< पैदाइश 26 >
1 और उस मुल्क में उस पहले काल के 'अलावा जो अब्रहाम के दिनों में पड़ा था, फिर काल पड़ा। तब इस्हाक़ ज़िरार को फ़िलिस्तियों के बादशाह अबीमलिक के पास गया।
Orta autem fame super terram post eam sterilitatem, quæ acciderat in diebus Abraham, abiit Isaac ad Abimelech regem Palæstinorum in Gerara.
2 और ख़ुदावन्द ने उस पर ज़ाहिर हो कर कहा कि मिस्र को न जा; बल्कि जो मुल्क मैं तुझे बताऊँ उसमें रह।
Apparuitque ei Dominus, et ait: Ne descendas in Ægyptum, sed quiesce in terra quam dixero tibi,
3 तू इसी मुल्क में क़याम रख और मैं तेरे साथ रहूँगा और तुझे बरकत बख्शुंगा क्यूँकि मै तुझे और तेरी नसल को यह सब मुल्क दूँगा, और मैं उस क़सम को जो मैंने तेरे बाप अब्रहाम से खाई पूरा करूँगा।
et peregrinare in ea: eroque tecum, et benedicam tibi: tibi enim et semini tuo dabo universas regiones has, complens juramentum quod spopondi Abraham patri tuo.
4 और मैं तेरी औलाद को बढ़ा कर आसमान के तारों की तरह कर दूँगा, और यह सब मुल्क तेरी नसल को दूँगा, और ज़मीन की सब कौमें तेरी नसल के वसीले से बरकत पाएँगी।
Et multiplicabo semen tuum sicut stellas cæli: daboque posteris tuis universas regiones has: et benedicentur in semine tuo omnes gentes terræ,
5 इसलिए कि अब्रहाम ने मेरी बात मानी, और मेरी नसीहत और मेरे हुक्मों और कवानीन — ओ — आईन पर 'अमल किया।
eo quod obedierit Abraham voci meæ, et custodierit præcepta et mandata mea, et cæremonias legesque servaverit.
6 फिर इस्हाक़ ज़िरार में रहने लगा;
Mansit itaque Isaac in Geraris.
7 और वहाँ के बाशिन्दों ने उससे उसकी बीवी के बारे में पूछा। उसने कहा, वह मेरी बहन है, क्यूँकि वह उसे अपनी बीवी बताते डरा, यह सोच कर कि कहीं रिबक़ा की वजह से वहाँ के लोग उसे क़त्ल न कर डालें, क्यूँकि वह ख़ूबसूरत थी।
Qui cum interrogaretur a viris loci illius super uxore sua, respondit: Soror mea est: timuerat enim confiteri quod sibi esset sociata conjugio, reputans ne forte interficerent eum propter illius pulchritudinem.
8 जब उसे वहाँ रहते बहुत दिन हो गए तो, फ़िलिस्तियों के बादशाह अबीमलिक ने खिड़की में से झाँक कर नज़र की और देखा कि इस्हाक़ अपनी बीवी रिब्क़ा से हँसी खेल कर रहा है।
Cumque pertransissent dies plurimi, et ibidem moraretur, prospiciens Abimelech rex Palæstinorum per fenestram, vidit eum jocantem cum Rebecca uxore sua.
9 तब अबीमलिक ने इस्हाक़ को बुला कर कहा, “वह तो हक़ीक़त में तेरी बीवी है; फिर तूने क्यूँ कर उसे अपनी बहन बताया?” इस्हाक़ ने उससे कहा, “इसलिए कि मुझे ख़्याल हुआ कि कहीं मैं उसकी वजह से मारा न जाऊँ।”
Et accersito eo, ait: Perspicuum est quod uxor tua sit: cur mentitus es eam sororem tuam esse? Respondit: Timui ne morerer propter eam.
10 अबीमलिक ने कहा, “तूने हम से क्या किया? यूँ तो आसानी से इन लोगों में से कोई तेरी बीवी के साथ मुबाश्रत कर लेता, और तू हम पर इल्ज़ाम लाता।”
Dixitque Abimelech: Quare imposuisti nobis? potuit coire quispiam de populo cum uxore tua, et induxeras super nos grande peccatum. Præcepitque omni populo, dicens:
11 तब अबीमलिक ने सब लोगों को यह हुक्म किया कि जो कोई इस आदमी को या इसकी बीवी को छुएगा वह मार डाला जाएगा।
Qui tetigerit hominis hujus uxorem, morte morietur.
12 और इस्हाक़ ने उस मुल्क में खेती की और उसी साल उसे सौ गुना फल मिला; और ख़ुदावन्द ने उसे बरकत बख़्शी।
Sevit autem Isaac in terra illa, et invenit in ipso anno centuplum: benedixitque ei Dominus.
13 और वह बढ़ गया और उसकी तरक़्क़ी होती गई, यहाँ तक कि वह बहुत बड़ा आदमी हो गया।
Et locupletatus est homo, et ibat proficiens atque succrescens, donec magnus vehementer effectus est:
14 और उसके पास भेड़ बकरियाँ और गाय बैल और बहुत से नौकर चाकर थे, और फ़िलिस्तियों को उस पर रश्क आने लगा।
habuit quoque possessiones ovium et armentorum, et familiæ plurimum. Ob hoc invidentes ei Palæstini,
15 और उन्होंने सब कुएँ जो उसके बाप के नौकरों ने उसके बाप अब्रहाम के वक़्त में खोदे थे, बन्द कर दिए और उनको मिट्टी से भर दिया।
omnes puteos, quos foderant servi patris illius Abraham, illo tempore obstruxerunt, implentes humo:
16 और अबीमलिक ने इस्हाक़ से कहा कि तू हमारे पास से चला जा, क्यूँकि तू हम से ज़्यादा ताक़तवर हो गया है।
in tantum, ut ipse Abimelech diceret ad Isaac: Recede a nobis, quoniam potentior nobis factus es valde.
17 तब इस्हाक़ ने वहाँ से जिरार की वादी में जाकर अपना डेरा लगाया और वहाँ रहने लगा।
Et ille discedens, ut veniret ad torrentem Geraræ, habitaretque ibi,
18 और इस्हाक़ ने पानी के उन कुओं को जो उसके बाप अब्रहाम के दिनों में खोदे गए थे फिर खुदवाया, क्यूँकि फ़िलिस्तियों ने अब्रहाम के मरने के बाद उनको बन्द कर दिया था, और उसने उनके फिर वही नाम रख्खे जो उसके बाप ने रख्खे थे।
rursum fodit alios puteos, quos foderant servi patris sui Abraham, et quos, illo mortuo, olim obstruxerant Philisthiim: appellavitque eos eisdem nominibus quibus ante pater vocaverat.
19 और इस्हाक़ के नौकरों को वादी में खोदते — खोदते बहते पानी का एक सोता मिल गया।
Foderuntque in torrente, et repererunt aquam vivam.
20 तब जिरार के चरवाहों ने इस्हाक़ के चरवाहों से झगड़ा किया और कहने लगे कि यह पानी हमारा है। और उसने उस कुएँ का नाम 'इस्क़ रख्खा, क्यूँकि उन्होंने उससे झगड़ा किया।
Sed et ibi jurgium fuit pastorum Geraræ adversus pastores Isaac, dicentium: Nostra est aqua, quam ob rem nomen putei ex eo, quod acciderat, vocavit Calumniam.
21 और उन्होंने दूसरा कुआँ खोदा, और उसके लिए भी वह झगड़ने लगे; और उसने उसका नाम सितना रख्खा।
Foderunt autem et alium: et pro illo quoque rixati sunt, appellavitque eum Inimicitias.
22 इसलिए वह वहाँ से दूसरी जगह चला गया और एक और कुआँ खोदा, जिसके लिए उन्होंने झगड़ा न किया और उसने उसका नाम रहोबूत रख्खा और कहा किअब ख़ुदावन्द ने हमारे लिए जगह निकाली और हम इस मुल्क में कामयाब होंगे।
Profectus inde fodit alium puteum, pro quo non contenderunt: itaque vocavit nomen ejus Latitudo, dicens: Nunc dilatavit nos Dominus, et fecit crescere super terram.
23 वहाँ से वह बैरसबा' को गया।
Ascendit autem ex illo loco in Bersabee,
24 और ख़ुदावन्द उसी रात उस पर ज़ाहिर हुआ और कहा कि मैं तेरे बाप अब्रहाम का ख़ुदा हूँ! मत डर, क्यूँकि मैं तेरे साथ हूँ और तुझे बरकत दूँगा, और अपने बन्दे अब्रहाम की ख़ातिर तेरी नसल बढ़ाऊँगा।
ubi apparuit ei Dominus in ipsa nocte, dicens: Ego sum Deus Abraham patris tui: noli timere, quia ego tecum sum: benedicam tibi, et multiplicabo semen tuum propter servum meum Abraham.
25 और उसने वहाँ मज़बह बनाया और ख़ुदावन्द से दुआ की, और अपना डेरा वहीं लगा लिया; और वहाँ इस्हाक़ के नौकरों ने एक कुआँ खोदा।
Itaque ædificavit ibi altare: et invocato nomine Domini, extendit tabernaculum, præcepitque servis suis ut foderent puteum.
26 तब अबीमलिक अपने दोस्त अख़ूज़त और अपने सिपहसालार फ़ीकुल को साथ ले कर, जिरार से उसके पास गया।
Ad quem locum cum venissent de Geraris Abimelech, et Ochozath amicus illius, et Phicol dux militum,
27 इस्हाक़ ने उनसे कहा कि तुम मेरे पास क्यूँ कर आए, हालाँकि मुझ से कीना रखते हो और मुझ को अपने पास से निकाल दिया।
locutus est eis Isaac: Quid venistis ad me, hominem quem odistis, et expulistis a vobis?
28 उन्होंने कहा, “हम ने ख़ूब सफ़ाई से देखा कि ख़ुदावन्द तेरे साथ है, तब हम ने कहा कि हमारे और तेरे बीच क़सम हो जाए और हम तेरे साथ 'अहद करें,
Qui responderunt: Vidimus tecum esse Dominum, et idcirco nos diximus: Sit juramentum inter nos, et ineamus fœdus,
29 कि जैसे हम ने तुझे छुआ तक नहीं, और अलावा नेकी के तुझ से और कुछ नहीं किया और तुझ को सलामत रुख़्सत, किया तू भी हम से कोई बदी न करेगा क्यूँकि तू अब ख़ुदावन्द की तरफ़ से मुबारक है।”
ut non facias nobis quidquam mali, sicut et nos nihil tuorum attigimus, nec fecimus quod te læderet: sed cum pace dimisimus auctum benedictione Domini.
30 तब उसने उनके लिए दावत तैयार की और उन्होंने खाया पिया।
Fecit ergo eis convivium, et post cibum et potum
31 और वह सुबह सवेरे उठे और आपस में क़सम खाई; और इस्हाक़ ने उन्हें रुख़्सत किया और वह उसके पास से सलामत चले गए।
surgentes mane, juraverunt sibi mutuo: dimisitque eos Isaac pacifice in locum suum.
32 उसी रोज़ इस्हाक़ के नौकरों ने आ कर उससे उस कुएँ का ज़िक्र किया जिसे उन्होंने खोदा था और कहा कि हम को पानी मिल गया।
Ecce autem venerunt in ipso die servi Isaac annuntiantes ei de puteo, quem foderant, atque dicentes: Invenimus aquam.
33 तब उसने उसका नाम सबा' रख्खा: इसीलिए वह शहर आज तक बैरसबा' कहलाता है।
Unde appellavit eum Abundantiam: et nomen urbi impositum est Bersabee, usque in præsentem diem.
34 जब 'ऐसौ चालीस साल का हुआ, तो उसने बैरी हित्ती की बेटी यहूदिथ और ऐलोन हिती की बेटी बशामथ से ब्याह किया;
Esau vero quadragenarius duxit uxores, Judith filiam Beeri Hethæi, et Basemath filiam Elon ejusdem loci:
35 और वह इस्हाक़ और रिब्क़ा के लिए वबाल — ए — जान हुईं।
quæ ambæ offenderant animum Isaac et Rebeccæ.