< हिज़ि 5 >
1 ऐ आदमज़ाद, तू एक तेज़ तलवार ले और हज्जाम के उस्तरे की तरह उस से अपना सिर और अपनी दाढी मुड़ा और तराज़ू ले और बालों को तौल कर उनके हिस्से बना।
"Du Menschensohn! Nimm dir ein scharfes Schwert! Gebrauch's als Schermesser! Und führ es über Kopf und Bart! Dann nimm dir eine Waage zum Verteilen!
2 फिर जब घेराव के दिन पूरे हो जाएँ, तो शहर के बीच में उनका एक हिस्सा लेकर आग में जला। और दूसरा हिस्सा लेकर तलवार से इधर उधर बिखेर दे। और तीसरा हिस्सा हवा में उड़ा दे, और मैं तलवार खींच कर उनका पीछा करूँगा।
Ein Drittel sollst du mitten in der Stadt verbrennen, wenn verflossen der Belagerung Tage. Das andere Drittel schneide mit dem Schwert in deiner Nachbarschaft ganz klein. Das letzte Drittel streue in den Wind! Doch halte ich auch hinter diesem noch das Schwert gezogen.
3 और उनमें से थोड़े से बाल गिन कर ले और उनको अपने दामन में बाँध।
Doch nimm zuvor davon ein wenig und bind's in deinen Bausch!
4 फिर उनमें से कुछ निकाल कर आग में डाल और जला दे; इसमें से एक आग निकलेगी जो इस्राईल के तमाम घराने में फैल जाएगी।
Von diesem nimm noch etwas und wirf's ins Feuer! Verbrenn es drin! Daraus entzündet sich ein anderes Feuer fürs ganze Haus von Israel."
5 ख़ुदावन्द ख़ुदा यूँ फ़रमाता है: कि येरूशलेम यही है। मैंने उसे क़ौमों और मम्लुकतों के बीच, जो उसके आस — पास हैं रख्खा है।
So spricht der Herr, der Herr: "So ist es mit Jerusalem: Ich hab' es in der Heidenvölker Mitte hingestellt und in die Nachbarschaft von Ländern.
6 लेकिन उसने दीगर क़ौमों से ज़्यादा शरारत कर के मेरे हुक्मों की मुख़ालिफ़त की और मेरे क़ानून को आसपास की मम्लुकतों से ज़्यादा रद्द किया, क्यूँकि उन्होंने मेरे हुक्मों को रद्द किया और मेरे क़ानून की पैरवी न की।
Weit ungehorsamer als je ein Heidenvolk betrug sich's gegen meine Vorschriften, und schlimmer gegen meine Satzungen als je die Länder seiner Nachbarschaft. So hat es meine Vorschriften verachtet und dem nicht nachgelebt, was ich geboten."
7 इसलिए ख़ुदावन्द ख़ुदा यूँ फ़रमाता है: कि चूँकि तुम अपने आस — पास की क़ौम से बढ़ कर फ़ितना अंगेज़ हो और मेरे क़ानून की पैरवी नहीं की और मेरे हुक्मों पर 'अमल नहीं किया, और अपने आस — पास की क़ौम के क़ानून और हुक्मों पर भी 'अमल नहीं किया;
Deshalb spricht so der Herr, der Herr: "Ihr habt ob eures Überflusses, der den der Heidenvölker um euch übertraf, dem nimmer nachgelebt, was ich geboten, und nimmer meine Vorschriften befolgt. Nein! Nach der Art der Heidenvölker rings um euch habt ihr getan."
8 इसलिए ख़ुदावन्द ख़ुदा यूँ फ़रमाता है: कि देख, मैं, हाँ मैं ही तेरा मुख़ालिफ़ हूँ और तेरे बीच सब क़ौमों की आँखों के सामने तुझे सज़ा दूँगा।
Darum spricht so der Herr, der Herr: "Fürwahr, so will ich auch an dich. In deiner Mitte halte ich Gericht vor dieser Heidenvölker Augen,
9 और मैं तेरे सब नफ़रती कामों की वजह से तुझमें वही करूँगा, जो मैंने अब तक नहीं किया और कभी न करूँगा।
und ich verhänge über dich, was ich noch nie verhängt, desgleichen ich auch künftig nicht verhängen werde, um aller deiner Greueltaten willen.
10 अगर तुझमें बाप बेटे को और बेटा बाप को खा जाएगा, और मैं तुझे सज़ा दूँगा और तेरे बक़िये को हर तरफ़ तितर — बितर करूँगा।
Drum sollen Väter ihre Kinder und Kinder ihre Väter bei dir fressen. Ich tu genau nach Recht an dir und streue deinen ganzen Rest in alle Winde.
11 इसलिए ख़ुदावन्द ख़ुदा फ़रमाता है: कि मुझे अपनी हयात की क़सम, चूँकि तूने अपनी तमाम मकरूहात से और अपने नफ़रती कामों से मेरे मक़्दिस को नापाक किया है, इसलिए मैं भी तुझे घटाऊँगा, मेरी आँखें रि'आयत न करेंगी, मैं हरगिज़ रहम न करूँगा।
Deshalb, so wahr ich lebe", ein Spruch des Herrn, "weil du mein Heiligtum entweiht durch alle deine Greuelgötzen und alle deine Schandgottheiten, hau ich erbarmungslos darein und ohne Schonung.
12 तेरा एक हिस्सा वबा से मर जाएगा और काल से तेरे अन्दर हलाक हो जाएगा और दूसरा हिस्सा तेरी चारों तरफ़ तलवार से मारा जाएगा, और तीसरे हिस्से को मैं हर तरफ़ तितर बितर करूँगा और तलवार खींच कर उनका पीछा करूँगा।
Dein dritter Teil stirbt an der Pest und wird durch Hunger in dir aufgerieben. Das andere Drittel fällt durchs Schwert in deiner Nähe; das letzte Drittel streue ich in alle Winde und halte hinter ihm das Schwert gezogen.
13 “मेरा क़हर यूँ पूरा होगा, तब मेरा ग़ज़ब उन पर धीमा हो जाएगा और मेरी तस्कीन होगी; और जब मैं उन पर अपना क़हर पूरा करूँगा, तब वह जानेंगे कि मुझ ख़ुदावन्द ने अपनी गै़रत से यह सब कुछ फ़रमाया था।
Mein ganzer Grimm entlädt sich so; ich kühle meinen Zorn an ihnen und nehme Rache. Dann werden sie erkennen, daß ich, der Herr, es bin, der da im Eifer seines Zornes droht, wenn ich an ihnen meinen Grimm abkühle.
14 इसके 'अलावा मैं तुझको उन क़ौमों के बीच जो तेरे आस — पास हैं, और उन सब की निगाहों में जो उधर से गुज़र करेंगे वीरान और मलामत की वजह बनाऊँगा।
Ich mache dich zur Wüstenei, zum Spott der Heidenvölker rings um dich und in den Augen eines jeden, der dich betrachtet.
15 इसलिए जब मैं क़हर — ओ — ग़ज़ब और सख़्त मलामत से तेरे बीच 'अदालत करूँगा, तो तू अपने आसपास की क़ौम के लिए जा — ए — मलामत — ओ — इहानत और मक़ाम — ए — 'इबरत — ओ — हैरत होगी; मैं ख़ुदावन्द ने यह फ़रमाया है।
Der Schande fällst du und dem Schimpf anheim, zur Warnung und zum Staunen bei den Heidenvölkern rings um dich, wenn ich in Zorn und Grimm, in Züchtigungen unter Zürnen an dir das Strafgericht vollziehe. Ich, ich, der Herr, ich habe dies gesprochen.
16 या'नी जब मैं सख़्त सूखे के तीर जो उनकी हलाकत के लिए हैं, उनकी तरफ़ रवाना करूँगा जिनको मैं तुम्हारे हलाक करने के लिए चलाऊँगा, और मैं तुम में सूखे को ज़्यादा करूँगा और तुम्हारी रोटी की लाठी को तोड़ डालूँगा।
Wenn ich des Hungers Pfeile, die verderblichen, auf die abschieße, die zum Verderben sind bestimmt, dann mehre ich zum Schaden noch den Hunger, zerbreche jede Brotesstütze euch, wenn ich zu eurem Untergang sie abgeschossen.
17 और मैं तुम में सूखा और बुरे दरिन्दे भेजूँगा, और वह तुझे बेऔलाद करेंगे; और मेरी और ख़ूँरेज़ी तेरे बीच आएगी मैं तलवार तुझ पर लाऊँगा; मैं ख़ुदावन्द ही ने फ़रमाया है।”
Ich sende Hungersnot und wilde Tiere gegen euch, dich kinderlos zu machen. Und Pest und Blutvergießen überfallen dich. Ich bringe über dich das Schwert. Ich, ich, der Herr, ich habe es gesprochen."