< पैदाइश 13 >
1 और इब्रहाम मिस्र से अपनी बीवी और अपने सब माल और लूत को साथ ले कर कनान के दख्खिन की तरफ़ चला।
Y Abram subió de Egipto con su mujer y todo lo que tenía, y Lot con él, y vinieron a Neguev.
2 और इब्रहाम के पास चौपाए और सोना चाँदी बकसरत था।
Y Abram tenía grandes riquezas de ganado y plata y oro.
3 और वह कनान के दख्खिन से सफ़र करता हुआ बैत — एल में उस जगह पहुँचा जहाँ पहले बैत — एल और एे के बीच उसका डेरा था।
Y viajando de Neguev, vino a Bet-el, al lugar donde antes estaba su tienda, entre Bet-el y Hai;
4 या'नी वह मक़ाम जहाँ उसने शुरु' में क़ुर्बानगाह बनाई थी, और वहाँ इब्रहाम ने ख़ुदावन्द से दुआ की।
al lugar donde había hecho su primer altar, y allí Abram adoró el nombre del Señor.
5 और लूत के पास भी जो इब्रहाम का हमसफ़र था भेड़ — बकरियाँ, गाय — बैल और डेरे थे।
Y Lot, que iba con él, tuvo rebaños, vacas y tiendas;
6 और उस मुल्क में इतनी गुन्जाइश न थी कि वह इकट्ठे रहें, क्यूँकि उनके पास इतना माल था कि वह इकट्ठे नहीं रह सकते थे।
Así que la tierra no era lo suficientemente amplia para ellos dos: su propiedad era tan grande que no había lugar para ellos juntos.
7 और इब्रहाम के चरवाहों और लूत के चरवाहों में झगड़ा हुआ; और कना'नी और फ़रिज़्ज़ी उस वक़्त मुल्क में रहते थे।
Hubo una discusión entre los guardianes del ganado de Abram y los guardianes del ganado de Lot: en aquel tiempo los cananeos y los ferezeos aún vivían en la tierra.
8 तब इब्रहाम ने लूत से कहा कि मेरे और तेरे बीच और मेरे चरवाहों और तेरे चरवाहों के बीच झगड़ा न हुआ करे, क्यूँकि हम भाई हैं।
Entonces Abram dijo a Lot: No haya discusión entre tú y yo, y entre mis pastores y tus pastores, porque somos hermanos.
9 क्या यह सारा मुल्क तेरे सामने नहीं? इसलिए तू मुझ से अलग हो जा: अगर तू बाएँ जाए तो मैं दहने जाऊँगा, और अगर तू दहने जाए तो मैं बाएँ जाऊँगा।
¿No está toda la tierra delante de ti? luego sigamos nuestros caminos por separado: si vas a la izquierda, iré a la derecha; o si tomas el derecho, iré a la izquierda.
10 तब लूत ने आँख उठाकर यरदन की सारी तराई पर जो ज़ुग़र की तरफ़ है नज़र दौड़ाई। क्यूँकि वह इससे पहले कि ख़ुदावन्द ने सदूम और 'अमूरा को तबाह किया, ख़ुदावन्द के बाग़ और मिस्र के मुल्क की तरह खू़ब सेराब थी।
Y Lot, levantando los ojos y mirando el valle del Jordán, vio que estaba bien regado en todas partes, antes que el Señor enviará destrucción sobre Sodoma y Gomorra; era como el jardín del Señor, como la tierra de Egipto, en el camino a Zoar.
11 तब लूत ने यरदन की सारी तराई को अपने लिए चुन लिया, और वह मशरिक़ की तरफ़ चला; और वह एक दूसरे से जुदा हो गए।
Entonces Lot tomó todo el valle del Jordán, y se fue al oriente, y se separaron unos de otros.
12 इब्रहाम तो मुल्क — ए — कना'न में रहा, और लूत ने तराई के शहरों में सुकूनत इख़्तियार की और सदूम की तरफ़ अपना डेरा लगाया।
Abram vivió en la tierra de Canaán, y Lot fue a las ciudades de las tierras bajas, y se mudó de su tienda hasta Sodoma.
13 और सदूम के लोग ख़ुदावन्द की नज़र में निहायत बदकार और गुनहगार थे।
Y los hombres de Sodoma eran malos, y pecadores en gran manera delante del Señor.
14 और लूत के जुदा हो जाने के बाद ख़ुदावन्द ने इब्रहाम से कह कि अपनी आँख उठा और जिस जगह तू है वहाँ से शिमाल दख्खिन और मशरिक़ और मग़रिब की तरफ़ नज़र दौड़ा।
Y el Señor le dijo a Abram, después de que Lot se separó de él, desde este lugar donde miras hacia el norte y hacia el sur, hacia el este y hacia el oeste:
15 क्यूँकि यह तमाम मुल्क जो तू देख रहा है, मैं तुझ को और तेरी नसल को हमेशा के लिए दूँगा।
Porque toda la tierra que ves te daré a ti y a tu descendencia para siempre.
16 और मैं तेरी नसल को ख़ाक के ज़र्रों की तरह बनाऊँगा, ऐसा कि अगर कोई शख़्स ख़ाक के ज़र्रों को गिन सके तो तेरी नसल भी गिन ली जाएगी।
Y haré tus hijos como el polvo de la tierra, para que si el polvo de la tierra se numera, tus hijos serán contados.
17 उठ, और इस मुल्क की लम्बाई और चौड़ाई में घूम, क्यूँकि मैं इसे तुझ को दूँगा।
Ven, recorre toda la tierra de un extremo al otro porque yo te lo daré.
18 और इब्रहाम ने अपना डेरा उठाया, और ममरे के बलूतों में जो हबरून में हैं जा कर रहने लगा; और वहाँ ख़ुदावन्द के लिए एक क़ुर्बानगाह बनाई।
Y Abram, moviendo su tienda, vino e hizo su morada junto al árbol santo de Mamre, que está en Hebrón, e hizo allí un altar para el Señor.