< पैदाइश 31 >

1 और उसने लाबन के बेटों की यह बातें सुनीं, कि या'क़ूब ने हमारे बाप का सब कुछ ले लिया और हमारे बाप के माल की बदौलत उसकी यह सारी शान — ओ — शौकत है।
And he heard the words of Laban's sons, saying, Jacob has taken away all that was our father's, and of what was our father's he has acquired all this glory.
2 और या'क़ूब ने लाबन के चेहरे को देख कर ताड़ लिया कि उसका रुख़ पहले से बदला हुआ है।
And Jacob saw the countenance of Laban, and behold, it was not toward him as previously.
3 और ख़ुदावन्द ने या'क़ूब से कहा, कि तू अपने बाप दादा के मुल्क को और अपने रिश्तेदारो के पास लौट जा, और मैं तेरे साथ रहूँगा।
And Jehovah said to Jacob, Return into the land of thy fathers, and to thy kindred; and I will be with thee.
4 तब या'क़ूब ने राख़िल और लियाह को मैदान में जहाँ उसकी भेड़ — बकरियाँ थीं बुलवाया
And Jacob sent and called Rachel and Leah to the fields to his flock,
5 और उनसे कहा, मैं देखता हूँ कि तुम्हारे बाप का रुख़ पहले से बदला हुआ है, लेकिन मेरे बाप का ख़ुदा मेरे साथ रहा।
and said to them, I see your father's countenance, that it is not toward me as previously; but the God of my father has been with me.
6 तुम तो जानती हो कि मैंने अपनी ताक़त के मुताबिक़ तुम्हारे बाप की ख़िदमत की है।
And you know that with all my power I have served your father.
7 लेकिन तुम्हारे बाप ने मुझे धोका दे देकर दस बार मेरी मज़दूरी बदली, लेकिन ख़ुदा ने उसको मुझे नुक़्सान पहुँचाने न दिया।
And your father has mocked me, and has changed my wages ten times; but God suffered him not to hurt me.
8 जब उसने यह कहा कि चितले बच्चे तेरी मज़दूरी होंगे, तो भेड़ बकरियाँ चितले बच्चे देने लगीं, और जब कहा कि धारीदार बच्चे तेरे होंगे, तो भेड़ — बकरियों ने धारीदार बच्चे दिए।
If he said thus; The speckled shall be thy hire, then all the flocks bore speckled; and if he said thus: The ringstraked shall be thy hire, then all the flocks bore ringstraked.
9 यूँ ख़ुदा ने तुम्हारे बाप के जानवर लेकर मुझे दे दिए।
And God has taken away the cattle of your father, and given [them] to me.
10 और जब भेड़ बकरियाँ गाभिन हुई, तो मैंने ख़्वाब में देखा कि जो बकरे बकरियों पर चढ़ रहे हैं वो धारीदार, चितले और चितकबरे हैं।
And it came to pass at the time of the ardour of the flocks, that I lifted up mine eyes, and saw in a dream, and behold, the rams that leaped upon the flocks were ringstraked, speckled, and spotted.
11 और ख़ुदा के फ़रिश्ते ने ख़्वाब में मुझ से कहा, 'ऐ या'क़ूब!' मैंने कहा, 'मैं हाज़िर हूँ।
And the Angel of God said to me in a dream, Jacob! And I said, Here am I.
12 तब उसने कहा कि अब तू अपनी आँख उठा कर देख, कि सब बकरे जो बकरियों पर चढ़ रहे हैं धारीदार चितले और चितकबरे हैं, क्यूँकि जो कुछ लाबन तुझ से करता है मैंने देखा।
And he said, Lift up now thine eyes, and see: all the rams that leap upon the flock are ringstraked, speckled, and spotted; for I have seen all that Laban does to thee.
13 मैं बैतएल का ख़ुदा हूँ, जहाँ तूने सुतून पर तेल डाला और मेरी मन्नत मानी, इसलिए अब उठ और इस मुल्क से निकल कर अपने वतन को लौट जा'।
I am the God of Bethel, where thou anointedst the pillar, where thou vowedst a vow to me. Now arise, depart out of this land, and return to the land of thy kindred.
14 तब राख़िल और लियाह ने उसे जवाब दिया, “क्या, अब भी हमारे बाप के घर में कुछ हमारा बख़रा या मीरास है?
And Rachel and Leah answered and said to him, Is there yet any portion or inheritance for us in our father's house?
15 क्या वह हम को अजनबी के बराबर नहीं समझता? क्यूँकि उसने हम को भी बेच डाला और हमारे रुपये भी खा बैठा।
Are we not reckoned of him strangers? for he has sold us, and has even constantly devoured our money.
16 इसलिए अब जो दौलत ख़ुदा ने हमारे बाप से ली वह हमारी और हमारे फ़र्ज़न्दों की है, फिर जो कुछ ख़ुदा ने तुझ से कहा है वही कर।”
For all the wealth that God has taken from our father is ours and our children's; and now whatever God has said to thee do.
17 तब या'क़ूब ने उठ कर अपने बाल बच्चों और बीवियों को ऊँटों पर बिठाया।
And Jacob rose up, and set his sons and his wives upon camels,
18 और अपने सब जानवरों और माल — ओ — अस्बाब को जो उसने इकट्ठा किया था, या'नी वह जानवर जो उसे फ़द्दान — अराम में मज़दूरी में मिले थे, लेकर चला ताकि मुल्क — ए — कना'न में अपने बाप इस्हाक़ के पास जाए।
and carried away all his cattle, and all his property that he had acquired — the cattle of his possessions that he had acquired in Padan-Aram, to go to Isaac his father, into the land of Canaan.
19 और लाबन अपनी भेड़ों की ऊन कतरने को गया हुआ था, तब राख़िल अपने बाप के बुतों को चुरा ले गई।
And Laban had gone to shear his sheep. And Rachel stole the teraphim that [belonged] to her father.
20 और या'क़ूब लाबन अरामी के पास से चोरी से चला गया, क्यूँकि उसे उसने अपने भागने की ख़बर न दी।
And Jacob deceived Laban the Syrian, in that he did not tell him that he fled.
21 फिर वह अपना सब कुछ लेकर भागा और दरिया पार होकर अपना रुख़ कोह — ए — जिल'आद की तरफ किया।
And he fled with all that he had; and he rose up and passed over the river, and set his face [toward] mount Gilead.
22 और तीसरे दिन लाबन की ख़बर हुई कि या'क़ूब भाग गया।
And it was told Laban on the third day that Jacob had fled.
23 तब उसने अपने भाइयों को हमराह लेकर सात मन्ज़िल तक उसका पीछा किया, और जिल'आद के पहाड़ पर उसे जा पकड़ा।
And he took his brethren with him, and pursued after him seven days' journey, and overtook him on mount Gilead.
24 और रात को ख़ुदा लाबन अरामी के पास ख़्वाब में आया और उससे कहा कि ख़बरदार, तू या'क़ूब को बुरा या भला कुछ न कहना।
And God came to Laban the Syrian in a dream by night, and said to him, Take care thou speak not to Jacob either good or bad.
25 और लाबन या'क़ूब के बराबर जा पहुँचा और या'क़ूब ने अपना ख़ेमा पहाड़ पर खड़ा कर रख्खा था। इसलिए लाबन ने भी अपने भाइयों के साथ जिल'आद के पहाड़ पर डेरा लगा लिया।
And Laban came up with Jacob; and Jacob had pitched his tent on the mountain; Laban also with his brethren pitched on mount Gilead.
26 तब लाबन ने या'क़ूब से कहा, कि तूने यह क्या किया कि मेरे पास से चोरी से चला आया, और मेरी बेटियों को भी इस तरह ले आया गोया वह तलवार से क़ैद की गई हैं?
And Laban said to Jacob, What hast thou done, that thou hast deceived me, and hast carried away my daughters as captives of war?
27 तू छिप कर क्यूँ भागा और मेरे पास से चोरी से क्यूँ चला आया और मुझे कुछ कहा भी नहीं, वरना मैं तुझे खु़शी — खु़शी तबले और बरबत के साथ गाते बजाते रवाना करता?
Why didst thou flee away covertly, and steal away from me, and didst not tell me, that I might have conducted thee with mirth and with songs, with tambour and with harp;
28 और मुझे अपने बेटों और बेटियों को चूमने भी न दिया? यह तूने बेहूदा काम किया।
and hast not suffered me to kiss my sons and my daughters? Now thou hast acted foolishly.
29 मुझ में इतनी ताक़त है कि तुम को दुख दूँ, लेकिन तेरे बाप के ख़ुदा ने कल रात मुझे यूँ कहा, कि ख़बरदार तू या'क़ूब को बुरा या भला कुछ न कहना।
It would be in the power of my hand to do you hurt; but the God of your father spoke to me last night, saying, Take care that thou speak not to Jacob either good or bad.
30 खै़र! अब तू चला आया तो चला आया क्यूँकि तू अपने बाप के घर का बहुत ख़्वाहिश मन्द है, लेकिन मेरे देवताओं को क्यूँ चुरा लाया?
And now that thou must needs be gone, because thou greatly longedst after thy father's house, why hast thou stolen my gods?
31 तब या'क़ूब ने लाबन से कहा, “इसलिए कि मैं डरा, क्यूँकि कि मैंने सोचा कि कहीं तू अपनी बेटियों को जबरन मुझ से छीन न ले।
And Jacob answered and said to Laban, I was afraid; for I said, Lest thou shouldest take by force thy daughters from me.
32 अब जिसके पास तुझे तेरे बुत मिलें वह ज़िन्दा नहीं बचेगा। तेरा जो कुछ मेरे पास निकले उसे इन भाइयों के आगे पहचान कर ले।” क्यूँकि या'क़ूब को मा'लूम न था कि राख़िल उन देवताओं को चुरा लाई है।
With whomsoever thou findest thy gods, he shall not live. Before our brethren discern what is thine with me, and take [it] to thee. But Jacob did not know that Rachel had stolen them.
33 चुनांचे लाबन या'क़ूब और लियाह और दोनों लौंडियों के ख़ेमों में गया लेकिन उनको वहाँ न पाया, तब वह लियाह के ख़ेमा से निकल कर राख़िल के ख़ेमे में दाख़िल हुआ।
And Laban went into Jacob's tent, and into Leah's tent, and into the two handmaids' tents, and found nothing; and he went out of Leah's tent, and entered into Rachel's tent.
34 और राख़िल उन बुतों को लेकर और उनकी ऊँट के कजावे में रख कर उन पर बैठ गई थी, और लाबन ने सारे ख़में में टटोल टटोल कर देख लिया पर उनको न पाया।
Now Rachel had taken the teraphim and put them under the camel's saddle; and she sat upon them. And Laban explored all the tent, but found nothing.
35 तब वह अपने बाप से कहने लगी, “ऐ मेरे आक़ा! तू इस बात से नाराज़ न होना कि मैं तेरे आगे उठ नहीं सकती, क्यूँकि मैं ऐसे हाल में हूँ जो 'औरतों का हुआ करता है।” तब उसने ढूंडा पर वह बुत उसको न मिले।
And she said to her father, Let it not be an occasion of anger in the eyes of my lord that I cannot rise up before thee, for it is with me after the manner of women. And he searched carefully, but did not find the teraphim.
36 तब या'क़ूब ने ग़ुस्सा होकर लाबन को मलामत की और या'क़ूब लाबन से कहने लगा कि मेरा क्या जुर्म और क्या क़ुसूर है कि तूने ऐसी तेज़ी से मेरा पीछा किया?
And Jacob was angry, and he disputed with Laban. And Jacob answered and said to Laban, What is my fault, what my sin, that thou hast so hotly pursued after me?
37 तूने जो मेरा सारा सामान टटोल — टटोल कर देख लिया तो तुझे तेरे घर के सामान में से क्या चीज़ मिली? अगर कुछ है तो उसे मेरे और अपने इन भाइयो के आगे रख, कि वह हम दोनों के बीच इन्साफ़ करें।
Whereas thou hast explored all my baggage, what hast thou found of all thy household stuff? Set [it] here before my brethren and thy brethren, and let them decide between us both.
38 मैं पूरे बीस साल तेरे साथ रहा; न तो कभी तेरी भेड़ों और बकरियों का गाभ गिरा, और न तेरे रेवड़ के मेंढे मैंने खाए।
These twenty years have I been with thee: thy ewes and thy she-goats have not cast their young, and the rams of thy flock I have not eaten.
39 जिसे दरिन्दों ने फाड़ा मैं उसे तेरे पास न लाया, उसका नुक़्सान मैंने सहा; जो दिन की या रात को चोरी गया उसे तूने मुझ से तलब किया।
What was torn I have not brought to thee; I had to bear the loss of it: of my hand hast thou required it, [whether] stolen by day or stolen by night.
40 मेरा हाल यह रहा कि मैं दिन को गर्मी और रात को सर्दी में मरा और मेरी आँखों से नींद दूर रहती थी।
Thus it was with me: in the day the heat consumed me, and the frost by night; and my sleep fled from mine eyes.
41 मैं बीस साल तक तेरे घर में रहा, चौदह साल तक तो मैंने तेरी दोनों बेटियों की ख़ातिर और छ: साल तक तेरी भेड़ बकरियों की ख़ातिर तेरी ख़िदमत की, और तूने दस बार मेरी मज़दूरी बदल डाली।
I have been these twenty years in thy house: I have served thee fourteen years for thy two daughters, and six years for thy flock; and thou hast changed my wages ten times.
42 अगर मेरे बाप का ख़ुदा अब्रहाम का मा'बूद जिसका रौब इस्हाक़ मानता था, मेरी तरफ़ न होता तो ज़रूर ही तू अब मुझे ख़ाली हाथ जाने देता। ख़ुदा ने मेरी मुसीबत और मेरे हाथों की मेहनत देखी है और कल रात तुझे डाँटा भी।
Had not the God of my father, the God of Abraham, and the fear of Isaac, been with me, it is certain thou wouldest have sent me away now empty. God has looked upon my affliction and the labour of my hands, and has judged last night.
43 तब लाबन ने या'क़ूब को जवाब दिया, यह बेटियाँ भी मेरी और यह लड़के भी मेरे और यह भेड़ बकरियाँ भी मेरी हैं, बल्कि जो कुछ तुझे दिखाई देता है वह सब मेरा ही है। इसलिए मैं आज के दिन अपनी ही बेटियों से या उनके लड़कों से जो उनके हुए क्या कर सकता हूँ?
And Laban answered and said to Jacob, The daughters are my daughters, and the sons are my sons, and the flock is my flock, and all that thou seest is mine; but as for my daughters, what can I do this day to them, or to their sons whom they have brought forth?
44 फिर अब आ, कि मैं और तू दोनों मिल कर आपस में एक 'अहद बाँधे और वही मेरे और तेरे बीच गवाह रहे।
And now, come, let us make a covenant, I and thou; and let it be a witness between me and thee.
45 तब या'क़ूब ने एक पत्थर लेकर उसे सुतून की तरह खड़ा किया।
And Jacob took a stone, and set it up [for] a pillar.
46 और या'क़ूब ने अपने भाइयों से कहा, पत्थर जमा' करो! “उन्होंने पत्थर जमा' करके ढेर लगाया और वहीं उस ढेर के पास उन्होंने खाना खाया।
And Jacob said to his brethren, Gather stones. And they took stones, and made a heap, and ate there upon the heap.
47 और लाबन ने उसका नाम यज्र शाहदूथा और या'क़ूब ने जिल'आद रख्खा।
And Laban called it Jegar-sahadutha, and Jacob called it Galeed.
48 और लाबन ने कहा कि यह ढेर आज के दिन मेरे और तेरे बीच गवाह हो। इसी लिए उसका नाम जिल'आद रख्खा गया।
And Laban said, This heap is a witness between me and thee this day. Therefore was the name of it called Galeed,
49 और मिस्फ़ाह भी क्यूँकि लाबन ने कहा कि जब हम एक दूसरे से गैर हाज़िर हों तो ख़ुदावन्द मेरे और तेरे बीच निगरानी करता रहे।
— and Mizpah; for he said, Let Jehovah watch between me and thee, when we shall be hidden one from another:
50 अगर तू मेरी बेटियों को दुख दे और उनके अलावा और बीवियाँ करे तो कोई आदमी हमारे साथ नहीं है लेकिन देख ख़ुदा मेरे और तेरे बीच में गवाह है।
if thou shouldest afflict my daughters, or if thou shouldest take wives besides my daughters, — no man is with us; see, God is witness between me and thee!
51 लाबन ने या'क़ूब से यह भी कहा कि इस ढेर को देख और उस सुतून को देख जो मैंने अपने और तेरे बीच में खड़ा किया है।
And Laban said to Jacob, Behold this heap, and behold the pillar which I have set up between me and thee:
52 यह ढेर गवाह हो और ये सुतून गवाह हो, नुक़सान पहुँचाने के लिए न तो मैं इस ढेर से उधर तेरी तरफ़ हद से बढूँ और न तू इस ढेर और सुतून से इधर मेरी तरफ़ हद से बढ़े।
[let] this heap be witness, and the pillar a witness, that neither I pass this heap [to go] to thee, nor thou pass this heap and this pillar [to come] to me, for harm.
53 अब्रहाम का ख़ुदा और नहूर का ख़ुदा और उनके बाप का ख़ुदा हमारे बीच में इन्साफ़ करे।” और या'क़ूब ने उस ज़ात की क़सम खाई जिसका रौ'ब उसका बाप इस्हाक़ मानता था।
The God of Abraham, and the God of Nahor, the God of their father, judge between us! And Jacob swore by the fear of his father Isaac.
54 तब या'क़ूब ने वहीं पहाड़ पर क़ुर्बानी पेश की और अपने भाइयों को खाने पर बुलाया, और उन्होंने खाना खाया और रात पहाड़ पर काटी।
And Jacob offered a sacrifice upon the mountain, and invited his brethren to eat bread: and they ate bread, and lodged on the mountain.
55 और लाबन सुबह — सवेरे उठा और अपने बेटों और अपनी बेटियों को चूमा और उनको दुआ देकर रवाना हो गया और अपने मकान को लौटा।
And Laban rose early in the morning, and kissed his sons and his daughters, and blessed them; and Laban went and returned to his place.

< पैदाइश 31 >