পাঁচশো পঁচানব্বই বছর জীবিত থেকে আরও ছেলেমেয়ের জন্ম দিলেন।
31 और लमक की कुल उम्र सात सौ सत्तर साल की हुई, तब वह मरा।
৩১সব মিলিয়ে লেমকের সাতশো সাতাত্তর বছর বয়স হলে তাঁর মৃত্যু হল।
32 और नूह पाँच सौ साल का था, जब उससे सिम, हाम और याफ़त, पैदा हुए।
৩২পরে নোহ পাঁচশো বছর বয়সে শেম, হাম ও যেফতের জন্ম দিলেন।

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