< हिज़ि 43 >
1 फिर वह मुझे फाटक पर ले आया, या'नी उस फाटक पर जिसका रुख़ पूरब की तरफ़ है;
καὶ ἤγαγέν με ἐπὶ τὴν πύλην τὴν βλέπουσαν κατὰ ἀνατολὰς καὶ ἐξήγαγέν με
2 और क्या देखता हूँ कि इस्राईल के ख़ुदा का जलाल पूरब की तरफ़ से आया, और उसकी आवाज़ सैलाब के शोर के जैसी थी, और ज़मीन उसके जलाल से मुनव्वर हो गई।
καὶ ἰδοὺ δόξα θεοῦ Ισραηλ ἤρχετο κατὰ τὴν ὁδὸν τῆς πύλης τῆς βλεπούσης πρὸς ἀνατολάς καὶ φωνὴ τῆς παρεμβολῆς ὡς φωνὴ διπλασιαζόντων πολλῶν καὶ ἡ γῆ ἐξέλαμπεν ὡς φέγγος ἀπὸ τῆς δόξης κυκλόθεν
3 और यह उस ख़्वाब की नुमाइश के मुताबिक़ था जो मैंने देखा था, हाँ, उस ख़्वाब के मुताबिक़ जो मैंने उस वक़्त देखा था जब मैं शहर को बर्बाद करने आया था, और यह रोयतें उस ख़्वाब की तरह थीं जो मैंने नहर — ए — किबार के किनारे पर देखा था; तब मैं मुँह के बल गिरा।
καὶ ἡ ὅρασις ἣν εἶδον κατὰ τὴν ὅρασιν ἣν εἶδον ὅτε εἰσεπορευόμην τοῦ χρῖσαι τὴν πόλιν καὶ ἡ ὅρασις τοῦ ἅρματος οὗ εἶδον κατὰ τὴν ὅρασιν ἣν εἶδον ἐπὶ τοῦ ποταμοῦ τοῦ Χοβαρ καὶ πίπτω ἐπὶ πρόσωπόν μου
4 और ख़ुदावन्द का जलाल उस फाटक की राह से, जिसका रुख़ पूरब की तरफ़ है हैकल में दाख़िल हुआ।
καὶ δόξα κυρίου εἰσῆλθεν εἰς τὸν οἶκον κατὰ τὴν ὁδὸν τῆς πύλης τῆς βλεπούσης κατὰ ἀνατολάς
5 और रूह ने मुझे उठा कर अन्दरूनी सहन में पहुँचा दिया, और क्या देखता हूँ कि हैकल ख़ुदावन्द के जलाल से मा'मूर है।
καὶ ἀνέλαβέν με πνεῦμα καὶ εἰσήγαγέν με εἰς τὴν αὐλὴν τὴν ἐσωτέραν καὶ ἰδοὺ πλήρης δόξης κυρίου ὁ οἶκος
6 और मैंने किसी की आवाज़ सुनी, जो हैकल में से मेरे साथ बातें करता था, और एक शख़्स मेरे पास खड़ा था।
καὶ ἔστην καὶ ἰδοὺ φωνὴ ἐκ τοῦ οἴκου λαλοῦντος πρός με καὶ ὁ ἀνὴρ εἱστήκει ἐχόμενός μου
7 और उसने मुझे फ़रमाया, कि 'ऐ आदमज़ाद, यह मेरी तख़्तगाह और मेरे पाँव की कुर्सी है जहाँ मैं बनी — इस्राईल के बीच हमेशा तक रहूँगा और बनी इस्राईल और उनके बादशाह फिर कभी मेरे पाक नाम को अपनी बदकारी और अपने बादशाहों की लाशों से उनके मरने पर नापाक न करेंगे।
καὶ εἶπεν πρός με ἑώρακας υἱὲ ἀνθρώπου τὸν τόπον τοῦ θρόνου μου καὶ τὸν τόπον τοῦ ἴχνους τῶν ποδῶν μου ἐν οἷς κατασκηνώσει τὸ ὄνομά μου ἐν μέσῳ οἴκου Ισραηλ τὸν αἰῶνα καὶ οὐ βεβηλώσουσιν οὐκέτι οἶκος Ισραηλ τὸ ὄνομα τὸ ἅγιόν μου αὐτοὶ καὶ οἱ ἡγούμενοι αὐτῶν ἐν τῇ πορνείᾳ αὐτῶν καὶ ἐν τοῖς φόνοις τῶν ἡγουμένων ἐν μέσῳ αὐτῶν
8 क्यूँकि वह अपने आस्ताने मेरे आस्तानों के पास, और अपनी चौखटें मेरी चौखटों के पास लगाते थे, और मेरे और उनके बीच सिर्फ़ एक दीवार थी; उन्होंने अपने उन घिनौने कामों से जो उन्होंने किए मेरे पाक नाम को नापाक किया, इसलिए मैंने अपने क़हर में उनको हलाक किया।
ἐν τῷ τιθέναι αὐτοὺς τὸ πρόθυρόν μου ἐν τοῖς προθύροις αὐτῶν καὶ τὰς φλιάς μου ἐχομένας τῶν φλιῶν αὐτῶν καὶ ἔδωκαν τὸν τοῖχόν μου ὡς συνεχόμενον ἐμοῦ καὶ αὐτῶν καὶ ἐβεβήλωσαν τὸ ὄνομα τὸ ἅγιόν μου ἐν ταῖς ἀνομίαις αὐτῶν αἷς ἐποίουν καὶ ἐξέτριψα αὐτοὺς ἐν θυμῷ μου καὶ ἐν φόνῳ
9 अगरचे अब वह अपनी बदकारी और अपने बादशाहों की लाशें मुझ से दूर कर दें, तो मैं हमेशा तक उनके बीच रहूँगा।
καὶ νῦν ἀπωσάσθωσαν τὴν πορνείαν αὐτῶν καὶ τοὺς φόνους τῶν ἡγουμένων αὐτῶν ἀπ’ ἐμοῦ καὶ κατασκηνώσω ἐν μέσῳ αὐτῶν τὸν αἰῶνα
10 'ऐ आदमज़ाद, तू बनी — इस्राईल को यह घर दिखा, ताकि वह अपनी बदकिरदारी से शर्मिन्दा हो जाएँ और इस नमूने को नापें।
καὶ σύ υἱὲ ἀνθρώπου δεῖξον τῷ οἴκῳ Ισραηλ τὸν οἶκον καὶ κοπάσουσιν ἀπὸ τῶν ἁμαρτιῶν αὐτῶν καὶ τὴν ὅρασιν αὐτοῦ καὶ τὴν διάταξιν αὐτοῦ
11 और अगर वह अपने सब कामों से शर्मिंदा हों, तो उस घर का नक़्शा और उसकी तरतीब और उसके मख़ारिज और मदख़ल और उसकी तमाम शक्ल और उसके कुल हुक्मों और उसकी पूरी वज़ह और तमाम क़वानीन उनको दिखा, और उनकी आँखों के सामने उसको लिख, ताकि वह उसका कुल नक़्शा और उसके तमाम हुक्मों को मानकर उन पर 'अमल करें।
καὶ αὐτοὶ λήμψονται τὴν κόλασιν αὐτῶν περὶ πάντων ὧν ἐποίησαν καὶ διαγράψεις τὸν οἶκον καὶ τὰς ἐξόδους αὐτοῦ καὶ τὴν ὑπόστασιν αὐτοῦ καὶ πάντα τὰ προστάγματα αὐτοῦ καὶ πάντα τὰ νόμιμα αὐτοῦ γνωριεῖς αὐτοῖς καὶ διαγράψεις ἐναντίον αὐτῶν καὶ φυλάξονται πάντα τὰ δικαιώματά μου καὶ πάντα τὰ προστάγματά μου καὶ ποιήσουσιν αὐτά
12 इस घर का क़ानून यह है कि इसकी तमाम सरहदें पहाड़ की चोटी पर और इसके चारों तरफ़ बहुत पाक होंगी; देख, यही इस घर का क़ानून है।
καὶ τὴν διαγραφὴν τοῦ οἴκου ἐπὶ τῆς κορυφῆς τοῦ ὄρους πάντα τὰ ὅρια αὐτοῦ κυκλόθεν ἅγια ἁγίων
13 'और हाथ के नाप से मज़बह के यह नाप हैं, और इस हाथ की लम्बाई एक हाथ चार उँगल है। पाया एक हाथ का होगा, और चौड़ाई एक हाथ और उसके चारो तरफ़ बालिश्त भर चौड़ा हाशिया, और मज़बह का पाया यही है।
καὶ ταῦτα τὰ μέτρα τοῦ θυσιαστηρίου ἐν πήχει τοῦ πήχεος καὶ παλαιστῆς κόλπωμα βάθος ἐπὶ πῆχυν καὶ πῆχυς τὸ εὖρος καὶ γεῖσος ἐπὶ τὸ χεῖλος αὐτοῦ κυκλόθεν σπιθαμῆς καὶ τοῦτο τὸ ὕψος τοῦ θυσιαστηρίου
14 और ज़मीन पर के इस पाये से लेकर नीचे की कुर्सी तक दो हाथ, और उसकी चौड़ाई एक हाथ और छोटी कुर्सी से बड़ी कुर्सी तक चार हाथ और चौड़ाई एक हाथ।
ἐκ βάθους τῆς ἀρχῆς τοῦ κοιλώματος αὐτοῦ πρὸς τὸ ἱλαστήριον τὸ μέγα τὸ ὑποκάτωθεν πηχῶν δύο καὶ τὸ εὖρος πήχεος καὶ ἀπὸ τοῦ ἱλαστηρίου τοῦ μικροῦ ἐπὶ τὸ ἱλαστήριον τὸ μέγα πήχεις τέσσαρες καὶ εὖρος πῆχυς
15 और ऊपर का मज़बह चार हाथ का होगा, और मज़बह के ऊपर चार सींग होंगे।
καὶ τὸ αριηλ πηχῶν τεσσάρων καὶ ἀπὸ τοῦ αριηλ καὶ ὑπεράνω τῶν κεράτων πῆχυς
16 और मज़बह बारह हाथ लम्बा होगा और बारह हाथ चौड़ा मुरब्बा।
καὶ τὸ αριηλ πηχῶν δώδεκα μήκους ἐπὶ πήχεις δώδεκα πλάτους τετράγωνον ἐπὶ τὰ τέσσαρα μέρη αὐτοῦ
17 और कुर्सी चौदह हाथ लम्बी और चौदह हाथ चौड़ी मुरब्बा' और चारों तरफ़ उसका किनारा आधा हाथ, उसका पाया चारो तरफ़ एक हाथ और उसका ज़ीना पूरब रू होगा।
καὶ τὸ ἱλαστῆριον πηχῶν δέκα τεσσάρων τὸ μῆκος ἐπὶ πήχεις δέκα τέσσαρας τὸ εὖρος ἐπὶ τέσσαρα μέρη αὐτοῦ καὶ τὸ γεῖσος αὐτῷ κυκλόθεν κυκλούμενον αὐτῷ ἥμισυ πήχεος καὶ τὸ κύκλωμα αὐτοῦ πῆχυς κυκλόθεν καὶ οἱ κλιμακτῆρες αὐτοῦ βλέποντες κατ’ ἀνατολάς
18 और उसने मुझ से कहा, ऐ आदमज़ाद, ख़ुदावन्द ख़ुदा यूँ फ़रमाता है: कि मज़बह के यह हुक्म उस दिन जारी होंगे जब वह उसे बनाएँगे, ताकि उस पर सोख़्तनी क़ुर्बानी पेश करें और उस पर ख़ून छिड़कें।
καὶ εἶπεν πρός με υἱὲ ἀνθρώπου τάδε λέγει κύριος ὁ θεὸς Ισραηλ ταῦτα τὰ προστάγματα τοῦ θυσιαστηρίου ἐν ἡμέρᾳ ποιήσεως αὐτοῦ τοῦ ἀναφέρειν ἐπ’ αὐτοῦ ὁλοκαυτώματα καὶ προσχέειν πρὸς αὐτὸ αἷμα
19 और तू लावी काहिनों को जो सदूक़ की नसल से हैं, जो मेरी ख़िदमत के लिए मेरे सामने आते हैं, ख़ता की क़ुर्बानी के लिए बछड़ा देना, ख़ुदावन्द ख़ुदा फ़रमाता है।
καὶ δώσεις τοῖς ἱερεῦσι τοῖς Λευίταις τοῖς ἐκ τοῦ σπέρματος Σαδδουκ τοῖς ἐγγίζουσι πρός με λέγει κύριος ὁ θεός τοῦ λειτουργεῖν μοι μόσχον ἐκ βοῶν περὶ ἁμαρτίας
20 और तू उसके खू़न में से लेना और मज़बह के चारों सींगों पर, उसकी कुर्सी के चारों कोनों पर और उसके चारो तरफ़ के हाशिए पर लगाना; इसी तरह कफ़्फ़ारा देकर उसे पाक — ओ — साफ़ करना।
καὶ λήμψονται ἐκ τοῦ αἵματος αὐτοῦ καὶ ἐπιθήσουσιν ἐπὶ τὰ τέσσαρα κέρατα τοῦ θυσιαστηρίου καὶ ἐπὶ τὰς τέσσαρας γωνίας τοῦ ἱλαστηρίου καὶ ἐπὶ τὴν βάσιν κύκλῳ καὶ ἐξιλάσονται αὐτό
21 और ख़ता की क़ुर्बानी के लिए बछड़ा लेना, और वह घर की मुक़र्रर जगह में हैकल के बाहर जलाया जाएगा।
καὶ λήμψονται τὸν μόσχον τὸν περὶ ἁμαρτίας καὶ κατακαυθήσεται ἐν τῷ ἀποκεχωρισμένῳ τοῦ οἴκου ἔξωθεν τῶν ἁγίων
22 और तू दूसरे दिन एक बे'ऐब बकरा ख़ता की क़ुर्बानी के लिए पेश करना, और वह मज़बह को कफ़्फ़ारा देकर उसी तरह पाक करेंगे, जिस तरह बछड़े से पाक किया था।
καὶ τῇ ἡμέρᾳ τῇ δευτέρᾳ λήμψονται ἐρίφους δύο αἰγῶν ἀμώμους ὑπὲρ ἁμαρτίας καὶ ἐξιλάσονται τὸ θυσιαστήριον καθότι ἐξιλάσαντο ἐν τῷ μόσχῳ
23 और जब तू उसे पाक कर चुके तो एक बे'ऐब बछड़ा और गल्ले का एक बे'ऐब मेंढा पेश करना।
καὶ μετὰ τὸ συντελέσαι σε τὸν ἐξιλασμὸν προσοίσουσι μόσχον ἐκ βοῶν ἄμωμον καὶ κριὸν ἐκ προβάτων ἄμωμον
24 और तू उनको ख़ुदावन्द के सामने लाना और काहिन उनपर नमक छिड़कें और उनको सोख़्तनी क़ुर्बानी के लिए ख़ुदावन्द के सामने पेश करें।
καὶ προσοίσετε ἐναντίον κυρίου καὶ ἐπιρρίψουσιν οἱ ἱερεῖς ἐπ’ αὐτὰ ἅλα καὶ ἀνοίσουσιν αὐτὰ ὁλοκαυτώματα τῷ κυρίῳ
25 और तू सात दिन तक हर रोज़ एक बकरा ख़ता की क़ुर्बानी के लिए तैयार कर रखना, वह एक बछड़ा और गल्ले का एक मेंढा भी जो बे'ऐब हों तैयार कर रख्खें।
ἑπτὰ ἡμέρας ποιήσεις ἔριφον ὑπὲρ ἁμαρτίας καθ’ ἡμέραν καὶ μόσχον ἐκ βοῶν καὶ κριὸν ἐκ προβάτων ἄμωμα ποιήσουσιν
26 सात दिन तक वह मज़बह को कफ़्फ़ारा देकर पाक — ओ — साफ़ करेंगे और उसको मख़्सूस करेंगे।
ἑπτὰ ἡμέρας καὶ ἐξιλάσονται τὸ θυσιαστήριον καὶ καθαριοῦσιν αὐτὸ καὶ πλήσουσιν χεῖρας αὐτῶν
27 और जब यह दिन पूरे होंगे, तो यूँ होगा कि आठवें दिन और आइन्दा काहिन तुम्हारी सोख़्तनी कुर्बानियों को और तुम्हारी सलामती की कु़र्बानियों को मज़बह पर पेश करूँगे, और मैं तुम को क़ुबूल करूँगा; ख़ुदावन्द ख़ुदा फ़रमाता है।
καὶ ἔσται ἀπὸ τῆς ἡμέρας τῆς ὀγδόης καὶ ἐπέκεινα ποιήσουσιν οἱ ἱερεῖς ἐπὶ τὸ θυσιαστήριον τὰ ὁλοκαυτώματα ὑμῶν καὶ τὰ τοῦ σωτηρίου ὑμῶν καὶ προσδέξομαι ὑμᾶς λέγει κύριος