< हिज़ि 34 >
1 और ख़ुदावन्द का कलाम उसपर नाज़िल हुआ।
Me fue dirigida la palabra de Yahvé, que dijo:
2 कि 'ऐ आदमज़ाद, इस्राईल के चरवाहों के ख़िलाफ़ नबुव्वत कर, हाँ नबुव्वत कर और उनसे कह ख़ुदावन्द ख़ुदा, चरवाहों को यूँ फ़रमाता है: कि इस्राईल के चरवाहों पर अफ़सोस, जो अपना ही पेट भरते हैं! क्या चरवाहों को मुनासिब नहीं कि भेड़ों को चराएँ?
“Hijo de hombre, profetiza contra los pastores de Israel; profetiza, y di a estos pastores: Así habla Yahvé, el Señor: ¡Ay de los pastores de Israel que se apacientan a sí mismos! ¿No es más bien el deber de los pastores apacentar el rebaño?
3 तुम चिकनाई खाते और ऊन पहनते हो और जो मोटे हैं उनको ज़बह करते हो, लेकिन गल्ला नहीं चराते।
Vosotros coméis su leche y os vestís de su lana; matáis lo gordo, pero no apacentáis el rebaño.
4 तुम ने कमज़ोरों को तवानाई और बीमारों की शिफ़ा नहीं दी और टूटे हुए को नहीं बाँधा, और वह जो निकाल दिए गए उनको वापस नहीं लाए और गुमशुदा की तलाश नहीं की, बल्कि ज़बरदस्ती और सख़्ती से उन पर हुकूमत की।
No fortalecisteis a las ovejas débiles, no curasteis a las enfermas, no vendasteis a las perniquebradas, no condujisteis al redil a las descarriadas, no fuisteis en busca de las perdidas, sino que las dominabais con violencia y crueldad;
5 और वह तितर — बितर हो गए क्यूँकि कोई पासबान न था, और वह तितर बितर होकर मैदान के सब दरिन्दों की ख़ुराक हुए।
de modo que se dispersaron por falta de pastor; vinieron a ser presa de todas las fieras del campo y se perdieron.
6 मेरी भेड़े तमाम पहाड़ों पर और हर एक ऊँचे टीले पर भटकती फिरती थीं; हाँ, मेरी भेड़े तमाम इस ज़मीन पर तितर — बितर हो गई और किसी ने न उनको ढूँढा न उनकी तलाश की।
Mis ovejas andan errantes por todas las montañas y por todas las altas colinas. Por toda la faz de la tierra se dispersaron mis ovejas, y no hay quien las busque ni quien se preocupe de ellas.
7 इसलिए ऐ पासबानो, ख़ुदावन्द का कलाम सुनो:
Por eso, oíd, oh pastores, la palabra de Yahvé:
8 ख़ुदावन्द ख़ुदा फ़रमाता है, मुझे अपनी हयात की क़सम चूँकि मेरी भेंड़े शिकार हो गई; हाँ, मेरी भेड़े हर एक जंगली दरिन्दे की ख़ुराक हुई, क्यूँकि कोई पासबान न था और मेरे पासबानों ने मेरी भेड़ों की तलाश न की, बल्कि उन्होंने अपना पेट भरा और मेरी भेड़ों को न चराया।
Por mi vida, dice Yahvé, el Señor, que por cuanto mi grey ha sido depredada, y mis ovejas han sido presa de todas las fieras del campo, por falta de pastor; pues mis pastores no cuidaban de mis ovejas, sino que los pastores se apacentaban a sí mismos y no apacentaban a mi grey,
9 इसलिए ऐ पासबानो, ख़ुदावन्द का कलाम सुनो
por lo tanto, oíd, oh pastores, la palabra de Yahvé.
10 ख़ुदावन्द ख़ुदा यूँ फ़रमाता है: कि देख, मैं चरवाहों का मुख़ालिफ़ हूँ और अपना गल्ला उनके हाथ से तलब करूँगा और उनको गल्लेबानी से माजूल करूँगा, और चरवाहे आइंदा को अपना पेट न भर सकेंगे क्यूँकि मैं अपना गल्ला उनके मुँह से छुड़ा लूँगा, ताकि वह उनकी ख़ुराक न हो।
Así dice Yahvé, el Señor: Heme aquí contra los pastores; demandaré mis ovejas de su mano y no permitiré que apacienten mi grey; ni tampoco se apacentarán en adelante los pastores a sí mismos; puesto que Yo libraré mis ovejas de su boca, y no les servirán ya de pasto.
11 क्यूँकि ख़ुदावन्द ख़ुदा फ़रमाता है: देख, मैं ख़ुद अपनी भेड़ों की तलाश करूँगा और उनको ढूँढ निकालूगा।
Porque así dice Yahvé, el Señor: He aquí que Yo mismo iré en pos de mis ovejas, y las revistaré.
12 जिस तरह चरवाहा अपने गल्ले की तलाश करता है, जबकि वह अपनी भेड़ों के बीच हो जो तितर बितर हो गई हैं; उसी तरह मैं अपनी भेड़ों को ढूँढूँगा, और उनको हर जगह से जहाँ वह बादल तारीकी के दिन तितर बितर हो गई हैं छुड़ा लाऊँगा।
Como el pastor revista a su grey al encontrarse con sus ovejas descarriadas, así revistaré Yo mis ovejas y las recogeré de todos los lugares por donde se dispersaron en día de nublado y tinieblas.
13 और मैं उनको सब उम्मतों के बीच से वापस लाऊँगा, और सब मुल्कों में से जमा' करूँगा और उन ही के मुल्क में पहुचाऊँगा, और इस्राईल के पहाड़ों पर नहरों के किनारे और ज़मीन के तमाम आबाद मकानों में चराऊँगा।
Las sacaré de entre los pueblos, las recogeré de los países, las llevaré a su tierra y las apacentaré sobre los montes de Israel, junto a los arroyos, y en todas las regiones habitadas del país.
14 और उनको अच्छी चरागाह में चराऊँगा और उनकी आरामगाह इस्राईल के ऊँचे पहाड़ों पर होगी, वहाँ वह 'उम्दा आरामगाह में लेटेंगी और हरी चराहगाह में इस्राईल के पहाड़ों पर चरेंगी।
En pastos buenos las apacentaré, y sobre las elevadas montañas de Israel estará su redil; allí tendrán cómoda majada, y en medio de pingües pastos pacerán sobre los montes de Israel.
15 मैं ही अपने गल्ले को चराऊँगा और उनको लिटाऊँगा ख़ुदावन्द ख़ुदा फ़रमाता है।
Yo mismo pastorearé mis ovejas, y Yo mismo las llevaré a la majada —oráculo de Yahvé, el Señor.
16 मैं गुमशुदा की तलाश करूँगा और ख़ारिज शुदा को वापस लाऊँगा और शिकस्ता को बाधूँगा और बीमारों को तक़वियत दूँगा, लेकिन मोटों और ज़बरदस्तों को हलाक करूँगा, मैं उनकी सियासत का खाना खिलाऊँगा।
Buscaré las perdidas, traeré las descarriadas, vendaré las perniquebradas y fortaleceré las enfermas; mas a las gordas y fuertes las destruiré. Las apacentaré con justicia.
17 और तुम्हारे हक़ में ख़ुदावन्द ख़ुदा यूँ फ़रमाता है: ऐ मेरी भेड़ो, देखो, मैं भेड़ बकरियों और मेंढों और बकरों के बीच इम्तियाज़ करके इन्साफ़ करूँगा।
A vosotras, ovejas mías, así dice Yahvé, el Señor: He aquí que Yo juzgaré entre ovejas y ovejas, entre carneros y machos cabríos.
18 क्या तुम को यह हल्की सी बात मा'लूम हुई कि तुम अच्छा सब्ज़ाज़ार खाजाओ और बाक़ी मान्दा को पाँवों से लताड़ो, और साफ़ पानी में से पिओ और बाक़ी मान्दा को पाँवों से गंदला करो?
¿Por ventura no os bastaba comer los pastos buenos, ya que pisoteabais con vuestros pies lo que sobraba de vuestro pasto? ¿Ni os bastaba beber el agua limpia, ya que enturbiabais con vuestros pies la que quedaba?
19 और जो तुम ने पाँव से लताड़ा है वह मेरी भेड़ें खाती हैं, और जो तुम ने पाँव से गंदला किया पीती हैं।
De modo que mis ovejas tenían que comer lo que vosotros habíais hollado con vuestros pies, y beber lo que con vuestros pies habíais enturbiado.
20 'इसलिए ख़ुदावन्द ख़ुदा उनको यूँ फ़रमाता है: देखो, मैं हाँ मैं, मोटी और दुबली भेड़ों के बीच इन्साफ़ करूँगा।
Por tanto, así les dice Yahvé, el Señor: He aquí que Yo mismo juzgaré entre las ovejas gordas y las ovejas flacas.
21 क्यूँकि तुम ने पहलू और कन्धे से धकेला है और तमाम बीमारों को अपने सींगों से रेला है, यहाँ तक कि वह तितर — बितर हुए।
Porque atropellabais con el flanco a todas las débiles y las acorneabais con vuestros cuernos hasta echarlas a otros lugares.
22 इसलिए मैं अपने गल्ले को बचाऊँगा, वह फिर कभी शिकार न होंगे और मैं भेड़ बकरियों के बीच इन्साफ़ करूँगा।
Por eso Yo salvaré mi grey, para que no sirva más de presa; así juzgaré entre oveja y oveja.
23 और मैं उनके लिए एक चौपान मुक़र्रर करूँगा और वह उनको चराएगा, या'नी मेरा बन्दा दाऊद, वह उनको चराएगा और वही उनका चौपान होगा।
Y suscitaré sobre ellas un solo pastor que las pastoree, mi siervo David; él las apacentará y él será su pastor.
24 और मैं ख़ुदावन्द उनका ख़ुदा हूँगा और मेरा बन्दा दाऊद उनके बीच फ़रमारवा होगा, मैं ख़ुदावन्द ने यूँ फ़रमाया है।
Yo, Yahvé, seré su Dios, y mi siervo David será príncipe en medio de ellas. Yo, Yahvé, he hablado.
25 मैं उनके साथ सुलह का 'अहद बाधूँगा और सब बुरे दरिन्दों को मुल्क से हलाक करूँगा, और वह वीरान में सलामती से रहा करेंगे और जंगलों में सोएँगे।
Haré con ellas una alianza de paz, y exterminaré de la tierra las bestias feroces, y habitarán con seguridad en regiones desiertas y dormirán en los bosques.
26 और मैं उनको और उन जगहों को जो मेरे पहाड़ के आसपास हैं, बरकत का ज़रि'अ बनाऊँगा; और मैं वक़्त पर मेंह बरसाऊँगा, बरकत की बारिश होगी।
Y haré de ellos y de los alrededores de mi monte una bendición, y enviaré a su tiempo las lluvias, lluvias de bendición.
27 और मैदान के दरख़्त अपना मेवा देंगे और ज़मीन अपनी पैदावार देगी, और वह सलामती के साथ अपने मुल्क में बसेंगे और जब मैं उनके जुए का बन्धन तोड़ूँगा और उनके हाथ से जो उनसे ख़िदमत करवाते हैं छुड़ाऊँगा, तो वह जानेंगे कि मैं ख़ुदावन्द हूँ।
Los árboles del campo darán su fruto y la tierra dará sus productos, y vivirán en paz en su tierra; y conocerán que Yo soy Yahvé, cuando rompa las coyundas de su yugo, y los salve del poder de los que los tratan como esclavos.
28 और वह आगे को क़ौमों का शिकार न होंगे और ज़मीन के दरिन्दे उनको निगल न सकेंगे, बल्कि वह अम्न से बसेंगे और उनको कोई न डराएगा।
Y no serán más presa de las naciones, ni los devorarán las bestias de la tierra, sino que habitarán con seguridad, y no habrá quien los espante.
29 और मैं उनके लिए एक नामवर पौदा खड़ा करूँगा, और वह फिर कभी अपने मुल्क में सूखे से हलाक न होंगे और आगे को क़ौमों का ताना न उठाएँगे।
Y les haré brotar una vegetación magnífica; ya no serán más consumidos por el hambre en el país, ni expuestos al oprobio de las naciones.
30 और वह जानेंगे कि मैं ख़ुदावन्द उनका ख़ुदा उनके साथ हूँ, और वह या'नी बनी — इस्राईल मेरे लोग हैं, ख़ुदावन्द ख़ुदा फ़रमाता है।
Y conocerán que Yo, Yahvé, su Dios, estoy con ellos, y que ellos, la casa de Israel, son mi pueblo —oráculo de Yahvé, el Señor.
31 और तुम ऐ मेरे भेंड़ो मेरी चरागाह की भेड़ो इंसान हो और मैं तुम्हारा ख़ुदा हूँ फ़रमाता है ख़ुदावन्द ख़ुदा फ़रमाता है।
Vosotros, los hombres, sois mis ovejas, las ovejas de mi grey, y Yo soy vuestro Dios, dice Yahvé, el Señor.”