< पैदाइश 25 >
1 और अब्रहाम ने फिर एक और बीवी की जिसका नाम क़तूरा था।
And Abraham took another wife, and her name was Keturah.
2 और उससे ज़िम्रान और युकसान और मिदान और मिदियान और इसबाक़ और सूख़ पैदा हुए।
And she bare him Zimran, and Jokshan, and Medan, and Midian, and Ishbak, and Shuah.
3 और युकसान से सिबा और ददान पैदा हुए, और ददान की औलाद से असूरी और लतूसी और लूमी थे।
And Jokshan begat Sheba, and Dedan. And the sons of Dedan were Asshurim, and Letushim, and Leummim.
4 और मिदियान के बेटे ऐफ़ा और इफ़िर और हनूक और अबीदा'आ और इल्दू'आ थे; यह सब बनी क़तूरा थे।
And the sons of Midian: Ephah, and Epher, and Hanoch, and Abida, and Eldaah. All these were the children of Keturah.
5 और अब्रहाम ने अपना सब कुछ इस्हाक़ को दिया।
And Abraham gave all that he had unto Isaac.
6 और अपनी बाँदियों के बेटों को अब्रहाम ने बहुत कुछ इनाम देकर अपने जीते जी उनको अपने बेटे इस्हाक़ के पास से मशरिक़ की तरफ़ या'नी मशरिक़ के मुल्क में भेज दिया।
But unto the sons of the concubines, that Abraham had, Abraham gave gifts; and he sent them away from Isaac his son, while he yet lived, eastward, unto the east country.
7 और अब्रहाम की कुल उम्र जब तक कि वह जिन्दा रहा एक सौ पिच्छत्तर साल की हुई।
And these are the days of the years of Abraham’s life which he lived, a hundred threescore and fifteen years.
8 तब अब्रहाम ने दम छोड़ दिया और ख़ूब बुढ़ापे में निहायत ज़ईफ़ और पूरी उम्र का होकर वफ़ात पाई, और अपने लोगों में जा मिला।
And Abraham gave up the ghost, and died in a good old age, an old man, and full [of years], and was gathered to his people.
9 और उसके बेटे इस्हाक़ और इस्मा'ईल ने मकफ़ीला के ग़ार में, जो ममरे के सामने हित्ती सुहर के बेटे इफ़रोन के खेत में है, उसे दफ़्न किया।
And Isaac and Ishmael his sons buried him in the cave of Machpelah, in the field of Ephron the son of Zohar the Hittite, which is before Mamre;
10 यह वही खेत है जिसे अब्रहाम ने बनी — हित से ख़रीदा था; वहीं अब्रहाम और उसकी बीवी सारा दफ़्न हुए।
the field which Abraham purchased of the children of Heth: there was Abraham buried, and Sarah his wife.
11 और अब्रहाम की वफ़ात के बाद ख़ुदा ने उसके बेटे इस्हाक़ को बरकत बख़्शी और इस्हाक़ बैर — लही — रोई के नज़दीक रहता था।
And it came to pass after the death of Abraham, that God blessed Isaac his son: and Isaac dwelt by Beer-lahai-roi.
12 यह नसबनामा अब्रहाम के बेटे इस्मा'ईल का है जो अब्रहाम से सारा की लौंडी हाजिरा मिस्री के बत्न से पैदा हुआ।
Now these are the generations of Ishmael, Abraham’s son, whom Hagar the Egyptian, Sarah’s handmaid, bare unto Abraham:
13 और इस्मा'ईल के बेटों के नाम यह है: यह नाम तरतीबवार उनकी पैदाइश के मुताबिक़ हैं, इस्मा'ईल का पहलौठा नबायोत था, फिर कीदार और अदबिएल और मिबसाम,
and these are the names of the sons of Ishmael, by their names, according to their generations: the first-born of Ishmael, Nebaioth; and Kedar, and Adbeel, and Mibsam,
14 और मिशमा' और दूमा और मस्सा,
and Mishma, and Dumah, and Massa,
15 हदद और तेमा और यतूर और नफ़ीस और क़िदमा।
Hadad, and Tema, Jetur, Naphish, and Kedemah:
16 यह इस्मा'ईल के बेटे हैं और इन्ही के नामों से इनकी बस्तियां और छावनियाँ नामज़द हुई और यही बारह अपने अपने क़बीले के सरदार हुए।
these are the sons of Ishmael, and these are their names, by their villages, and by their encampments; twelve princes according to their nations.
17 और इस्मा'ईल की कुल उम्र एक सौ सैंतीस साल की हुई तब उसने दम छोड़ दिया और वफ़ात पाई और अपने लोगों में जा मिला।
And these are the years of the life of Ishmael, a hundred and thirty and seven years: and he gave up the ghost and died, and was gathered unto his people.
18 और उसकी औलाद हवीला से शोर तक, जो मिस्र के सामने उस रास्ते पर है जिस से असूर को जाते हैं आबाद थी। यह लोग अपने सब भाइयों के सामने बसे हुए थे।
And they dwelt from Havilah unto Shur that is before Egypt, as thou goest toward Assyria: he abode over against all his brethren.
19 और अब्रहाम के बेटे इस्हाक़ का नसबनामा यह है: अब्रहाम से इस्हाक़ पैदा हुआ:
And these are the generations of Isaac, Abraham’s son: Abraham begat Isaac:
20 इस्हाक़ चालीस साल का था जब उसने रिब्क़ा से ब्याह किया, जो फ़द्दान अराम के बाशिन्दे बैतूएल अरामी की बेटी और लाबन अरामी की बहन थी।
and Isaac was forty years old when he took Rebekah, the daughter of Bethuel the Syrian of Paddan-aram, the sister of Laban the Syrian, to be his wife.
21 और इस्हाक़ ने अपनी बीवी के लिए ख़ुदावन्द से दुआ की, क्यूँकि वह बाँझ थी; और ख़ुदावन्द ने उसकी दुआ क़ुबूल की, और उसकी बीवी रिब्क़ा हामिला हुई।
And Isaac entreated Jehovah for his wife, because she was barren: and Jehovah was entreated of him, and Rebekah his wife conceived.
22 और उसके पेट में दो लड़के आपस में मुज़ाहमत करने लगे। तब उसने कहा, “अगर ऐसा ही है तो मैं जीती क्यूँ हूँ?” और वह ख़ुदावन्द से पूछने गई।
And the children struggled together within her; and she said, If it be so, wherefore do I live? And she went to inquire of Jehovah.
23 ख़ुदावन्द ने उससे कहा, “दो क़ौमें तेरे पेट में हैं, और दो क़बीले तेरे बत्न से निकलते ही अलग — अलग हो जाएँगे। और एक क़बीला दूसरे क़बीले से ताक़तवर होगा, और बड़ा छोटे की ख़िदमत करेगा।”
And Jehovah said unto her, Two nations are in thy womb, And two peoples shall be separated from thy bowels: And the one people shall be stronger than the other people; And the elder shall serve the younger.
24 और जब उसके बच्चा पैदा होने के दिन पूरे हुए, तो क्या देखते हैं कि उसके पेट में जुड़वां बच्चे हैं।
And when her days to be delivered were fulfilled, behold, there were twins in her womb.
25 और पहला जो पैदा हुआ तो सुर्ख़ था और ऊपर से ऐसा जैसे ऊनी कपड़ा, और उन्होंने उसका नाम 'ऐसौ रख्खा।
And the first came forth red, all over like a hairy garment; and they called his name Esau.
26 उसके बाद उसका भाई पैदा हुआ और उसका हाथ 'ऐसौ की एड़ी को पकड़े हुए था, और उसका नाम या'क़ूब रख्खा गया; जब वह रिब्क़ा से पैदा हुए तो इस्हाक़ साठ साल का था।
And after that came forth his brother, and his hand had hold on Esau’s heel; and his name was called Jacob: and Isaac was threescore years old when she bare them.
27 और वह लड़के बढ़े, और 'ऐसौ शिकार में माहिर हो गया और जंगल में रहने लगा, और या'क़ूब सादा मिजाज़ डेरों में रहने वाला आदमी था।
And the boys grew: and Esau was a skilful hunter, a man of the field; and Jacob was a quiet man, dwelling in tents.
28 और इस्हाक़ 'ऐसौ को प्यार करता था क्यूँकि वह उसके शिकार का गोश्त खाता था और रिब्क़ा या'क़ूब को प्यार करती थी।
Now Isaac loved Esau, because he did eat of his venison: and Rebekah loved Jacob.
29 और या'क़ूब ने दाल पकाई, और 'ऐसौ जंगल से आया और वह बहुत भूका था।
And Jacob boiled pottage: and Esau came in from the field, and he was faint:
30 और 'ऐसौ ने या'क़ूब से कहा, “यह जो लाल — लाल है मुझे खिला दे, क्यूँकि मैं बे — दम हो रहा हूँ।” इसी लिए उसका नाम अदोम भी हो गया।
and Esau said to Jacob, Feed me, I pray thee, with that same red [pottage]; for I am faint: therefore was his name called Edom.
31 तब या'क़ूब ने कहा, “तू आज अपने पहलौठे का हक़ मेरे हाथ बेच दे।”
And Jacob said, Sell me first thy birthright.
32 'ऐसौ ने कहा, “देख, मैं तो मरा जाता हूँ, पहलौठे का हक़ मेरे किस काम आएगा?”
And Esau said, Behold, I am about to die: and what profit shall the birthright do to me?
33 तब या'क़ूब ने कहा कि आज ही मुझ से क़सम खा, उसने उससे क़सम खाई; और उसने अपना पहलौठे का हक़ या'क़ूब के हाथ बेच दिया।
And Jacob said, Swear to me first; and he sware unto him: and he sold his birthright unto Jacob.
34 तब या'क़ूब ने 'ऐसौ को रोटी और मसूर की दाल दी; वह खा — पीकर उठा और चला गया। यूँ 'ऐसौ ने अपने पहलौठे के हक़ की क़द्र न जाना।
And Jacob gave Esau bread and pottage of lentils; and he did eat and drink, and rose up, and went his way: so Esau despised his birthright.