< हिज़ि 39 >
1 इसलिए ऐ आदमज़ाद, तू जूज के ख़िलाफ़ नबुव्वत कर और कह, कि ख़ुदावन्द ख़ुदा यूँ फ़रमाता है: देख, ऐ जूज, रोश और मसक और तूबल के फ़रमारवा, मैं तेरा मुख़ालिफ़ हूँ।
Tu autem fili hominis vaticinare adversum Gog, et dices: Haec dicit Dominus Deus: Ecce ego super te Gog principem capitis Mosoch et Thubal:
2 और मैं तुझे फिरा दूँगा और तुझे लिए फिरूँगा और उत्तर की दूर 'अतराफ़ से चढ़ा लाऊँगा और तुझे इस्राईल के पहाड़ों पर पहुचाऊँगा।
et circumagam te, et seducam te, et ascendere te faciam de lateribus Aquilonis: et adducam te super montes Israel.
3 और तेरी कमान तेरे बाएँ हाथ से छुड़ा दूँगा और तेरे तीर तेरे दहने हाथ से गिरा दूँगा।
Et percutiam arcum tuum in manu sinistra tua, et sagittas tuas de manu dextera tua deiiciam.
4 तू इस्राईल के पहाड़ों पर अपने सब लश्कर और हिमायतियों के साथ गिर जाएगा, और मैं तुझे हर क़िस्म के शिकारी परिन्दों और मैदान के दरिन्दों को दूँगा कि खा जाएँ।
Super montes Israel cades tu, et omnia agmina tua, et populi tui, qui sunt tecum: feris, avibus, omnique volatili, et bestiis terrae dedi te ad devorandum.
5 तू खुले मैदान में गिरेगा, क्यूँकि मैंने ही कहा, ख़ुदावन्द ख़ुदा फ़रमाता है।
Super faciem agri cades: quia ego locutus sum, ait Dominus Deus.
6 और मैं माजूज पर और उन पर जो समन्दरी मुल्कों में अमन से सुकूनत करते हैं, आग भेजूँगा और वह जानेंगे कि मैं ख़ुदावन्द हूँ।
Et immittam ignem in Magog, et in his, qui habitant in insulis confidenter: et scient quia ego Dominus.
7 और मैं अपने मुक़द्दस नाम को अपनी उम्मत इस्राईल में ज़ाहिर करूँगा, और फिर अपने मुक़द्दस नाम की बेहुरमती न होने दूँगा; और क़ौमे जानेंगी कि मैं ख़ुदावन्द इस्राईल का क़ुददूस हूँ।
Et nomen sanctum meum notum faciam in medio populi mei Israel, et non polluam nomen sanctum meum amplius: et scient Gentes quia ego Dominus sanctus Israel.
8 देख, वह पहुँचा और वजूद में आया, ख़ुदावन्द ख़ुदा फ़रमाता है; यह वही दिन है जिसके ज़रिए' मैंने फ़रमाया था।
Ecce venit, et factum est, ait Dominus Deus: haec est dies, de qua locutus sum.
9 तब इस्राईल के शहरों के बसने वाले निकलेंगे और आग लगाकर हथियारों को जलाएँगे, या'नी सिपरों और फरियों को, कमानों और तीरों को, और भालों और बर्छियों को, और वह सात बरस तक उनको जलाते रहेंगे।
Et egredientur habitatores de civitatibus Israel, et succendent et comburent arma, clypeum, et hastas, arcum, et sagittas, et baculos manuum, et contos: et succendent ea igne septem annis.
10 यहाँ तक कि न वह मैदानों से लकड़ी लाएँगे और न जंगलों से काटेंगे क्यूँकि वह हथियार ही जलाएँगे, और वह अपने लूटने वालों को लूटेंगे और अपने ग़ारत करने वालों को ग़ारत करेंगे, ख़ुदावन्द ख़ुदा फ़रमाता है।
Et non portabunt ligna de regionibus, neque succident de saltibus: quoniam arma succendent igne, et depraedabuntur eos, quibus praedae fuerant, et diripient vastatores suos, ait Dominus Deus.
11 और उसी दिन यूँ होगा कि मैं वहाँ इस्राईल में जूज को एक क़ब्रिस्तान दूँगा, या'नी रहगुज़रों की वादी जो समन्दर के पूरब में वहाँ जूज को और उसकी तमाम जमियत को दफ़न करेंगे, और जमियत — ए — जूज की वादी उसका नाम रख्खेंगे।
Et erit in die illa: dabo Gog locum nominatum sepulchrum in Israel: vallem viatorum ad Orientem maris, quae obstupescere faciet praetereuntes: et sepelient ibi Gog, et omnem multitudinem eius, et vocabitur vallis multitudinis Gog.
12 और सात महीनों तक बनी इस्राईल उनको दफ़न करते रहेंगे ताकि मुल्क को साफ़ करें।
Et sepelient eos domus Israel, ut mundent terram septem mensibus.
13 हाँ, उस मुल्क के सब लोग उनको दफ़न करेंगे; और यह उनके लिए उनका भी नाम होगा जिस रोज़ मेरी बड़ाई होगी, ख़ुदावन्द ख़ुदा फ़रमाता है।
Sepeliet autem eum omnis populus terrae, et erit eis nominata dies, in qua glorificatus sum, ait Dominus Deus.
14 और वह चन्द आदमियों को चुन लेंगे जो इस काम में हमेशा मशगू़ल रहेंगे, और वह ज़मीन पर से गुज़रते हुए रहगुज़रों की मदद से, उनको जो सतह — ए — ज़मीन पर पड़े रह गए हों, दफ़न करेंगे ताकि उसे साफ़ करें, पूरे सात महीनों के बाद तलाश करेंगे।
Et viros iugiter constituent lustrantes terram, qui sepeliant, et requirant eos, qui remanserant super faciem terrae, ut emundent eam: post menses autem septem quaerere incipient.
15 और जब वह मुल्क में से गुज़रें और उनमें से कोई किसी आदमी की हड्डी देखे, तो उसके पास एक निशान खड़ा करेगा, जब तक दफ़न करने वाले जमियत — ए — जूज की वादी में उसे दफ़न न करें।
Et circuibunt peragrantes terram: cumque viderint os hominis, statuent iuxta illud titulum, donec sepeliant illud pollinctores in valle multitudinis Gog.
16 और शहर भी ज'मिय्यत कहलाएगा। यूँ वह ज़मीन को पाक करेंगे।
Nomen autem civitatis Amona, et mundabunt terram.
17 और ऐ आदमज़ाद, ख़ुदावन्द ख़ुदा फ़रमाता है: कि हर क़िस्म के परिन्दे और मैदान के हर एक जानवर से कह, जमा' होकर आओ, मेरे उस ज़बीहे पर जिसे मैं तुम्हारे लिए ज़बह करता हूँ; हाँ, इस्राईल के पहाड़ों पर एक बड़े ज़बीहे पर हर तरफ़ से जमा' हो, ताकि तुम गोश्त खाओ और खू़न पियो।
Tu ergo fili hominis, haec dicit Dominus Deus: Dic omni volucri, et universis avibus, cunctisque bestiis agri: Convenite, properate, concurrite undique ad victimam meam, quam ego immolo vobis, victimam grandem super montes Israel: ut comedatis carnem, et bibatis sanguinem.
18 तुम बहादुरों का गोश्त खाओगे और ज़मीन के 'उमरा का खू़न पिओगे, हाँ, मेंढों, बर्रों, बकरों और बैलों का वह सब के सब बसन के फ़र्बा हैं।
Carnes fortium comedetis, et sanguinem principum terrae bibetis: arietum, et agnorum, et hircorum, taurorumque et altilium, et pinguium omnium.
19 और तुम मेरे ज़बीहे की जिसे मैंने तुम्हारे लिए ज़बह किया यहाँ तक खाओगे कि सेर हो जाओगे, और इतना खू़न पिओगे कि मस्त हो जाओगे।
Et comedetis adipem in saturitatem, et bibetis sanguinem in ebrietatem, de victima, quam ego immolabo vobis:
20 और तुम मेरे दस्तरख़्वान पर घोड़ों और सवारों से, और बहादुरों और तमाम जंगीमर्दों से सेर होगे, ख़ुदावन्द ख़ुदा फ़रमाता है।
et saturabimini super mensam meam de equo, et equite forti, et de universis viris bellatoribus, ait Dominus Deus.
21 'और मैं क़ौमों के बीच अपनी बुज़ुर्गी ज़ाहिर करूँगा और तमाम क़ोमें मेरी सज़ा को जो मैंने दी और मेरे हाथ को जो मैंने उन पर रख्खा देखेंगी।
Et ponam gloriam meam in Gentibus: et videbunt omnes gentes iudicium meum, quod fecerim, et manum meam, quam posuerim super eos.
22 और बनी — इस्राईल जानेंगे कि उस दिन से लेकर आगे को मैं ही ख़ुदावन्द उनका ख़ुदा हूँ।
Et scient domus Israel quia ego Dominus Deus eorum a die illa, et deinceps.
23 और क़ौमें जानेंगी कि बनी — इस्राईल अपनी बदकिरदारी की वजह से ग़ुलामी में गए, चूँकि वह मुझ से बाग़ी हुए, इसलिए मैंने उनसे मुँह छिपाया; और उनको उनके दुश्मनों के हाथ में कर दिया, और वह सब के सब तलवार से क़त्ल हुए।
Et scient Gentes quoniam in iniquitate sua capta sit domus Israel, eo quod dereliquerint me, et absconderim faciem meam ab eis: et tradiderim eos in manus hostium, et ceciderint in gladio universi.
24 उनकी नापाकी और ख़ताकारी के मुताबिक़, मैंने उनसे सुलूक किया और उनसे अपना मुँह छिपाया।
Iuxta immunditiam eorum, et scelus feci eis, et abscondi faciem meam ab illis.
25 लेकिन ख़ुदावन्द ख़ुदा यूँ फ़रमाता है: कि अब मैं या'क़ूब की ग़ुलामी को ख़त्म करूँगा, और तमाम बनी इस्राईल पर रहम करूँगा और अपने पाक नाम के लिए ग़य्यूर हूँगा।
Propterea haec dicit Dominus Deus: Nunc reducam captivitatem Iacob, et miserebor omnis domus Israel: et assumam zelum pro nomine sancto meo.
26 और वह अपनी रुस्वाई और तमाम ख़ताकारी, जिससे वह मेरे गुनहगार हुए बर्दाश्त करेंगे; जब वह अपनी सरज़मीन में अमन से क़याम करेंगे, तो कोई उनको न डराएगा।
Et portabunt confusionem suam, et omnem praevaricationem, qua praevaricati sunt in me, cum habitaverint in terra sua confidenter neminem formidantes:
27 जब मैं उनकी उम्मतों में से वापस लाऊँगा, और उनके दुश्मनों के मुल्कों से जमा' करूँगा, और बहुत सी क़ौमों की नज़रों में उनके बीच मेरी तक़दीस होगी।
et reduxero eos de populis, et congregavero de terris inimicorum suorum, et sanctificatus fuero in eis, in oculis gentium plurimarum.
28 तब वह जानेंगे कि मैं ख़ुदावन्द उनका ख़ुदा हूँ, इसलिए कि मैंने उनको क़ौम के बीच ग़ुलामी में भेजा और मैं ही ने उनको उनके मुल्क में जमा' किया और उनमें से एक को भी वहाँ न छोड़ा।
Et scient quia ego Dominus Deus eorum, eo quod transtulerim eos in nationes; et congregaverim eos super terram suam, et non dereliquerim quemquam ex eis ibi.
29 और मैं फिर कभी उनसे मुँह न छिपाऊँगा, क्यूँकि मैंने अपनी रूह बनी — इस्राईल पर नाज़िल की है ख़ुदावन्द ख़ुदा फ़रमाता है।
Et non abscondam ultra faciem meam ab eis, eo quod effuderim spiritum meum super omnem domum Israel, ait Dominus Deus.